जयपुर. स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद की जयंती शुक्रवार को मनाई गई। बाबा हरिश्चंद्र मार्ग स्थित शिव नारायण मिश्र का रास्ता (अंधेरी गली) स्थित हवेली में कार्यक्रम हुआ। इसी हवेली में कभी चंद्रशेखर आजाद रहे थे। इसमें शहर के विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
श्री राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने आजाद के चित्र पर दीपक प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
विचार गोष्ठी में वरिष्ठ पत्रकार जितेंद्र सिंह शेखावत ने आजाद की जयपुर में गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अंग्रेज वायसराय लार्ड इरविन 14 मार्च 1931 को विशेष ट्रेन से जयपुर आए। तब क्रांतिकारी मुक्ति नारायण शुक्ला ने पुल को उड़ाने के लिए पूरी तैयारी की थी, लेकिन ऐन वक्त पर गुप्तचरों को इसकी भनक लगने पर वे बम का बटन नहीं दबा सके थे। शुल्क के पास आजाद का दिया हुआ डंडा था। जब देश आजाद हुआ, तब इस हवेली पर राष्ट्रध्वज फहराकर राष्ट्रगान गाया गया ।
पूर्व महापौर ज्योति खंडेलवाल, जय भारत जन चेतना मंच के अध्यक्ष विक्रम सिंह तंवर, कार्यक्रम संयोजक तालकटोरा विकास समिति के अध्यक्ष मनीष सोनी, धरोहर बचाओ समिति अध्यक्ष भारत शर्मा, जन समस्या निवारण मंच के अध्यक्ष सूरज सोनी और करणी सेना के संयोजक जितेंद्र सिंह राजावत ने इस हवेली के रास्ते का नामकरण क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद के नाम से करने का सुझाव दिया।
गोष्ठी में कुमावत क्षत्रिय महासभा के महामंत्री अमर चंद कुमावत, वर्गो सांस्कृतिक संस्था के संयोजक सुनील जैन, कच्ची बस्ती महासंघ संयोजक आनंदी लाल सैन, भूजल विभाग के प्रशासनिक अधिकारी अनुज कुमार शर्मा, सामाजिक अन्वेषण एवं शोध संस्था के अध्यक्ष महेंद्र सोनी आदि उपस्थित थे।