>>: Digest for August 04, 2021

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राजमहल. बीसलपुर बांध सहित करीबी पहाड़ी क्षेत्र में पिछले चार दिनों से लगातार हो रही बारिश के चलते बांध के डाउन स्ट्रीम में बने पवित्र दह में पानी की आवक होने से दह किनारे बनास नदी में बना देवली-टोडारायसिंह मार्ग बाधित हो गया है।

देवली से टोडारायसिंह व टोडारायसिंह से देवली की ओर आने जाने वाला बनास मार्ग बंद होने से वाहन चालकों सहित पर्यटकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, जिसको लेकर बनास मार्ग से वाहन की निकासी नहीं होने के कारण सोमवार को बांध के गेट संख्या दो की तरफ वाहनों की कतार लगने दो घण्टे तक जाम लगा रहा, बाद में टोडारायङ्क्षसह व बीसलपुर पुलिस चौकी के सिपाहियों की ओर से जाम खुलवाया गया।

ग्रामीणों नेबताया कि बीसलपुर बांध की मुख्य दीवार पर बने मार्ग पर बांध परियोजना की ओर से आवागमन बंद रहता है, जिससे पर्यटकों व देवली से टोडा, मालपुरा व डिग्गी की ओर जाने वाले व टोडारायसिंह से देवली,भीलवाड़ा, कोटा की तरफ जाने वाले वाहन चालकों को बीसलपुर में बनास मार्ग में बने ग्रेवल सडक़ मार्ग का पार कर गुजरना पड़ता है।

पवित्र दह में पानी की आवक होने से बनास नदी का ग्रेवल सडक़ मार्ग इन दिनों जलमग्न हो गया है। ऐसे में बीसलपुर में दोनों तरफ का आवागमन बंद हो चुका है, जिससे यात्रियों को टोडारायसिंह से बोटून्दा राजमहल होते हुए देवली की तरफ या फिर छान होते हुए दर्जनों किमी की अतिरिक्त दूरी तय कर देवली की तरफ आना जाना पड़ रहा है। कई वाहन चालक दह किनारे पानी मेें डूबे मार्ग में जान जोखिम में डालकर वाहन निकाल रहे है। जहां वाहन चालकों की जरा सी चूक वाहन सहित गहरे पानी में गिरकर बड़े हादसे को अंजाम दे सकते है।

बांध पर आकर भटकते हैं पर्यटक

बीसलपुर बांध स्थल अजमेर संम्भाग का सबसे बढ़ा बांध होने के बाद भी प्रशासन की ओर से बीसलपुर बांध के गेट संख्या एक से दो की तरफ आने जाने व देवली व टोडारायसिंह उपखण्ड को आपस में जोडऩें के लिए बनास नदी में पुलिया निर्माण की अब तक सुध नहीं ली है।

बीसलपुर में देवली से टोडारायसिंह को सडक़ मार्ग से जोडऩे के लिए सिर्फ यहीं एक मार्ग स्थित है, जो बारिश के दौरान बंद हो जाता है। वहीं बांध के गेट संख्या एक से दो की ओर आने जाने के लिए भी आम लोगों के लिए यही एक रास्ता है। जो बांध से बनास में पानी की निकासी के दौरान या फिर बनास में बारिश का पानी आने के बाद हर वर्ष कई दिनों तक बंद हो जाता है।

टोंक. सांसद सुखबीरसिंह जौनापुरिया ने सोमवार को केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात कर उत्तर पश्चिम रेलवे जोन के अधीन टोंक-सवाई माधोपुर की रेलवे से सम्बन्धित कई मांग रखी। सांसद जौनापुरिया ने रेल मंत्री को बताया कि 873.70 करोड रुपए अनुमानित लागत (वर्ष 2016 में) से अजमेर (नसीराबाद) - सवाई माधोपुर (चौथ का बरवाडा) वाया टोंक (165 कि.मी.) स्वीकृत नई रेल लाइन परियोजना को वित्त वर्ष 2015-16 में स्वीकृत करवाया गया और वर्तमान राज्य सरकार द्वारा अपने जनघोषणा पत्र में इस परियोजना के लिए 50 प्रतिशत राशि व नि:शुल्क भूमि उपलब्ध करवाने की मांग को शामिल किया गया था।

अब लगभग 3 वर्ष पूरे होने के बाद भी राज्य की कांग्रेस सरकार अपने वादे अनुसार इस परियोजना के लिए कुल लागत की 50 प्रतिशत राशि व नि:शुल्क भूमि उपलब्ध नहीं करवा रही है। सांसद जौनापुरिया ने मांग रखी की कि प्रदेश सरकार इस परियोजना के लिए अपनी सहमती देकर परियोजना को शुरू करवाए।

सांसद ने रेल मंत्री को परियोजना की शर्त के अनुरूप 50 प्रतिशत राशि वहन करने व नि:शुल्क भूमि उपलब्ध करवाने को निर्देशित करने को कहा है। सांसद ने निवाई में बनस्थली विद्यापीठ में करीब 18 हजार छात्राएं अध्ययनरत है। इसलिए निवाई-बनस्थली जंक्शन पर आने-जाने वाली सभी सुपर फास्ट व एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव कराया जाए।

राजमहल. क्षेत्र के बीसलपुर स्थित गोकर्णेश्वर महादेव मंदिर में श्रावण मास के साथ ही सोमवार को ग्रामीण क्षेत्रों से आई महिला श्रद्धालुओं की दिनभर भीड़ रही। करीबी गांव व कस्बों के साथ ही दूर दराज से आये श्रद्धालुओं ने पवित्र दह में डूबकी लगाकर मछलियों को आटा खिलाया।

मंदिर में सजाई गई शिव पार्वति की झांकी के दर्शन कर शिवजी का जलाभिषेक किया। कई महिलाओं ने घर बने पकवान तो कई महिलाओं ने धर्मशालाओं में चूरमा बाटी बनाकर व्रत खोला। मंदिर परिसर में जगह जगह चल रहे श्रावण मास के अनुष्ठान से मंदिर परिसर दिनभर मंत्रोच्चार से गूंजायमान रहा। इस दौरान श्रद्धालुओं ने मंदिर में पूजा अर्चना के साथ ही बीसलपुर बांध स्थल का भम्रण कर जलभराव को निहारा। कई लोगों ने पहाड़ी क्षेत्र में बहते झरनों व हरियाली में पिकनिक का लुत्फ उठाया।

जलाभिषेक कर पूजा अर्चना की

पारली. श्रावण मास के दूसरे सोमवार के दिन मंदिरों में शिवभक्तों की आवाजाही लगी रही। प्रात: काल से ही रिमझिम बारिश होने के बावजूद श्रद्धालुओं की भक्ति भावना कमजोर नहीं पड़ी। बरसते मेंघों के बीच कन्याओं व विवाहिताओं ने रियासतकालीन रघुनाथ मंदिर में भगवान शिव के चर्तुमुखी शिवलिंग का जलाभिषेक कर पूजा अर्चना की।बनेडिया के रास्ते मासी नदी के तट पर स्थित अतिप्राचीन खेड़ा देवरा शिवलिंग का नवयुवकों ने वर्षा जल से जलाभिषेक किया।

मंदिरों में भजन किर्तन किए

टोंक. सावन माह के दूसरे सोमवार को श्रद्धालुओं ने बरसात में भीगते हुए भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक किया। सुबह से ही मंदिरों में महिला-पुरुषों के अलावा बच्चों की भगवान शंकर को जलाभिषेक करने की भीड़ रही। सवाईमाधोपुर चौराहा स्थित मंशापूर्ण भूतेश्वर महादेव मंदिर, सुभाष बाजार स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर , बनास पुलिया स्थित गंगेश्वर महादेव, महादेववाली स्थित शिवालय आदि मंदिरों में भगवान शिव की पूजा के लिए श्रद्धालुओं की लाइन लगी रही। दोपहर बाद मंदिरों में भजन किर्तन किए गए।


टोडारायसिंह . सावन के दूसरे सोमवार पर शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ रही। शहर स्थित प्राचीन भूतेश्वर महादेव मंदिर में झांकी सजाई। जहां श्रद्धालुओंं ने झांकी के दर्शन कर पूजा अर्चना की। इसी प्रकार पहाड़ स्थित नसियां, किलेश्वर महादेव, भूतेश्वर महादेव, गढ़ के बालाजी, बुद्धसागर स्थित नीलकण्ठेश्वर महादेव समेत अन्य शिवालय तथा हाडीरानी कुण्ड समेत अन्य पिकनिक स्थलों पर भी लोगों की भीड़ रही।

लाम्बाहरिसिंह. सावन के अवसर पर कस्बे समेत क्षेत्र के भोपालाव समेत अन्य गांवों में स्थित शिवालयों में सोमवार को भगवान शिव की विधिवत पूजा अर्चना कर आकर्षक फूल बंगला झांकी
सजाई गई।

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