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अलवर. सरिस्का बाघ परियोजना पर्यटन नक्शे पर फिर तेजी से उभरने लगा है। वर्ष 2005 में बाघ विहिन होने के बाद सरिस्का ने 2008 से फिर पर्यटन क्षेत्र में उड़ान भरना शुरू किया और बीते 13 साल में खुद सरिस्का ने 14 बाघ बढ़ाए, हालांकि इस दौरान पांच टाइगर गंवाने भी पड़े। अब सरिस्का में बाघों का कुनबा बढकऱ 23 का हो गया है।

सरिस्का में बाघों का कुनबा साल दर साल बढ़ रहा है। वर्ष 2008 में रणथंभौर से पहले बाघ एसटी-1 की सरिस्का में शिफ्टिंग की गई थी। शुरू में सरिस्का को पुनर्जीवित करने के लिए रणथंभौर से बाघों की शिफ्टिंग करनी पड़ी, लेकिन बाद में खुद सरिस्का ही बाघों की जन्म स्थली के रूप में विकसित हो गया। यही कारण है कि सरिस्का में साल दर साल बाघों का कुनबा बढ़ता रहा और करीब 13 साल के सफर के बाद बाघों का कुनबा बढकऱ 23 तक पहुंच चुका है। इनमें 6 बाघिन, 10 बाघ तथा 7 शावक हैं। सरिस्का में 13 सालों में 14 बाघों ने स्वयं की जमीन पर जन्म लिया। वहीं रणथंभौर से 9 बाघों को शिफ्ट कर सरिस्का लाया गया।

सरिस्का ने दस साल में खोए 5 टाइगर

सरिस्का बाघ परियोजना ने बीते 10 सालों में 5 टाइगर खोए भी हैं। इनमें एसटी-1 बाघ की मौत पॉइजनिंग से हुई। वहीं एसटी-4 बाघ की मौत बाघ-एसटी-6 से संघर्ष में घायल होने के बाद उपचार के दौरान एनक्लोजर में हुई। बाघिन एसटी-5 की मौत शिकारियों के शिकार से हुई। इसके अलावा बाघ एसटी-11 की मौत खेत में किसान की ओर से फंदा लगाने से हुई। वहीं रणथंभौर से आए बाघ की मौत ट्रंक्यूलाइज के बाद गर्मी से हुई।

सरिस्का में बढ़ रहे उम्रदराज बाघ

सरिस्का में उम्रदराज बाघों की संख्या बढ़ रही है। हालांकि उम्रदराज बाघिन एसटी-2 सरिस्का बाघ परियोजना के लिए सबसे लकी साबित हुई है। यह बाघिन अब तक सरिस्का में 7 बाघों का कुनबा बढ़ा चुकी है, जिसमें दो बार दो-दो शावकों को स्वयं ने जन्म दिया, वहीं एक बार इसकी बेटी एसटी-14 ने तीन शावकों को जन्म दिया। बाघिन एसटी-2 के 7 टाइगरों की बदौलत वर्तमान में सरिस्का में बाघों का कुनबा बढकऱ 23 तक पहुंच चुका है। हालांकि बाघिन एसटी-12 भी बाघों का कुनबा बढ़ाने में 6 टाइगरों का योगदान दे चुकी है। इन दिनों उम्रदराज बाघ एसटी- 6 बीमार होने के कारण एनक्लोजर में हैं।

बाघ-21 व बाघिन एसटी-9 लुभा रही पर्यटकों को

सरिस्का में बाघों का कुनबा बढऩे का सुखद परिणाम यह रहा कि पर्यटकों को यहां टाइगर की साइटिंग खूब हो रही है। पिछले कई महीनों से बाघ-21 व बाघिन एसटी-9 की साइटिंग आसान हो गई है। ये दोनों बाघ-बाघिन पर्यटकों को खूब लुभा रहे हैं। इसके अलावा अन्य टाइगरों की साइटिंग होती रही है। सरिस्का बाघ परियोजना समिति के सदस्य एडवोकेट संजीव कारगवाल एवं दिनेश दुर्रानी का कहना है कि सरिस्का पर्यटन मानचित्र पर तेजी से उभर रहा है। यहां युवा बाघ-बाघिन से बाघों का कुनबा तेजी से बढऩे की उम्मीद है।

करीब 17 साल की है बाघिन एसटी-2

सरिस्का की सबसे उम्र दराज बाघिन एसटी-2 की उम्र करीब 17 साल है। इस बाघिन से सरिस्का को अब तक 7 टाइगर मिल चुके हैं।
सुदर्शन शर्मा, डीएफओ, सरिस्का बाघ परियोजना

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