>>: Digest for July 04, 2021

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Table of Contents

मनीष कुमार सिंह

अजमेर. प्रदेश में पारा भले जून के अंतिम दिनों में चढ़ा लेकिन लेकिन पेट्रोल-डीजल के दाम ने आमजन के पसीने छुड़ाए रखे। जून माह के तीस दिन में से 14 दिन पेट्रोल-डीजल के दाम में निरंतर बढ़े। यानी हर दूसरे दिन वाहनों का ईंधन महंगा होता चला गया। अजमेर में पेट्रोल जहां पहले ही सैकड़ा लगा चुका है, वहीं डीजल भी अब वैसी ही चाल पर है।

डीजल, पेट्रोल से 44 पैसे कम

पेट्रोल-डीजल के दामों में किसी जमाने में पचास फीसदी का अंतर हुआ करता था। लेकिन अब वैसे हालात नहीं हैं। एक से तीन जून के बीच पेट्रोल चौदह बार में 4.13 रुपए बढ़ा जबकि डीजल के दाम में 3.66 रुपए की वृद्धि दर्ज की गई। हालांकि पेट्रोल के मुकाबले डीजल 44 पैसे कम रहा। जब भी पढ़ोत्तरी हुई तब डीजल के दाम लगभग 2 से 5 पैसे का अंतर रहा लेकिन 16 जून व फिर 24 जून के बढ़ोतरी में 12 और 19 पैसे का अंतर था।
यहां हैं डिपो

अजमेर-जयपुर के मुकाबले प्रदेश के श्रीगंगानगर समेत अन्य सीमावर्ती जिलों में पेट्रोल-डीजल के दाम में 3 से 4 रुपए का अंतर देखा गया। प्रदेश में तीनों पेट्रोलियम कम्पनी के विभिन्न जिलों में डिपो हैं। बीपीसीएल, आईओसी व एचपीसीएल का जयपुर, अजमेर, जोधपुर और कोटा में ऑयल डिपो है।

बढ़ेगी महंगाई. . .

पेट्रोल-डीजल के अन्तरराष्ट्रीय बाजार में रेट घटने-बढऩे के अलावा स्थानीय खर्च भी जोड़ा जाता है। गुजरात रिफायनरी से प्रदेश में बने डिपो तक पाइप लाइन से सप्लाई आने व डिपो से पम्प तक की सप्लाई का खर्च, छीजत समेत तमाम खर्च जुडऩे के बाद दर निर्धारित होती है। पेट्रोलियम उत्पादों की दर में बढ़ोतरी का असर रोजमर्रा की जरूरत वाली चीजों पर भी पडऩा तय है।

रमेश ब्रह्मवर, संरक्षक, राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन

अजमेर में दाम (रुपये/प्रति लीटर)

आईओसी पेट्रोल-105.17, डीजल-97.95

बीपी पेट्रोल-105.25, डीजल- 98.03

एचपी पेट्रोल-105.23, डीजल-98.00

कब-कब बढ़े दाम (पैसे/प्रति लीटर)

तारीख -पेट्रोल -डीजल
1 जून -27 -22

4 जून -28 -31
6 जून -29 -29

9 जून -26 -27
11 जून -30 -30

12 जून -29 -25
14 जून -30 -32

16 जून -26 -14
18 जून -28 -31

20 जून -31 -30
22 जून -29 -28

24 जून -27 -08
26 जून -37 -27

29 जून -36 -30
पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ोत्तरी पैसे में(नोट-वृद्धि आरपीडीए के अनुसार)

अजमेर. शहर बीच स्थित चौरसियावास ईदगाह नाड़ी इन दिनों अपनी अंतिम सांसे ले रही है। अजमेर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों की लापरवाही के कारण नाड़ी में दिन रात हो रहे अतिक्रमण के कारण नाड़ी अब 16 बीघा से सिमटकर केवल 3 बीघा ही रह गई है। नाड़ी के बीचोबीच अतिक्रमी बेखौफ मकान बनाने में जुटे हैं। जबकि प्राधिकरण ने अक्टूबर 2020 में ही नाड़ी से अतिक्रमण हटाने तथा 66 अतिक्रमियों को बेदखल करने के आदेश जारी कर रखे हैं लेकिन इसकी पालना नहीं हो रही है। नदी, नालो, तालाब व नाड़ी को बचाने के लिए प्राधिकरण वर्ष 1947 की स्थिति तो दूर 2021 की स्थिति को भी बहाल नहीं रख पा रहा है। प्राधिकरण की अकर्मण्यता के अतिक्रमण के कारण नाड़ी का अस्तित्व ही खतरे में है। चौरसियावास गांव के पास स्थित ईदगाह नाड़ी पृथ्वीराज योजना की आवाप्त भूमि है इसके अलावा इसमेंं प्राधिकरण को हस्तांतिर सरकारी भूमि भी है। इसमें भी लगातार अतिक्रमण किया जा रहा है। नाड़ी की पाल के पास ही प्राधिकरण की भूमि पर भी अतिक्रमण किया जा रहा है।

कलक्टर के निर्देश भी बेअसर

जिला कलक्टर एंव अजमेर विकास प्राधिकरण के चेयरमैन प्रकाश राजपुरोहित ने एडीए सचिव किशोर कुमार तथा प्राधिकरण के उपायुक्त अशोक चौधरी को अप्रेल माह में ही नाड़ी से अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए थे। इस मामले में चौधरी का कहना है मामला जानकारी में आ गया है अतिक्रमण हटाए जाएंगे।

विधायक की भी नहीं सुन रहा एडीए

विधायक वासुदेव देवनानी के अनुसार चौरसियावास क्षेत्र स्थित ईदगाह नाड़ी में पिछले दिनों कई व्यक्तियों ने अवैध रूप से अतिक्रमण कर मकान भी बना लिए है। पिछली साल नाड़ी में पानी भरने के कारण अतिक्रमियों ने नाड़ी की पाल को भी तोड़ दिया था जिससे आसपास की आवासीय कॉलोनियों में पानी भर गया था। इससे घरों में पानी भर गया तथा सड़कें टूट गईं। क्षेत्रवासियों की सुरक्षा की दृष्टि से नाड़ी से अतिक्रमण हटाया जाए। इसके लिए विधायक ने एडीए सचिव को पत्र लिखा था। विधायक के पत्र के बाद भी प्राधिकरण के अधिकारी अतिक्रमण पत्रावली पर कुंडली मारे बैठा है।

जमीन के साथ ही भवनों व दुकानों की भी बिक्री

ईदगाह नाड़ी क्षेत्र में एडीए की कार्रवाही नहीं होने से बेखौफ अतिक्रमी रातो दिन अवैध निर्माण में जुटे हुए हैं। इतना ही नहीं सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर बनाए गए बहुंजिली भवनों को बेचा भी जा रहा है। चारदीवार, मकान, बाड़ा, कोटड़ी के साथ ही दुकानें भी खोली गई। विद्युत कनेक्शन लेने साथ ही यहां किराएदार भी रखे गए है। सरकारी जमीन बेचने व नाड़ी में कब्जा करने का धंघा खूब फलफूल रहा है।

आसपास की कॉलोनियों के लिए खतरा

ईदगाह क्षेत्र स्थित नाड़ी में आसपास की कॉलोनियों बरसाती पानी भरता है। नाड़ी में बरसाती पानी भरने से अतिक्रमण कर बनाए गए मकानों डूबने का खतरा है। पिछले साल अतिक्रमियों ने नाड़ी की पाल में कटाव कर दिया। इससे नाड़ी का पानी किसान कॉलोनी, गौरी नगर, फ्रैड्स कॉलोनी,चौरसियावास क्षेत्र में सड़कों व गलियों तथा घरों में 4-4 फुट तक पानी भर गया। वर्ष 2019 में नाड़ी में डूबने से तीन बच्चों की मौत भी हो गई थी इसके बावजूद नाड़ी में कब्जा किया जा रहा है। नाड़ी में लगातार हो रहे कब्जे के कारण अतिक्रमी इसमें पानी नहीं भरने दे रहे हैं। नाड़ी की मोरी को बंद कर दिया गया। जून 2019 में अतिक्रमियों ने नाड़ी की पाल को काट दियाा।

इन्होनें किया नाड़ी में अवैध निर्माण

साबुद्दीन,अंसार अली,मंसूरी ,रुखसाना ,रहमान अली,चिंरजीव ,महेन्द्र चौधरी ,समशाद के दो निर्माण,समीर ,कासिम ,दीपक, माया धोबी,अविनाश आमेटा ,शौकीन, महावीर प्रसाद सैन,अब्दुल ,हासम, सुबेदा ,आयमि ,प्रेमलता ,सुशील,आरिफ ,कूका, जम्फा, बीरम ,पप्पू ,सिलावट ,हैदर,अबजाय,अब्दुल रहमान ,कादर ,साबिया ,शहनाज खातून ,आमिद शेख ,राधा ,शफीकुल्ला ,सुगरी, कालू ,रेशमा ,रजाक हमीर,आरिफ,शफीख खान,आयम ,जलदार ,दुर्बा ,मोहम्मद मुनाफ ,शेख ,मनोहर खादिम ,शकील ,अर्पी,अब्दुल सलाम ,सत्यनारायण अग्रवाल,हनीफ,मोहम्मद हुसैन खान ,जरीना,रसीदा,दाउदखान ,जड़ाव,रहमती सना पत्नी अयाज तथा सात अज्ञात लोगों ने नाड़ी में कब्जा कर बहुमंजी मकान, दुकानें तथा चारदीवारी कर कब्जा जमा रखा है।

इनका कहना है

कानून अपना काम करेगा। नाड़ी से अतिक्रमण हटाए जाएंगे। इस मामले को दिखवाएंगे, डिस्कस किया जा रहा है। अशोक चौधरी, उपायुक्त, अजमेर विकास प्राधिकरण

एडीए को इस मामले में तत्काल एक्शन लेना चाहिए। अतिक्रमण के मामले में ढिलाई क्यों बरती जा रही है। जिला कलक्टर जनता और जनप्रतिनिधियों की सुन तो लेते हैं लेकिन उनकी बात कोई अधिकारी नहीं सुनता। इस मामले में मंत्री से मुलाकात की जाएगी।

वासुदेव देवनानी, विधायक अजमेर उत्तर

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अजमेर. राजस्थान सम्पर्क पोर्टल पर दर्ज प्रकरण का समय पर निस्तारण नहीं करने के कारण जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग भिनाय के सहायक अभियंता अक्षय गुप्ता को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। अतिरिक्त जिला कलक्टर कैलाश चंद्र शर्मा ने बताया कि राजस्थान सम्पर्क पोर्टल पर पानी की सप्लाई सुचारू नहीं होने के संबंध में परिवाद 73 दिनों से लम्बित रहा। इसी प्रकार परिवादी के गांव को बीसलपुर योजना से जोडऩे के बाद भी पानी नहीं पहुंचने का प्रकरण 88 दिन से एवं काचरिया गांव में पेयजल व्यवस्था सुचारू नहीं होने का परिवाद 59 दिन से पोर्टल पर लम्बित रहा। इसे राजकार्य के प्रति लापरवाही एवं उदासीनता मानते हुए जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग भिनाय के सहायक अभियंता अक्षय गुप्ता को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

तीन सूत्रीय मांग को पूरा करे सरकार
अजमेर. राजस्थान पटवार संघ ने वेतन सुधार समझौते को लागू करने की मांग को लेकर गुरुवार को राजस्व मंडल निबन्धक को ज्ञापन सौंपा। इसके साथ ही पटवारियों ने कहा कि यदि सरकार हमारी मांग नहीं मानती है तो हमे इच्छामृत्यु की अनुमति दी जाए। पटवार संघ के अनुसार अब तक गांधीवादी तरीके से आंदोलन किया जा रहा है लेकिन सरकार हमारी सुनवाई नहीं कर रही है। पटवारी हड़ताल से आमजन को भी परेशानी हो रही है। इससे काश्तकारों में भी रोष है।

पटवार संघ के अनुसार पटवारी वेतन विसंगति एवं वेतन सुधार के समझौतों को लागू किया जाए, पटवारी पद को तकनीकी अधिसूचित किया जाए। 9,18,27 के स्थान पर एसीपी का निर्धारण 7,14,21,28 व 32 वर्ष की सेवाअवधि के आधार पर करते हुए चयनित वेतनमान दिया जाए। नो वर्क नो पे का आदेश निरस्त कर कोटा संभाग व सवाईमाधोपुर के पटवारियों का वेतन भुगतान किया जाए।

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Ajmer अजमेर/ब्यावर. अजमेर जिला अरावली पर्वतमाला की शृंखलाओं से घिरा हुआ है। ऐसे में वन्यजीवों की बहुतायत है,लेकिन इनकी सुरक्षा खतरे में हैं। यही वजह है कि पैंथर अकाल मौत के शिकार हो रहे हैं। वर्ष 2014 से अब तक मगरा क्षेत्र में 18 पैंथरों की मौत होना वाकई चिंता का विषय है। जिले के मगरा क्षेत्र में पिछले कुछ बरसों से एक नियमित अंतराल के बाद पैंथर अकाल मौत के शिकार हो रहे हैं।

पिछले करीब छह साल में पैंथर की मौत के मामले सामने आने पर विभाग ने लेपर्ड प्रोजेक्ट तैयार कराया था। इसके तहत क्षेत्र का ड्रोन कैमरे से सर्वे कराया गया। इसके आधार पर वन विभाग ने प्रोजेक्ट तैयार कर विभाग को भिजवाया। करीब तीन साल के बावजूद अब तक यह प्रोजेक्ट फाइलों से नहीं निकल सका है। दूसरी ओर पैंथर की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसके अलावा टे्रक्यूलाइजर गन मंगवाने का भी प्रस्ताव भिजवाया गया, लेकिन यह प्रस्ताव कागजों में सिमट कर रह गए हैं।

खुराक व पेयजल की कमी

जानकारों की मानें तो मगरा क्षेत्र में अवैध खनन थम नहीं रहा। पैंथर जैसे मांसाहारी वन्यजीव के लिए क्षेत्र में खुराक की कमी है। यही वजह है कि पैंथर आबादी क्षेत्र में घुसकर पालतु मवेशियों का शिकार करने को मजबूर हैं। इलाके में वन्यजीवों के लिए पेयजल की समुचित पेयजल की कमी है। पैंथर के लिए मगर क्षेत्र अब सुरक्षित नहीं रहा। पैंथर की भूख-प्यास से मौत होना गंभीर मसला है। इलाके में कोलाहाल बढ़ रहा है। मानव की गतिविधियों से वन्यजीव अपने को असहज महसूस कर रहे हैं।

मगरा क्षेत्र पैंथर के लिए अब असुरक्षित जोन

मगरा क्षेत्र पैंथर के लिए अब असुरक्षित जोन बनता जा रहा है। करीब तीन साल में 09 से अधिक पैंथर की मौत के बाद भी प्रशासन नहीं चेता है। टॉडगढ़-रावली से जुड़ी ब्यावर रेंज दस हजार हैक्टेयर में फैला हुआ है। इस क्षेत्र में खनन सहित अन्य हस्तक्षेप के बाद पैंथर प्रजाति पर संकट मंडरा रहा है। कुंभलगढ़ अभयारण्य से टॉडगढ़-रावली अभयारण्य जुड़ा हुआ है। करीब दो सौ किलोमीटर के इस क्षेत्र में कई वन्य जीव विचरण करते हैं। रावली अभयारण्य से निकलकर यह पैंथर ब्यावर रेंज में प्रवेश करते ही इनका संकट शुरू हो जाता है। यहां आते-आते जंगल की चौड़ाई महज 40 से 50 किलोमीटर तक रह जाती है। इसके बीच में कई स्थान पर अवैध खनन हो रहा है।

क्षेत्रीय वन अधिकारी भैंरूसिंह के अनुसार लेपर्ड प्रोजेक्ट को लेकर सर्वे कर भिजवाया गया था। इस प्रोजेक्ट को लेकर विभाग से कोई दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं।

साल 2014 से अब तक 18 पैंथर की मौत

ब्यावर वन क्षेत्र में वर्ष 2014 से अब तक करीब 18 पैंथर की मौत हो चुकी है। विभाग इन सबके बावजूद लाचार है। पैंथर शिकार को लेकर मामले भी दर्ज किए गए, लेकिन इनमें विभाग कोई खास कार्रवाई नहीं कर सका है। अब तक पैंथर की मौत के मामलों पर नजर डालें तो 15 फरवरी 2014 को सोनियाना में एक पैंथर एवं इसी दिन विहार रतनपुरा में दो शावक की मृत्यु हुई।

16 जून 2014 को सेलीबेरी, 03 जुलाई 2015 को खातियों की ढाणी, 15 नवंबर 2015 चार खंभा से नाईकलां सडक़ पर, 10 जनवरी 2016 को कलातखेड़ा जंगल, 10 दिसंबर 2016 को सरवीणा पहाड़ी पर, 21 दिसंबर 2016 को सरवीणा, 29 नवंबर 2018 को सुरडिय़ा, एक दिसंबर 2018 को भरकाला, 06 जनवरी 2019 को कूंपाबावड़ी, 12 फरवरी 2019 को रावला बाडिय़ा, 29 अप्रेल 2019 को कालाधड़ा,12 जून 2019 को कूंपा बावड़ी, 13 दिसंबर 2020 को बामनिया जैतपुरा, 11 जनवरी 2021 को सुरडिय़ा, 01 जुलाई 2021 को बेबरा बावड़ी के निकट एक-एक पैंथर मृत मिला।

Ajmer अजमेर/केकड़ी. नगर पालिका केकड़ी के स्वास्थ्य निरीक्षक के साथ मारपीट मामले में पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इससे गुस्साए कार्मिकों ने शुक्रवार को प्रदर्शन किया। गौरतलब है कि शहर में सूअरों को पकड़े जाने के दौरान पिछले दिनों सूअर पालकों द्वारा नगर पालिका के कार्यवाहक हैल्थ इंस्पेक्टर के साथ मारपीट की।

इस मामले में पुलिस द्वारा अब तक की गई कार्रवाई से असंतुष्ट नगर पालिका कर्मचारियों ने शुक्रवार से कार्य का बहिष्कार कर दिया है। पालिका के सभी कर्मचारियों ने राजस्थान नगर पालिका कर्मचारी फेडरेशन अध्यक्ष की अगुवाई में इस संबंध में पालिकाध्यक्ष समेत पालिका के अधिशासी अधिकारी को अलग-अलग ज्ञापन सौंपे।

सभी आरोपियों की हो गिरफ्तारी

ज्ञापन में बताया कि जब तक इस मामले के सभी आरोपी गिरफ्तार नहीं होंगे, तब तक कार्य बहिष्कार जारी रहेगा। शुक्रवार को फेडरेशन के अध्यक्ष रामगोपाल डांगा के नेतृत्व में पालिका कर्मचारियों द्वारा पालिकाध्यक्ष कमलेश कुमार साहू एवं अधिशासी अधिकारी भगवत सिंह परमार को ज्ञापन सौंपा गया। इसमें बताया कि पालिका प्रशासन द्वारा पिछले दिनों टेंडर निकाल कर शहर में स्वच्छंद विचरण करने वाले सूअरों को पकडऩे का ठेका दिया गया था।

इस कार्य पर निगरानी रखने के लिए पालिका कर्मचारियों की कमेटी भी गठित की। कमेटी के सुपरवाइजर पालिका के कार्यवाहक हैल्थ इंस्पेक्टर सिकंदर की देखरेख में ठेकेदार के कार्मिक 26 जून को भैंरू गेट क्षेत्र में सूअर पकडऩे का काम कर रहे थे। इसी दौरान कई सूअरपालक लामबंद होकर मौके पर पहुंचे और कार्यवाहक हैल्थ इंस्पेक्टर से मारपीट कर घायल कर दिया।

सिर्फ तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया

आरोपियों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराने के बावजूद अभी तक कार्रवाई के नाम पर सिर्फ तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि मामले के कई आरोपी अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं। इससे पालिका कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। ज्ञापन में सभी आरोपित गिरफ्तार नहीं होने तक पालिका कर्मचारियों द्वारा कार्य बहिष्कार की सूचना देते हुए पालिका कर्मचारियों ने कामकाज का बहिष्कार कर दिया। ज्ञापन देने वालों में शब्बीर अहमद, सोहन सिंह गौड़, विमल कुमार दाधीच, शशिकांत दाधीच, अंबालाल गुर्जर, जमादार हुक्मीचंद आदि शामिल रहे।

अजमेर. जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत की अध्यक्षता में शुक्रवार को वीडियो कॉन्फे्रंसिंग के जरिए जल जीवन मिशन की राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति की बैठक हुई। बैठक में पंत ने राजस्थान के 2390 गांवों के 4.50 लाख घरों में सरकारी नल से पानी पहुंचाने के लिए 1314 ग्रामीण पेयजल परियोजनाओं को मंजूरी दी। बैठक के बाद अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत ने बताया कि ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए रेगुलर विंग के तहत प्रदेश के 2080 गांवों के लिए क्षेत्रीय परियोजनाओं सहित 1309 सिंगल विलेज एवं स्माल मल्टी विलेज स्कीम को मंजूरी दी गई। इन स्कीम्स के तहत 3 लाख 65 हजार 815 घरों में सरकारी नल कनेक्शन जारी होंगे। बैठक में मेजर प्रोजेक्ट्स के तहत 5 वृहद् पेयजल परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। इन परियोजनाओं से 310 गांवों में 65 हजार से ज्यादा पेयजल कनेक्शन जारी होंगे। इसके अलावा पांच जिलों में पेयजल परियोजनाओं की डीपीआर तैयार करने व सर्वे के लिए 6 करोड़ 46 लाख रुपए की स्वीकृति जारी की गई है।

अजमेर. कोरोना टीकाकरण अभियान के अंतर्गत शनिवार को अजमेर शहर में 27 स्वास्थ्य केन्द्रों पर टीकाकरण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.के.के. सोनी ने बताया कि अजमेर शहर में कोरोना टीकाकरण अभियान के अंतर्गत 18 स्वास्थ्य केन्द्रों पर कोविशील्ड तथा 9 स्वास्थ्य केन्द्रो पर कोवैक्सीन उपलब्ध करवाई गई है। इन स्वास्थ्य केन्द्रों पर शनिवार को 18 से 44 वर्ष तथा 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के पात्र व्यक्तियों को दोनों डोज लगाई जाएगी।

इन अस्पतालों में कोविशील्ड

शनिवार को कोविशील्ड वैक्सीन के लिए शहरी स्वास्थ्य केन्द्र पंचशील, चन्द्रवरदाई नगर, पीएचसी वैशाली नगर, कोटडा, गढ़ी मालियान, श्रीनगर रोड, कस्तूरबा, पहाडग़ंज, अजयनगर, जेपी नगर मदार, रामगंज, अंदरकोट, पुलिस लाईन डिस्पेंसरी तथा जेएलएन हॉस्पीटल, सैटेलाईट हॉस्पीटल एवं डिवीजनल रेलवे हॉस्पीटल सहित 16 टीकाकरण केन्द्र पर सुविधा मिलेगी। रेलवे कार्मिकों व उनके परिजन के लिए हैल्थ यूनिट लोको वर्कशॉप एवं हैल्थ यूनिट कैरिज वर्कशॉप पर भी कोविशील्ड वैक्सीन उपलब्ध करवाई गई है।

यहां कोवैक्सीन की सुविधा

कोवैक्सीन के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र गुलाबबाड़ी, डिग्गी बाजार, रामनगर, रामगंज, पंचशील, पुलिस लाइन डिस्पेंसरी तथा जेएलएन हॉस्पीटल एवं सैटेलाईट हॉस्पीटल टीकाकरण केन्द्र हैं। रेलवे कार्मिकों व उनके परिजनों के लिए हैल्थ यूनिट रेलवे स्टेशन पर कोवैक्सीन उपलब्ध करवाई गई है।

मनीष कुमार सिंह

अजमेर.

अपराधियों को पकडऩे में पुलिस द्वारा दिखाई जा रही 'तेजीÓ ही पुलिस महकमे में आपसी कलह का सबब बनती जा रही है। पुलिस में इनदिनों अपराधियों की धरपकड़ के पश्चात श्रेय लेने की होड़-सी मची हुई है। इसे लेकर ना केवल जिला स्पेशल टीम बल्कि अजमेर वृत्त दक्षिण में दरार गहराती जा रही है। मामला पुलिस के आलाधिकारियों तक भी पहुंच चुका है। उन्होंने इस पर रोक लगाते हुए हिदायत भी दी है। वहीं पुलिस अधीक्षक जगदीशचन्द्र शर्मा ने साफ कर दिया कि दोहरे हत्याकांड की गुत्थी टीमवर्क की बदौलत सुलझाई गई है। जिसका जितना काम है उसको उसके हक का ईनाम दिया जाएगा।

अपनी ढपली, अपना राग

अलवर गेट थाना क्षेत्र के गुलाबबाड़ी माली मौहल्ला में बुजुर्ग दम्पती की लूट के बाद हत्या की वारदात का खुलासा ग्यारह घंटे में करने के बाद जिला पुलिस में श्रेय लेने की होड़ मची हुई है। जहां अलवरगेट थाना पुलिस का दावा है कि पहली सूचना के साथ पहले आरोपी को उन्होंने दबोचा उसके बाद ही जिला स्पेशल टीम और सर्किल के बाकी अधिकारी शामिल होते चले गए। वारदात के खुलासे बाद जिस तरह से बीते तीन दिन से सम्मान, फूलमाला का दौर चल रहा है उससे श्रेय को भुनाने की कोशिश की जा रही है।

पहली सूचना से उपजा विवाद!

वारदात में श्रेय को लेकर विवाद पहली सूचना से उपजा। जहां अलवर गेट थाने के सिपाही सुधीर ने दावा किया कि सबसे पहले उसने सीसीटीवी फुटेज में नजर आए तीन युवकों के नाम बताए। जबकि पुलिस कप्तान का कहना है कि डीएसडी के एएसआई जगमाल दायमा ने तीनों आरोपियों के नाम बताते हुए तलाश शुरू की। हालांकि धरपकड़ में सबसे पहले सुमेर सिंह को अलवर गेट थाने की टीम ने पकड़ा। उसके बाद दीपक उर्फ दीपू की बहन से वार्ता से लेकर लोकेशन ट्रेस करना व कल्याणीपुरा के निकट डीएफसीसी के नाले से आरोपियों की गिरफ्तारी में अलवर गेट व जिला स्पेशल टीम ने भागीदारी निभाई थी। जबकि कार्रवाई में क्लॉक टावर, रामगंज और आदर्शनगर थाना पुलिस को भी शामिल किया गया।

नौसिखिए निकले आरोपी

दोहरे हत्याकांड में नशेड़ी प्रवृति के साथ आरोपी दीपक उर्फ दीपू, सुमेर सिंह और दिव्यांश भाटी नौसीखिए निकले। पुलिस के आलाधिकारियों का भी मानना है कि घटना स्थल पर मिले हालात से पहले ही स्पष्ट हो गया था कि वारदात लूट के इरादे से नौसिखिए ने अंजाम दी है। यही वजह रही कि हत्यारे भागने के बजाए घटनास्थल के इर्दगिर्द मंडराते हुए छिपते-छिपाते रहे।

आठ का पहले विशेष योगदान

प्रकरण के खुलासे के वक्त ही एसपी ने विशेष योगदान देने वालों में डीएसटी टीम के एएसआई जगमाल, सिपाही रामबाबू शर्मा, रामनिवास, सुरेश चौधरी, अलवरगेट थाने के रज्जन सिंह, रामनरेश, सुधीर व बृजलाल को मानते हुए डीएसटी समेत वृत दक्षिण के चारों थानाप्रभारी समेत 21 जनों को शामिल किया था।

पीडि़त परिवार ने किया सम्मान

शुक्रवार को अलवर गेट थाना पुलिस की सम्मान की कड़ी में बुजुर्ग दम्पती के परिजन और क्षेत्रवासी थाने पहुंचे। वार्ड 55 के पार्षद रजनीश चौहान वपरिवार के सदस्य, विक्रमसिंह शेखावत, इन्द्रवीरसिंह, नितिन वर्मा, सन्नी ने थानाप्रभारी सुनिता गुर्जर व उनकी टीम का माल्यार्पण किया।

इनका कहना है...

दोहरे हत्याकांड का पर्दाफाश टीमवर्क की बदौलत हुआ है। आरोपियों की पहली सूचना डीएसटी के एएसआई जगमालसिंह ने दी। उसके कुछ देर बात उसी मुखबिर ने अलवरगेट थाने के सिपाही को सूचना दे दी। जिस पर अलवर गेट व डीएसटी की टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए आरोपियों को रिकॉर्ड समय में पकड़ा। श्रेय लेने या गुटबाजी जैसा कोई भाव नहीं है। जिसका जितना काम था और उसका जितना हक बनता है उसको दिया जाएगा। पुलिस में किसी भी तरह का अंतर्कलह नहीं है।

जगदीशचन्द्र शर्मा, पुलिस अधीक्षक

अजमेर. कोविड-19 के संक्रमण के बाद अनलॉक-3 में घूमने की आजादी मिलते ही बढ़ी आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस अधीक्षक जगदीशचन्द्र शर्मा ने थानाप्रभारियों को निगरानी, गश्त बढ़ाने के आदेश दिए हैं। उन्होंने आमजन को जेवर, बर्तन चमकाने व धन दोगुना करने का लालच देकर ठगी व चोरी की वारदात अंजाम देने वाली गैंग से सावधान रहने की नसीहत दी है।

एसपी शर्मा ने बताया कि अनलॉक-3 में बड़ी संख्या में लोग दैनिक कार्यो व व्यापार के लिए बाहर निकल रहे हैं। ऐसे में शहर में भीड़भाड़ बढ़ी है। ऐसे में जिले में हत्या, बलात्कार की घटनाएं भी पेश आई है। ऐसे में हालात में पुलिस को भी विशेष सतर्कता बरतते हुए निगरानी बढ़ाने की जरूरत है। थाना क्षेत्र में सीएलजी सदस्यों की बैठक, पुलिस मित्र, जागरूक नागरिकों के साथ बैठक कर नाबालिग बच्चों के बाहर ना निकलने या अकेले नहीं छोडऩे और गांव-मोहल्ले में संदिग्ध के नजर आने पर तुरन्त पुलिस को सूचना देने के लिए प्रेरित करें।

उन्होंने थानाधिकारियों को होटल ढाबे की तलाशी, बंद मकानों की गश्त के दौरान चैक करने, तीन से चार की संख्या में नवयुवकों के किराए पर रहने पर उनकी तस्दीक करने, थाना क्षेत्र में रहने वाले पादरी, बांग्लादेशी व जुरायम पेशा कौम के लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए। पावर बाइक्स पर चैन स्नैचिंग करने वालों पर कड़ी निगरानी रखी जाए। अवैध हथियार रखने वालों पर निगरानी रखने के साथ, धार्मिक स्थल, बैंक, एटीएम, पेट्रोल पम्प और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की रात्रि गश्त में निगरानी व सुरक्षा सुनिश्चि करें।
बुजुर्गो की रखें निगरानी

एसपी थानाधिकारियों को थाना क्षेत्र में अकेले रहने वाले बुजुर्गो की बीट कांस्टेबल के माध्यम से निगरानी व सुरक्षा संबंधी जानकारी रखने, गली मोहल्ले में अच्छी क्वालिटी के सीसीटीवी कैमरे लगवाने के लिए प्रेरित करें। थानाप्रभारी, बीट सिपाही के मोबाइल नम्बर उचित स्थान पर स्पष्ट अंकित करें। चालानशुदा आरोपियों से पूछताछ नोट एमओबी शाखा को नियमित भेजा जाए।
थानाधिकारी-जवान सादा वस्त्र में ना जाए

एसपी शर्मा ने जिले के थानाधिकारी व जवानों को अपराध के घटित होने पर घटनास्थल पर सादा वस्त्र में मौके पर पहुंचने को गलत ठहराया है। उन्होंने इसे पुलिस आचरण, नियमों के विरुद्ध माना है। उन्होंने पुलिस अधिकारी, जवान को बावर्दी, हथियार, सुरक्षा उपकरणों के जाने व घटनास्थल पर पहुंचने पर पुलिस कन्ट्रोल रूम को सूचित करें।

मनीष कुमार सिंह

अजमेर. दरगाह क्षेत्र के खादिम समुदाय के युवाओं को दरगाह थाना पुलिस ने एक मंच पर लाने की पहल की है। पुलिस मित्र योजना के माध्यम से युवाओं को जोड़कर धार्मिक व त्यौहार आयोजन में सहयोग के साथ ही किसी भी तरह के विवाद से निपटने में भी पुलिस के साथ समुदाय के युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।

शुक्रवार को थानाप्रभारी दलबीरसिंह की पहल पर समुदाय के युवाओं का सोशल मीडिया ग्रुप दरगाह थाना पुलिस मित्र गु्रप बनाते हुए पहली बैठक भी आयोजित की गई। इसमें पुलिस मित्र योजना पर विस्तार से चर्चा के साथ क्षेत्र की समस्या पर युवाओं ने खुलकर विचार रखे। बैठक में सैयद तफसीर जमाली, मुजाहिद हासमी, इरशाद चिश्ती, नोमान चिश्ती, फरहान चिश्ती, सैयद समीर चिश्ती, सोहेल चिश्ती, शाबाज चिश्ती, अजीज चिश्ती, उस्मान अली, जावेद चिश्ती समेत कई लोग शामिल हुए।

ग्रुप में दे सकेंगे सूचना

दरगाह थाना पुलिस मित्र के ग्रुप में जुड़े युवा बनाए गए सोशल मीडिया ग्रुप पर अपनी समस्या-सूचना भी साझा कर सकेंगे। पुलिस मित्र ग्रुप की माह में दो बैठक आयोजित की जाएंगी।

आपसी बातचीत से बनेगी बात

थानाप्रभारी दलबीरसिंह ने बताया कि दरगाह क्षेत्र में कई मर्तबा त्यौहार और रस्मों को लेकर युवाओं में आपसी मतभेद हो जाते हैं। इसके मूल में आपसी संवादहीनता होती है। पुलिस महानिरीक्षक(अजमेर रेंज) एस. सेंगाथिर व पुलिस अधीक्षक जगदीशचन्द्र शर्मा की मंशानुसार समुदाय के युवाओं को पुलिस मित्र के माध्यम से एक मंच पर लाकर उन्हें पुलिस के साथ आपसी मेल-जोल व बातचीत की परम्परा कायम करना है। ताकि किसी भी विवाद को आपसी बातचीत से सुलटाया जा सके।

जुम्मे की नमाज में उमड़े अकीदतमंद

थानाप्रभारी सिंह ने बताया कि लॉकडाउन खुलने के बाद ख्वाजा साहब की दरगाह में शुक्रवार को पहले जुम्मे की नमाज अता की गई। जुम्मे की नमाज के लिए अकीदतमंदों की भीड़ भी उमड़ी। हालांकि सोशल डिस्टेंसिंग की पालना के लिए एक बार पुलिस को प्रवेश रोकना पड़ा। लेकिन बेगमी दालान में जगह होने पर पुन: प्रवेश दिया गया। खादिम समुदाय के लोगों ने हुजरे में नमाज अदा की।

भूपेन्द्र सिंह

अजमेर. एक तरफ मंहगाई आसमान छू रही है और हर चीज के दाम बढ़ रहे हैं, बढ़ती मंहगाई से लोग परेशान है। इस बीच अजमेर विकास प्राधिकरण के लिए जुलाई का महीना बड़ी राहत लेकर आया है। प्राधिकरण को अब एक कम्प्यूटर ऑपरेटर पर प्रतिमाह 1104 रुपए के कमीशन (सर्विसचार्ज) के स्थान पर सप्लायर फर्म को केवल १ पैसा ही देना होगा। कम्पनी 30 कम्यूटर ऑपरेट मैन विथ मशीन सप्लाई देगी। सुनने में यह भले ही हैरत की बात लग रही हो लेकिन यह सच है। प्राधिकरण ने जयपुर की फर्म आर.एस. इंटरप्राइजेज को कम्प्यूटर ऑपरेटर सप्लाई का ठेका एक पैसे में दे दिया है। इसके लिए फर्म को वर्कऑर्डर भी जारी कर दिया है, यह सोमवार से प्राधिकरण का काम संभालेगी। यह फर्म प्राधिकरण को मैन विद मशीन के साथ 30 कम्प्यूटर ऑपरेटर उपलब्ध करवाएगी। प्राधिकरण सरकार की तय रेट के हिसाब से कम्प्यूटर ऑपरेटर को भुगतान करेगा, लेकिन सप्लायर कम्पनी केवल 1 पैसा ही कमीशन लेगी। जबकि इससे पहले प्रति ऑपरेटर प्रतिमाह 1104 रुपए का कमीशन प्राधिकरण से लिया जा रहा था। यह दर प्रचलित दरों में सर्वाधिक थी। वहीं कम्प्यूटर कम्पनी के ना होकर प्राधिकरण के ही थे।

6 लाख के स्थान पर अब देने होंगे केवल 3 रुपए

प्राधिकरण को पूर्व की सप्लायर कम्पनरी को 30 कम्प्यूटर ऑपरेटर सप्लाई के पेटे सालाना ६ लाख रुपए केवल कमीशन के रूप में सप्लायर कम्पनी को देने पड़ रहे थे जबकि अब साल में केवल ३ रुपए ही खर्च करने पड़ेंगे और कम्प्यूटर तथा उसकी मरम्मत की जिम्मेदारी भी प्राधिकरण के जिम्मे न होकर फर्म के जिम्मे होगी।

अब आधुनिक कम्प्यूटर

अजमेर विकास प्राधिकरण में कंप्यूटर ऑपरेटर का ठेका जहां प्रति ऑपरेटर 1104 रुपए मैं उदयपुर की एक कंपनी में ई कनेक्ट को दे रखा था। अब यही ठेका जयपुर की एक फर्म आर एस इंटरप्राइजेज को एक पैसे में दिया गया है इससे एडीए के वार्षिक खर्चे में लगभग ६ लाख रुपए की बचत हुई है। इतना ही नहीं एडीए में कंप्यूटर भी इसमें मांगे गए थे जो कि अत्याधुनिक आई -5 टेक्नोलॉजी के है। यह सब भी एक पैसे में होगा।

50 लाख का काम भी अब 8लाख में

एडीए ने पूर्व में सॉफ्टवेयर मेंटेनेंस का ठेका भी कंपनी का50 लाख रूपए में दे रखा था। यह भी काम भी अब केवल 8 लाख रुपए सालान में हो रहा है। सॉफ्टवेयर मेंटेनेंस तथा कम्प्यूटर ऑपरेटर सप्लाई के ठेके को और पारदर्शी तथा दरें कम करने के लिए प्राधिकरण की पूर्व आयुक्त रेणु जयपाल ने प्रयास शुरु किए थे वर्तमान आयुक्त अक्षय गोदारा ने भी मामले में सख्ती बरती। पूर्व के कार्यो की जांच के लिए कमेटी भी गठित कर दी है। कई कार्मिकों को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा गया है।

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अजमेर. जिले में महात्मा गांधी नरेगा योजना के ग्रामीणों के लिए रोजगार का सहारा बन कर उभरी है। जिले के ग्रामीणों क्षेत्रों में इन दिनों 1 लाख 57 हजार 930 श्रमिक नरेगा के तहत कार्य कर रहे है। नरेगा के तहत जिला रोजगार उपलब्ध करवाने में राज्य में तीसरे नम्बर पर है। डूंगरपुर पहले और बांसवाड़ा दूसरे नम्बर पर है। अजमेर जिले की जिले की 325 में से 319 पंचायतों में 2 हजार 972 जगहों पर नरेगा के तहत काम चल रहा है। 16 हजार 931 मस्टररोल जारी किए गए है। जिला परिषद के सीईओ डॉ.गौरव सैनी के अनुसार ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के माध्यम से जिले के गांवों में काम शुरू करवा दिए गए हैं। ग्राम पंचायतों में व्यक्तिगत एवं सामुदायिक श्रेणी के कार्य करवाए जा रहे हैं।

इन पंचायतों में हो रहा काम

अजमेर ग्रामीण पंचायत समिति की 41 ग्राम पंचायतों में 383 कामों पर 21720 श्रमिक नियोजित किए गए हैं। अरांई की 22 ग्राम पंचायतों में 163 कामों पर 6319, भिनाय की 25 ग्राम पंचायतों में 273 कामों पर 111641 श्रमिक लगाए गए हैं। जवाजा की 43 ग्राम पंचायतों में 262 कार्यों पर 10928, केकड़ी की 22 पंचायतों मे 257 कामों पर 13565, मसूदा की 40 ग्राम पंचायतों में 324 कार्यों पर 14871 श्रमिक, पीसांगन की 22 ग्राम पंचायतों में 215 कामों पर 11208, सरवाड़ की 26 पंचायतों मे 272 कामों पर 14329 श्रमिक, सावर की 20 ग्राम पंचायतों 232 कार्यों पर 13904,श्रीनगर की 25 पंचायतों में 229 कामों पर 18101 तथा सिलोरा की 33 पंचायतों में 371 कामों पर 21344 श्रमिक लगाए गए हैं।

यह है राज्य की स्थिति

राज्य की 11 हजार 349 ग्राम पंचायतों में से 10 हजार 228 ग्राम पंचायतों में 95 हजार 183 जगहों पर नरेगा के तहत काम करवाया जा रहा है। इन पर 26 लाख 54 हजार 702 श्रमिकों को नरेगा के तहत रोजगार दिया गया है। जिला परिषद सीईटो ने सभी उपखंड अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मनरेगा कार्यो में कोविड गाइडलाइन की पूर्ण पालना करवाई जाए। कार्यस्थल पर साबुन, पानी, सैनेटाइजर आदि की समुचित व्यवस्था हो व हाथ अच्छी तरह से साबुन से धोने के बाद भेजन उचित दूरी बनाकर किया जाए।

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अजमेर. डाक विभाग के डाकिए अब घर आकर दो पहिया व चौपहिया वाहनों का वाहन बीमा करेंगे। डाक विभाग के इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक(आईपीबी) ने बजाज अलाइंस जनरल इंश्योरेंस तथा टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस के साथ एक करार किया है। जिसके तहत अब पोस्टमैन/शाखा डाक पाल/ ग्रामीण डाक सेवक अपने फोन मै मौजूद माइक्रो एटीएम ऐप मै इन्शुरेंस ऑप्शन में जाकर उपभोक्ता के टू व्हीलर तथा फोर व्हीलर वाहनों का इन्शुरेंस कर सकेंगे। उपभोक्ता की इमेल आईडी वाहन पॉलिसी तुरंत दी जाएगी।यह जानकारी देते हुए प्रवर अधीक्षक(डाकघर) आई. एल.सांखला ने बताया कि इसके लिए डाकघर स्टाफ को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। शीघ्र ही यह सेवा डाक विभाग के माध्यम से प्रारम्भ होने जा रही है। इस सुविधा को प्राप्त करने के लिए इच्छुक उपभोक्ता को अपने नजदीकी डाकघर या अपने क्षेत्र के पोस्टमैन से संपर्क करना पड़ेगा।

यह सेवाएं भी दे रहा डाकघर

अब डाकघर में आम जनता को डाक भेजने के साथ-साथ, बिजली-पानी, मोबाइल रिचार्ज,डीटीएच रिचार्ज, पैन कार्ड, पासपोर्ट, वोटर आईडी, रोजगार पंजीकरण, रेल-बस-एयरोप्लेन टिकट बुकिंग के साथ-साथ बैंकिंग सुविधाएँ भी प्रदान की जा रही हैं,कोई भी व्यक्ति, जीवन प्रमाण पत्र, प्रधानमंत्री आवास योजना, हेल्थ कार्ड, रोजगार, जन्म-मृत्यु, आयुष्मान भारत योजना जैसे महत्वपूर्ण पंजीकरण करवा सकता है, कोरोना रजिस्ट्रेशन और वैक्सीन शेड्यूल बुकिंग की सुविधा भी आरम्भ की गयी है।

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Ajmer अजमेर/सपोटरा (करौली). भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने एक उपभोक्ता का घरेलू विद्युत कनेक्शन विच्छेद कराने के लिए सत्यापन रिपोर्ट के बदले 16 हजार रुपए की रिश्वत लेते एक विद्युतकर्मी को शनिवार को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमरसिंह मीणा ने बताया कि चारी की नरौली निवासी गुरुचरण बैरवा बीते एक वर्ष से कैलादेवी जाकर रहने लगा था। इसके चलते वह चीरकी नरौली के अपने घरेलू बिजली कनेक्शन को विच्छेद कराना चाहता था। उसने एक वर्ष के बिल की बकाया राशि भी जमा करा दी थी। इससे आगे की प्रक्रिया में वह मकान पर ताला लगे होने की सत्यापन रिपोर्ट कराना चाहता था, जिसके लिए काफी समय से तकनीकी सहायक लक्ष्मीराज मीणा के चक्कर लगा रहा था।

बीस हजार मांगे थे
आरोप है कि लक्ष्मीराज ने उससे सत्यापन रिपोर्ट के बदले में 20 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। मामले में दोनों के बीच 16 हजार रुपए पर सहमति हो गई थी। आरोपी लक्ष्मीराज ने परिवादी को रिश्वत की राशि लेकर अपने गांव रामठरा बुलाया था। शनिवार को परिवादी गुरुचरण ने जैसे ही आरोपी को रुपए सौंपे। तभी एसीबी की टीम ने आकर उसे दबोच लिया। इससे पहले उसने घूस की रकम लेकर एक नोटबुक में रख ली। तभी एसीबी टीम ने जाकर पकड़ लिया। अमरसिंह ने बताया कि बाद में आरोपी को सपोटरा थाने पर ले आए। वहां आरोपी से पूछताछ और परिवादी के बयानों की औपचारिकता की गई। रिश्वत की राशि को सीलबंद कर दिया गया।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले सपोटरा में 18 दिसम्बर को पुलिस थाने के हैड कांस्टेबल बच्चूसिंह को तीन हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा जा चुका है।

Ajmer अजमेर/पुष्कर. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, जोधपुर ने पुष्कर थानाप्रभारी राजेश मीणा सहित तीन कार्मिकों के खिलाफ दस लाख रुपए की घूस मांगने का परिवाद दर्ज किया है। एनडीपीएस एक्ट के मामले की जांच में गिरफ्तारी से बचाने की एवज में यह रिश् वत मांगी बताई। हालांकि एसीबी जोधपुर की टीम ने आरोपी को ट्रेप करने का प्रयास भी किया,लेकिन सफलता नहीं मिली। फिर भी सत्यापन की कार्रवाई में घूस मांगने की पुष्टि हो गई।

अब जयपुर मुख्यालय के आदेश पर पुष्कर थानाप्रभारी राजेश मीणा, सिपाही सुनील पारीक और जोधपुर आयुक्तालय करवड़ थाने के एएसआई अमराराम के खिलाफ रिश्वत की मांग करने का मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। अजमेर पुलिस अधीक्षक जगदीशचन्द्र शर्मा ने प्रकरण की जांच अपराध सहायक रामअवतार को सौंप दी।

प्लास्टिक के 59 कट्टों में 1,287 किग्रा डोडापोस्त किया था बरामद

एसीबी के अनुसार मांगलियावास थाना पुलिस ने 29 अप्रेल को चित्तौडगढ़़ (बेगू)से जोधपुर जा रहे मिनी ट्रक को राजगढ़ चौराहे पर रोक तलाशी ली थी। इस दौरान प्लास्टिक के 59 कट्टों में 1,287 किग्रा डोडापोस्त बरामद किया गया था। ट्रक चालक जोधपुर विनायक नगर निवासी बबूताराम विश्नोई को एनडीपीएस एक्ट में प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया। मामले की जांच पुष्कर थानाप्रभारी राजेश मीणा दी गई। जांच में जोधपुर जिले के करवड़ निवासी एक व्यक्ति की भूमिका सामने आई। उसने प्रकरण में आरोपी नहीं बनाने की एवज में 10 लाख रुपए मांगे बताए। इसकी शिकायत एसीबी जोधपुर से की गई थी। ब्यूरो की ओर से सत्यापन कराने पर रिश्वत मांगने की पुष्टि हो गई। दूसरी ओर रंगेहाथ पकड़े जाने की आशंका के चलते आरोपी पुलिसकर्मी सतर्क हो गए। ऐसे में ट्रेप की कार्रवाई नहीं हो पाई। सकी।

एएसआई के जरिए रखी डिमांड!

एनडीपीएस एक्ट के मामले की जांच के सिलसिले में दो माह पहले पुष्कर थाने का कांस्टेबल सुनील पारीक करवड़ गया था। वह स्थानीय पुलिस की मदद से संदिग्ध युवक के घर पहुंचा। वह मोबाइल नम्बर देकर करवड़ थाने आकर मिलने की बता कहकर लौट आया। इस बीच कांस्टेबल सुनील पुष्कर लौट आया। करवड़ थाने के एएसआई आमराम ने युवक से सम्पर्क कर एनडीपीएस एक्ट के मामले में बचाने के लिए दस लाख रुपए मांगे। संदिग्ध ने एसीबी से शिकायत कर दस लाख की मांग करने का आरोप लगाया।

सीआई के लिए मांगी रिश्वत!

दस लाख रुपए की मोटी रकम देने पर परिवादी आगे पीछे हुआ तो एएसआई अमराराम पांच लाख रुपए मांगने लगा। जो सत्यापन में सामने आ गई। एसीबी ने परिवादी की कांस्टेबल सुनील पारिक से बात कराई तो उसने थानाधिकारी के लिए दस लाख रुपए मांगे। आरोप है कि इस सिलसिले में यह युवक पुष्कर भी आया और थानाप्रभारी मीणा से मिला। इस दौरान थानाप्रभारी ने खुद को ईमानदार बताया, लेकिन उसके सामने ही सिपाही सुनील पारीक ने कोडवर्ड में दस-बारह लाख रुपए की मांग कर दी थी।

एएसआई को हो गया अंदेशा

करवड़ थाने के एएसआई अमराराम को एसीबी कार्रवाई का अंदेशा हो गया। इसके चलते उसने सिपाही सुनील को सावचेत कर दिया। इसके चलते एसीबी तीनों आरोपियों को रंगेहाथ नहीं पकड़ सकी, लेकिन सत्यापन में पुष्टि होने पर एसीबी ने जांच रिपोर्ट बनाकर मुख्यालय भेज दी थी।

एफआईआर के लिए मांगा सर्विस रिकॉर्ड

एसीबी के महानिदेशक बी.एल. सोनी ने पुष्कर थानाप्रभारी राजेश मीना, कांस्टेबल सुनील पारीक व जोधपुर करवड़ थाने के एएसआई अमराराम के खिलाफ रिश्वत मांगने पर प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिए हैं। एसीबी ने जिला पुलिस अधीक्षक अजमेर व जोधपुर के डीसीपी से तीनों का सर्विस रिकॉर्ड मांगा है। जो मिलने पर उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज करने की कार्रवाई की जाएगी। शनिवार दोपहर अजमेर एसीबी ने सर्विस रेकॉर्ड जोधपुर एसीबी को मेल कर दिया

इनका कहना है

पुष्कर थानाप्रभारी व सिपाही पर किसी मुकदमे के संबंध में रुपए मांगने की बात सामने आई है। एसीबी जोधपुर ने पुष्कर थानाप्रभारी राजेश मीणा व सिपाही सुनिल का सर्विस रेकॉर्ड मांगा था जो भेज दिया है। अब एनडीपीएस एक्ट के प्रकरण की जांच अपराध सहायक रामअवतार को सौंपी है।

जगदीशचन्द्र शर्मा, पुलिस अधीक्षक अजमेर

मुझ पर भ्रष्टाचार व रिश्वत मांगने के आरोप निराधार है। जांच में सत्यता आ जाएगी। ऐसे आरोप में कोई दम नहीं है जो बिना प्रमाण के हैं। यह केवल परिवादी की ओर से दबाव बनाने का गलत तरीका है।

राजेश मीणा, थानाधिकारी पुष्कर

एनडीपीएस के मामले में पुष्कर थानाप्रभारी समेत तीन आरोपियों के खिलाफ रिश्वत मांगने की पुष्टि हुई है। आरोपी भले की रंगे हाथ ट्रेप नहीं हुए हों, लेकिन रिश्वत की मांग करने की पुष्टि होने पर भी ट्रेप के बराबर अपराध माना जाता है। एसीबी मुख्यालय ने थानाप्रभारी राजेश मीणा, सिपाही सुनील पारीक सहित तीन के खिलाफ मुकदमा दर्जकर जांच के आदेश दिए है।

बी. एल. सोनी, महानिदेशक भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, जयपुर

धौलपुर. राज्य सरकार की ओर से नगरपरिषद के माध्यम से राजकीय सामान्य चिकित्सालय में लगाए जाने वाले ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट के स्थान लेकर एक माह से असमंजस बना हुआ है। इस कारण स्वीकृति के एक माह बाद भी चिकित्सालय में प्लांट लगने की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है। ऐसे में राज्य सरकार की ओर से जल्द प्लांट स्थापित करने की मंशा पर भी सवाल उठने शुरू हो गए हैं। राज्य सरकार ने कोरोना काल में नगरपरिषद के माध्यम से स्वयं के स्तर पर राशि की व्यवस्था कर चिकित्सालयों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने के आदेश जारी किए थे। इस पर विधायक शोभारानी कुशवाह ने अपने कोष से इसके लिए ७५ लाख की स्वीकृति जारी कर दी। इसमें ७२.८० लाख रुपए प्लांट के लिए तथा शेष राशि फाउण्डेशन के लिए रखी गई है।

यूं घूमता रहा मामला
एक माह पूर्व नगरपरिषद के अधिकारी चिकित्सालय में ऑक्सीजन प्लांट के लिए स्थान चयन करने गए तो चिकित्सालय प्रबंधन ने क्षतिग्रस्त बायोवेस्ट कमरे को उस पर प्लांट बनाने के लिए जगह चिह्नित करा दी लेकिन बायोवेस्ट के लिए अलग से कमरा बनने के बाद ही कमरे को हटाने क बात कही। इस पर परिषद ने १० बाई १२ नाप के कमरे की लम्बाई के टेण्डर निकाल दिए लेकिन जिस दिन टेण्डर खुलने थे, उसकी दिन प्रबंधन ने आपत्ति जताई कि कमरे का साइज १२ बाई १५ होना चाहिए। इस पर पुराने टेण्डर को निरस्त करना पड़ा, वहीं दूसरा टेण्डर निकाला गया। इसमें आठ से दस दिन समय खराब हो गया। फिर चार लाख रुपए की लागत से कमरे का निर्माण हो गया। इसके बाद चिकित्सालय प्रबंधन को जगह देने को कहा, लेकिन प्रबंधन ने फिर वहां पर प्लांट लगाने के लिए इनकार कर दिया। इसके लिए बच्चों के आईसीयू के पास जगह पर फाउंडेशन बनाने के लिए जगह दिखा दी लेकिन उस जगह पर जनरेटर तथा हट बनी हुई है। इसे हटाने के बाद ही फाउण्डेशन बनाने की बात कही जा रही है। इसी फेर में जगह को लेकर एक माह निकल गया। इससे प्लांट लगाने में देरी होती जा रही है।

इनका कहना है चिकित्सालय प्रबंधन की ओर से पहले नया कमरा बनवाकर पुराने कमरे के स्थान पर फाउण्डेशन बनाने की बात कही थी, लेकिन अब कमरा बनने के बाद दूसरी जगह को बताया गया है। वहां भी अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं किया जा सका है। ऐसे में प्लांट लगाने में एक माह की देरी हुई है। इस सम्बंध में उच्चाधिकारियों को भी अवगत करा दिया गया है। सौरभ जिंदल, आयुक्त, नगरपरिषद, धौलपुर।
इनका कहना है

बनाया गया नया कमरा कोविड बायोवेस्ट के लिए काम आएगा। वहीं पुराने कमरे को भी अभी काम लिया जा रहा है। वहीं तकनीशियनों ने बताया कि पुराने स्थान पर प्लांट लगाने पर बच्चों के आईसीयू में ऑक्सीजन का प्रेशर नहीं बन पाएगा। तकनीकी कारण तथा जान बचाने की प्राथमिकता के चलते स्थान को बदला गया है। नए स्थान पर आईसीयू में प्रेशर अच्छा मिलेगा, इसके लिए जगह बता दी गई है। साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों को भी अवगत करा दिया गया है। डॉ. समरवीर सिंह, पीएमओ, राजकीय सामान्य चिकित्सालय, धौलपुर।

बाड़ी. पिछले एक पखवाड़े से उमस भरी गर्मी झेल रही जनता को शनिवार की शाम कुछ राहत मिली है। इंद्रदेव की मेहरबानी से मौसम का मिजाज बदला है। रिमझिम बारिश का दौर शुरू हुआ। ऐसे में लोगों ने जहां गर्मी से राहत महसूस की है, वहीं अच्छी बारिश की उम्मीद भी जगी है।पिछले एक पखवाड़े से मानसून रूठा पड़ा है। ऐसे में बारिश नहीं हो रही थी। साथ में पाकिस्तान की ओर से आने वाली पछुआ हवाओं से धरती की नमी भी कम होती जा रही थी। जिसके चलते लोग उमस भरी गर्मी की मार झेल रहे थे। लगातार तापमान बढऩे से कूलर पंखे भी फेल नजर आ रहे थे, लेकिन शनिवार की शाम मौसम का मिजाज बदला और इंद्रदेव की मेहरबानी से जिलेभर में रिमझिम बारिश दर्ज की गई है। इससे ज्यादा कुछ नहीं, लेकिन गर्मी से राहत जरूर मिलती नजर आ रही है।

पाकिस्तान की ओर से आने वाली पछुआ हवाओं से धरती की नमी भी कम होती जा रही थी। जिसके चलते लोग उमस भरी गर्मी की मार झेल रहे थे

धौलपुर. यहां जिला मुख्यालय पर संचालित वृद्ध आश्रम में रविवार को एक वृद्ध के परिजन जब उसे लेने के लिए पहुंचे। इस दौरान वृद्ध की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। अपने परिवार के सदस्यों को देखकर वृद्ध की आंखों से खुशी के आंसू निकल आए। इस दौरान वृद्ध ने आश्रम में मिले प्यार का अपने परिजन को बताया। जानकारी के अनुसार जिला मुख्यायल स्थित आवासीय वृद्धजन आश्रम में एक वृद्ध को परिजन की ओर से देखरेख नहीं करने पर करीब एक माह पहले प्रवेश दिया गया था। इस दौरान वृद्ध ने बताया कि उसकी पत्नी का करीब 40 वर्ष पहले देहांत हो चुका है। एक वर्ष के अपने पुत्र का कठिन परिस्थितियों में लालन-पालन करते हुए बड़ा किया।

शादी के बाद बेटे ने छोड़ा

शादी के बाद परिजन वृद्ध को एक मंदिर में छोड़ गए। यहां वृद्ध स्वयं अपना गुजार करता रहा, आंख खराब होने के बाद वृद्ध आश्रम में शरण ली। आश्रम के संचालक बृजेश मुखरिया ने बताया कि वृद्ध की पीड़ा को ध्यान में रखते हुए उसके घर परिवार का पता लगाया गया। घरवालों से काउंसलिंग की। समस्त रिश्तेदारों को बुलाया और वृद्धजन की इच्छा जानी। इस पर पुत्र ने अपने पिता को साथ ले जाने की बात कही। इस पर वृद्ध के उसके परिजन के साथ रवाना कर दिया।
साथ छूटा रुलाई फूटी

वृद्ध के अपने घर जाने की जानकारी जब आश्रम में रहने वाले अन्य को हुई तो सभी वृद्ध के पास पहुंच गए। सभी वृद्धों की आंखों में साथी का साथ छूटने के आंसू थे। इस पर वृद्ध ने कहा कि मैं आश्रम आता-जाता रहूंगा।

अजमेर. कोविड-19 संक्रमण को लेकर लगाए लॉकडाउन में धार्मिक स्थलों पर पाबंदी सिर्फ आमजन के लिए थी लेकिन पुलिस से संबंध रखने वाले धड़ल्ले से नियम-कायदों का मखौल उड़ाते रहे। ख्वाजा साहब की दरगाह में तैनात पुलिस के सिपाही की मदद से खादिम जायरीन को अवैध तरीके से प्रवेश करवाकर जियारत करवाते रहे। यह काम एक-दो ने नहीं बल्कि तीन खादिमों ने दो दिन तक किया। हालांकि अवैध तरीके से प्रवेश पर सीसीटीवी फुटेज सामने आने पर थानाप्रभारी दलबीर सिंह ने दरगाह सुरक्षा में गम्भीर लापरवाही मानते हुए पुलिस अधीक्षक जगदीशचन्द्र शर्मा को रिपोर्ट कर पुलिस थाने के रोजनामचे में आरोपी खादिमों के खिलाफ रपट भी डाली थी। सीओ दरगाह रघुवीरप्रसाद शर्मा प्रकरण में जांच कर रहे हैं।

सीसीटीवी फुटेज आए सामने
दरगाह में लॉकडाउन के दौरान अनाधिकृत रूप से जायरीन के दरगाह में प्रवेश के सीसीटीवी फुटेज भी सामने आए। जिसमें खादिमों के साथ जायरीन अन्दर जाते नजर आ रहे हैं जबकि प्रवेशद्वार पर पुलिसकर्मी बैठे हैं।

-11 जून को पता चला था कि कुछ खादिम दरगाह में अनाधिकृत रूप से जायरीन को दाखिल करवाकर जियारत करवा रहे हैं। इसमें इफ्तीकार चिश्ती उर्फ अब्बा मियां व आजम चिश्ती का नाम सामने आया।
-12 जून पुन: सीसीटीवी फुटेज देखा गया तो दरगाह के गेट नम्बर एक से खादिम अब्बा मियां ने तीन जायरीन का प्रवेश कराया। फिर गेट नम्बर पांच से खादिम अब्बा मियां व आजम ने तीन जायरीन को प्रवेश करवाया। जबकि एक जायरीन को खादिम खालिद जमाली ने प्रवेश कराया। जिस पर दरगाह थाना पुलिस ने धारा 188 में रपट दर्ज किया। पुलिस प्रकरण की जांच कर रही है।

इनका कहना है....
लॉकडाउन के दौरान दरगाह में प्रवेश पूरी तरह से बंद था। लेकिन कुछ खादिमों ने यहां तैनात पुलिसकर्मियों से मिलीभगत कर जायरीन को प्रवेश कराया। प्रकरण में धारा 188 में रपट डाली गई है। जांच पूर्ण होने पर परिवाद में मुकदमा या न्यायालय में इस्तगासा पेश किया जाएगा।

दलबीर सिंह, थानाप्रभारी दरगाह

अजमेर. जिसके वारिसान सामने नहीं आते ऐसे मामलों में पुलिस के ज्यादा काम नहीं करने की स्तापित सोच के कतई उलट क्लॉक टावर थाना पुलिस ने खानाबदोश महिला की हत्या के मामले में आरोपी की गिरफ्तारी के 72 घंटे के भीतर ही अदालत में चालान पेशकर नजीर पेश की। ब्लाइंड मर्डर को पुलिस ने बिना सीसीटीवी फुटेज खोलते हुए आरोपी को तीन दिन में दबोचने में कामयाबी हासिल की।

रविवार को क्लॉक टावर थानाप्रभारी दिनेश कुमावत ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नवीन मीणा की कोर्ट में खानाबदोश महिला की हत्या के मामले में चालान पेश किया। पुलिस ने चालान में अदालत में 33 गवाह और 42 दस्तावेज बतौर साक्ष्य पेश किए। पुलिस अधीक्षक जगदीशचन्द्र शर्मा ने प्रकरण में आरोपी यूपी कानपुर टिकरा निवासी जितेन्द्र त्रिवेदी की गिरफ्तारी के बाद 72 घंटे में चालान व प्रकरण को पुलिस ऑफिसर स्कीम में लेकर प्रतिदिन मॉनिटरिंग करने के आदेश दिए थे।

यह है मामला
गत 27 जून सुबह 5 बजे आशागंज राजेन्द्र स्कूल के पास लोटनी माता मंदिर की चौखट पर खून में लथपथ खानाबदोश महिला मृतावस्था में मिली थी। पुजारी की सूचना पर क्षेत्रवासी और क्लॉक टावर थाना पुलिस पहुंची। महिला के सिर पर भारी-भरकम पत्थर मारकर हत्या की गई थी। पुलिस ने मंदिर के पुजारी महावीर की रिपोर्ट पर हत्या का मामला दर्ज किया। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाने से पहले 29 जून को आरोपी खानाबदोश यूपी कानपुर निवासी जितेन्द्र त्रिवेदी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों ने महिला से अभद्रता की बदले मारे गए थप्पड़ का बदला लेने के लिए पत्थर गिराकर हत्या करना कबूल किया। इसके बाद 30 जून को पुलिस ने मृतका की शिनाख्त व वारिसान नहीं पहुंचने पर शव का जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाकर अंतिम संस्कार करवाया।

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