>>: 'आकाश' पर टूटा आकाशीय बिजली का कहर, आंगन में पसरा शोक

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कोटा.
बीते सप्ताह के रविवार को राजस्थान में आकाशीय बिजली गिरने के वज्रपात में 22 जनों की जान चली गई थी। इससे पूरा राजस्थान हिल सा गया। पूरे प्रदेश में मानसून सक्रिय है और मौसम के बार-बार बदलने के दौरान आकाशीय बिजली गिरने का कहर थमा नहीं है।
शनिवार को कोटा जिले के इटावा क्षेत्र में बिजली गिरने से खेत में बकरियां चरा रहे 8 वर्षीय बालक आकाश की मौत हो गई। जबकि तीन बच्चे झुलस गए। इससे क्षेत्र में शोक पसर गया। ज्ञात है कि इससे पहले 11 जुलाई यानि बीते सप्ताह के रविवार को भी हाड़ौती में आकाशीय बिजली का कहर बरपा था। जिसमें 6 जनों की जान चली गई और 9 जने झुलस गए थे। इसी दिन जयपुर के आमेर में भी बिजली गिरने से 11 जनों समेत प्रदेश में 6 जिलों में 22 जनों की मौत बिजली गिरने से हुई थी। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार आगामी दिनों में भी भारी बरसात के दौरान ऐसी आपदा घटित होने की संभावना से इनकार नहीं कर सकते। बरसात के दौरान आमजन को सावधानी बरतनी चाहिए। ऐसी आपदा आगामी दिनों में भी होने की संभावना है।


बालक आकाश पर गिरी आसमानी बिजली, हुई मौत, 3 जने झुलसे-
कोटा जिले के इटावा क्षेत्र के रनोदिया गांव में खेत पर बकरियां चरा रहे एक 9 वर्षीय बालक आकाश बैरवा की आकाशीय बिजली गिरने से मौत हो गई। वहीं तीन जने झुलस गए। जानकारी के अनुसार शनिवार को खेत में बकरियां चराने गए 5 जने वर्षा शुरू हुई तो पेड़ के नीचे चले गए। उसी समय पेड़ पर आकाशीय बिजली गिर गई। जिससे आकाश (8) पुत्र देशराज बैरवा की मौत हो गई। वहीं विक्रम (12) पुत्र मुकेश बैरवा, सीताराम बैरवा (45) पुत्र लक्ष्मण व संजय (13) पुत्र धनराज झुलस गए। सूचना मिलने पर ग्रामीण सभी को इटावा चिकित्सालय लाए। जहां पर आकाश को मृत घोषित कर दिया वहीं सीताराम व विक्रम व का उपचार किया जा रहा है।


खेत पर खेलने गया था आकाश-
मृतक आकाश के पिता देशराज बैरवा ने बताया कि आकाश पांचवी कक्षा में पढ़ता है। वो आज ही उसके बड़े भाई रामलखन के साथ खेत पर बकरी चराने के बहाने से खेलने चला गया। इस दौरान वर्षा होने से आकाश व अन्य बच्चे खेत पर स्थित पेड़ के नीचे खड़े हो गए। इस दौरान वर्षा के साथ आकाशीय बिजली गिर गई। जिससे आकाश की मृत्यु हो गई। चिकित्सा प्रभारी डॉक्टर जयकिशन मीना ने बताया बिजली गिरने से आकाश की मौत हो गई तथा 3 जने घायल है। उनका उपचार किया जा रहा है। इटावा थाना अधिकारी प्रकाश शर्मा ने बताया कि मृतक आकाश बैरवा का शव मोर्चरी में रखवा दिया तथा मामले की जांच शुरू कर दी है।

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तूफानी बादलों में विद्युत आवेश होता है। इससे इनकी निचली सतह ऋणावेशित और ऊपरी सतह धनावेशित होती है। इससे जमीन पर धनावेश पैदा होता है। बादलों और जमीन के बीच लाखों वॉल्ट का विद्युत प्रभाव उत्पन्न होता है। धन और ऋण एक-दूसरे को चुम्बक की तरह अपनी-अपनी और आकर्षित करते हैं, लेकिन इस प्रक्रिया में वायु बाधा बनती है। इससे विद्युत आवेश में रुकावटें आती हैं और बादल की ऋणावेशित निचली सतह को छूने की कोशिश करती है। धनावेशित तरंगे पेड़ों, पहाडिय़ों, इमारतों, बुर्ज, मीनारों और राह चलते लोगों पर गिरती हैं।

शरीर पर घाव पेड़ की टहनियों की तरह से दिखते हैं-
बिजली का पावर 2 हजार एमपीयर होता है। 100 से 1 हजार मिलियन वॉल्ट होता है। जहां बिजली गिरती है, उससे 30 मीटर तक क्षेत्र प्रभावित होता है। इससे आदमी को खरोंच, कुचले हुए घाव हो जाते हैं। उसे पीली गिरी बर्न भी करते हैं। शरीर पर घाव पेड़ की टहनियों की तरह से दिखते हैं।

ऐसी आपदा के शिकार होने से कैसे बचें--
- बरसात में पेड़ के नीचे खड़े नहीं होना चाहिए।
- यदि खुली जगह पर आप खड़े हो तो नीचे बैठकर कान बंद कर दोनों पैरों की एडियों को मिलाकर बैठ जाएं।
-गीली दीवार के पास खड़े नहीं हों।
- लैंडलाइन टेलीफोन से उस समय बात नहीं करें, क्योंकि ऐसे टेलीफोन के तारों से धारा प्रभावित होती है। इससे करंट का खतरा रहता है।

-कार में बैठे हो तो उसे साइड में लगाकर उसके इंजन बंद कर कांच बंद कर लें। हाथों को पैरों पर रख लें।
- टावर व ऊंचाई पर खड़े नहीं हों।
- मकान के बीच में सूखी चप्पल लेकर खड़े रहें। जमीन पर लेटे नहीं। यदि लकड़ी की डाइनिंग टेबल है तो उस पर बैठ जाएं।
-इलेक्ट्रिक सामानों का इस्तेमाल नहीं करें।

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