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रेत के समंदर के बीच छिपा मरुस्थलीय जीवों का छलावरण Thursday 22 July 2021 03:50 PM UTC+00 जैसलमेर/लाठी. पाक सीमा से सटे सरहदी जैसलमेर जिले में रेत के समंदर के बीच ऐसे रहस्यमयी जीवों का बसेरा है, जो देश-दुनिया के अन्य भागों में देख पाना अत्यंत मुश्किल है। इन जीवों को विशिष्ट बनाता है वर्षों से जुड़े विकास क्रम के बीच इनका अनुकूलन। थार मरुस्थल में रहने वाले कई जीव अपना जीवन खुले वृक्षविहीन चट्टानी मगरों और रेतीले टीलों पर ही गुजारते हैं। इन स्थानों पर इनके छिपने और रहने के लिए पेड़-पौधे कम ही होते हैं। ऐसे में लाखों वर्षों के अपने विकास क्रम में इन जीवों ने अपने आपको अपने मरुस्थलीय परिवेष के अनुकूल रूपांतरित कर लिया है। जैसलमेर में भी ऐसे ही कुछ दुर्लभ और रोचक जीव मौजूद हैं इनमें से एक है मगरों पर पड़े कंकड़ों में घुलमिलकर रहने वाला मेंटिस प्रजाति का थार डेजर्ट मेंटिस। विशेषज्ञ बताते हैं कि समूची दुनिया में मरुस्थलीय मेंटिस की 68 प्रजातियां पाई जाती हैं, जिसमें से केवल एक ही प्रजाति भारत में जैसलमेर के पथरीले मगरों पर रहती है। अन्य मेंटिस प्रजातियों से जुदा, जैसलमेर के मगरों के रंगीन पत्थरों के समान रंगीन और देश का इकलौता रेगिस्तानी मेंटिस, जो उड़ भी नहीं सकता है। जैसलमेर के वन्यजीवन के जानकार पार्थ जगाणी बताते हैं की चट्टानों और पत्थरों पर अपनी मकड़ी जैसी चाल से दौड़-दौड़ कर छोटे कीड़ों को खाने वाले इस दुर्लभ मेंटिस को पूरी दुनिया में देखने का एकमात्र स्थान जैसलमेर के चट्टानी मगरे ही हैं, विशेषकर खनन व पवन ऊर्जा संयंत्रों से अछूते क्षेत्र। |
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