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बाड़मेर
मास्टर प्लान की पालना और नगर परिषद की बेशकीमती जमीन बचाने में जिम्मेदार अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर महज खानापूर्ति करते नजर आ रहे है। यहां नगर परिषद ने पांच माह पहले अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को लेकर अभियान शुरू किया, लेकिन अभियान महज एक-दो दिन में शांत हो गया और अतिक्रमी हावी हो गए। हालांकि उस दौरान नगर परिषद ने करोड़ो की जमीन पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को अंजाम दिया था।


नगर परिषद क्षेत्र के महावीर सर्कल के पास करोड़ो की सरकारी जमीन पर पहाडिय़ों को अवैध तरीके से काटकर कॉलोनियों बसा ली है। इसके अलावा गेहूं रोड़, हापों की ढाणी रोड़, चौहटन रोड़, महाबार रोड़, मोहन जी का क्रेशर, चौहटन चौराहा सहित अन्य स्थानों पर नगर परिषद खसरों पर अतिक्रमण हो गए है। इतना ही नहीं नगर परिषद के सरकारी रिकॉर्ड में करीब 5700 अतिक्रमण चिह्ति किए गए है, इसके बावजूद अतिक्रमण को लेकर जिम्मेदारों ने चुप्पी साध रखी है। ऐेसे में भू-माफियों के हौसले बुलंद हो रहे है। जबकि नगर परिषद में कांग्रेसनीत बोर्ड के सभापति दिलीप माली ने कुर्सी पर बैठतेे ही वादा किया था कि शहर को अतिक्रमण मुक्त किया गया जाएगा, लेकिन दो साल बीतने के बावजूद कोई परिणाम नजर नहीं आ रहा है।


यहां हो रखे है अतिक्रमण
नगर परिषद क्षेत्र के खसरा संख्या 1652,1654,1671 व 72 में 970 बीघा, खसरा संख्या 1431,1468,1470,1463 में 663 बीघा जमीन सरकारी रिकॉर्ड में नगर परिषद के खाते में दर्ज है। उक्त सरकारी जमीन पर अतिक्रमण काबिज है।
जनवरी में चलाया था अभियान
नगर परिषद ने जनवरी-2021 में शहर के गेहूं रोड़ व गडरा सर्किल पर नगर परिषद की बेशकीमती भूमि पर हुए अवैध अतिक्रमण हटाए थे, उस दौरान करीब करोड़ो रुपए की जमीन पर नगर परिषद ने सख्ती बरती, लेकिन एक-दो जगह अतिक्रमण की कार्रवाई को अंजाम देकर फिर जिम्मेदार गहरी नींद में सो गए है। अब दुबारा अतिक्रमण हो रहे है।
मुख्य बाजार में अतिक्रमण
शहर के स्टेशन रोड पर दुकानों के आगे तीन से चार फीट तक अतिक्रमण किया हुआ है। लेकिन नगर परिषद की टीम को अतिक्रमण दिख नहीं रहा है। साथ ही शहर के चारों तरफ अतिक्रमण की भरमार है।
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फैक्ट फाईल
- करीब 5700 शहर में अतिक्रमण किए थे चिह्ति
- पांच माह पूर्व करीब छह करोड़ रुपए की जमीन से हटाए थे अतिक्रमण
- शहर के चार प्रमुख स्थानों पर हुए है सैकड़ों बीघा जमीन पर अतिक्रमण
- वर्ष 2015 के बाद अतिक्रमण व फर्जी पट्टा के चलते विवादों में नगर परिषद
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- भेदभाव तरीका अपना रहे है। चेहतों के अतिक्रमण हटा रहे है। महावीर नगर में तीन दिन पहले अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई हुई है, लेकिन उसमें मनमानी की गई है। शहर में बिल्डिंग निर्माण में मानचित्र का कोई ध्यान नहीं दे रहे है। शहर में सरकारी जमीन पर सैकड़ों अतिक्रमण है। - पृथ्वी चण्डक, प्रतिपक्ष नेता, नगर परिषद
- अतिक्रमण को लेकर लगातार कार्रवाई कर रहे है। शिकायत पर कार्रवाई होती है। नगर परिषद अभियान के तहत कार्रवाई भी कर रही है। चिह्ति अतिक्रमण का मामला मेरे संज्ञा में नहीं है। पता करवाता हूं। बीच में कोविड का दौर चल रहा था। अब वापस इसे दिखवाया जाएगा। - दलीप पूनिया, आयुक्त, नगर परिषद, बाड़मेर
- कोरोना आ गया था
शहर में नगर परिषद अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान शुरू किया था, करोड़ो रुपए की सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाए भी है। अब दुबारा अतिक्रमण हटाने को लेकर प्लान बना रहे है। शहर के गेहूं रोड़ व गडरा सर्किल के पास अतिक्रमण है। इसके अलावा भी अतिक्रमण को लेकर सख्ती बरत रहे है। - दिलीप माली, सभापति, नगर परिषद, बाड़मेर
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बाड़मेर. समदड़ी स्टेशन बाड़मेर के उन पहले 5 गांवों में से है जहां सौ फीसदी घर नल से जुड़ गए है। पांच गांवों की शुरुआत के बाद दिसंबर 2024 तक जिले का हर गांव नल से जोडऩे का लक्ष्य है।
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियंता सुरेश चंद्र जैन ने बताया कि जिले में जल जीवन मिशन के तहत हर गांव को नल से जोड़ा जा रहा है। जिले का समदड़ी स्टेशन, तेमावास, सांवरड़ा, समदड़ी और सिरियारा में सौ फीसदी घर नल से जुड़ गए। यहां विभिन्न प्रोजेक्ट्स के जरिये लोगों को पेयजल आपूर्ति की जा रही है। समदड़ी के निवासी रामाराम बताते है कि पानी के लिए बहुत मुश्किलों का दौर देखा है लेकिन अब हर घर में नल कनेक्शन हो जाने से उन्हें बेहद खुशी है। पानी की परेशानी से परिवार का हर सदस्य रूबरू होता था लेकिन महिलाओं को इससे ज्यादा परेशान होना पड़ता था। अब उनके गांव का हर घर नल से जुड़ चुका है। समदड़ी स्टेशन की कंचन प्रजापत बताती है कि उनका गांव जिले के उन पहले गांवो में से है जो सौ फीसदी नल से जुड़े है।
14 गांवों के लिए वर्क ऑर्डर जारी
जल जीवन मिशन के तहत जिले में 5 गांवों में शत प्रतिशत नल कनेक्शन लग गए है। बाड़मेर ग्रामीण और बोडवा, आणदानियों की ढाणी, धन्नाणी मेघवालों की ढाणी, कांकडों की ढाणी गांव में कार्य शुरू हो चुका है और विभाग ने 14 गांवों के वर्क ऑर्डर भी जारी कर दिए गए है।

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