>>: Digest for July 19, 2021

>>

Patrika - A Hindi news portal brings latest news, headlines in hindi from India, world, business, politics, sports and entertainment!

You are receiving a digest because your subscriptions have exceeded your account's daily email quota. Your quota has automatically reset itself.

कोविड संकट ने अटकाई हजारों लाडो की प्रोत्साहन राशि
- संभाग में हनुमानगढ़ जिले में सबसे कम छात्राएं पुरस्कार राशि मिलने से वंचित
- गार्गी द्वितीय किस्त 2019, प्रथम किस्त 2020 तथा बालिका शिक्षा पुरस्कार 2020 की राशि का मामला
हनुमानगढ़. विद्या ज्ञान के जरिए पुरस्कार पाने वाली प्रदेश की नौ हजार से अधिक प्रतिभाशाली बेटियों की इनामी राशि का भुगतान अटका पड़ा है। पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन हुए छह माह बीतने वाले हैं। इसके बावजूद मेधावी बालिकाओं को प्रोत्साहन राशि नहीं मिल सकी है। मुख्यत: इसका कारण कोरोना संक्रमण संकट ही बताया जा रहा है। क्योंकि इसके चलते कॉलेज एवं विद्यालयों का नियमित एवं सही ढंग से संचालन नहीं हो सका। ऐसे में बालिकाओं के खातों की जानकारी अपडेट करने, उनके आवेदन सत्यापन, निरंतर अध्ययनरत प्रमाण पत्र आदि से संबंधित प्रक्रियाएं थम गई।
खास बात यह है कि हनुमानगढ़ जिले ने इन विपरीत हालात में भी बेहतर कार्य किया है। पुरस्कार राशि से वंचित प्रदेश की नौ हजार से अधिक छात्राओं में जिले की महज 87 बालिकाएं हैं। यह आंकड़ा भुगतान लम्बित होने के संबंध में प्रदेश में सबसे कम में शुमार है। संभाग की बात करें तो भी हनुमानगढ़ में शेष तीनों जिलों की तुलना में सबसे कम छात्राओं की पुरस्कार राशि अटकी पड़ी है। गौरतलब है कि गार्गी एवं बालिका शिक्षा प्रोत्साहन पुरस्कार क्रमश: कक्षा दस एवं बारहवीं में 75 प्रतिशत या इससे अधिक अंक प्राप्त करने वाली छात्राओं को दिया जाता है। बालिका फाउंडेशन की ओर से पुरस्कार के तहत कक्षा दसवीं की छात्राओं को छह हजार रुपए तीन-तीन हजार की दो किस्तों में दिए जाते हैं। कक्षा बारहवीं की छात्राओं को पांच हजार रुपए एक मुश्त दिए जाते हैं।
कौनसे वर्ष की राशि
शिक्षा विभाग की ओर से नौ जुलाई को जारी आंकड़ों के अनुसार गार्गी पुरस्कार वर्ष 2019 के लिए चयनित 42850 बालिकाओं में से 4067 की द्वितीय किस्त की राशि का भुगतान लम्बित है। गार्गी पुरस्कार 2020 के लिए चयनित 54527 छात्राओं में से 1627 को प्रथम किस्त का भुगतान नहीं मिल सका है। वहीं बालिका शिक्षा प्रोत्साहन पुरस्कार 2020 पाने वाली 80693 बालिकाओं में से 3328 को इनामी राशि नहीं मिल सकी है। इस तरह प्रदेश भर में कुल 9022 छात्राओं का भुगतान अटका हुआ है।
यहां सबसे कम लम्बित
हनुमानगढ़ जिले में गार्गी पुरस्कार वर्ष 2019 के लिए 1293 बालिकाएं पंजीकृत हुई। इनमें से 28 की द्वितीय किस्त की राशि का भुगतान लम्बित है। गार्गी पुरस्कार 2020 के लिए 1978 छात्राएं पंजीकृत हुई। इनमें से 12 को प्रथम किस्त का भुगतान नहीं मिल सका है। बालिका शिक्षा प्रोत्साहन पुरस्कार 2020 के लिए 3192 बालिकाएं पंजीकृत हुई। इनमें से 47 को इनामी राशि नहीं मिल सकी है। इस तरह जिले में कुल 87 छात्राओं का भुगतान अटका हुआ है। जबकि तीनों श्रेणी में श्रीगंगानगर, बीकानेर एवं चूरू जिले में क्रमश: 653, 294 एवं 275 छात्राओं की पुरस्कार राशि का भुगतान लम्बित है।
तो अटका भुगतान
जानकारों के अनुसार फरवरी में गार्गी एवं बालिका शिक्षा प्रोत्साहन पुरस्कार बांटे गए। इससे पहले तथा बाद में विद्यालय नियमित नहीं खुले। फिर कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के चलते सारी प्रक्रिया ही ठप हो गई। ऐसे में छात्राओं को नियमित अध्ययनरत प्रमाण पत्र संबंधित कॉलेज एवं स्कूल से नहीं मिल सके। आवेदन पत्रों के सत्यापन की प्रक्रिया निजी एवं राजकीय विद्यालयों की अलग-अलग तय की गई थी। राजकीय, मॉडल एवं संस्कृत शिक्षा के विद्यालयों में अध्ययनरत बालिकाओं के आवेदन पत्रों का सत्यापन उनके वर्तमान विद्यालयों के संस्था प्रधानों को करना था। जबकि निजी विद्यालयों में अध्ययनरत बालिकाओं के आवेदन पत्रों का सत्यापन संबंधित सीबीईओ कार्यालय की ओर से किया जाना था। ऑनलाइन आवेदन के लिए आधार कार्ड या जन आधार कार्ड नम्बर अनिवार्य किए गए थे। बालिका को बैंक पास बुक की प्रति भी अपलोड करनी थी। कोरोना संक्रमण के चलते यह तमाम प्रक्रिया पूरी नहीं होने पर भुगतान अटक गया।

साऊथ घग्घर कैनाल को फिर से चलाने पर किसानों के चेहरे पर झलकी खुशी
-अधिकारियों ने पूर्व में मनमाने तरीके से नहर को कर दिया था बंद
-करीब पांच हजार किसानों की पिट गई थी बारी, अब नहर चलाकर विभाग कर रहा भरपाई

हनुमानगढ़. साउथ घग्घर कैनाल की नहरों को निर्धारित रेग्यूलेशन से दो दिन पहले बंद करने से करीब पांच हजार किसानों की बारियां पिट गई। किसान जब अधिकारियों के पास फरियाद लेकर पहुंचे तो पहले अफसरों ने टालमटोल करने की कोशिश की। लेकिन किसानों के रोष को देखते हुए अधिकारियों के तेवर नरम पड़े।
इसके बाद शनिवार दोपहर तीन बजे साउथ घग्घर कैनाल की नहरों को फिर से चलाया गया। पानी चलने के बाद किसानों के मायूस चेहरों पर खुशी झलक पड़ी। नहर में पानी चलाने पर अब प्यासे खेतों को पानी नसीब हो सकेगा। किसानों का कहना है कि अगर उनकी बारी की भरपाई नहीं होती तो अगली बारी ३० से ३५ दिन बाद आती। इतने समय में सारी फसल झुलस जाती।
किसानों ने बताया कि साऊथ घग्घर कैनाल रेग्यूलेशन के मुताबिक पांच जुलाई २०२१ को बंद होनी थी। लेकिन किसी कारणवश अभियंताओं ने इस नहर को दो दिन पहले यानी तीन जुलाई को ही बंद कर दी। इससे कई किसानों की बारियां पिट गई। पिटी बारी की भरपाई करने के लिए इस नहर को १७ जुलाई से चलाने की मांग को लेकर किसानों ने १६ जुलाई को अधीक्षण अभियंता का घेराव किया था। मुख्य अभियंता से वार्ता के दौरान फिर से नहर खोलकर पिटी बारी की भरपाई करने का आश्वासन मिलने पर किसानों का गुस्सा शांत हुआ था। अब १७ जुलाई को साऊथ घग्घर कैनाल की नहरों को चलाने पर किसानों ने राहत की सांस ली है। इस परियोजना से जुड़े किसानों का कहना है कि साउथ घग्घर कैनाल की नहरों का शेयर भाखड़ा में निर्धारित है। भाखड़ा के शेयर के अनुपात में ही इस नहर में पानी चलता है।

पत्रिका का जताया आभार
आंदोलन का प्रतिनिधित्व करने वाले नहर क्षेत्र के किसान मांगीलाल स्वामी ने बताया कि शनिवार दोपहर तीन बजे साऊथ घग्घर कैनाल की नहरों में पानी प्रवाहित कर दिया गया। उन्होंने पत्रिका का भी धन्यवाद ज्ञापित किया। साथ ही कहा कि पत्रिका ने किसानों की आवाज को बुलंद किया। इससे करीब पांच हजार किसानों के खेतों में अब पानी पहुंच सकेगा।

आबकारी पुलिस दल पर हमले के आरोप में गंगागढ़ के पांच जने गिरफ्तार
- आबकारी पुलिस व ग्रामीणों ने परस्पर दर्ज कराए थे मामले
हनुमानगढ़. आबकारी दल पर 13 जुलाई को फायरिंग एवं हमले के आरोप में टाउन पुलिस ने रविवार को पांच ग्रामीणों को गिरफ्तार किया। उनको कोर्ट में पेश कर रिमांड मंजूर कराया गया। इस संबंध में आबकारी पुलिस एवं गांव गंगागढ़ के ग्रामीणों ने फायरिंग व मारपीट को लेकर परस्पर मामले दर्ज कराए थे। पुलिस के अनुसार आबकारी दल पर हमले के आरोप में होशियार सिंह उर्फ सिकंदर पुत्र सतनाम सिंह, बलविन्द्र सिंह उर्फ बिन्दू पुत्र गुरदीप सिंह, गुरदीप सिंह उर्फ बिट्टू पुत्र ढोला सिंह, सन्नी उर्फ सलविन्द्र सिंह पुत्र भगवान सिंह सभी निवासी गांव गंगागढ़ तथा नानक सिंह पुत्र जंगीर सिंह निवासी श्रीनगर को गिरफ्तार किया गया।
दोनों पक्षों में परस्पर मामले दर्ज
गौरतलब है कि गंगागढ़ क्षेत्र में हथकढ़ शराब के खिलाफ कार्रवाई के लिए गई आबकारी पुलिस एवं ग्रामीणों के बीच फायरिंग व मारपीट को लेकर 13 जुलाई को परस्पर मामले दर्ज करवाए गए थे। आबकारी विभाग के पुलिस निरीक्षक कैलाश स्वामी की ओर से दर्ज कराए मामले के अनुसार गंगागढ़ रोही के देबूघाट पर आबकारी टीम हथकढ़ शराब व भ_ियां नष्ट कर रही थी। इस दौरान हथकढ़ शराब कारोबारियों ने टीम पर हमला कर दिया। डीईओ व आबकारी थाना प्रभारी सहित अन्य कार्मिक वहां से भाग निकले। ग्रामीणों ने आबकारी जमादार एएसआई हुसैन को घेरकर हमला कर दिया। मारपीट कर वर्दी फाड़ दी। सरकारी पिस्तौल छीन लिया। दोनों पक्षों की ओर से फायर भी किए गए। बचाव में आबकारी विभाग के कार्मिकों की ओर से की गई फायरिंग में गोली लगने से तीन ग्रामीण घायल हो गए। आबकारी जमादार हुसैन (50) के अलावा दूसरे पक्ष के उदयसिंह (22) पुत्र जरनैल सिंह व सुखविंद्र सिंह (18) पुत्र रमेशसिंह तथा बलविंद्र पुत्र रमेश सिंह गोली लगने से घायल हो गए। चारों घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया। दूसरे पक्ष के जरनैल सिंह पुत्र सुंदरसिंह निवासी गंगागढ़ ने आबकारी विभाग हनुमानगढ़ के 20-25 कार्मिकों के खिलाफ पुत्र उदय सिंह तथा सुखविंद्र व बलविंद्र सिंह के साथ मारपीट कर चोटें पहुंचाने के आरोप में मामला दर्ज करवाया था।

पहले भर्ती की नहीं, अब कभी होगी नहीं
- डीइओ की सीधी भर्ती का प्रावधान बंद, अब पूर्णत: पदोन्नति से भर्ती
- जल्दी भर सकेंगे डीइओ के पद, लम्बी प्रक्रिया से राहत
अदरीस खान @ हनुमानगढ़. राज्य सरकार ने जिला शिक्षा अधिकारी (डीइओ) पद पर पहले कभी सीधी भर्ती की नहीं। अब कभी होगी नहीं। क्योंकि प्रदेश में बने शिक्षा सेवा नियम 1970 व 1971 में परिवर्तन कर दिया गया है। अब डीइओ के सभी पद केवल पदोन्नति के आधार पर ही भरे जाएंगे। इससे राहत मिलने की उम्मीद है। क्योंकि पहले भले ही डीइओ के 50 प्रतिशत पद सीधी भर्ती से भरने का नियम था। मगर सीधी भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की गई। इसलिए शिक्षा विभाग हर बार राज्य सरकार के आदेश पर नियमों में छूट लेकर डीइओ के पद पदोन्नति से भरता रहा।
नियम-कायदों में छूट की प्रक्रिया में समय लगता था। इसलिए पदोन्नति से भर्ती की प्रक्रिया बहुत लम्बी खिंच जाती। दूसरी ओर शिक्षा विभाग में डीइओ के पद खाली पड़े रहते। अब माना जा रहा है कि यह नौबत नहीं आएगी। सभी पद पदोन्नति के आधार पर शीघ्रता से भरे जा सकेंगे। वैसे भी शिक्षा विभाग के ढांचे में करीब तीन साल पहले आमूलचूल बदलाव किया गया था। उससे जिले से लेकर प्रदेश तक में डीइओ के नए पद सृजित हो गए थे। अब उनको भरना भी जरूरी है। शत-प्रतिशत पद पदोन्नति से भरने के कारण आने वाले कुछ समय में शायद डीइओ का कोई पद खाली नहीं रहे। गौरतलब है कि अब जिला मुख्यालय के अलावा ब्लॉक मुख्यालय पर भी डीइओ का पद है।
जिले में यह स्थिति
जानकारों के अनुसार जिले में अभी डीइओ के पांच पद खाली हैं। हाल ही प्रदेश में डीपीसी हुई तथा 323 डीइओ बनाए गए। हालांकि अब तक उनका पदस्थापन नहीं किया गया है।
युवा जोश की अनदेखी
डीइओ के पचास प्रतिशत पदों पर सीधी भर्ती नहीं कर पाना, पूर्णत: सरकार की विफलता रही। इस व्यवस्था का उद्देश्य तो यही था कि अनुभव के साथ युवा जोश भी डीइओ पदों पर तैनात हो। मगर ऐसा हो नहीं पाया। अब तो पूर्णत: ही युवा जोश की अनदेखी कर दी गई है। कई इसे वरिष्ठों के दबाव में किया गया बदलाव भी बता रहे हैं।
राहत की उम्मीद
जानकारी के अनुसार पिछले दिनों ही राज्य सरकार ने शिक्षा सेवा नियम 1970 व 1971 में परिवर्तन किया। इसमें प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति में व्याख्याता एवं सेकंडरी प्रधानाध्यापक के अनुपात में किया गया परिवर्तन मुख्य था। राज्य सरकार ने बदलाव करते हुए
अनुपात को 80:20 करने की मंजूरी दी। इससे अब व्याख्याताओं को पदोन्नति के अधिक अवसर मिल सकेंगे। साथ ही डीइओ के पद पूर्णत: पदोन्नति से भरना तय किया गया है। पहले 50 प्रतिशत पद सीधी भर्ती से तथा 50 फीसदी पद पदोन्नति से भरने का नियम था। इसके अलावा भी कई बदलाव किए गए हैं जिससे काफी राहत मिलने की उम्मीद है।
दूर हो सकेगी कमी
शिक्षा सेवा नियम 1970 व 1971 में परिवर्तन किया गया है। डीइओ के पद अब पूर्णत: पदोन्नति से भरे जाएंगे। हमारी मांग के अनुसार प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति के लिए व्याख्याता एवं सेकंडरी प्रधानाध्यापक के अनुपात में भी बदलाव किया गया है। निश्चित तौर पर इसका लाभ मिलेगा। शिक्षा अधिकारियों की कमी दूर हो सकेगी। - हरलाल ढाका, जिलाध्यक्ष, रेसला।

You received this email because you set up a subscription at Feedrabbit. This email was sent to you at rajisthanews12@gmail.com. Unsubscribe or change your subscription.