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Wednesday 07 July 2021 04:06 PM UTC+00 रामगढ़ अभयारण्य के टाइगर रिजर्व बनने का बूंदी में मना जश्न क्षेत्र के लोगों ने जताया लोकसभा अध्यक्ष एवं कोटा-बूंदी सांसद बिरला का आभार चौगान दरवाजे पर भाजपाइयों ने की आतिशबाजी बूंदी. रामगढ़ विषधारी वन्यजीव अभयारण्य को टाइगर रिजर्व बनाने की एनटीसीए की सैद्धांतिक सहमति की जानकारी मिलने के बाद बूंदी में मंगलवार को जश्न का माहौल रहा। भाजपा कार्यकर्ताओं व आमजन ने आतिशबाजी की तथा एक-दूसरे का मुंह मीठा करवाया। इस उपलब्धि के लिए लोगों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का आभार भी व्यक्त किया। रामगढ़ विषधारी वन्यजीव अभयारण्य का बूंदी के लिए अपना एक महत्व है। लोगों की बरसों से अपेक्षा थी कि एक दिन यह अभयारण्य टाइगर रिजर्व बने और यहां बाघ की दहाड़ गूंजे। इससे क्षेत्र की समृद्धि के द्वार खुुलेंगे। लोकसभा अध्यक्ष बिरला के प्रयासों से उनकी यह इच्छा सोमवार को पूरी हो गई जब एनटीसीए ने रामगढ़ विषधारी वन्यजीव अभयारण्य को टाइगर रिजर्व बनाने की सैद्धांतिक सहमति दे दी। इसकी जानकारी मिलने पर भाजपा कार्यकर्ताओं और प्रबुद्धजनों ने मंगलवार को ऐतिहासिक चौगान दरवाजे पर आतिशबाजी कर व मिठाई बांटी। बूंदी भाजपा के जिला महामंत्री सुरेश अग्रवाल ने कहा कि पहले कार्यकाल में लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने बूंदी के बड़े हिस्से को वन क्षेत्र से मुक्ति दिलवाई। दूसरे कार्यकाल में रामगढ़ को टाइगर रिजर्व बनवा दिया। एक सच्चे प्रतिनिधि की यही भूमिका होती है। क्षेत्र की जनता की तकलीफों को दूर करें और उनके विकास की भी राह खोले। बूंदी आने वाले वर्षों में आज का बूंदी नहीं रह जाएगा। शहर अध्य्क्ष महावीर खंगार ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष बिरला के प्रयासों से बूंदी को रामगढ़ टाइगर रिजर्व की सौगात बड़ी खुशखबरी है। यह बाघ की दहाड़ की स्वीकृति नहीं बूंदी के अभूतपूर्व विकास का संदेशा है। पिछले सात सालों में बिरला ने बूंदी के लिए जो किया, वह पिछले 70 सालों में नहीं हुआ। पार्षद मानस जैन ने कहा कि ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष बिरला के प्रयास जल्द रंग लाएंगे। रामगढ़ में बाघ आने के बाद बूंदी शहर का नक्शा बदल जाएगा। यहां के विकास को पंख लगेंगे, पर्यटन नई ऊंचाइयों को छुएगा। बड़े स्तर पर निवेश आने का मार्ग प्रशस्त होगा। इससे बूंदी के लोगों को रोजगार भी मिलेगा और यहां का व्यापार भी फलेगा-फूलेगा। इस अवसर पर भाजपा शहर महामंत्री मोहन किराड़, शहर उपाध्यक्ष जितेन्द्र हाड़ा, पार्षद संदीप यादव, नवीन सिंह, बालकिशन सोनी, ओम जांगिड़, महावीर मीणा, हरिशंकर सैनी, रमेश हाड़ा, संजय भूटानी, राजेश शेरगडिय़ा, निर्मल मालव, मौजी नुवाल, अमित शर्मा, गौरव भटनागर आदि मौजूद थे। |
Wednesday 07 July 2021 04:10 PM UTC+00 सेवानिवृत शिक्षिका की हत्या की जांच में जुटी पुलिस शव का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया नैनवां. नैनवां कस्बे के वार्ड दस निवासी 68 वर्षीय सेवानिवृत शिक्षिका शांता स्वर्णकार के शव का पुलिस ने मंगलवार को मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया। शांता स्वर्णकार मकान में अकेली रहती थी। जिसका शव सोमवार शाम को उसके ही मकान में बेडशीट में बंधा मिला था। पुलिस ने मंगलवार सुबह शव को नगरपालिका के सफाई कर्मियों के सहयोग से मकान से उठवाकर पोस्टमार्टम के लिए चिकित्सालय पहुंचाया व तीन चिकित्सकों के मेडिकल बोर्ड से शव का पोस्टमार्टम करवाया। हत्या का मामला दर्ज कर पुलिस जांच में जुटी हुई है। मंगलवार को पुलिस ने मकान का सर्च करने के साथ ही वारदात का मौका देखा। एफएसएल व एमओबी टीम ने भी मौका देखा और मकान से साक्ष्य लिए। थानाधिकारी बृजभानसिंह ने बताया कि मकान में पूरे कमरों का सर्च कर लिया है। मकान से नकदी या जेवरात चोरी नहीं गए हंै। हत्या के कारणों की जांच की जा रही है। बेड शीट में बंधे मिले शव पर जाहिरा कोई चोट के निशान नहीं थे। शव तीन से चार दिन पुराना होने से पूरी तरह फूल चुका था। प्रथम दृष्टया मुंह व नाक दबाकर हत्या करना सामने आ रहा है। घटना के समय मृतका ने हत्या करने वाले से संघर्ष भी करना लग रहा है। थानाधिकारी ने बताया कि मृतका ने एक युवक को गोद ले रखा था। वह भीलवाड़ा रहता है, जो चार दिन पूर्व नैनवां आया था। युवक ने अपना मोबाइल बंद कर रखा है। जिससे वो भी शंका के दायरे में है। जिसकी भी तलाश जारी है। |
Wednesday 07 July 2021 04:13 PM UTC+00 मशीनें लगाकर रात-रातभर मिट्टी निकाली, अब बांध में सीपेज की बनी रहेगी आशंका पत्र की प्रति प्रमुख शासन सचिव व पुलिस महानिदेशक को भी भेजी बूंदी. हाड़ौती का गोवा के नाम से पहचान बना चुके डेढ़ सौ साल पुराने बरधा बांध की सुरक्षा का मुद्दा गर्मा गया। यहां बांध के पेटे से निकाली सैकड़ों डम्पर मिट्टी के बाद किसानों और आमजन का गुस्सा कम नहीं हो रहा। भाजपा नेता जितेन्द्र सिंह हाड़ा एवं रमेश हाड़ा ने इस मसले में दखल के लिए मंगलवार को मुख्यमंत्री के नाम पत्र भेजा है। पत्र में दोनों नेताओं ने बताया कि बांध ब्रिटिश गवर्नर ने सिंचाई के लिए बनाया था। बांध से आज भी दो दर्जन से अधिक गांवों के काश्तकारों के खेतों में सिंचाई होती है। यहां रात होते ही खनन माफिया सक्रिय हो रहे हैं। मिट्टी निकालने के बाद गहरी खाइयां हो गई। बड़ी मशीनें लगाकर रात-रातभर मिट्टी निकाली, जिससे बांध में सीपेज की आशंका बन गई। पत्र में बताया कि इस मामले में आस-पास के किसान लगातार अवैध खनन की जिम्मेदार अधिकारियों को जानकारी देते रहे, लेकिन प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई। काश्तकारों ने बूंदी पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किए, तब मिट्टी खनन थमा। पत्र में बताया कि मिट्टी खनन करने वाले ठेकेदारों के खिलाफ लिखित में शिकायत दी थी, लेकिन पुलिस ने इनके खिलाफ नामजद प्रकरण दर्ज नहीं किया। इस बांध की मिट्टी कोटा ले जाई गई, ऐसे में सेंपल लेकर जांच हो। बाद में संबंधित ठेकेदारों पर बिना एसटीपी मिट्टी खोदने के मामले में कार्रवाई करने के साथ-साथ वसूली की जाए। बांध के नजदीक क्रेशर लगाने की भी पत्र में जानकारी दी गई। क्रेशर से बांध को सीधे तौर पर नुकसान होगा। साथ ही बताया कि क्र्रेशर के लिए बांध के भीतर से बिजली के पोल लगाने की तैयारी हो रही बताई, जिससे यहां आने वाले सैकड़ों पर्यटकों के जीवन पर खतरा रहेगा। पत्र की प्रति प्रधानमंत्री कार्यालय, प्रमुख शासन सचिव, पुलिस महानिदेशक एवं पर्यावरण विभाग को भी भेजी गई। |
Wednesday 07 July 2021 04:15 PM UTC+00 वन्यजीवों के घर में हो रहा अवैध खनन, रात में चलते हैं ट्रैक्टर ट्रॉली बसोली. वन्यजीवों से भरपूर वन क्षेत्र में भी अवैध खनन करने वालों की नजर पड़ गई है। बसोली क्षेत्र के दुर्वासा महादेव के पास वन भूमि पर अवैध खनन तेजी से बढ़ रहा है। अवैध खनन को लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने कई बार वन विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों को मौखिक में अवगत करवाया, लेकिन विभाग द्वारा अवैध तरीके से पत्थर निकाल कर ले जाने वाले ट्रैक्टर ट्रॉली चालकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिसके चलते इन लोगों ने अवैध खनन का दायरा बढ़ा दिया एवं जगह-जगह अवैध खनन पर वन संपदा को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। एक और वन विभाग द्वारा क्षेत्र को रामगढ़ टाइगर रिजर्व से जोडऩे की तैयारी चल रही है। दूसरी ओर अवैध खनन करने वाले लोग सक्रिय हो गए हैं। दुर्वासा महादेव वाले रास्ते के दोनों तरफ 1 किलोमीटर दूरी तक अवैध खनन कर जगह-जगह गड्ढे बना दिए गए हैं। इस मामले में ग्रामीणों ने बताया कि यहां पहले कभी भी अवैध खनन नहीं हुआ था, लेकिन 1 महीने से अवैध खनन एवं लकडिय़ां काटने का काम शुरू हुआ है, जो रात में चलता है। इसके साथ साथ वन क्षेत्र में स्थित नदी नालों से अवैध बजरी का परिवहन भी किया जा रहा है। अवैध खनन करने वाले लोगों के खिलाफ समय-समय पर कार्रवाई की जाती है। यहां पर अवैध खनन हुआ है तो खनन करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। दीपक जासू, रेंजर हिण्डोली |
Wednesday 07 July 2021 04:17 PM UTC+00 जल संकट को लेकर फूटा आक्रोश, कलक्ट्रेट में दिया धरना भाजपा कार्यकर्ता एवं आमजन ने निकाली रैली 7 दिन में सुधार के आश्वासन पर माने बूंदी. शहर में उपजे जल संकट को लेकर मंगलवार को आमजन एवं भाजपा कार्यकर्ताओं का आक्रोश फूट पड़ा। यहां रैली निकाली और कलक्ट्रेट में विरोध प्रदर्शन किया। शहर भाजपा वरिष्ठ उपाध्यक्ष अशोक जैन ने तीन दिन पहले चेतावनी दी थी कि व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ तो कलक्टर कक्ष के बाहर धरना देंगे। जब इस चेतावनी के बाद भी जलापूर्ति व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ तो भाजपाइयों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। परिसर में लगे गेट पर एक घंटे से अधिक देरी तक विरोध प्रदर्शन किया। प्रशासन और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान प्रदर्शनकारी खाली मटकियां भी लेकर आए थे। यहां भाजपा कार्यकर्ताओं ने कहा कि 24 घंटे की जगह 48 और 72 घंटे में जलापूर्ति हो रही। ऐसे में जन सामान्य का एक-एक दिन निकालना मुश्किल हो गया। धरना स्थल को जैन, भाजपा जिला महामंत्री सुरेश अग्रवाल, नगर परिषद नेताप्रति पक्ष मुकेश माधवानी, निर्मल मालव ने संबोधित किया। जैन ने कहा कि पानी के लिए शहर में त्राहि-त्राहि मच रही, लेकिन अधिकारी सुनवाई नहीं कर रहे। कई मोहल्लों में तो पीने का पानी पहुंचे ही कई दिन हो गए। अभियंताओं पर प्रशासन का कोई नियंत्रण नहीं रहा। अतिरिक्त जिला कलक्टर ने पहुंचकर समझाइश भी, लेकिन रोष कम नहीं हुआ। बाद में प्रतिनिधि मंडल जिला कलक्टर से मिला। जिन्होंने सात दिवस की अवधि में सुधार कराए जाने का भरोसा दिया। इस दौरान पार्षद मनीष सिसोदिया, शहर अध्यक्ष महावीर खंगार, करणशंकर, कल्पना सेन, मनीष सेन, संजय भूटानी, बालकिशन सोनी, सरोज अग्रवाल, रमेश हाड़ा, मीना कुमारी, जितेंद्र सिंह, प्रेम जांगिड़, लोकेश दाधीच, अनुराग गौतम, जितेन्द्र सिंह हाड़ा आदि सहित कई जने मौजूद थे। पीने के पानी के लिए करनी पड़ रही है भागदौड़ हैडपंप पर खाली बर्तन रखकर जताया रोष भण्डेड़ा. क्षेत्र के सादेड़ा गांव में ग्रामीणों को चार वर्ष से पीने के पानी के लिए हर रोज भाग दौड़ करनी पड़ रही है। ग्रामीण मशक्कत करके अपनी प्यास बुझा रहे हैं। ग्रामीण पीने का पानी या तो संगमेश्वर (समेला) महादेव के हैंडपंप पर जाकर लाते हैं या कुएं व खेतों पर लगे नलकूप पर दो से तीन किलोमीटर जाकर पानी जुटाते हैं। महिलाओं का कहना है कि गांव में पांच वर्ष पहले तीन मोहल्लों में लगे तीनों हैंडपंप में मीठा पानी आता था तो उसी से पानी जुटाते थे। तीनों हैंडपंप में अचानक चार वर्षों से पानी खारा व कड़वा लगने लग गया। इस समय भी हैंडपंप में पानी है, लेकिन पीने लायक नहीं होने से परेशानी हो रही है। ग्रामीणों ने जल्द इस समस्या के स्थाई निवारण की मांग की है। ताकि आमजन को भी पीने का पानी सुगमतापूर्वक उपलब्ध हो सके। |
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