>>: Digest for July 08, 2021

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Table of Contents

सीकर. पिछले एक पखवाड़े से ठहरे मानसून को आगे बढ़ाने के लिए स्थितियां अनूकुल होने लगी है। प्रदेश सहित शेखावाटी में अगले 48 घंटे बाद मानसून के सक्रिय होने की उम्मीद है। मौसम विभाग के अनुसार मानसून के दस जुलाई से आगे बढऩे लगेगा। ऐसे में जुलाई माह के तीसरे हफ्ते में प्रदेश में अच्छी झमाझम होने के संकेत मिल रहे हैं। इस बीच प्रदेश के कुछ जिलो में छिटपुट बारिश हो सकती है। सीकर में मंगलवार को तापमान फिर बढ़ा और उमस और गर्मी का जोर रहा। दोपहर बाद आंशिक बादल छाए और बादलों की गर्जना सुनाई दी। पूर्वी हवाएं चलने से शाम को मौसम सुहाना रहा। फतेहपुर में अधिकतम तापमान डिग्री 39 और न्यूनतम तापमान 25 डिग्री दर्ज किया गया। सीकर में न्यूनतम तापमान 25 डिग्री, चूरू में न्यूनतम तापमान 25.2 डिग्री रहा।

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पशुचारे की चिंता, बढ़े भाव
खरीफ सीजन में बारिश आधारित फसलों की बुवाई की जाती है। खुद के अनाज सहित पशुओं के लिए प्रमुख फसल बाजरे की बुवाई बारानी खेतों में होती है। बाजरे की बुवाई समय पर हो जाए तो वर्ष भर पशुओं को चारे की किल्लत से रूबरू नहीं होना पड़ता है। वहीं खुद के खाने लायक अनाज भी हो जाता है। प्रगतिशील किसान शिशुपाल सिंह के अनुसार इस बार बारिश नहीं होने से पशु चारा कडबी के भाव बढ़ रहे हैं। चारागाहों में घास खत्म होती जा रही है। समय पर बारिश नहीं हुई तो मनुष्यों के लिए अनाज के दूसरे विकल्प मिल जाएंगे लेकिन पशुओं का क्या होगा।

सीकर/पाटन. राजस्थान के सीकर जिला के पाटन कस्बे के रैया का बास गांव में 20 दिन पहले युवक की गोली मारकर हत्या करने के मुख्य आरोपी को पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया है। हत्या की वारदात हिस्ट्रीशीटर राजू रैला की पिछले वर्ष हुई हत्या का बदला लेने के लिए की गई थी। मृतक बजरंग उर्फ भजिया हिस्ट्रीशीटर राजू रेला की हत्या का आरोपी था। थानाधिकारी बृजेश सिंह तंवर ने बताया कि 15 जून को रैया का बास गांव निवासी बजरंग उर्फ भजिया अपने घर के बाहर बैठा था, जिसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने इस मामले के मुख्य आरोपी नरेंद्र उर्फ चोरू की तलाश में कोटपूतली, बानसूर, बहरोड, जैनपुर बास, पहाड़ी, मोरदा, पनियाला समेत अनेक स्थानों पर दबिश दी थी। नरेंद्र उर्फ चोरू को रायपुर मोड से लादी का बास जाने वाली सडक़ के पास स्थित जोहड़े की झाडिय़ों से गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी नरेंद्र के खिलाफ लूट, डकैती, आम्र्स एक्ट व मारपीट के 5 मामले पहले से दर्ज हैं।

सीकर. राजस्थान के सीकर जिला के तारपुरा गांव में सामाजिक प्रथा 'आटा-साटा' के फेरों के पेंच में फंसी सुभिता की शादी भाजपा के लिए अब मुद्दा बन गई है। धरने पर बैठे नौ लोगों की गिरफ्तारी के बाद मौके पर पहुंचे सांसद सुमेधानंद सरस्वती और जिलाध्यक्ष इंदिरा चौधरी ने इसे पीडि़त परिवार के साथ पलिस का अन्याय बताते हुए बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी दी है। इस बीच पत्रिका ने पुलिस अधिकारियों से मामले की जांच पर बात की तो पुलिस भी धाराओं के पेंच में फंसी नजर आई। पुलिस की ओर से यह मामला 3/4 दहेज प्रतिषेद अधिनियम और धारा 504 के तहत दर्ज किया गया है। जिसमें गिरफ्तारी से पहले धारा 41 ए के तहत नोटिस देने का प्रावधान है। दादिया थाना पुलिस की टीम मंगलवार को बुगाला गांव भी पहुंची, लेकिन पुलिस को दूल्हा अजय और उसका पिता घर पर नहीं मिले। हालांकि आटा-साटा के तहत बुधवार को अजय के परिवार की दो बहनों की शादी बताई जा रही है। उनकी बरात अजय के दूसरे ससुराल बजावा से आएगी।
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यहां है शादियों की गुत्थम-गुत्थी
तारपुरा में फेरों से पहले बारात के लौटने के लौटने के मामले में शादियों की गुत्थम-गुत्थी है। पहले तारपुरा गांव निवासी किसान सुरजाराम जांगिड़ की बेटी सुभीता की बुगाला से तीन जुलाई को बारात आई। जो विवाद होने पर फेरों से पहले ही लौट गई। इसके बाद सुभीता के भाई पंकज की शादी बजावा गांव निवासी जिस कंचन से होनी थी, सोमवार को अजय ने उससे शादी कर ली। अब उसी कंचन के दो भाई वीरेन्द्र व जितेन्द्र बुधवार को अजय की दो बहनों को प्रियांशु व किस्मत की शादी तय बताई जा रही है।
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सत्ता के बल पर आवाज को नहीं दबाने देंगे-सांसद
सांसद सुमेधानंद सरस्वती का कहना है कि लोकतंत्र में अपनी मांग रखने के लिए थाने के बाहर धरना देना गलत नहीं है। सत्ता के बल पर न्याय के लिए उठने वाली आवाज को नहीं दबाने दिया जाएगा। इस मामले में गरीब परिवार से दहेज में गाड़ी और रुपए की मांग की गई। बाद में बारात लेकर चले गए। दुल्हन बनी युवती न्याय के लिए दो दिन तक थाने के चक्कर काटती रही। उसकी एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई। अब पुलिस के उच्चाधिकारियों को बरगलाया जा रहा है। इस मामले में न्याय नहीं मिलने पर बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
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हम न्याय के लिए मजबूती से लड़ेंगे-भाजपा जिलाध्यक्ष
भाजपा जिला अध्यक्ष इंदिरा चौधरी का कहना है कि पुलिस ने शांति से टेंट लगाकर बैठे पीडि़त परिवार के टेंट को उखाडकऱ उकसाने की कार्रवाई की है। इस मामले में पुलिस का संवेदनहीन चेहरा सामने आया है। स्थिति यह है कि पुलिस की ढिलाई के चलते फेरे छोडकऱ जाने वाले दूल्हे ने दूसरी शादी भी कर ली। पुलिस दोषी दूल्हे व उसके परिजनों के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय पीडि़त आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है। हम पीडि़त परिवार के साथ है और न्याय के लिए मजबूती से लड़ेंगे।
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दूल्हा घर से गायब, आज उसकी दो बहनों की शादी
मामला तूल पकडऩे पर मंगलवार को दादिया पुलिस आरोपी दूल्हे अजय के घर पहुंची। लेकिन पुलिस को अजय और उसके पिता महेश जांगिड़ नहीं मिले। खास बात ये भी है कि अजय ने सोमवार को बजावा गांव में जिस कंचन से शादी की थी उसके दो भाइयों की शादी बुधवार को अजय की दो बहनों से होना भी तय है।
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एसपी बोले: जांच के बाद होगी स्पष्ट, अभी कैसे हो गिरफ्तारी
'आटे-साटे' की शादी में वरमाला के बाद बारात का वापस लौटना भले ही एक परिवार की मान-मर्यादा का बड़ा सामाजिक मुद्दा हो, लेकिन कानून की नजर में यह मामला अभी धाराओं के फेर में उलझा है। पत्रिका ने पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप से इस मामले में गहराई से बात की तो उनका कहना है कि मामले की जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। एसपी का कहना है कि जांच में गिरफ्तारी का अपराध सामने आता है तो पुलिस तत्काल कार्रवाई करेगी, लेकिन अभी तक दर्ज मामले में आरोपी की गिरफ्तारी का प्रावधान नहीं है। हालांकि आरोपी दूल्हे अजय से पूछताछ करने के लिए पुलिस टीम गई तो वह पुलिस को नहीं मिला।
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यह है मामला
3/4 दहेज प्रतिषेद अधिनियम और धारा 504 में दर्ज है। इसमें तीन परिवारों के बीच आपस में लडक़ा-लडक़ी की शादी कर संबंध करना तय हुआ है। ऐसे में सभी परिवारों की जांच की जाएगी की किस शादी में कितना दहेज दिया गया। दूसरा यह भी है कि दहेज के मामलों में सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के अनुसार गिरफ्तारी से पहले धारा 41 के तहत नोटिस देकर अपना पक्ष रखने के लिए सात दिन का समय दिया जाता है। आरोपी पक्ष की ओर से सहयोग नहीं करने पर ही गिरफ्तारी की कार्रवाई की जाती है। दूसरी शादी कानून की नजर में विवाहेतर संबंध की श्रेणी में आती है। इसमें पुलिस कोई मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करती। ऐसे मामलों में कार्रवाई का अधिकार न्यायालय का होता है। पुलिस का काम न्यायालय को सूचना देने का है। लेकिन मामले की सच्चाई पुलिस की जांच पूरी होने पर ही सामने आ सकेगी।

सीकर. उच्च शिक्षा विभाग की ओर से परीक्षाओं को अनलॉक करने के लिए जारी गाइडलाइन ने प्रदेश के विद्यार्थियों की मुसीबत और बढ़ा दी है। खुद विद्यार्थियों की ओर से सरकार की नीति पर सवाल भी उठाए जा रहे हैं। विद्यार्थियों का कहना है कि सरकार ने द्वितीय वर्ष की परीक्षाएं दिसम्बर तक कराने का ऐलान किया है। जबकि नया शैक्षिक सत्र दस जुलाई से शुरू हो रहा है। ऐसे में विद्यार्थियों की पीड़ा है कि वह अब वह कौनसे वर्ष की पढ़ाई करें...। विद्यार्थियों का कहना है कि सरकार जब तृतीय वर्ष की परीक्षाएं इसी महीने करा सकती है तो अन्य परीक्षाओं की तैयारी के लिए इतना समय क्यों दिया गया है। इसके अलावा छात्र संगठनों की ओर से पहले वैक्सीनेशन कराने और इसके बाद ही परीक्षाएं कराने की मांग भी की जा रही है। इस मामले में अब प्रदेशभर के विद्यार्थी लामबंद होने भी लगे है। विद्यार्र्थियों ने जल्द आंदोलन करने का ऐलान भी किया है।
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यह बताया फॉर्मूला और विद्यार्थियों की यह पीड़ा:
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प्रथम वर्ष:
स्नातक प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को 10 वीं एवं 12 परीक्षाओं में प्राप्त अंकों के औसत के आधार पर अंक देकर प्रमोट किया जाएगा। विद्यार्थियों को दस जुलाई से अगली कक्षाओं में प्रवेश देना शुरू कर दिया जाएगा। स्नातकोत्तर पूर्वाद्र्ध के विद्यार्थियों को अस्थाई रूप से अगली कक्षा में प्रवेश इसी महीने दिया जाएगा। हालात सामान्य होने पर परीक्षाएं कराकर दिसम्बर तक परिणाम घोषित किया जाएगा। विद्यार्थियों का तर्क है कि स्नातकोत्तर वाले विद्यार्थियों को भी प्रमोट किया जान चाहिए था।
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द्वितीय वर्ष व तृतीय वर्ष
स्नातक द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को अस्थाई आधार पर अगली कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा। दस जुलाई से ऑनलाइन क्लास शुरू होगी। द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों की परीक्षाएं सुविधानुसार ऑब्जेक्टिव या डिस्क्रेप्टिव पैटर्न पर कराई जाएगी। परिणाम 31 दिसम्बर तक जारी करने का दावा किया गया है। स्नातक व स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष की परीक्षाएं जुलाई या अगस्त महीने में कराई जाएगी। परिणाम 30 सितम्बर तक जारी करने का दावा किया गया है। विद्यार्थियों का कहना है कि पहले वैक्सीनेशन के इंतजाम सरकार को करने चाहिए।
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परीक्षाओं के बाद शुरू हो नया सत्र: विद्यार्थी परिषद
कॉलेज शिक्षा की ओर से एक तरफ दस जुलाई से नया सत्र शुरू करने की तैयारी है। जबकि द्वितीय वर्ष की परीक्षाएं दिसम्बर तक कराने की बात कही है। इस कारण प्रदेशभर के विद्यार्थी अजीब दुविधा में फंसे हुए है। उच्च शिक्षा विभाग को पुराने सत्र की परीक्षाएं होने के बाद ही नए सत्र की कक्षाएं शुरू करनी चाहिए।
मनोज धानियां, जिला प्रमुख, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद
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पहले वैक्सीनेशन फिर हो परीक्षाएं: एसएफआई
उच्च शिक्षा विभाग के फॉर्मूले ने विद्यार्थियों की मुसीबत बढ़ा दी है। सरकार को इसमें कई बदलाव करने चाहिए। अभी तक ज्यादातर युवाओं के वैक्सीन नहीं लगी है। ऐसे विद्यार्थियों की परीक्षा के लिए अलग से पॉलिसी बनानी होगी। एक समय में विद्यार्थी एक ही ईयर की पढ़ाई कर सकता है। ऐसे में पहले पुराने सत्र की परीक्षा करानी होगी। इसके बाद नए सत्र की पढ़ाई शुरू हो।
विजेन्द्र ढाका, जिला सचिव, एसएफआई

सीकर/गणेश्वर. राजस्थान के सीकर जिला के नीमकाथाना कस्बे के गांव गणेश्वर में बुधवार को सुबह सडक़ पार कर रही बच्ची को डंपर ने टक्कर मार दी। हादसे में बालिका गंभीर रुप से घायल हो गई। ग्रामीणों ने सातवर्षीय घायल बच्ची गोलू को राजकीय कपिल अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां चिकित्सकों ने उसे गंभीर हालत में जयपुर रेफर कर दिया। जयपुर में बच्ची की उपचार के दौरान मौत हो गई। वहीं गांव में घटना को लेकर ग्रामीणों ने नीमकाथाना-चीपलाटा सडक़ मार्ग जाम कर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। सूचना से मौके पर पहुंचे पुलिस उपाधीक्षक गिरधारीलाल शर्मा को महिलाओं के विरोध का सामना करना पड़ा। मामला बढ़ता देख पुलिस को मौके पर अतिरिक्त जाब्ता बुलाना पड़ा है। जानकारी के अनुसार हरजनपुरा-बासड़ी निवासी सातवर्षीय गोलू अपनी मां संतोष के साथ कालीकाला चार-पांच दिनों से ननिहाल आई हुई थी। बुधवार को सुबह वह पड़ोस में स्थित घर से छाछ लेकर वापस अपने घर आ रही थी। इसी दौरान नीमकाथाना से चीपलाटा की तरफ तेज स्पीड से जा रहे डंपर ने उसको टक्कर मार दी। हादसे में बालिका का एक हाथ कटकर मौके पर ही गिर गया। मां संतोष बेटी के कटे हाथ को लेकर विलाप करने लग गई। सूचना से घटना स्थल पर तुरंत सैंकड़ों ग्रामीण एकत्रित हो गए। ग्रामीणों ने सडक़ पर पत्थर व छड़ी डालकर जाम लगा गया। इस दौरान सडक़ के दोनों तरफ वाहनों की लंबी लाइन लग गई। घटना के बाद डंपर को मौके पर छोडकऱ भाग रहे चालक को ग्रामीणों ने करीब दो किलोमीटर पीछा कर पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया।
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मुआवजा देने की मांग पर अड़े ग्रामीण
जाम लगाए हुए बैठे प्रदर्शनकारियों का कहना है कि परिवार की हालत गरीब है। उनको सरकार की ओर से उचित मुआवजा दिलाया जाए। प्रदर्शनकारियों को समझाइश कर रास्ता खुलवाने की कोशिश कर रहे पुलिस अधिकारियों की ग्रामीण एक नहीं मान नहीं रहे है। पुलिस ने शहर कोतवाली, थोई थाना से भी अतिरिक्त जाब्ता मौके पर बुला लिया है।
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मां के साथ ननिहाल आई हुई थी बालिका
घायल बालिका चार-पांच दिनों पहले ही अपनी मां संतोष के साथ हरजनपुरा बासड़ी से कालीकाला अपने ननिहाल आई हुई थी। ग्रामीणों का आरोप है कि तेज स्पीड से चलते डपंरों पर कार्रवाई करने के लिए ग्रामीणों ने प्रशासन को कई बार अवगत करवा दिया। मगर उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
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12 दिन पहले भी ट्रक व जीप की टक्कर में एडवोकेट की मौत हो गई थी
गणेश्वर में इसी सडक़ मार्ग पर करीब 12 दिन पहले कंजर बस्ती के पास घुमाव में ट्रक व जीप की भिड़त में न्यौराणा निवासी एडवोकेट लक्ष्मीनारायण शर्मा की मौत हो गई थी। बावजूद प्रशासन को इस मार्ग पर हैवी वाहनों की स्पीड पर कोई नियंत्रण नहीं करवा पा रहा है। जबकि इस रोड पर जगह-जगह आबादी क्षेत्र है।
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तीन घंटे बाद पुलिस अधिकारियों के आश्वासन पर खोला जाम
नीमकाथाना सडक़ मार्ग पर जाम लगाकर विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों को पुलिस उपाधीक्षक गिरधारीलाल शर्मा ने परिवार को उचित मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया। सहमत हुए ग्रामीणों ने करीब 3 घंटे बाद जाम खोल दिया।
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इनका कहना है....
सदर थाना में पीडि़त परिवार की एफआईआर दर्ज की जा रही है। ग्रामीणों ने मौके पर डंपर व चालक को पकड़ लिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
गिरधारीलाल शर्मा, पुलिस उपाधीक्षक, नीमकाथाना

सीकर. सरकारी विभागों में नई भर्ती के जरिए रिक्त पदों को भरने की कवायद चल रही है वहीं प्रदेश में पिछले दो साल से पशु चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती प्रक्रिया लम्बित है। जबकि राजस्थान लोक सेवा आयोग की इस भर्ती की परीक्षा भी हो गया और परिणाम भी जारी कर दिया गया। इस संबंध में इस संबंध में अनुसूचित जाति पशु चिकित्सक संघ राजस्थान ने मुख्यमंत्री, पशुपालन मंत्रभ् सहित विभागीय अधिकारियों को ज्ञापन देकर लम्बित भर्ती प्रक्रिया को पूरी करवाने और पशुपालन विभाग की ओर से की जाने वाली पशु चिकित्सा अधिकारियों की यूटीबी भर्ती निरस्त करने की मांग की है। संघ के अध्यक्ष डा वीरेन्द्र वर्मा ने बताया कि इस भर्ती आरपीएसी की ओर से प्रभावी कार्रवाई नहीं करने के कारण साक्षात्कार नहीं हो रहे हैं जबकि पशुपालन विभाग ने इस भर्ती प्रक्रिया में देरी का कारण मानते हुए तीन सौ पदों पर यूटीबी बेसिस पर भर्ती करने के लिए विज्ञप्ति जारी कर चुका है। आरक्षित बेरोजगारों के हितों को देखते हुए इस मामले लम्बित भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाए या यूटीबी भर्ती में भी नियमानुसार आरक्षित पद रखे जाए।

सीकर. पेट्रोल डीजल रसोई गैस की कीमतों को लेकर बुधवार कांग्रेस सडक़ों पर उतर आई। इस दौरान महिला कांग्रेस के बैनर तले केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ थाली चम्मच बजाकर चूल्हे पर रोटी बनाकर एव ऊंटगाड़ी पर बैठकर प्रदर्शन किया गया। इस मौके पर महंगाई को लेकर कांग्रेसजनों ने केंद्र की भाजपा सरकार को जमकर आड़े हाथों लिया। जिला कांग्रेस अध्यक्ष पीएस जाट ने केंद्र की मोदी सरकार को महंगाई का जनक बताते हुए कहा कि मोदी राज में मंहगाई भी डायन से डायनासोर हो गई है। एक तो देश कोरोना जैसे महामारी से जूझ रहा था। इस पर महंगाई से जनता त्रस्त है। महिला कांग्रेस जिला अध्यक्ष पूरण कंवर ने कहा कि मंहगाई की वजह से रसोई का पूरा बजट बिगड़ गया है। इसके चलते महिलाओं में आक्रोश है। सभा को नगर परिषद सभापति जीवण खां व कृषि मंडी की पूर्व चेयरमैन सोनम वर्मा सहित कई वक्ताओं ने संबोधित किया। इस मौके पर उपसभापति अशोक चौधरी, युवा कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश झीगर सोशल मीडिया संयोजक गोविन्द पटेल, जिला परिषद सदस्य उर्मिला धायल,पूर्व जिला परिषद सदस्य सुनीता गठाला, अनिता चौधरी, मंजू जाखड़, सरला दानोदिया, संतोष जाखड़, माया शर्मा, साबिरा बानो, संतोष राव, विमला शर्मा, अनिता पारीक, महेंद्र जाखड़, अनिल बुरडक़, मुकंद तिवाड़ी, पार्षद पप्पू पहलवान, अनिल चौधरी, अबरार रंगरेज, अब्दुल रज्जाक पंवार, राजेन्द्र झूरिया, रविकांत तिवाड़ी, जब्बार भाटी सहित काफी कार्यकर्ता मौजूद थे।


सीकर.
उच्च शिक्षा विभाग की ओर से परीक्षाओं को अनलॉक करने के लिए जारी गाइडलाइन ने प्रदेश के विद्यार्थियों की मुसीबत और बढ़ा दी है। खुद विद्यार्थियों की ओर से सरकार की नीति पर सवाल भी उठाए जा रहे हैं। विद्यार्थियों का कहना है कि सरकार ने द्वितीय वर्ष की परीक्षाएं दिसम्बर तक कराने का ऐलान किया है। जबकि नया शैक्षिक सत्र दस जुलाई से शुरू हो रहा है। ऐसे में विद्यार्थियों की पीड़ा है कि वह अब वह कौनसे वर्ष की पढ़ाई करें...। विद्यार्थियों का कहना है कि सरकार जब तृतीय वर्ष की परीक्षाएं इसी महीने करा सकती है तो अन्य परीक्षाओं की तैयारी के लिए इतना समय क्यों दिया गया है। इसके अलावा छात्र संगठनों की ओर से पहले वैक्सीनेशन कराने और इसके बाद ही परीक्षाएं कराने की मांग भी की जा रही है। इस मामले में अब प्रदेशभर के विद्यार्थी लामबंद होने भी लगे है। विद्यार्र्थियों ने जल्द आंदोलन करने का ऐलान भी किया है।

यह बताया फॉर्मूला और विद्यार्थियों की यह पीड़ा:

प्रथम वर्ष:
स्नातक प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को 10 वीं एवं 12 परीक्षाओं में प्राप्त अंकों के औसत के आधार पर अंक देकर प्रमोट किया जाएगा। विद्यार्थियों को दस जुलाई से अगली कक्षाओं में प्रवेश देना शुरू कर दिया जाएगा। स्नातकोत्तर पूर्वाद्र्ध के विद्यार्थियों को अस्थाई रूप से अगली कक्षा में प्रवेश इसी महीने दिया जाएगा। हालात सामान्य होने पर परीक्षाएं कराकर दिसम्बर तक परिणाम घोषित किया जाएगा। विद्यार्थियों का तर्क है कि स्नातकोत्तर वाले विद्यार्थियों को भी प्रमोट किया जान चाहिए था।

द्वितीय वर्ष व तृतीय वर्ष
स्नातक द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को अस्थाई आधार पर अगली कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा। दस जुलाई से ऑनलाइन क्लास शुरू होगी। द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों की परीक्षाएं सुविधानुसार ऑब्जेक्टिव या डिस्क्रेप्टिव पैटर्न पर कराई जाएगी। परिणाम 31 दिसम्बर तक जारी करने का दावा किया गया है। स्नातक व स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष की परीक्षाएं जुलाई या अगस्त महीने में कराई जाएगी। परिणाम 30 सितम्बर तक जारी करने का दावा किया गया है। विद्यार्थियों का कहना है कि पहले वैक्सीनेशन के इंतजाम सरकार को करने चाहिए।

परीक्षाओं के बाद शुरू हो नया सत्र: विद्यार्थी परिषद
कॉलेज शिक्षा की ओर से एक तरफ दस जुलाई से नया सत्र शुरू करने की तैयारी है। जबकि द्वितीय वर्ष की परीक्षाएं दिसम्बर तक कराने की बात कही है। इस कारण प्रदेशभर के विद्यार्थी अजीब दुविधा में फंसे हुए है। उच्च शिक्षा विभाग को पुराने सत्र की परीक्षाएं होने के बाद ही नए सत्र की कक्षाएं शुरू करनी चाहिए।

मनोज धानियां, जिला प्रमुख, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद

पहले वैक्सीनेशन फिर हो परीक्षाएं: एसएफआई
उच्च शिक्षा विभाग के फॉर्मूले ने विद्यार्थियों की मुसीबत बढ़ा दी है। सरकार को इसमें कई बदलाव करने चाहिए। अभी तक ज्यादातर युवाओं के वैक्सीन नहीं लगी है। ऐसे विद्यार्थियों की परीक्षा के लिए अलग से पॉलिसी बनानी होगी। एक समय में विद्यार्थी एक ही ईयर की पढ़ाई कर सकता है। ऐसे में पहले पुराने सत्र की परीक्षा करानी होगी। इसके बाद नए सत्र की पढ़ाई शुरू हो।
विजेन्द्र ढाका, जिला सचिव, एसएफआई


सीकर.
लगाता पेयजल किल्लत से जूझ रहे शहरवासियों के लिए सरकार ने अब राहत दी है। शहर में तीन उच्च जलाशय व दस ट्यूबवैल के लिए सरकार ने 10.71 करोड़ का बजट जारी किया है। इससे 20 हजार से अधिक परिवारों को सीधे तौर पर राहत मिल सकेगी। इलाके में लगातार पेयजल समस्या बढऩे पर स्थानीय लोगों की ओर से विधायक को समस्या के बारे में बताया गया था। इस पर विधायक ने जलदाय विभाग को प्रस्ताव भेजा था। इसकी स्वीकृति अब जारी हो गई है। विधायक राजेन्द्र पारीक ने बताया कि सीकर शहर में नेहरू पार्क के पास स्थित शास्त्री नगर, आरटीओ ऑफिस के पास व होम्योपैथी अस्पताल के पास उच्च जलाशय का निर्माण होगा। इसके अलावा शहर में पेयजल भंडारण के लिए भी दो लाख लीटर की क्षमता का स्टोरेज टैंक अलग से बनाया जाएगा।

सप्लाई विरतण व्यवस्था भी बदलेगी
शहर में तीन नए उच्च जलाशय बनने से सप्लाई व्यवस्था में बदलाव होना भी तय है। जलदाय विभाग के अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल इन क्षेत्र के लोगों को दूसरे जोन से पेजयल सप्लाई दी जा रही है। इन क्षेत्रों में उच्च जलाशय बनने पर इन्ही उच्च जलाशय से जोड़ा जाएगा। इससे लोगों को बिना बूस्टर के सप्लाई मिल सकेगी।

अगले सीजन में मिलेगी राहत
उच्च जलाशयों की प्रशासनिक व वित्तिय स्वीकृति जारी होने से जलदाय विभाग की ओर से इस महीने निविदा सहित अन्य खानापूर्ति पूरी की जाएगी। अगले महीने से काम शुरू होने की संभावना है। जलदाय विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अगले गर्मियों के सीजन में स्थानीय लोगों को इनका फायदा मिल सकेगा।

सीकर.
प्रदेश के दस लाख से अधिक स्कूलों विद्यार्थियों के लिए राहतभरी खबर है। अब कक्षा एक से बारहवीं तक के विद्यार्थी आसानी से प्रदेश के सरकारी व निजी स्कूलों में दाखिला ले सकेंगे। अभिभावकों की लगातार मांग उठने पर शिक्षा विभाग ने मंगलवार को प्रवेश की नई गाइडलाइन जारी की है। खास बात यह है कि इस साल कक्षा एक से आठवीं क्लास में कोई भी विद्यार्थी सालभर में कभी भी किसी भी स्कूल में प्रवेश ले सकेगा। जबकि कक्षा नवीं से बारहवीं तक के विद्यार्थियों को 31 जुलाई तक प्रवेश लेना होगा। शिक्षा विभाग की ओर से प्रदेश में नया शैक्षिक सत्र सात जून से शुरू हो चुका है। ऐसे में लगातार दाखिले की प्रक्रिया जारी थी। प्रदेश के ज्यादातर शिक्षकों की ओर से अपने-अपने क्षेत्र का सर्वे भी 20 जून तक पूरा किया जा चुका था। लेकिन विभाग ने ड्रॉप आऊट विद्यार्थियों के शत प्रतिशत नामांकन को देखते हुए प्रवेश तिथि नए सिरे से जारी की है। शिक्षा विभाग का दावा है कि पिछले दो सत्रों में 180 से अधिक ब्लॉकों में सर्वाधिक नामांकन बढ़ा है।

इसलिए बढ़ाई प्रवेश तिथि
शिक्षा विभाग का मानना है कि कोरोना की वजह से सैकड़ों परिवार एक शहर से दूसरे शहर में गए है। ऐसे में कई विद्यार्थी लॉकडाउन की वजह से दूसरे शहरों से टीसी नहीं लेकर आ सके है। कुछ परिवार ऐसे है जो लॉकडाउन में ढ़ील मिलने के बाद वापस शहरों में जा रहे हैं। ऐसे में विभाग ने प्रवेश तिथि बढ़ाने का फैसला लिया है।

इधर, अब अधिकारियों को हर सप्ताह करना होगा निरीक्षण
शिक्षा विभाग की ओर से आओ घर से सीखे, बैक टू स्कूल, शिक्षा दर्शन, शिक्षा वाणी व मिशन समर्थ आदि अभियानों के जरिए बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाया जा रहा है। अभियान के तहत मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, अतिरिक्त परियोजना समन्वयक, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, अतिरिक्त मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, सहायक परियोजना समन्वयक को हर महीने चार से 16 स्कूलों का निरीक्षण करना अनिवार्य है। खास बात यह है कि अधिकारियों को हर स्कूल के निरीक्षण की रिपोर्ट ऑनलाइन भी दर्ज करनी होगी।

भामाशाहों को भी जोडऩे की पहल
शिक्षा विभाग की ओर से ऐसे विद्यार्थियों को भी चिन्हित किया जाएगा जिनके पास ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर कोई संसाधन नहीं है। ऐसे विद्यार्थियों को संसाधन मुहैया कराने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों की से स्थानीय भामाशाहों को प्रोत्साहित किया जाएगा।


सीकर.
कोरोना की दूसरी लहर ने कई परिवारों को गहरा जख्म दिया और अब सरकारी सिस्टम इनकी परीक्षा ले रहा है। मुख्यमंत्री की ओर से घोषित पैकेज का लाभ लेने के लिए कई परिवारों की फाइल नियमों के पेंच में उलझ गई है। किसी को अभी तक मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं मिला है तो किसी परिवार की फाइल ग्राम पंचायत और उपखंड कार्यालय के बीच में उलझी हुई है। कई परिवार ऐसे है जिन्होंने अपनों को कोरोना से खोया लेकिन सरकार मानने को ही तैयार नहीं है। पीडि़त परिवारों का कहना है कि निजी व सरकारी अस्पतालों में कोरोना का उपचार लेने वालों का रेकार्ड भी जिला प्रशासन को मंगवाना चाहिए जिससे राहत मिल सके। कई परिवारों का तर्क है कि उनके अपने की कोरोना से मौत हुई है, उस समय की रिपोर्ट भी पॉजिटिव थी। लेकिन इसके बाद भी दस्तावेजों का सत्यापन नहीं हो रहा है।

समाज कल्याण दे रहा तत्काल स्वीकृति, एसडीएम ऑफिस में अटकी
साामजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से जिस दिन फाइल उपखंड कार्यालय की ओर से भेजी जाती है उसी दिन शाम तक मंजूरी दी जा रही है। लेकिन उपखंड कार्यालय में दस्तावेज सत्यापन सहित अन्य वजहों से फाइलों का निपटारा समय पर नहीं हो रहा है। इस मामले में जिला कलक्टर अविचल चतुर्वेदी भी वीसी ले चुके है।

अब तक 47 परिवारों को सहायता बांटी
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से 16 अनाथ बच्चों को पालनहार योजना से जोड़ा गया है। इन बच्चों को सरकार की ओर से घोषित पैकेज का लाभ भी दिया गया है। इसी तरह 31 महिलाओं को विधवा पेंशन से जोड़ा गया है। जिला प्रशासन का दावा है कि आगामी दस से 15 दिनों में सभी पीडि़तों की सहायता राशि स्वीकृत कर दी जाएगी।

केस एक: सिस्टम ले रहा विधवा की परीक्षा
नांगल नाथूसर निवासी महेन्द्र पारीक का परिवार की सहायता भी सरकारी नियमों में उलझी हुई है। पारीक की 18 मई को कोरोना से रींगस के एक निजी अस्तपाल में मौत हो गई। मुख्यमंत्री की ओर से घोषित पैकेज के बाद परिवार की ओर से आवेदन किया गया लेकिन अभी तक कोई सहायता नहीं मिली। मृतक पारीक की पत्नी ऋद्धा पारीक ने बताया कि इस मामले में वह जिला कलक्टर अविचल चतुर्वेदी को भी ज्ञापन दे चुकी है। लेकिन उन्होंने नीमकाथाना एसडीएम कार्यालय में सम्पक करने की बात कही। परिवार की पूरी आस महेन्द्र पारीक पर ही टिकी थी। ऐसे में अब दो बेटियों की शिक्षा व पालन-पोषण चुनौती बन चुका है। इनके उपचार में भी लाखों रुपए खर्च होने की वजह से परिवार की अर्थिक स्थिति भी बेपटरी हो गई है। उनका कहना है कि राज्य सरकार को विधवा महिलाओं को उनकी योग्यता के हिसाब से विभिन्न पदों पर नौकरी देनी चाहिए। उन्होंने चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना को लेकर भी सवाल उठाए है।

केस दो: दस्तावेज जमा कराए, कब मिलेगी सहायता
नाथूसर निवासी किशन लाल चौधरी की तीन मई को कोरोना से मृत्यु हो गई थी। राजकीय सहायता के लिए पत्नी शांति देवी ने अपने कागजात ग्राम पंचायत को जमा करवा दिए। परंतु अभी तक कोई राजकीय सहायता नहीं मिली। वहीं गांव नांगल निवासी कैलाश कुमावत की मौत भी सांवली कोविड अस्पताल में हुई। लेकिन अभी तक सहायता राशि नहीं मिली है।

यहां भी मदद की आस
ग्राम पंचायत बागरियावास में चार लोगों के परिजनों ने ग्राम पंचायत में आवेदन किया हैं, जिनके अपनों की कोरोना से मौत हुई है। लाल चंद सैनी की तीन मई को कोविड से मौत हो गयी थी। विधवा पत्नी कृष्णा देवी तथा उसकी पुत्री मनीषा कुमारी, प्रिया तथा पुत्र राहुल व रोहित को किसी प्रकार की कोई सहायता नहीं मिली। वहीं युवराज सिंह शेखावत की 11 अप्रेल को कोरोना से मृत्यु हुई थी। जिसकी पत्नी सरोज कंवर व पुत्री पायल कंवर, खुशी कवर, कीटू व राधिका को भी सहायता का इंतजार है। पृथ्वीपुरा निवासी समुद्र सिंह के परिवार को भी मदद की आस है।

इधर, बच्चों को सहायता राशि 15 तक देने के फरमान
कोरोना महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों को सहायता राशि देने के मामले में मुख्य सचिव भी मंगलवार को सभी जिला कलक्टरों की वीसी ले चुके है। मुख्य सचिव ने वीसी में बताया कि अनाथ बच्चों की सहायता राशि का भुगतान 15 जुलाई तक कर दिया जाएगा। मुख्य सचिव ने संभागीय आयुक्तों व जिला कलक्टरों को इस संबंध में निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना में लाभार्थियों को तत्काल सहायता राशि दी जाए और कोई भी पात्र व्यक्ति वंचित न रहे।

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