>>: Digest for August 11, 2021

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Table of Contents

टोंक. गत दिनों लगातार हुई बरसात से अभी भी शहर की कई कॉलोनियों में पानी भरा हुआ है। ऐसे में मकान आ रही सीलन और नींव में पानी जाने से उन्हें मकान दरकने का खतरा बना हुआ है। कई मकान तो ऐसे में हैं, जिनके आने-जाने के लिए रास्ता तक नहीं है।

ऐसे में उनके बच्चे व बुजुर्ग घरों में कैद हो गए हैं। परिवार के अन्य लोगों को पानी के बीच से गुजरना पड़ रहा है। ऐसे ही हालात खारवाल बस्ती, कैलाशपुरी, पीली तलाई समेत हाइवे किनारे की करीब आधा दर्जन कॉलोनियों के हैं। कॉलोनियों में भरे पानी के चलते लोगों को उसके बीच से ही गुजरना पड़ रहा है। गत दिनों से ऐसा होने पर उनके अब पांव भी कच्चे होकर कटने लगे हैं। पांव की खाल गलकर हटने लगी है। ऐसे में इन्हें कोई रोग भी हो सकता है।

पीली तलाई में 6 दिन से जमा है बरसात का पानी
पीली तलाई में पिछले 6 दिनों में बरसाती पानी नहीं निकाले जाने से गुस्साए महिला-पुरुष रविवार को एडीएम मुरारी लाल शर्मा के निवास जा धमके। आरोप लगाया कि बीसलपुर बांध परियोजना की नहरी जमीन पर प्रभावशाली लोगों ने कब्जा कर पानी के निकासी को रोक दिए जाने से पानी नहीं निकल पा रहा। नगर परिषद के अधिकारियों पर भी आरोप लगाया कि वह अतिक्रमण हटाने में नाकाम हो रहे हैं।

लोगों ने बताया कि शिकायत पर नगर परिषद की ओर से पानी का निकास किया गया था, जिसको भी अतिक्रमियों ने बन्द कर डाला। टोंक-सवाई माधोपुर हाइवे के नजदीक बनी पीली तलाई कॉलोनी में पिछले पांच दिनों से बरसाती पानी जमा होने से घरों में पानी ही पानी हो रहा है।

ऐसे हालातों में लोगों का घरों से बाहर निकलना भी दूभर हो रहा है। कॉलोनी के रामफूल, विनोद नायक, मोहिनी, ममता आदि ने बताया कि गत 5 अगस्त को भी जिला कलक्टर को इसी समस्या को लेकर ज्ञापन सौंपा था, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। मामले को लेकर एडीएम ने नगर परिषद आयुक्त धर्मपाल जाट से मोबाइल फोन पर बात कर पानी निकासी के निर्देश दिए।


29 सडक़ें क्षतिग्रस्त 14 कराई ठीक
गत दिनों हुई बरसात से जिले में 29 सडक़ें क्षतिग्रस्त हो गई। इनमें से 14 की मरम्मत करा आवागमन सार्वजनिक निर्माण विभाग ने शुरू करा दिया है। वहीं अभी करीरिया से मंडावर, टोंक से लहन, पालड़ा, पराना से सिरस, टोंक से बमोर, बनेठा, सुरेली सडक़ों पर बने हुए रपट पर पानी का अभी तेज रिसाव है।

ऐसे में सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता आर. एस. बैरवा ने बताया कि रपट से गुजरने वाले वाहनों तथा लोगों पर रोक लगा दी है। वहीं गत दिनों आई बरसात के चलते लोगों के आवागमन को रोकने के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से गहलोद स्थित बनास नदी के रपट पर लगाए गए चेनल, हुक और ताले को लोग खोलकर ले गए।

इसकी शिकायत सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता पी. वी. उपाध्याय ने अतिरिक्त जिला कलक्टर मुरारीलाल शर्मा को दी है। ताकि दोनों स्थानों पर पुलिस जाप्ता लगाकर लोगों को पानी के बीच से गुजरने से रोका जा सके।

देवली. हाइवे स्थित गोपीपुरा गांव के समीप किसी वाहन ने मोटरसाइकिल के टक्कर मार दी। इससे मोटरसाइकिल सवार एक जने की मौत हो गई तथा दूसरा घायल हो गया। घायलों को चिकित्सालय में लाया गया। जहां से जयपुर रेफर कर दिया।

पुलिस थाने के सहायक थाना प्रभारी बन्ना लाल ने बताया कि सोमवार सुबह जयपुर राजमार्ग पर गोपीपुरा गांव के पास किसी वाहन ने मोटरसाइकिल के टक्कर मार दी। दोनों को एंबुलेंस से राजकीय चिकित्सालय पहुंचाया गया। दोनों की हालत गम्भीर थी।

जहां अनिल (25) पुत्र राम सिंह चौधरी निवासी कल्याणपुरा तहसील श्रीमाधोपुर जिला सीकर की मौत हो गई। वहीं बाबू (25) पुत्र विनोद दाधीच निवासी झोटवाड़ा जयपुर को जयपुर रेफर कर दिया। उन्होंने बताया कि बाइक सवार दोनों युवक जयपुर से देवली की तरफ आ रहे थे।

इसी दौरान किसी वाहन ने टक्कर मार दी। दोनों युवकों के मोबाइल एवं उनकी जेब में मिले दस्तावेज के आधार पर पुलिस ने परिजनों को सूचना दी। इसके बाद परिजन चिकित्सालय पहुंचे और शिनाख्त की। पुलिस ने बताया कि मृतक अनिल जयपुर में नर्सिंग कर रहा था।

अनिल के मामा जगदीश जाट निवासी कल्याणपुरा श्रीमाधोपुर जिला सीकर ने मामला दर्ज कराया है। पुलिस ने पोस्टमार्टम करवा कर शव परिजनों को सौंप दिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर वाहन की तलाश शुरू कर दी है।

दो बार हो चुकी वारदात

पीपलू. उपखंड क्षेत्र के रानोली के आंगनबाड़ी केंद्र द्वितीय पर प्रतिदिन शाम होते ही शराब पीने वालों का जमावड़ा लग जाता है। शराबी आंगनबाड़ी केंद्र के बरामदे में बैठ कर के शराब पीते हैं और शराब, पानी की खाली बोतलें, डिस्पोजल गिलास आदि आंगनबाड़ी केंद्र के बरामदे में ही छोडकऱ चले जाते हैं।


आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रामा देवी शर्मा ने बताया की सन 2011 से आंगनबाड़ी केंद्र द्वितीय को प्राथमिक विद्यालय परिसर में बने एक कमरे में संचालित किया जा रहा हैं। तब से ही यहां पर रात में शराबी आ जाते हैं और खाली बोतले छोड़ जाते हैं, जिनको रोजाना उठाकर फैंकना पड़ता हैं। कार्यकर्ता ने बताया कि यह कमरा विद्यालय परिसर में एकांत जगह पर बना हुआ है।


यहां बैठकर शराब पीने वाले लोग शराब के नशे में रात के समय में आंगनबाड़ी केंद्र का ताला तोडकऱ पोषाहार चोरी भी कर लेते हैं। दो बार इसका ताला तोडकऱ पोषाहार आदि सामग्री चुरा चुके हैं। ग्रामीणों ने बताया कि आंगनवाड़ी केंद्र पर आने वाले बच्चों पर भी यहां पड़ी बोतलों से बुरा असर पड़ता है। बच्चे खाली बोतलें से खेलते हैं और बोतलें उठाकर फोड़ देते हैं, जिससे कांच से चोट लगने का भी डर बना रहता है। इससे बच्चों भी पर बुरा असर पड़ता है।

राजमहल. प्रदेश के बड़े बांधों में शामिल बीसलपुर बांध पर सुरक्षा व्यवस्था महज तीन सिपाहियों
के भरोसे है। जबकि बरसता के दिनों में तो यहां हजारों लोगों की भीड़ रहती है। बीसलपुर में पुलिस चौकी तो स्थापित कर रखी है, लेकिन पुलिसकर्मियों की कमी के साथ ही हादसों के दौरान राहत कार्यों के लिए संसाधनों की कमी के कारण तैनात पुलिसकर्मी हताश नजर आते हैं।


हालात यह हो जाते हैं कि बीसलपुर चौकी पर लगे सिपाही बीसलपुर बांध पर बारिश के दौरान रोजाना आने वाले हजारों पर्यटकों व श्रद्धालुओं पर नजर रखने के साथ गोकर्णेश्वर महादेव मंदिर में कोरोना कोविड-19 की गाइड लाइन की पालना भी कराते हैं।


ऐसे में कम होने पर उनमें भागदौड़ रहती है। वहीं बांध के डाऊन स्ट्रीम में बने पवित्र दह में होते हादसों की रोकथाम को लेकर भी वे चिंतित रहते हैं। ऐसे में तीन पुलिस कर्मी अलग-अलग जगह ड्यूटी देते हैं, लेकिन पर्याप्त नहीं है।

बीसलपुर बांध के दह में हर वर्ष बारिश के दौरान कई लोग हादसे का शिकार होकर अकाल मौत के मुंह में समा जाते हैं। यहां पर्याप्त जाप्ता हो तो हादसे पर अंकुश लग सकता है। हालांकि बीसलपुर बांध परियोजना की ओर से बांध के गेट संख्या एक, दो व तीन पर निजी सुरक्षा गार्ड तैनात कर रखे हैं, जो गेटों तक सीमित रहते हैं। ऐसे में उनका सहारा भी नहीं मिल पाता है।

गोताखोर के साथ नाव का अभाव

बीसलपुर बांध के पवित्र दह की गहराई वाले पानी में डूबने से मौत होती है। पुलिस को राहत कार्य शुरू करने के लिए स्थानीय तैराकों व उन्हीं की हस्थचलित नावों के भरोसे रहना होता है। यहां बांध बनने के बाद से लेकर अब तक दर्जनों लोगों की मौत के बाद भी प्रशासन की ओर से बारिश के दौरान यहां गौताखोर की ड्यूटी नहीं लगाई जाती है।

हर बार राहत कार्य शुरू करने के बाद प्रशासन को गौताखोर की याद आती है। शव की तलाश में घटना के बाद कोटा या अन्य जगहों से गौताखोर बुलाया जाता है। बांध परियोजना को सरकार की ओर से नाव तो दी जाती रही है, लेकिन ये नाव पवित्र दह में होते हादसों के दौरान जलभराव में पड़ी रह जाती है।

गश्त का भी जिम्मा

चौकी पर एक हैड कांस्टेबल के साथ तीन सिपाही ड्यूटी पर हैं। जिनमें एक सिपाही रोजाना पुलिस थाना देवली में गश्त व अन्य कार्यों के लिए बुला लिया जाता है। दो सिपाही व एक हैड कांस्टेबल को राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 52 स्थित गांवड़ी पंचायत की अम्बापुरा कॉलोनी तक कभी तामील तो कभी दुर्घटना व अन्य पुलिस के कार्य से भागना पड़ता है।

एक सिपाही को बीसलपुर बांध पर रहकर सभी ओर निगरानी करनी होती है। ऐसे में भीड़ पर नियंत्रण मुश्किल होता है। बीसलपुर बांध व गोकर्णेश्वर महादेव मंदिर स्थल चारों तरफ से पहाडिय़ों से घिरा हुआ है। ऐसे में यहां मोबाइल नेटवर्क काम नहीं करने के कारण सूचना देने में परेशानी होती है।


नेटवर्क भी नहीं करता काम

चौकी पर नियुक्ति सिपाही बारी-बारी से बांध के हर पॉइंट पर निगरानी रखते हैं। पर्यटकों की भीड़ व हादसों की आशंका को लेकर स्टॉफ की कमी खलती है। उच्चाधिकारियों को अवगत कराया है।
- बद्री लाल यादव, पुलिस चौकी प्रभारी बीसलपुर

अधिकारियों को कराया है अवगत
बीसलपुर में कर्मचारियेां की कमी के लिए उच्चाधिकारियों को अवगत करवाकर स्टाफ बढ़वाने का प्रयास करेंगे। साथ ही संसाधनों आदि की कमी के लिए बांध परियोजना को भी बारिश के दौरान प्रशासन से संसाधन व गेट पर पुलिस चौकसी के लिए स्टाफ बढ़ाने की मांग करनी चाहिए। जिससे अतिरिक्त स्टाफ लगाया जा सके। - दीपक मीणा, पुलिस उपाधीक्षक देवली

टोंक . शहर के समीप देवली ग्राम पंचायत की ओर से चिरोंज गांव में करीब 10 लाख रुपए की लागत से पानी निकास के लिए बनाया गया पानी का दबाव नहीं झेल पाया और जगह-जगह से क्षतिग्रस्त होकर धंस गया। ऐसे में नाले का पानी आस-पास के मकान और खेतों में भर गया।

ऐसे में किसानों और लोगों को नुकसान का सामना करना पड़ा। ग्रामीण राजेश, कैलाशी देवी, गणेश, रामजीलाल आदि ने बताया कि वर्ष 2019-2020 में नाला निर्माण किया गया था। निर्माण सामग्री में बरती गई लापरवाही के चलते नाला टूटने से खेतों से पानी गुजर गया, इससे किसानों की फसलें नष्ट हो गई। वहीं गहरे गड्ऐ हो गए।

ग्रामीणों ने आरोप लगाया की कार्य के दौरान लापरवाही बरती गई। ग्रामीणों ने नाला पुन: निर्माण करने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। इधर, ग्रामीण विकास अधिकारी हामिदुद्दीन खान ने बताया कि तेज बरसात के चलते नाला क्षतिग्रस्त हो गया।

वहीं सरपंच कमलेश कुमार ने बताया कि ठेकेदार से उक्त नाले का दोबारा निर्माण कराया जाएगा। ग्रामीणों ने बताया कि नाला करीब 100 मीटर तक जगह-जगह से टूट गया और जमीन में धंस गया। इसके बाद पानी के बहाव के आगे बहने से नुकसान हुआ है।

पाळ क्षतिग्रस्त, मरम्मत कराई
दूनी. बंथली पंचायत के विजयगढ़ गांव स्थित गडूलिया नाड़ी की पाळ क्षतिग्रस्त हो गई। पंचायत ने उसकी तुरंत मरम्मत कराई। यह नाड़ी करीब 15 साल बाद लबालब हुई है। ऐसे में कटाव से पाळ क्षतिग्रस्त हो गई। सरपंच श्यामसिंह राजावत की सूचना पर उपसरपंच छगनलाल माली ने मिट्टी के बेग लगाकर उसकी मरम्मत की।


सरपंच ने बताया कि तीन दिन से चल रही बरसात के बाद गडूलिया नाड़ी लबालब होकर कटाव के कारण पाळ क्षतिग्रस्त होकर उसमें गहरा गड्ढ़ा हो गया। सूचना पर जेसीबी, ट्रैक्टर-ट्रॉली चालकों को क्षतिग्रस्त पाळ की मरम्मत के लिए बुलाया, लेकिन मार्ग नहीं होने एवं मरम्मत के दौरान जान-माल का खतरा होने पर सभी ने मना कर दिया। ऐसे में उपसरपंच सहित राजू, रामकिशन, भगवान, रीतिक, राधेश्याम एवं रणजीत ने तगारी-फावड़े से ही क्षतिग्रस्त पाळ की मरम्मत कर दी।

निवाई. उप तहसील दत्तवास में पशु चिकित्सालय को लेकर जनप्रतिनिधिओं व प्रशासन की बेरूखी के चलते पशु चिकित्सालय पर तीन वर्ष से ताला लटका हुआ है। पशु चिकित्सालय भवन बंद रहने से जर्जर होता जा रहा है। पशु चिकित्सालय बंद रहने से परिसर में जंगली पेड़-पौधे उग आए हैं। पशुधन पर आधारित पशुपालकों के लिए मवेशियों को पालना मुश्किल हो चला है।


क्षेत्र में करीब पचास हजार से अधिक मवेशियों का बिमारियों में उपचार करवाना बहुत मुश्किल हो रहा है। पशुओं के उपचार को लेकर पशुपालकों को वाहनों से लम्बी दूरी तय कर ले जाना बहुत भारी पड़ रहा है। पशुपालकों ने बढ़ती समस्या को लेकर जनप्रतिनिधियों को कई बार अवगत कराने के बाद भी समस्याओं के समाधान को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।

अब मौसमी बीमारियों को लेकर भी स्थानीय पशुपालक बहुत चिंतित है। क्षेत्र के पशुपालकों की सुविधा के लिए पशु चिकित्सालय में पिछले तीन साल से कोई चिकित्सक नहीं है। चिकित्सक की तैनाती नहीं होने से पशु चिकित्सालय से जुड़े कई गांवों के पशुपालक भी परेशान हैं। आसपास क्षेत्र में कोई भी पशु चिकित्सालय संचालित नहीं है।


जिम्मेदारों की अनदेखी व उदासीनता से जिले के सीमांत क्षेत्र दत्तवास में खोले गए पशु चिकित्सालय चिकित्सक व कपाउंडर के अभाव में बंद पडा है। दूर-दराज के पशुपालकों की सुविधा को निवाई ब्लॉक से जुड़े उप तहसील दत्तवास में खोले गए राजकीय पशु चिकित्सालय में तीन साल से पशु चिकित्सक सहित अन्य पद भी खाली चल रहे हैं।

उप तहसील क्षेत्र से पचास से अधिक गांवों के एकमात्र पशु चिकित्सालय दत्तवास में स्थापित है। लेकिन पशु चिकित्सक के नहीं होने से पशुपालकों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। इसके अलावा उप तहसील दत्तवास मे कहीं भी पशु चिकित्सालय संचालित नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में पशु टीकाकरण भी नहीं हो पा रहा।

क्षेत्र में बड़ी संख्या में ग्रामीण परिवार पशुपालन व्यवसाय से जुड़े हैं। यहां पशु चिकित्सक व अन्य स्टाफ की कमी से कई ग्रामीणों के बीमार पशु उपचार के अभाव में दम तोड़ रहे हैं। दत्तवास उप तहसील में 64 गांव और 12 ग्राम पंचायतें आती है और किसी भी पंचायत में पशु चिकित्सालय नहीं है।


सभी पंचायतें उप तहसील दत्तवास के चिकित्सालय पर निर्भर है। पशुपालकों व पशुओं के लिए केन्द्र व राज्य सरकार द्धारा चलाई जा रही सरकारी योजनाओं का पिछले तीन साल से ग्रामीणों को कोई लाभ नहीं पा मिल रहा है।


पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक मक्खनलाल दिनोदिया का कहना है उप तहसील दत्तवास में करीब तीन वर्ष से पशु चिकित्सक का पद रिक्त है, जिसके लिए राज्य सरकार व विभाग के उच्चाधिकारियों को लिखित में कई बार अवगत करा दिया गया है। जैसे ही आदेश मिलेगें पशु चिकित्सक तैनात कर दिया जाएगा।

दूनी. राष्ट्रीय राजमार्ग 52 के भरनी कस्बा स्थित सर्विस लेन पर आइआरबी की लापरवाही से बारिश के पानी को निकालने को लेकर खोला गया नाला बंद नहीं करने से दुर्घटना को निमंत्रण दे रहा है। कई बार अवगत कराने पर भी स्थानीय कार्मिक एवं अधिकारी नाले को ढकने की जहमत नहीं उठा रहे हैं।

ग्रामीणों ने बताया की आइआरबी की ओर से खोले गए नालों से आए दिन पैदल राहगीरों एवं दोपहिया वाहन चालकों को परेशानी उठानी पड़ रही है। साथ ही दुर्घटना का भय बना हुआ है। गौरतलब है की गत दिनों तेज बारिश के बाद आए अवरोध से नाले उफान पर आ गए, इस पर आइआरबी कार्मिकों ने ढके नालों को खोल दिया। इसके बाद एक तरफ का पानी तो निकल गया मगर खुले नाले से दुर्घटना का भय बना हुआ है।

दूसरी ओर धुवांकला मार्ग पर आइआरबी की ओर से नालों में आए अवरोध नहीं हटाने से सडक़ पर घुटनों तक पानी भरा हुआ है। इससे भरनी सहित एक दर्जन गांवों के लोगों एवं दोपहियां एवं चोपहियां वाहन चालकों को भारी परेशानी से गुजरना पड़ रहा है।

पानी की पाइप लाइन बिछाने का कार्य शुरू

आवां. कस्बे में पीने के पानी की समस्या को दूर करने के लिए पाइपलाइन बिछाने का काम शुरू कर दिया है। पानी की समस्या को लेकर पिछले दिनों वार्ड नंबर 7 और 8 की महिलाओं और पुरुषों ने प्रदर्शन कर मुख्य बाजार से पंचायत भवन तक जुलूस निकालकर तहसीलदार के नाम ज्ञापन दिया था।

आवां सरपंच दिव्यांश एम भारद्वाज ने अधिकारियों से बात कर पीने के पानी की किल्लत की समस्या से अवगत करवा कर इसे दूर करने के लिए कहा था। इसके बाद अधिकारियों ने सर्वे करवाकर पीने के पानी की समस्या को दूर करने के लिए नई पाइप लाइन बिछाने के लिए टेंडर किए। इसी के तहत शनिवार को नई पाइप लाइन बिछाने का कार्य शुरू कर दिया है।

निवाई. पुलिस महानिदेशक के आदेशों पर निवाई थाना क्षेत्र के गांवों में ग्राम रक्षक बनाए गए हैं। थानाधिकारी अजय कुमार ने बताया कि सामुदायिक पुलिस राजस्थान के तहत अपने ग्राम की सुरक्षा अपने हाथ अभियान के तहत निवाई थाना क्षेत्र में 35 गांवों में 35 ग्राम बनाए गए हैं और सभी ग्राम रक्षकों को गांव की सुरक्षा के लिए अभियान के तहत प्रशिक्षण दिया गया है।

ग्राम वासी भी पुलिस के सहयोगी बनकर बिना झिझक व दबाव के अपनी पीड़ा पुलिस को बता सके के उद्देश्य को लेकर ग्राम रक्षक बनाए गए है। थानाधिकारी ने बताया कि क्षेत्र के सभी ग्राम रक्षकों को ग्राम रक्षक पंजिका एवं मार्गदर्शिका वितरित की गई।

ग्राम रक्षक पंजिका एवं मार्गदर्शिका में गांव की समस्याओं के बारे में विवरण अनुसार ग्राम रक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षण उपरांत ग्राम रक्षक सभी ग्राम रक्षकों को बेच, पुस्तिकाएं आई कार्ड वितरित किये गए है।

कांग्रेस ने किया वरिष्ठजनों का सम्मान

टोंक. जला कांग्रेस कमेटी की ओर से भारत छोड़ो आन्दोलन की वर्षगांठ पर स्वतंत्रता सेनानियों तथा वरिष्ठ कांग्रेसियों का साफा बांधकर माला पहनाकर सम्मान किया गया। पदाधिकारियों ने स्वतंत्रता सेनानियों व वरिष्ठ कांग्रेसियों के घर जाकर उनका सम्मान किया।


इसमें वरिष्ठ आत्माराम गोयल, एडवोकेट मजहर आलम, अतिरिक्त जिला कलक्टर रहे ताराचन्द आकोदिया, भंवर लाल बंशीवाल, प्रतापमल रणवाल, अब्दुल वहीद शहजाद, फूलचन्द चावला, मोहन लाल वर्मा का माला पहनाकर साफा बंधवाकर सम्मान किया।


जिला प्रवक्ता जर्रार खान ने बताया कि इस अवसर पर निवर्तमान जिलाध्यक्ष लक्ष्मण चौधरी गाता, ब्लॉक अध्यक्ष अजीज कुरैशी, पार्षद हरिप्रसाद जोनवाल, मणिन्द्र बैरवा, ब्लॉक संगठन महासचिव एहसान बाबा, मुराद गांधी आदि मौजूद थे।

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