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5 साल पहले खोदी 15 ट्यूबवैल आज तक चालू नहीं हुई, जांच हो - बेनीवाल Thursday 29 July 2021 06:31 AM UTC+00 नागौर. नागौर पंचायत समिति क्षेत्र के गांवों में वर्ष 2015-14 से 2017-18 तक एसएफसी-5 योजना में कार्यकारी एजेंसी पंचायत समिति द्वारा कुल 19 सार्वजनिक सिंग फेस ट्यूबवैल खुदवाई गई, लेकिन उनमें से 15 ट्यूबवैल आज तक चालू नहीं हुई है। यानी एसएफसी-5 योजना के 68.47 लाख रुपए खर्च करने के बावजूद ग्रामीणों को एक बूंद पानी नहीं मिला। इस प्रकार की चौंकाने वाली जानकारी खींवसर विधायक नारायण बेनीवाल ने बुधवार को नागौर पंचायत समिति की साधारण सभा की बैठक में जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों को दी। विधायक ने कहा कि जनता का पैसा इस तरह क्यों बर्बाद किया गया। इसकी जांच होनी चाहिए और दोषी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। अन्यथा इस प्रकार की बर्बादी आगे भी होती रहेगी। विधायक द्वारा यह जानकारी बैठक में रखने पर जिला परिषद सदस्य ओमप्रकाश सेन ने उनकी बात को काटते हुए कहा कि आप यह बात बार-बार कह रहे हो, लेकिन सारी ट्यूबवैल चालू हैं। इस पर विधायक बेनीवाल ने पहले तो उन्हें कहा कि वे अपनी बात बीडीओ व अधिकारियों से कह रहे हैं, इसलिए वे बीच में नहीं बोलें, क्योंकि वे उनकी बात का जवाब देने के लिए अधिकृत नहीं हैं। इसके बाद विधायक ने 29 जून 2021 को बीडीओ द्वारा लिखित में दी गई जानकारी का कागज सबको दिखाते हुए कहा कि इसमें वर्ष 2016 से 2018 तक खोदी गई सिंगल फेस 15 ट्यूबवैल के लिए जब बिजली कनेक्शन ही जारी नहीं हुए तो ट्यूबवैल कैसे चालू होगी। विधायक ने कहा कि ग्राम पंचायत के होते हुए पंचायत समिति ने कार्यकारी एजेंसी बनकर ग्राम पंचायतों में लाखों रुपए के काम करवा दिए, जो सीधा ग्राम पंचायतों के अधिकारों का हनन है। उन्होंने गगवाना ग्राम पंचायत में पंचायत समिति द्वारा वर्ष 2019-20 में एसएफसी-5 योजना के तहत करवाए 36.4 लाख के विभिन्न कार्यों पर भी प्रश्न चिह्न लगाते हुए कहा कि इस प्रकार की गलत परिपाटी डालना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि आज इस बैठक में इस प्रकार का प्रस्ताव लिया जाना चाहिए कि जब तक ग्राम पंचायत सहमति नहीं दे, तब तक ग्राम पंचायत में पंचायत समिति कार्यकारी एजेंसी बनकर काम नहीं करवाएगी। इस पर जनप्रतिनिधियों ने पूरा समर्थन दिया। बैठक में विकास अधिकारी चरणसिंह ने पूर्व बैठक में लिए गए प्रस्तावों पालना रिपोर्ट पेश की। बजट देने में नहीं हो भेदभाव जनप्रतिनिधियों ने रखी समस्याएं सरकारी सिम नहीं है क्या घूंघट में दिखी महिला शक्ति |
जिले के 110 कर्मचारियों से वसूली जाएगी 24 लाख से अधिक राशि Thursday 29 July 2021 06:50 AM UTC+00 नागौर. गरीबों का गेहूं डकारने वाले सरकारी कर्मचारियों से वसूली करने की कार्रवाई तेज हो गई है। रसद विभाग ने जिले के 110 कर्मचारियों को अंतिम चेतावनी देते हुए तीन दिन में राशि जमा नहीं कराने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की तैयारी कर ली है। जिले में डाकघर के 31 एसओ कार्यालय किराए के भवनों में हो रहे संचालित |
किसानों के खुशखबरी: नागौर पहुंचा एक एक हजार टन जिप्सम Thursday 29 July 2021 03:45 PM UTC+00 नागौर. काश्तकारों के लिए खुशखबरी है। जिले में जिप्सम की आपूर्ति हो गई है। राजस्थान राज्य माईन्स एण्ड मिनरल्स लिमिटेड की ओर से करीब एक हजार टन जिप्सम फिलहाल जिले में पहुंच गया है। इसके लिए काश्तकार कृषि विभाग के स्थानीय कार्यालय अथवा संबंधित सहायक कृषि अधिकारी व कृषि पर्यवेक्षक को इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। इस संबंध में कृषि विभाग की ओर से काश्तकारों को इसकी जानकारी दिए जाने के साथ ही फसलों में जिप्सम की महत्ता बताए जाने का काम भी ग्राम पंचायतवार शुरू कर दिया गया है। काश्तकारों को इसकी आपूर्ति अनुदानित दर पर की जाएगी। इसमें काश्तकारों को ५० प्रतिशत अनुदान पर इसकी उपलब्धतता कराई जा रही है। प्रति बैग किसानों को यह लगभग ७० रुपए में देय रहेगी। |
भर्ती में प्राथमिकता नहीं तो धरने पर बैठे Thursday 29 July 2021 03:54 PM UTC+00 नागौर. सरस डेयरी से जुड़े ठेकाकर्मी दुग्ध संघ की ओर से अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार का एलान कर दिया गया। संघ के प्रतिनिधियों का कहना है कि राजस्थान डेयरी फेंडरेशन व नागौर डेयरी में कार्य बहिष्कार को प्रभावी तरीके से चलेगा, क्यों कि उनकी मांगों पर लंबे समय से ध्यान नहीं दिया जा रहा। आरसीडीएफ एवं दुग्ध संघों में सालों से ठेका पद्धति से जुड़े होने के बाद भी उनको भर्ती में वरीयता नहीं दी जाती है। आरसीडीएफ एवं दुग्ध संघों में सहकारी भर्ती बोर्ड की ओर से कराई जा रही भर्ती में उनको कोई प्राथमिकता नहीं मिल रही है। जबकि पूर्व में राज्य सरकार, सहकारी भर्ती बोर्ड, आरसीडीएफ एवं डेयरी प्रशासन को मांगपत्र देकर इससे अवगत कराया जा चुका है। इस संबंध में ज्ञापन पत्र मुख्यमंत्री, सहकारिता मंत्री, पशुपालन मंत्री एवं आरसीडीएफ प्रबन्ध संचालक जयपुर को भेजकर यथोचित कदम उठाए जाने का आग्रह किया है। धरना में शिवराज एवं महेन्द्र आदि मौजूद थे। विद्यालय में कक्षा-कक्ष निर्माण शुरू |
राम नाम से बड़ा कुछ भी नहीं है Thursday 29 July 2021 04:01 PM UTC+00 नागौर. रामपोल सत्संग भवन में चल रहे सत्संग में कथावाचक संत रमताराम ने कहा गोस्वामी तुलसीदास महाराज ने रामचरितमानस का लेखन करते हुए कहा कि भगवान के चरित्र तो बहुत बड़े हैं, लेकिन प्रभु के गुण का वर्ण करना बुद्धि से परे है। मेरा भाग्य तो छोटा है, लेकिन अभिलाषा भगवान रामचंद्र के चरित्र बनाने की बड़ी है। जिनका ईश्वर के चरणों में प्रेम नहीं, उनको इस कथा में कुछ नहीं मिलेगा। जिस कथा में भगवान राम का नाम का यश का वर्णन किया गया है। उस कथा में सारे ग्रंथों का सार आ जाता है। कहने का अर्थ है कि राम नाम के बिना कहीं भी रस नहीं रहता है। जीवन में राम नाम होना जरूरी है। जिस ग्रंथ में राम का वर्णन होगा। वह कथा सभी संत महात्माओं के लिए पूज्यनीय होगी। इस ग्रंथ को संत महात्मा स्वीकार कर लेंगे। अपार संसार समुंदर को पार करने के लिए राम नाम रूपी पुल पर चढकऱ आसानी से पार हो सकता है। संत मुरलीराम महाराज ने कहा कि भगवान श्रीराम का नाम ही भवसागर को पार करा सकता है, लेकिन इसके लिए खुद को समर्पित करना पड़ेगा। भगवान की सच्चे भाव से भक्ति करनी होगी। भक्त की भक्ति इतनी प्रबल होनी चाहिए कि भगवान की कृपा उस पर बनी रहे। कहने का अर्थ है कि भक्ति के दौरान भक्त जब खुद को अपने ईष्ट के समक्ष समर्पित कर देता है तो उसके अंदर अहं भाव पूरी तरह से समाप्त हो जाता है। भक्ति में अहं का कोई स्थान नहीं है। इस अवसर पर साध्वी मोहनी बाई ने जिण दिन संत मिल जाये, भजन प्रस्तुत किया। बाल संत रामगोपाल महाराज, नंदकिशोर बजाज, नंदलाल प्रजापत, कांतिलाल कंसारा, मदन मोहन बंग, रामअवतार शर्मा आदि मौजूद थे। |
समर्पित भक्ति से प्रारब्ध का होता नाश Thursday 29 July 2021 04:08 PM UTC+00 नागौर. रामद्वारा केशवदास महाराज बगीची बख्तासागर में चातुर्मास की कथा में भागवत पर प्रवचन करते हुए मंहत जानकीदास ने कहा कि भगवान के नाम अलौकिक शक्ति है। ग्रंथों में ऐसा लिखा है कि ब्रह्म ज्ञानी संतो को भी प्रारब्ध भोगना पड़ता है प्रारब्ध का नाश ब्रह्म ज्ञान से भी नहीं होता है। ज्ञानी संतो के जीवन में सुख दुख ,मान अपमान के प्रसंग आते हैं, परंतु के मन को शांत रखते हैं। प्रारब्ध बहुत बलवान होता है। भगवान नाम के जाप से प्रारब्ध का नाश होता है। साधारण भक्ति से प्रारब्ध का नाश नहीं होता है। भगवान का नाम समर्पित भाव से लेना पड़ता। सर्वकाल भक्ति करने वाले का प्रारब्ध नाश होता है। कोई भी सत्कर्म नियम से बारह वर्ष तक बराबर होने पर उसकी शक्ति बढ़ जाती है। वह सिद्ध हो जाता है। जीवन में कैसा भी सुख-दुख का प्रसंग आए, लेकिन भक्ति छोडऩा नहीं चाहिए। सुख-दुख में मानव भोजन नहीं छोड़ता है तो फिर भगवान की भक्ति को भी नहीं छोडऩी चाहिए। सुख-दुख बादल के समान है। भागवत कथा में प्रसंग आता है कि जो वैष्णव भगवान को याद करते हुए सो जाता है तो रात्रि भर भक्ति करने भक्ति करने का फल होता है। भगवान के स्वभाव को जानने वाला भगवान को एक क्षण भी नहीं छोड़ सकता। भक्ति से ही मरण सुधरता है। अंतकाल सुधारने के लिए ही पूरे जीवन में भगवान की भक्ति पूजा पाठ की जाती है। ताकि उसका अंत सुधर जाए। इस दौरान संत मि_ूराम ,संत मांग दास, संत कल्याण दास ,संत लक्षआनंद, मोडाराम ढाका, भंवरूराम ढाका, किशोरराम माझू ,भंवरुदास वैष्णव, सत्यनारायण माहेश्वरी आदि मौजूद थे। |
अव्यवस्थित तारों व ट्रांसफार्मर ने बढ़ाई मुश्किल Thursday 29 July 2021 04:22 PM UTC+00 नागौर. जिला मुख्यालय के बीकानेर रोड स्थित रीको एरिया में बरसात की बूंदों के गिरने के साथ ही यहां की सडक़ों पर करंट दौडऩे लगता है। नंगे तारों के नीचे तक गिरते-लटकते तारों के साथ असुरक्षित-अव्यवस्थित हालात में रखे गए ट्रांसफार्मर अब खतरा बन गए हैं। यही नहीं, सघन हुए पेड़ों के बीच लटके तार बारिश के साथ ही जमीन पर फैलते करंट का कारक बनने लगे हैं। इसकी वजह से यहां के उद्यमियों में भी अब अनहोनी की आशंका की वजह से डर नजर आने लगा है।रीको एरिया में दालों की फैक्ट्रियों के बीच बरसात के दौरान दौड़ते करंट यहां पर लगे कामगारों के लिए खतरा बनने लगे हैं। पूरे एरिया में बिजली के तारों के जाल पेड़ों के अंदर से होते हुए फैले हुए हैं। इनकी देखभाल नहीं होने की वजह से यह कई जगहों पर लटके हुए नजर आने लगे हैं। पेड़ों से होकर गुजरने की वजह से बारिश के दौरान पानी का साथ मिलते ही कई बार यह करंट सडक़ों पर उतर जाता है। यही नहीं, यहां अवैज्ञानिक तरीके से लगे ट्रांसफार्मर के नजदीक से गुजरने पर अक्सर कई पशु असमय हादसे का शिकार होकर अपनी जान गवां बैठते हैं। ऐसे हादसों की संख्या भी उद्यमियों क अनुसार एक दर्जन का आंकड़ा पार कर गई है। |
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