>>: मयखानों के लिए सिर्फ नाम की निषेधाज्ञा

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अजमेर. शहर में शराब की दुकानों (ठेकों) के लिए नियम कायदे सिर्फ नाम के हैं। नगर निकाय उपचुनाव के लिए निर्वाचन विभाग की ओर से लागू निषेधाज्ञा के बावजूद प्रतिबंधित क्षेत्र में बुधवार को बंद ठेकों से शटर के नीचे, उसमें बनाए छेद, बगल की खिड़की से धड़ल्ले से शराब दिनभर बिकती रही। पियक्कड़ शटर बजा व आवाज लगाकर पैसा अंदर डालते रहे और शराब चोर रास्ते से बाहर मिलती रही।

सोमवार को वार्ड 28 में नगर निगम पार्षद के लिए उप चुनाव के मतदान का दिन था। निर्वाचन विभाग के आदेशानुसार शहर के वार्ड 28 से लगते हुए 5 किमी. के दायरे में निषेधाज्ञा लागू की गई थी। इसमें आबकारी विभाग ने देशी, अंग्रेजी शराब के ठेके व बीयर बार के लिए 24 जुलाई शाम 6 से 26 जुलाई शाम 6 बजे तक शुष्क दिवस घोषित कर रखा था।

बंद ठेके के अंदर से बिक्री

संबंधित क्षेत्र की शराब की दुकानों (ठेकों) के लिए 48 घंटे के लिए सीलिंग की गई। सर्किल निरीक्षक की ओर से ठेकों के शटर व दरवाजे सील किए गए मगर इसके बावजूद यहां धड़ल्ले से शराब की बिक्री होती रही। बंद शराब के ठेकों में ठेका संचालक व उनके कारिंदे शराब बेचते रहे।

दृश्य-1

दोपहर सवा एक बजे खाइलैंड मार्केट स्थित शराब की दुकान का शटर बंद था लेकिन दुकान के बाहर एक युवक ग्राहकों को शराब बेचता नजर आया।

दृश्य-2

दोपहर 2 बजे सुभाष नगर सब्जी मंडी के पास शराब के ठेके से शटर के नीचे से शराब की बिक्री हो रही थी। ग्राहक शटर के नीचे से शराब की बोतल लेते नजर आया।

केस-3

दोपहर डेढ़ बजे पड़ाव टिम्बर मार्केट स्थित बीयर बार से भी शराब की बिक्री हो रही थी। दुकानदार ग्राहक को चैनल गेट के अन्दर से शराब की बोतल देता नजर आया।

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