>>: Digest for July 20, 2021

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करौली. गत आठ वर्ष से स्वतंत्र संचालन के लिए तरस रहे करौली रोडवेज डिपो के लिए राजस्थान पत्रिका की ओर से चलाई जा रही मुहिम की आवाज एक बार फिर सरकार तक पहुंची है और जल्द ही इस दिशा में सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन भी मिला है। क्षेत्रीय विधायक लाखनसिंह मीना ने रविवार को परिवहन मंत्री से दूरभाष पर इस संबंध में चर्चा कर शहरवासियों की भावनाओं से अवगत कराया, जिस पर मंत्री की ओर से जल्द ही सकारात्मक कार्रवाई का भरोसा दिलाया गया है। इससे शहरवासियों सहित क्षेत्र के लोगों का डिपो संचालन का सपना साकार होता नजर आने लगा है।

राजस्थान पत्रिका की ओर से डिपो के स्वतंत्र संचालन को लेकर चलाई जा रही शृंख्लाबद्ध खबरों के बाद शहरवासी भी इस मुहिम से जुड़े हैं। रविवार को विभिन्न संगठनों सहित शहर के प्रबुद्धजनों ने विधायक लाखनसिंह मीना से यहां उनके आवास पर मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा।
इस दौरान राजस्थान पेंशनर्स मंच के जिलाध्यक्ष दिनेशचन्द चतुर्वेदी, करौली विकास मंच के संयोजक समाजसेवी बबलू शुक्ला, नगरपरिषद सभापति पुत्र व पार्षद अमीनदुद्ीन खान, कृषि उपज मण्डी यार्ड के अध्यक्ष तुलसीदास फरैटिया, कांग्रेस नेता कन्हैयालाल शर्मा, अरविन्द राय, छोटे भंवर, पूर्व पार्षद विजय जाटव सहित अन्य जनों ने विधायक से मुलाकात की और डिपो के संचालन की मांग रखी। शहरवासियों ने बताया कि वर्ष 2012 में उद्घाटन के बाद से ही करौली डिपो का हिण्डौन डिपो के अधीन संचालन हो रहा है, जिससे क्षेत्रवासियों को समुचित परिवहन सेवाओं से वंचित होना पड़ रहा है। डिपो के लिए यहां बस स्टैण्ड पर भवन का निर्माण भी हो चुका है।

उद्घाटन के दौरान यहां पर डिपो के मुख्य प्रबंधक सहित अन्य कार्मिक भी नियुक्त किए गए, लेकिन बाद में यहां से सभी व्यवस्थाओं को समेट दिया गया और डिपो हिण्डौन डिपो के अधीन होकर रह गया। वर्तमान में यहां से समुचित बस सेवाएं संचालित नहीं है। लम्बी दूरी की बसों का अभाव है। अनेक लोग करौली से जयपुर जाते हैं, लेकिन दिनभर कार्य करने के बाद शाम को वापस आने के लिए उन्हें बस तक नहीं मिल पाती। इसके अलावा मासलपुर, गंगापुरसिटी, सपोटरा, मण्डरायल इलाके में भी समुचित बसों का संचालन नहीं हो रहा है, ऐसे में यहां पर डिपो का संचालन हो तो बसों की संख्या में बढ़ोतरी हो जाएगी।

विधायक ने तत्काल की मंत्री से वार्ता
डिपो का संचालन नहीं होने से हो रही समस्या से अवगत कराने के दौरान क्षेत्रीय विधायक लाखनसिंह ने तत्काल परिवहन मंत्री से दूरभाष पर वार्ता कर जनभावनाओं से अवगत कराया। साथ ही बताया कि यहां पर डिपो का उद्घाटन होने के बाद भी स्वतंत्र संचालन नहीं हो रहा है। इस दौरान विधायक ने लोगों को बताया कि वे डिपो के लिए प्रयासरत हैं। वे पहले भी विधानसभा में इस मुद्दे को उठा चुके हैं, वहीं परिवहन मंत्री को भी पूर्व में अवगत कराया था। इस दौरान उन्होंने लोगों को साथ लेकर जयपुर में परिवहन मंत्री से मुलाकात करने की भी बात कही।

पत्रिका की मुहिम सराहनीय, शुरू कराएंगे डिपो
शहरवासिया से चर्चा के बाद विधायक लाखनसिंह ने पत्रिका से वार्ता में कहा कि करौली डिपो के स्वतंत्र संचालन को लेकर वे शुरू से ही प्रयासरत हैं। विधानसभा में मुद्दा उठाने के साथ परिवहन मंत्री से मुलाकात की है। आज फिर से परिवहन मंत्री से दूरभाष पर वार्ता की है, जिस पर उन्होंने (मंत्री) ने बताया है कि कोरोना के कारण इसमें देरी हुई है, उनकी ओर से जल्द ही रोडवेज डिपो शुरू कराने का भरोसा दिलाया गया है। आगे भी शहर के लोगों को साथ लेकर मंत्री से मुलाकात करेंगे। इस मौके पर विधायक ने राजस्थान पत्रिका की ओर से रोडवेज डिपो के स्वतंत्र संचालन को लेकर चलाई जा रही मुहिम की सराहना करते हुए कहा कि डिपो शुरू होने पर जिले के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को लाभ मिलेगा।

विधायक रमेश मीणा ने मंडरायल और रोधई में स्वास्थ्य केंद्र भवनों का किया लोकार्पण
बोला डांग क्षेत्र में शहर जैसी मिलेगी चिकित्सा सुविधा
करौली. पूर्व मंत्री और सपोटरा विधायक रमेश मीणा ने करौली जिले में मंडरायल उपखंड मुख्यालय और रोधई गांव में नवनिर्मित स्वास्थ्य केन्द्र भवनों का लोकार्पण किया। इस मौके पर विधायक ने कहा कि डांग क्षेत्र चिकित्सा सुविधाओं में काफी पिछड़ा है लेकिन वे और उनकी सरकार इस क्षेत्र में बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रयत्नशील है। इसी दिशा में मंडरायल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर 2 करोड़ 20 लाख रुपए और रोधई मे 1 करोड़ 85 लाख रुपए की लागत से स्वास्थ्य केन्द्र भवन बनाए गए हैं। विधायक ने डांग क्षेत्र में चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार के लिए मुख्यमंत्री गहलोत का आभार जताया।
विधायक ने कहा कि डांग क्षेत्र में चिकित्सा सुविधाओं के अभाव के कारण उन्हें करौली और जयपुर भागना पड़ता रहा है। अब इसी इलाके में ही बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की दृष्टि से नए चिकित्सालय भवन बनाए गए हैं। इन स्वास्थ्य केंद्रों पर पर्याप्त स्टाफ के साथ चिकित्सकीय संसाधन व उपकरण उपलब्ध कराने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यहां के स्वास्थ्य केन्द्र पर अभी रात्रि में चिकित्सक नहीं होने से मरीज परेशान होते हैं। अब जल्दी रात में भी चिकित्सक ड्यूटी के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा मंडरायल स्वास्थ्य केंद्र पर मरीजों को नि:शुल्क जांच तथा मुफ्त दवाई के साथ अन्य चिकित्सा सुविधाएं भी जल्दी मिलने लगेंगी।
इस मौके पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ दिनेश मीणा ने कहा की मंडरायल तथा रोधई में नए भवन और बेहतर चिकित्सा सुविधाओं से क्षेत्र के मरीजों को काफी राहत मिलेगी। जल्दी यहां सोनोग्राफी और एक्सरे की सुविधा भी मिल सकेगी। इस मौके पर मंडरायल एसडीएम प्रदीप चौमाल ने भी विचार व्यक्त किए।
इससे पहले पं.लक्ष्मी चंद शास्त्री एवं मुरारी शरण शास्त्री द्वारा मंत्रोच्चारण के साथ विधायक से शिला पट्टिका का अनावरण कराया और फीता काटकर भवन का लोकार्पण किया। कार्यक्रम संचालन पूर्व सरपंच योगेश पंडित ने किया इस मौके पर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि रामसहाय गुरदह, जामफल मीना, सुरेश बिंदापुरा, बुधुआ मीना, महेश मीना, सरपंच प्रतिनिधि सुमेर मीना, एडवोकेट रामसहाय पाराशर सहित अन्य जनप्रतिनिधि व तहसीलदार भोलाराम बैरवा, थानाधिकारी जितेन्द्र चौधरी, ब्लॉक सीएमएचओ धर्मेंद्र सिंह गुर्जर, डॉ. ओमप्रकाश प्रजापति, डॉ शिशुपाल मीना मौजूद रहे। कार्यक्रम में विधायक रमेश मीणा सहित अन्य जनप्रतिनिधियों का माला-साफा पहनाकर स्वागत किया गया।
जांच-उपचार सुविधाएं होंगी बेहतर
मंडरायल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के नए भवन में 15 कक्ष बनाए गए हैं। इससे मरीजों को भर्ती करने को पर्याप्त स्थान और उपचार के विभिन्न कक्ष उपलब्ध होंगे। इस चिकित्सालय में पुरुष और महिला वार्ड में 10-10 पलंग के अलावा प्रसूति वार्ड में 10 पलंग रहेंगे। डॉ दिनेश मीणा ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्र पर और विस्तार कर पलंगों की संख्या 50 तक की जाएगी। इसके अलावा चिकित्सालय में एक्सरे, सोनोग्राफी सहित विभिन्न जांच की सुविधा भी मिलने लगेगी।

चिकित्सा संसाधन को दिए 84 लाख

विधायकमीणा ने बताया कि मंडरायल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर जांच उपकरण और चिकित्सा संसाधनों के लिए 84 लाख रुपए प्रदान किए गए हैं। इस राशि में से 25 लाख की आधुनिक जीवन रक्षक सुविधाओं से लैस एंबुलेंस उपलब्ध कराई है। ऐसी एम्बुलेंस जिले में कहीं उपलब्ध नहीं है। इसके अलावा डिजिटल एक्सरे मशीन, कफ जांच के लिए मशीन, ईसीजी मशीन, सीबीसी जांच मशीन, मल्टी पैरा मॉनिटर सक्शन मशीन, ट्रीटमेंट वाटर कूलर, जनरेटर सहित विभिन्न जांच मशीन भी विधायक कोष उपलब्ध कराई गई है। स्वास्थ्य केंद्र पर सोनोग्राफी मशीन भी जल्दी आएगी।

कक्षा कक्ष और प्रतीक्षालय को दिए 30 लाख

कार्यक्रम में मंडरायल के राजकीय बालिका विद्यालय के क्षतिग्रस्त भवन की समस्या को देखते हुए विद्यालय में कक्षा कक्ष निर्माण के लिए विधायक ने 20 लाख रुपए की घोषणा की। विधायक ने कहा कि बालिका शिक्षा समाज के विकास के लिए आवश्यक है। बालिका विद्यालय की अन्य समस्याओं के समाधान के भी प्रयास किए जाएंगे। इसी प्रकार उन्होंने मंडरायल बस स्टैंड पर यात्रियों के प्रतीक्षालय के लिए 10 लाख रुपए विधायक कोष से देने की घोषणा की।

जल्दी बनेगी करणपुर-रोधई सड़क
उन्होंने ग्रामीणों की मांग पर रोडवेज बस संचालित कराने मंडरायल में ब्लॉक सीएमएचओ कार्यालय खुलवाने का आश्वासन दिया। विधायक ने कहा कि वे सरकार स्तर पर वार्ता कर जल्द ही रोडवेज बस सेवा शुरू कराएंगे। उन्होंने बताया कि मंडरायल से करनपुर रोधई सड़क निर्माण के लिए राशि स्वीकृत हो चुकी है। कुछ तकनीकी कारणों से कार्य शुरू नहीं हुआ है। जल्द ही 7 मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण शुरू कराया जाएगा। उन्होंने क्षेत्र के अन्य गांवों के लिए सड़क बनवाने का विश्वास दिलाया।

नए भवन की खुली पोल

विधायक द्वारा रोधई गांव में राजकीय आयुर्वेद औषधालय के नवनिर्मित आयुर्वेद भवन की लोकार्पण के दौरान ही पोल खुल गई। विधायक ने लोकार्पण के बाद भवन का निरीक्षण किया तो छत टपकती नजर आई। इस पर औषधालय प्रभारी अशोक कुमार शर्मा ने कहा कि अभी मामूली बारिश हुई है और छत टपक रही है। इस पर विधायक ने नाराजगी जताते हुए एसडीएम को घटिया गुणवत्ता मामले में प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दिए। विधायक ने कहा कि सरकारी राशि का दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं किया सकता। घटिया निर्माण के मामले में कार्रवाई के लिए सरकार को पत्र लिखा जाएगा।

रोधई में भी किया लोकार्पण
उन्होंने रोधई में चिकित्सा केन्द्र तथा आयुर्वेद चिकित्सालय के नए भवन का विधिवत मंत्रोच्चारण व पूजन के साथ नवीन भवन का फीता काट और शिला पट्टिका का अनावरण करके शुभारम्भ किया। चिकित्सा प्रभारी डॉ. ओमप्रकाश प्रजापत नर्सेज कर्मी माखन मीना सहित स्टाफ की ओर से सभी का माला साफा पहनाकर स्वागत किया। आयुर्वेद चिकित्सा प्रभारी अशोक शर्मा मौजूद रहे। संचालन गौरीशंकर शर्मा ने किया।

करौली. दशकों के लम्बे इंतजार के बाद जिला मुख्यालय स्थित जिला उप क्षय रोग निवारण केन्द्र पर रोगियों को एक्स-रे मशीन की सुविधा मिलने लगी है। इससे क्षय रोगियों व सिलिकोसिस जांच के लिए रोगियों को एक्स-रे कराने की खातिर सामान्य चिकित्सालय तक की भाग-दौड़ खत्म हो जाएगी। करीब एक माह पहले केन्द्र के लिए एक्स-रे मशीन प्राप्त हुई थी। जिसका उद्घाटन सोमवार को क्षेत्रीय विधायक लाखनसिंह मीना ने फीता काटकर किया। इस मौके पर विधायक लाखनसिंह ने कहा कि केन्द्र पर ही एक्स-रे मशीन की सुविधा शुरू होने से रोगियों को राहत मिलेगी। अब उन्हें सामान्य चिकित्सालय नहीं जाना पड़ेगा। इससे समय की बचत के साथ परेशानी से भी राहत मिलेगी।

विधायक ने जिला उप क्षय रोग निवारण केन्द्र पर स्टाफ सहित अन्य आवश्यक संसाधनों की कमी को पूरा करने का भी भरोसा दिलाया। इस मौके पर नगरपरिषद सभापति पुत्र व पार्षद अमीनुद्दीन खान, जिला क्षय रोग निवारण अधिकारी डॉ. विजयसिंह मीना, समाजसेवी बबलू शुक्ला, छोटे भंवर, केन्द्र के कार्मिक अनिलकुमार शर्मा, मनीष शर्मा, सुनील मंगल सहित अन्य मौजूद थे।

गौरतलब है कि दशकों से यहां संचालित हो रहे उप क्षय रोग निवारण केन्द्र पर अभी तक एक्स-रे की सुविधा उपलब्ध नहीं थी, जबकि क्षय रोगियों व सिलिकोसिस जांच के लिए एक्सरे जरुरी है। ऐसे में रोगियों को एक्सरे के लिए सामान्य चिकित्सालय पहुंचकर एक्सरा कराने पड़ते हैं, जहां उन्हें इंतजार करना पड़ता। वहीं उसी एक्सरे मशीन पर सामान्य चिकित्सालय में आने वाले रोगियों के भी एक्सरे किए जाते हैं। चूंकि सामान्य चिकित्सालय में आने वाले रोगियों के भी प्रतिदिन एक्स-रे होते हैं। ऐसे में उप क्षय रोग निवारण केन्द्र से एक्सरे के लिए भेजे जाने वाले रोगियों को इंतजार करना मजबूरी होती है। वहीं एक ही जगह एक्सरा होने से दबाव भी रहता था, लेकिन अब इस समस्या से छुटकारा मिल सकेगा।

रोगियों को मिलेगा शीतल पेय
जिला उप क्षय रोग निवारण केन्द्र पर आने वाले रोगियों को अब शीतल जल भी मिल सकेगा। नगर परिषद सभापति पुत्र व पार्षद अमीनुद्दीन खान की ओर से चिकित्सालय को भेंट किए गए वाटर कूलर का भी विधायक लाखनसिंह ने फीता काटकर शुभारंभ किया। वाटर कूलर लगने से रोगियों को ना केवल पेयजल की खातिर इधर-उधर भटकना पड़ेगा, बल्कि उन्हें ठण्डा पानी भी मिल सकेगा। इस अवसर पर पार्षद अमीनुद्दीन खान, जिला क्षय रोग निवारण अधिकारी डॉ. विजयसिंह मीना, समाजसेवी बबलू शुक्ला सहित अन्य मौजूद रहे।

32 माह से अटका है कैलादेवी अभयारण्य ईको सेंसेटिव जोन का निर्धारण
राज्य सरकार ने आक्षेपों की पूर्ति में लगा दिए दो साल
अब प्रस्ताव फिर भेजा केन्द्र सरकार को
20 करोड़ सालाना के राजस्व का हो रहा नुकसान

सुरेन्द्र चतुर्वेदी

करौली. कैलादेवी अभयारण्य क्षेत्र में इको सेंसेटिव जोन निर्धारण का मामला 32 माह से अटका है। इस कारण 50 खनिज पट्टों के नवीकरण नहीं हुए हैं और आगे 75 खनिज पट्टों का नवीनीकरण भी मुश्किल है। इससे सरकार को सालाना 20 करोड़ रुपए के विभिन्न राजस्व की चपत लग रही है। इतना ही नहीं आमजन हित के विकास कार्यो पर भी रोक लगी है।
इलाके के खनिज व्यवसाय को राहत और थमे विकास को गति देने के इस मामले में दोनों सरकार शिथिल रही है। दो वर्ष से मामले की पत्रावली आक्षेपों के कारण राज्य सरकार स्तर पर लम्बित थी, जिसे 10 दिन पहले फिर केन्द्र सरकार को भेजा गया है। इको सेंसेटिव जोन निर्धारण के प्रस्ताव पर अंतिम सहमति केन्द्र सरकार की होनी है।
यूं तो वन एरिया में वर्ष 2006 से गैरवानिकी गतिविधियों पर रोक है। लेकिन तीन वर्ष पहले राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के आदेश की पालना में कैलादेवी अभयारण्य क्षेत्र की सीमा से 10 किलोमीटर परिक्षेत्र में गैरवानिकी गतिविधियों पर प्रतिबंध में सख्ती दिखाई।

प्रदूषण एनओसी को किया बंद
खनिज विभाग ने अभयारण्य क्षेत्र की 10 किमी. की परिधि में करौली, सपोटरा, कैलादेवी, मण्डरायल इलाके में सैण्ड स्टोन, सिलीका सैण्ड, बजरी खनन आदि के 124 खनिज पट्टे जारी कर रखे हैं।
खनिज पट्टाधारी को 3 से 5 वर्ष में खनिज व्यवसाय के लिए प्रदूषण बोर्ड से सम्मति (एनओसी) लेना अनिवार्य होता है लेकिन प्रदूषण बोर्ड ने पिछले तीन साल से एनजीटी के आदेश पर सख्ती से अमल करने के लिए अभयारण्य सीमा से 10 किलोमीटर परिधि में आ रही खदानों की एनओसी देना बंद कर रखा है। इससे 50 खनिज पट्टों की पत्रावली तो एनओसी के इंतजार में अटकी है। जबकि आगे भी जिन खनिज पट्टों को प्रदूषण के अनापत्ति प्रमाण पत्र की जरूरत होगी उनको भी एनओसी नहीं मिल सकेगी।

दो साल लगे दो बिन्दुओं के आक्षेप में

राज्य सरकार ने नवम्बर 2018 में केन्द्रीय वन पर्यावरण मंत्रालय को अभयारण्य सीमा से एक किमी. दायरे में गैर वानिकी गतिविधि पर रोक लगाना प्रस्तावित किया। प्रस्ताव पर 10 माह बाद दो बिन्दुओं का आक्षेप लगाकर इसे राज्य सरकार को लौटा दिया।
इन आक्षेपों की पूर्ति करने में राज्य के वन विभाग की शिथिलता यह रही कि लगभग 2 साल का समय आक्षेपों को पूरा करने में लग गया। ये भी तब सम्भव हुआ जब खनिज व्यवसायियों ने लगभग एक दर्जन बार वन मंत्री, चार बार मुख्य सचिव तथा आधा दर्जन से अधिक बार वन अफसरों से मुलाकात कर पत्रावली जल्दी भेजने का आग्रह किया। सांसद मनोज राजौरिया ने राज्य सरकार की शिथिलता का मामला संसद में उठाया।

ये होगा लाभ

ईको सेंसेटिव जोन निर्धारण से केवल खनिज कारोबारियों के साथ अभयारण्य क्षेत्र सीमा के निवासियों को भी लाभ मिलेगा। इससे केवल एक किमी. की परिधि में गैरवानिकी गतिविधियों पर रोक प्रभावी रहेगी। इससे खनिज व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा और विकास के रास्ते भी खुलेंगे। अभी अभयारण्य सीमा के प्रतिबंधों के कारण बिजली, सड़क सहित अन्य कार्यो पर रोक है।

राजनीतिक पैरवी रही कमजोर
खनिज व्यवसायियों का कहना है कि कैलादेवी अभयारण्य के साथ राजसमंद संसदीय क्षेत्र से कुम्भलगढ़ अभयारण्य, कोटा संसदीय क्षेत्र से मुकंदरा अभयारण्य के भी ईको सेंसेटिव जोन के प्रस्ताव केन्द्र को भेजे गए थे। वहां की मजबूत राजनीतिक पैरवी से इन प्रस्तावों पर काफी पहले केन्द्र की मुहर लग चुकी है। जबकि कैलादेवी अभयारण्य का प्रस्ताव अभी तक अटका है।

राज्य सरकार ने की देरी

कैलादेवी अभयारण्य के सेंसेटिव जोन निर्धारण के मामले में राज्य सरकार की उदासीनता रही है। राज्य सरकार की देरी पर मामले को लोकसभा में भी उठाया था। दो साल तक राज्य सरकार ने आक्षेप पूरा करके नहीं भेजे। अब पत्रावली केन्द्र को भेजीहै। जल्दी वन पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र जी यादव से मुलाकात करके निस्तारण कराने का प्रयास करेंगे।

मनोज राजौरिया, सांसद, करौली-धौलपुर संसदीय क्षेत्र


हिण्डौनसिटी. मानसून की पहली मूसलाधार बारिश ने शहर की सरकार को आइना दिखा दिया। बरसाती पानी ने न केवल नगरपरिषद की व्यवस्थाओं की पोल खोली, बल्कि बदइंतजामी को उजागर कर दिया। शहरभर में सीवरेज के लिए खोदी गई सड़कें ठीक तरह से मरम्मत नहीं होने के कारण गड्ढों में धंस गई। जिससे अलग-अलग स्थानों पर कई वाहन गड्ढ़ों में फंस गए। रविवार रात करीब ढाई घंटे तक हुई झमाझम बारिश ने सफाई व्यवस्था की भी कलई खोल कर रख दी। तहसील कार्यालय में चार इंच(95 एमएम) बारिश दर्ज की गई है।
शहर के अधिकांश मोहल्लों में कचरे से अटी नालियां चॉक हो गई। कीचड़ युक्त गंदा पानी व कूड़ा बह कर सड़कोंं पर आ गया। जगह-जगह जलभराव होने से लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ा।


क्षेत्र में रविवार देर शाम करीब सवा सात बजे शुरू हुई बारिश का दौर रात के लगभग 10 बजे तक चला। इसके बाद सोमवार को अलसुबह लोगों की नींद खुली, तो रिमझिम बारिश की बूंदें आसमान से टपकती मिली। हल्की बूंदाबादी का यह दौर दोपहर करीब 12 बजे तक जारी रहा। बारिश से शहर के हालात बदले-बदले नजर आए। स्टेशन रोड़ पर विधायक भरोसी लाल जाटव के आवास के सामने, करौली रोड़ पर कोतवाली थाने के समीप, बयाना रोड़ पर आनंद विहार कॉलोनी के पास हर बार की भांति जलभराव हो गया। यहां से निकलने में वाहन चालकों व राहगीरों को सर्वाधिक परेशानी हुई। इसके अलावा शीतला चौराहा, दिलसुख टाल वाली गली, हाई स्कूल के सामने, जगदंबा मार्केट, कटरा बाजार, सुखदेव पुरा, चौबे पाड़ा, दुब्बे पाडा, मनीराम पार्क के पास, मोहननगर में आर्यसमाज भवन के पास, ब्राह्मण धर्मशाला के पास सहित अधिकांश क्षेत्रों में जलभराव हो गया। नालियां के जाम होने से कीचड़ व पॉलिथीन का कचरा सड़क पर फैल गया।

धंसी सड़कें, फंसे वाहन-
शीतला बाजार से रामद्वारे तक लंबे समय से सफाई व सड़क निर्माण नहीं होने से सामान्य बारिश में ही जलभराव हो जाता है। नालियों की नियमित सफाई नहीं होने से दो दिन तक बरसाती पानी की निकासी नहीं हो पाती है। ऐसे में प्रमुख बाजार और शहर का मुख्य मार्ग होने के चलते लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। चौपड़ सर्किल से हाईस्कूल के सामने होकर डैम्परोड़ तक सीवरेज के खोदी गई सड़क धंस गई। तहसील रोड़ पर अस्पताल के तिराहे के पास बारिश ने दशा ही बिगाड़ दी। जर्जर नाली और सीवरेज निर्माण से क्षतिग्रस्त सड़क की वजह से यहां बरसात के पानी की निकासी नहीं हो पाई। सड़क गड्ढों में धंस गई। कई ट्रेक्टर-ट्रॉली, टेम्पो, बाइकों के अलावा अन्य वाहन गड्ढों में फंस गए। कई राहगीरों को फिसलने की वजह से चोटिल होना पड़ा। कुल मिलाकर लोगों को खासी परेशानी हुई।

मुसीबत बना सीवरेज कार्य-
शहर में चल रहा सीवरेज कार्य में संवेदक की ओर से की जा रही लेटलतीफी लोगों के लिए मुसीबत बनी हुई है। जगह-जगह सीवरेज का काम चलने व अधूरे काम के कारण कई वाहन सड़कों में फंस गए। उन्हें निकालने के लिए वाहन चालकों को परेशानी हुई। वहीं सीवरेज के काम में लगी जेसीबी भी फंस गई। दोपहर बाद बारिश थमी तो नगरपरिषद का अमला हरकत में आया। तथा गड्ढों में गिरने से कोई बड़ा हादसा नही हो, इसके लिए जेसीबी से गड्ढों को भरने का काम शुरु किया। कीचड़ और गंदगी से अटी नालियों की सफाई की गई। तब कहीं जाकर आहत हुए लोगों को राहत मिल पाई।

दुकानों में भरा पानी, भीगा सामान, हुई परेशानी-
बारिश का पानी कटरा बाजार स्थित दुकानों में भर गया। दुकानदारों ने रात करीब सवा 10 बजे बारिश थमने के बाद दुकानों पर पहुंच हालात देखे तो दंग रह गए। कई परचून किराना की दुकानों में दालें, चीनी, गुड़, मसाले आदि सामान भीग गया। सुबह पानी उतरा तो दुकानदारों ने सामान को सुखाने का प्रयास किया। लेकिन बारिश के कारण उनका काफी नुकसान हो गया।

हिण्डौनसिटी. उपखंड कार्यालय में सोमवार को सड़क सुरक्षा समिति की बैठक हुई। जिसमें शहर की क्षतिग्रस्त सड़कें और अतिक्रमण से बिगड़ी हुई यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने पर चर्चा हुई।

बैठक में एसडीएम अनूप सिंह ने कहा कि जिले का मुख्य और सबसे बड़ा शहर है हिण्डौन, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता और प्रभावी मानिटरिंग नहीं होने के कारण सड़क सुरक्षा की स्थिति बेहद चिंताजनक है। शहर में बदहाल यातायात व्यवस्था के कारण आमजन को परेशानी हो रही है। ऐसे में परिवहन विभाग व यातायात पुलिस के साथ ही नगरपरिषद प्रशासन की जिम्मेदारी बढ़ जाती है।

एसडीएम ने कहा थी शहर के करौली रोड, महुआ रोड़, बयाना रोड पर ऑटो, निजी वाहन व लोक परिवहन बसों को सड़क किनारे मनचाहे स्थान पर खड़ा कर दिया जाता है, जिससे आमजन को आवागमन में असुविधा का सामना करना पड़ता है। सड़क किनारे लगने वाले ठेला गाड़ी व अव्यवस्थित तरीके से खड़े होने वाले वाहनों पर कार्यवाई करने की बात कही।

एसडीएम ने नगर परिषद आयुक्त, यातायात प्रभारी और परिवहन निरीक्षक को सात दिवस में यातायात व्यवस्था को बेहतर कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। साथ ही चौपड़ से बयाना मोड तक क्षतिग्रस्त डिवाइडर की मरम्मत कराने एवं चौपड़ से डेम्परोड और बयाना मोड़ से मनीराम पार्क तक डिवाइडर निर्माण कराने के निर्देश दिए। सीवरेज निर्माण कार्य के दौरान क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत कराने तथा वेंडिंग जोन व नो वेंडिंग जोन का निर्धारण कर नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई के निर्देश दिए।


बैठक में डीएसपी किशोरी लाल, तहसीलदार मनीराम खींचड़, आयुक्त कीर्ति कुमारी, विकास अधिकारी राजेन्द्र कुमार, कोतवाली थाना प्रभारी गिर्राज प्रसाद, एसीबीईओ दयाल सिंह, यातायात प्रभारी अजीत सिंह, परिवहन निरीक्षक अविनाश कुमार, क्षेत्रीय वनाधिकारी दशरथ सिंह, रोडवेज के जब्बार खान व ट्रक यूनियन अध्यक्ष गोपाल सिंह आदि मौजूद थे।


हिण्डौनसिटी.
करीब छह माह पेटे में दूर तक सूखे जगर गांध में रविवार रात हुई सीजन की पहली झमाझम बारिश से पानी की आवक शुरु हो गई है। हालाकि बांध के पेटे में आया पानी अभी मापक गेज से 125 फीट दूर है। ऐेसे में जल संसाधन विभाग के रेकार्ड में सोमवार शाम तक बांध के सूखा रहा। हालांकि बांध पर सुबह 8 बजे तक 120 एमएम बारिश दर्ज की गई है।
रविवार रात करीब साढ़े तीन घंटे हुई बारिश बांध में पानी की आवक शुरू हो गई। कैचमेंट एरिया में हुई बारिश से सोमवार शाम तक पानी की आवक जारी रही। जलसंसाधन विभाग के सहायक अभियंता शिवराम मीणा व फ्लड सैल के प्रभारी विजेंद्र सिंह ने बताया कि बांध में सुबह से ही पानी की आवक शुरू हो गई। दोपहर करीब साढ़े 12 बजे पानी विंगबाल के गेज से 350 फीट दूर था। शााम करीब 5.30 बजे तक पानी की आवक जारी रहने से यह दूरी घटकर 125 फीट रह गई। विभागीय सूत्रों के अनुसार बांध में पानी आवक डांग क्षेत्र स्थित कैचमेंट एरिया में हुई बारिश पर निर्भर है। सोमवार रात को कैचमेंट एरिया में अच्छी बारिश से होने पर ही मंगलवार को पानी के बांध के गेज को छूने की उम्मीद है। बीते सत्र में अपेक्षाकृम बारिश कम होने से छह माह से अधिक अवधि से गेज सूखा है।

खुशनुमा हुआ मौसम, बांध पर पहुंचे लोग-
सीजन की पहली झमाझम बारिश के बाद सोमवार को दिन भर बंूदों की झड़ी लगी रहे से मौसम खुशनुमा रहा। शहर सहित आस-पास के गांवों के लोग धूमने के लिए बांध पर पहुंच गए। कई लोगों पर मछली ठेकेदार की नौकाओं से बांध में नौकायन का आनंद लिया। रिझझिम फुहारों के बीच बांध पर दिन भर लोगों की आवाजाही लगी रही।

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