>>: अतिक्रमियों की सैकड़ों की भीड़, गिनती के पुलिसकर्मी

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अजमेर. अजमेर विकास प्राधिकरण के तहत अजमेर उत्तर व दक्षिण जोन,किशनगढ़ तथा पुष्कर जोन के अलावा शहर के तथा आसपास के 119 गांव प्राधिकरण के क्षेत्र में आते हैं। यहां विकास तथा अतिक्रमण हटाने का जिम्मा प्राधिकरण के जिम्मे है। प्राधिकरण की इन क्षेत्रों में हजारों बीघा जमीन पर लगातार अतिक्रमण हो रहे हैं लेकिन प्राधिकरण के पास अतिक्रमण हटाने के नाम पर गिनती के पुलिसकर्मियों का दस्ता है। कहने को तो प्राधिकरण के पास खुद का पुलिस बल है लेकिन पुलिस विंग के सभी पद खाली है। प्राधिकरण की पुलिस विंग के मुखिया अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक का एक पद लम्बे समय से रिक्त है। सब इंस्पेक्ट भी नहीं है। 6 कांस्टेबल में से केवल चार ही कार्यरत हैं। इनमें से भी दो की प्रतिनियुक्ति अवधि पूरी हो चुकी है। हेड कांस्टेबल व महिला कांस्टेबल के तो पद ही सृजित नहीं है। इससे प्राधिकरण का अतिक्रमण हटाने का कार्य प्रभावी ढंग से नहीं हो पा रहा है। प्राधिकरण को बार-बार जिला पुलिस अधीक्षक से जाप्ता मांगना पड़ता है लेकिन जाप्ते के लिए कई महीनें तक इंतजार करना पड़ता है।

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प्राधिकरण ने अपनी पुलिस विंग के पदों के बढ़ाने तथा नए पद सृजित करने के लिए वर्ष 2016 में बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पारित किया था। इसे मंजूरी के लिए अतिक्त मुख्य सचिव नगरीय विकास विभाग को भेजा गया लेकिन अब तक मामला आगे नही बढ़ सका। प्राधिकरण को पुलिस विंग में 1 एडिशनल एसपी, 2 सब इंस्पेक्टर, 1 हेड कांस्टेबल, 8 कांस्टेबल तथा 5 महिला कांस्टेबल की आवश्यकता है। प्राधिकरण को कई जगहों पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाने हैं लेकिन जाप्ता नहीं मिलने के कारण अतिक्रमण नहीं हटाए जा सके।

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