>>: पानी के इंतजार में धान बिजाई, घग्घर नदी में पानी की आवक नहीं होने से बिजाई कार्य हो रहा प्रभावित

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पानी के इंतजार में धान बिजाई
-घग्घर नदी में पानी की आवक नहीं होने से बिजाई कार्य हो रहा प्रभावित
- दस जुलाई तक पानी आने की संभावना
हनुमानगढ़. पानी के इंतजार में इस बार धान की बिजाई प्रभावित हो रही है। मानसून की देरी के चलते घग्घर नदी में अभी तक पानी का प्रवाह शुरू नहीं हुआ है। मौसम के जानकारों ने पूर्व में २९ जून तक नदी के जल ग्रहण क्षेत्रों में मानसून के सक्रिय होने का अनुमान लगाया था। परंतु ऐसा नहीं हुआ। अब दस जुलाई तक मानसून के सक्रिय होने के बाद इस नदी क्षेत्र में पानी आने की संभावना है।
नदी में पानी आने पर ही किसान धान की बिजाई कार्य में जुटेंगे। जिले में चालू खरीफ सीजन में ३५ हजार हेक्टेयर में धान की बिजाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। कृषि विभाग के अधिकारी लक्ष्य के अनुसार बिजाई करवाने के प्रयास में हैं। प्रति वर्ष जिले में औसतन ३५ से ३६ हजार हेक्टेयर में धान की बिजाई होती है।
इसमें ज्यादातर बिजाई घग्घर नदी के आसपास ही होती है। इस नदी में पानी की आवक होते ही किसान बिजाई में जुट जाते हैं। इस तरह धान उत्पादक किसान नदी में पानी आने का इंतजार कर रहे हैं। इस नदी के प्रवाह क्षेत्र में उत्पादित धान की मांग देश व विदेशों मेंं खूब रहती है। धान बिजाई के लिहाज से कृषि अधिकारी पूरे जुलाई माह को उचित मानते हैं। जिले की मंडियों में हर वर्ष करोड़ों रुपए की धान बिकने से जिले की जीडीपी को भी इससे बड़ा सहारा मिलता है।

पहले ओटू पर भंडारण
हिमाचल, पंजाब व हरियाणा के आसपास शिवालिक की पहाडिय़ों से घग्घर में पानी का प्रवाह होता है। काफी मात्रा में हरियाणा के ओटू हैड पर पानी का भंडारण कर लिया जाता है। बाद में राजस्थान में पानी छोड़ा जाता है। इसके बाद अनूपगढ़ के रास्ते घग्घर का पानी पाकिस्तान जाता है। ओटू हैड का लेवल वर्तमान में ६४३ फीट है। यहां का लेवल ६४८ फीट होने के बाद राजस्थान क्षेत्र में पानी प्रवाहित होगा।

अभी से कसरत शुरू
चालू खरीफ सीजन में इस बार जिले में धान की सरकारी खरीद हो सकती है। किसान संगठनों की मांग पर स्थानीय जिला प्रशासन इसे लेकर सक्रिय हो गया है। जिला कलक्टर ने दो दिन पहले संपन्न जिला स्तरीय बैठक में समर्थन मूल्य पर धान खरीद को लेकर उच्चाधिकारियों को पत्र लिखने की बात कही है। प्रगतिशील किसान दयाराम जाखड़ ने धान की समर्थन मूल्य पर खरीद को लेकर मुद्दा उठाया था। इसमें बताया था कि जिले में पिछले वर्ष किसान 1600 रुपए में धान बेचने को मजबूर था। जबकि इसका समर्थन मूल्य 1808 रुपए निर्धारित था। समर्थन मूल्य पर धान खरीद नहीं होने से जिले के किसानों को 5० करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ।

.......वर्जन.....
दस तक आवक की उम्मीद
दस जुलाई तक नदी के जल ग्रहण क्षेत्रों में पानी की आवक बढऩे पर घग्घर में पानी मिलने के आसार हैं। इस बारे में हरियाणा के सिंचाई विभाग के अधिकारियों से संपर्क बना रहे हैं। ओटू हैड का पौंड लेवल मेनटेन करने के बाद ही राजस्थान क्षेत्र में पानी प्रवाहित होता है।
-प्रदीप बंसल, अधिशाषी अभियंता, घग्घर बाढ़ नियंत्रण एवं ड्रेनेज खंड हनुमानगढ़

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