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गुलाबी सुंडी से बचाव के लिए कीटनाशी प्रबंधन के साथ...खेत में रखी बनछटियां भी हटाएं Wednesday 28 February 2024 02:13 PM UTC+00 ![]() श्रीकरणपुर. आगामी खरीफ फसल बीटी कपास में गुलाबी सुंडी की रोकथाम को लेकर कृषि विभाग की ओर से बुधवार को कई गांवों में कृषक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान कृषि अधिकारियों ने इस कीट से बचाव के लिए खेत में रखी पुरानी बनछटियों को भी हटाने की सलाह दी। जानकारी अनुसार गांव छह वी धनूर के किसान सेवा केंद्र पर हुए कार्यक्रम में सहायक कृषि अधिकारी कौतक बराड़ ने कहा कि आगामी खरीफ फसल के लिए गहरी जुताई के साथ संतुलित नाइट्रोजन उर्वरकों का उपयोग कर गुलाबी सुंडी के प्रकोप से बचा जा सकता है। इसके अलावा उन्होंने खेत में रखी कपास की लकडिय़ों (बनछटियों) को वहां से हटाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि इन लकडिय़ों को साफ करके वहां रखा जा सकता है लेकिन इस दौरान निकले कचरे को जलाना होगा ताकि पनपने वाले कीट का प्यूपा वहीं नष्ट हो जाए। उन्होंने गुलाबी सुंडी के जीवन चक्र, प्रकोप की पहचान व निगरानी संबंधी अन्य जानकारियां भी दी। मौके पर सरपंच अजायब सिंह, सोसायटी प्रधान नायब सिंह, डायरेक्टर दलीप सिंह, पूर्व डायरेक्टर गुरबंस सिंह, महासचिव इंद्र वर्मा व कृषक मित्र नरेंद्र कुमार आदि भी मौजूद रहे। नीम आधारित कीटनाशी का करें छिड़काव उधर, ग्राम पंचायत भवन मलकाना कलां में भी कृषक जागरूकता संंगोष्ठी हुई। इसमें सहायक कृषि अधिकारी राजेन्द्र कुमार, कृषि पर्यवेक्षक संतोष रानी व गोविंद राम ने किसानों को खरीफ बीटी कपास की फसल में गुलाबी सुंडी के प्रभावी नियंत्रण संबंधी जानकारी दी। उन्होंने प्रथम 60 दिवस तक की फसल में नीम आधारित कीटनाशक का छिडक़ाव करने की सलाह दी। वहीं, मिश्रित कीटनाशियों की अपेक्षा एकल कीटनाशी का छिडक़ाव करने के लिए कहा। गुलाबी सुंडी का प्रबंधन की जानकारी वाला साहित्य भी किसानों को वितरित किया गया। |
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