>>: अलवर में अतिक्रमण पर कार्रवाई, 6 घंटे तक हटाया अस्थाई अतिक्रमण, विरोध भी हुआ

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अलवर. आजादी की साल गिरह से पहले शुक्रवार को अलवर शहर को अतिक्रमण से आजादी दिलाने का प्रयास शुरू किया गया। नगर विकास न्यास की ओर से कई विभागों के साथ मिलकर शुक्रवार को हनुमान चौराहे से कृषि उपज मंडी तक और अग्रसेन सर्किल से मोड़ तक कई दर्जन अस्थाई अतिक्रमण और खोखे हटवान की कार्रवाई की। सुबह 11 बजे हनुमान चौराहे से शुरू हुआ अतिक्रमण हटाओ अभियान छह घंटे तक जारी रहा और शाम 5 बजे तक अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई। इस दौरान कई बार अतिक्रमण हटाओ दस्ते को लोगों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा तथा तनाव होने से कई बार कार्रवाई रोकनी भी पड़ी।

अतिक्रमण हटाओ अभियान की शुरुआत हनुमान चौराहे से सुबह 11 बजे हुई। अभियान में सबसे पहले हनुमान चौराहे पर दुकानदारों से समझाइश की गई। अतिक्रमण हटाओ अभियान की शुरुआत पुलिस चौकी के समीप स्कूटर व मोटर साइकिल सुधारने वाले मिस्त्री के खोखे हटाने से हुई। बाद में यह दल मूंगस्का वाली सडक़ की ओर चला।
इस सडक़ मार्ग पर सेंट एंसलम स्कूल के बाहर ट्रक टायर पंचर वालों की दुकान तथा सामने ही परचूनी की दुकान के आगे से टीन शेड हटाने की कार्रवाई शुरू की। यहां परचूनी की दुकान मालिक के परिवार की महिलाओं ने अतिक्रमण निरोधक दल को जमकर खरी-खोटी सुनाई।

पहले पक्का निर्माण तोड़ो और फिर आगे बढ़ो

मूंगस्का में सेंट एंसलम स्कूल वाले सडक़ मार्ग के सामने एक परचूनी की दुकान का टीन शेड तोड़ा गया। यहां के सभी दुकानदार पक्का निर्माण ध्वस्त करने के बाद ही आगे अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करने की बात को लेकर अड़ गए। यहां पास में ही टीन शेड की जगह किसी दुकानदार ने पक्का निर्माण कर रखा था। इस पर काफी देर तक बहस होती रही। यहां महिलाओं ने जमकर विरोध किया। नगर परिषद आयुक्त सोहन सिंह नरुका से भी महिलाओं ने बहस की। यहां नानक राठौड़ ने इस दल को नियमानुसार कार्रवाई करने की बात कही।

बहस के दौरान जेसीबी का पंजा कुछ देर बाद चलने लगा। यहां कई दुकानदार थोड़ी देर की मोहलत मांगते रहे, लेकिन उन्हें पहले ही समझा दिया था। अतिक्रमण हटाओ दस्ते को देखकर कई दुकानदारों ने स्वयं ही अपने आगे लगे टीन शेड हटा लिए। इस दल ने सेंट एंसलम स्कूल वाले सडक़ मार्ग की ओर बाहर से सीढिय़ा बनाकर किए गए अतिक्रमण को नहीं हटाया, जिसे लेकर यहां के दुकानदारों ने भारी विरोध जताया। इस कारण यहां काफी देर तक अभियान को रोकना पड़ा।

दो दलों में विभाजित हुआ अभियान-

अतिक्रमण अभियान को हनुमान चौराहे से दो भागों में विभाजित किया गया। सार्वजनिक निर्माण विभाग की टीम नमन होटल वाले सडक़ मार्ग की ओर रवाना हुई और यूआईटी की टीम कृषि उपज मंडी की तरफ बढ़ी। हनुमान चौराहे से ईटाराणा सडक़ मार्ग के लिए प्रशाासन ने रिडकोर को पत्र लिखा है।

हनुमान चौराहे पर अतिक्रमण हटाने की बात आई तो सार्वजनिक निर्माण के अधिकारियों का कहना था कि यह सडक़ हमारे पास नहीं है और सभी सडक़ें यूआईटी की बताकर अपना पल्ला झाड़ लिया। राजस्थान पत्रिका ने समाचार अभियान के माध्यम से बताया कि सार्वजनिक निर्माण विभाग की कौन-कौन सी सडक़ें हैं। इसके बाद जिला कलक्टर नन्नू मल पहाडिय़ा ने इसे गंभीरता से लिया और सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों को डांट लगाई, तब जाकर वे मानने को तैयार हुए कि यह सडक़ें हमारी हैं। जिला कलक्टर ने गत 10 अगस्त को इस आशय का एकआदेश जारी किया कि हनुमान चौराहे वाली सडक़ सार्वजनिक निर्माण विभाग की है, जिसको देखते हुए वे यूआईटी का सहयोग लेकर यहां से अतिक्रमण हटाए। इस पत्र के बाद सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारी ने कार्रवाई का मानस बनाया।

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