>>: ऑनलाइन आवेदन में उलझा किसानों का अल्पकालीन फसली ऋण

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भरतपुर. सहकारी समितियों में ऋण लेने वाले किसानों को दो बार ऋणमाफी के बाद भी डिफॉल्टर बताकर उन्हें अल्पकालीन फसली ऋण से वंचित रखा जा रहा है। क्षेत्र के जिले के हजारों व प्रदेश के लाखों किसान पिछले दो साल से सहकारी समितियों में दिए जा रहे अल्पकालीन फसली ऋण से वंचित हैं। इससे फसल बुवाई के समय उन्हें अल्पकालीन फसली ऋण नहीं मिलने से किसानों को खाद, बीज व फसल बुवाई के लिए सूदखोरों के चंगुल में फंसना पड़ रहा है। भाजपा सरकार व वर्तमान कांग्रेस सरकार ने सहकारी समितियों से ऋण लेने वाले किसानों को राहत देते हुए ऋण माफ किए थे। उसके बाद भी किसानों को डिफॉल्टर बताकर उनका ऑनलाइन आवेदन नहीं लिया जा रहा है। इससे किसानों को अल्पकालीन फसली ऋण नहीं मिल रहे हैं।
किसानों ने बताया कि इस बार प्रदेश सरकार ने बयान जारी कर ओवर ड्यू वाले किसानों को भी अल्पकालीन फसली ऋण देने की घोषणा की थी, लेकिन उस घोषणा की क्रियान्विति नहीं होने से किसानों को अब भी अल्पकालीन फसली ऋण के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में पूर्व सहकारी समितियों पर संपर्क किया तो जुलाई से आवेदन शुरू करने की बात कही। मगर अभी तक ओवरड्यू वाले किसानों के अल्पकालीन फसली ऋण के लिए सहकारी समितियों के ऑनलाइन आवेदन शुरू नहीं होने से किसानों को राहत नहीं मिल रही है।

बीमा व अन्य सुविधाओं से भी वंचित

किसानों ने बताया कि दो बार ऋण माफ होने के बावजूद उन्हें डिफॉल्टर श्रेणी में रखने के बारे में कोई उचित जवाब नहीं दिया जा रहा है। एक ओर सरकार ने ऋणमाफी कर दी। दूसरी ओर उन्हें डिफॉल्टर बताया जा रहा है। कई किसान तो ऐसे हैं। जिन्हें पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की ऋणमाफी के बाद भी अल्पकालीन फसली ऋण नहीं दिए गए। उसके बाद कांग्रेस सरकार ने भी ऋण माफ किए। दो बार ऋण होने के बाद बावजूद उन्हें डिफॉल्टर बताकर ऋण नहीं दिया जा रहा है। इससे वे सहकारिता विभाग की ओर से दिए जा रहे 10 लाख के दुर्घटना बीमा के फायदे से भी वंचित है। इससे ऐसे किसानों के साथ दुर्घटना आदि होने पर उनके परिवार को कोई सहायता नहीं मिल पाती है। यही नहीं सीमांत व लघु किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का भी समुचित लाभ नहीं मिल पाता है।

एमडी हो चुके निलंबित, अब कार्यवाहक के भरोसे विभाग

जिले में अल्पकालीन फसली ऋण लेने वाले करीब 77 हजार किसानों का जीवन बीमा और दुर्घटना बीमा नहीं कराने के मामले में राज्य सरकार ने लापरवाह अफसरों पर सख्त एक्शन लिया था। भरतपुर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के एमडी रामप्रसाद मीणा को छह जुलाई को निलंबित कर दिया था। तब से कार्यवाहक के भरोसे ही सरकार चल रही है। अभी तक एमडी की नियुक्ति नहीं की गई है।

फैक्ट फाइल

-43146 किसानों का जीवन बीमा होना था

-35984 किसानों का दुर्घटना बीमा

-42556 किसान दुर्घटना बीमा से वंचित हुए

-35354 किसान जीवन बीमा से वंचित हुए


-एमडी मेरी सुनता नहीं था, अब वो निलंबित कर दिया गया है। जानकारी कर किसानों की समस्या का निराकरण किया जाएगा। फिलहाल कुछ दिन से बीमारी के चलते जयपुर हूं।

भीमसिंह, चेयरमैन भरतपुर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक

-अभी मैं अलवर परीक्षा देने आया हूं। ऑनलाइन आवेदन तो कभी बंद ही नहीं हुए, हमेशा से ही चल रहे हैं।

दुर्गालाल बलाई, कार्यवाहक एमडी भरतपुर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक

-राज्यमंत्री डॉ. सुभाष को-ऑपरेटिव बैंक प्रशासन को निर्देशित कर चुके हैं। जल्द किसानों की समस्या का निराकरण हो जाएगा। पूर्व में बजट की घोषणा भी मंत्री करा चुके हैं।

विजेंद्र चीमा, पूर्व जिलाध्यक्ष कांग्रेस सहकारिता प्रकोष्ठ

-मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग के प्रयासों से बजट स्वीकृत हो चुका है। किसानों को फसली ऋण के आवेदन भी हो रहे हैं। अगर कोई दिक्कत आ रही है तो उन्हें अवगत कराकर निराकरण कराया जाएगा। एमडी की नियुक्ति भी जल्द होगी।

संतोष फौजदार, जिलाध्यक्ष राष्ट्रीय लोकदल

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