ऑक्सीजन सिलेण्डर के आसरे जिंदगी की डोर

भुवनेश पंड्या

उदयपुर. कोरोना ने एमबी हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की खपत काफी बढ़ा दी है। मार्च से पहले जहां प्रतिदिन 500 सिलेंडर से काम चल जाता था, अब उसके बजाय रोजाना 1200 सिलेंडर की खपत हो रही है। ऑक्सीजन की जरूरत खास तौर पर निमोनिया से ग्रस्त मरीजों और श्वास की समस्या वाले मरीजों को पड़ रही है। ऐसे मरीज, जिनकी उम्र 50 से अधिक है, उनके लिए सर्वाधिक ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है।
एमबी हॉस्पिटल में फिलहाल ऑक्सीजन सप्लाई के लिए पांच प्लान्ट हैं तो दो एजेंसी यहां कार्यरत है। आदर्श गैस एजेंसी और अर्नेस्ट गैस कंपनी से गैस सप्लाई की जा रही है। फिलहाल इएसआईसी, स्वाइन फ्लू में बनाया कोरोना वार्ड, सेटेलाइट व जनाना हॉस्पिटल में ये ऑक्सीजन की सप्लाई हो रही है। यहां सिलेंडर्स कई प्रकार के हैं, जिसमे बड़े सिलेंडर्स में तीन हजार से छह हजार लीटर ऑक्सीजन मिलती है, जबकि छोटे सिलेंडर्स में 30 से 40 लीटर ऑक्सीजन आती है।

आदर्श गैस एजेंसी को कोरोना को देखते हुए पाबंद किया गया था कि वह प्रतिदिन जरूरत के आधार पर दो हजार तक सिलेंडर्स उपलब्ध करवाएगी, जबकि अर्नेस्ट गेस के प्लान्ट का अधिग्रहण किया गया है, ताकि वक्त जरूरत वहां से ऑक्सीजन ली जा सके। ये आरएमएचसीएल के माध्यम से अधिग्रहण किया है। फिलहाल सेटेलाइट हॉस्पिटल में सिलेंडर रिजर्व में भी रखे गए हैं।
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आधे से ज्यादा मरीज ऑक्सीजन पर
फिलहाल हालात ये है कि जितने भी मरीज एमबी के अधिग्रहण वाले इएसआईसी और अन्य वार्ड में है, उनमें से आधे से अधिक मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत है।

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व्यवस्था कर रहे हैं

पहलेे से अब ऑक्सीजन की प्रतिदिन खपत करीब ढाई गुना हो चुकी है। ऐसे में पूरी व्यवस्था कर रहे हैं, ताकि किसी को भी परेशानी नहीं हो। प्रति बड़ा सिलेंडर फिलहाल करीब 123 रुपए खर्च आ रहा है।
डॉ. आरएल सुमन, अधीक्षक, एमबी हॉस्पिटल उदयपुर



October 08, 2020 at 07:40AM