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रोडवेज स्टैण्ड पर कार्मिकों का टोटा भी बढ़ाता है मुसीबत Sunday 04 July 2021 12:47 PM UTC+00 करौली. जिला मुख्यालय पर स्वीकृत रोडवेज डिपो का स्वतंत्र संचालन नहीं होने से ना केवल जिले के विभिन्न इलाकों के बाशिंदों को समुचित परिवहन सेवाओं से वंचित रहना पड़ रहा है, बल्कि केन्द्रीय रोडवेज बस स्टैण्ड पर स्टाफ का टोटा भी मुसीबत बना हुआ है। स्टाफ की कमी से यात्रियों को भी परेशानी झेलनी पड़ती है। शहरवासी कहते हैं कि जब यहां के बस स्टैण्ड से रोडवेज को खूब आय हो रही है तो डिपो का स्वतंत्र संचालन किया जाना चाहिए। इसके लिए क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों द्वारा सरकार स्तर पर उचित पहल की दरकार है। रोडवेज निगम के सूत्र बताते हैं कि करौली के केन्द्रीय रोडवेज बस स्टैण्ड पर पर्याप्त स्टाफ ही नहीं है। ऐसे में व्यवस्थाएं अस्त-व्यस्त हैं। डिपो का संचालन हिण्डौन डिपो के अधीन होने से वहीं से ही सभी व्यवस्थाएं की जाती हैं। वर्तमान में स्टैण्ड पर करीब आधा दर्जन कार्मिक लगे हैं, जो पर्याप्त नहीं हैं। सूत्रों के अनुसार जिला मुख्यालय से विभिन्न स्थानों से लिए रोडवेज बसें रवाना होती हैं, जिनके लिए दो टिकट खिड़की हैं, लेकिन दोनों टिकट खिड़कियों पर केवल ३ कार्मिक ही कार्यरत हैं। इनकी ड्यूटी अलग-अलग समय लगती है। ऐसे में परेशानी होती है। पहले यहां चार कार्मिक कार्यरत थे, लेकिन एक कार्मिक को हिण्डौन रोडवेज प्रबंधन ने यहां से हटा दिया। ऐसी स्थिति में किसी कार्मिक के अवकाश पर जाने पर एक विण्डो बंद हो जाती है। जिससे एक मात्र टिकट खिड़की से ही टिकट दिए जाते हैं, जिसके चलते एक खिड़की पर दबाव बढ़ जाता है और यात्रियों को टिकट की खातिर इंतजार करना पड़ता है। करौली डिपो के लिए स्वीकृत हैं पद विभिन्न मार्गों पर जाती हैं बसें प्रतिदिन सवा से डेढ़ लाख तक की आय |
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