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Tuesday 10 August 2021 03:16 AM UTC+00 सीकर. राजस्थान में मानसून अब ब्रेक पर रहेगा। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार प्रदेश में बरसात की वजह बंगाल की खाड़ी के ऊपर बन रहा निम्न दबाव क्षेत्र था जो अब कमजोर पड़कर उत्तर प्रदेश की और चला गया है। इससे राजस्थान के पूर्वी हिस्सों में बारिश की गतिविधियां काफी कम हो जाएंगी। मानसून की ट्रफ रेखा के अक्षीय भाग का पश्चिमी छोर भी हिमालय की तलहटी की ओर बढ़ जाएगा। जिससे ब्रेक मानसून की स्थिति बन जाएगी। राजस्थान के पश्चिमी हिस्सों में भी अगले 6 से 7 दिनों तक कोई खास बारिश होने के आसार नहीं हैं। आज यहां बरसात की संभावना मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर के अनुसार मंगलवार को अलवर, भरतपुर, करौली, सवाई माधोपुर,बारां के अलावा उदयपुर व कोटा संभाग के कई स्थानों पर बरसात हो सकती है। जो भी हल्की से मध्यम दर्जे की होने का अनुमान है। प्रदेश में बाकी जगह मौसम मुख्यत: साफ ही रहेगा। देश में ऐसा रहेगा मौमस स्काई मेट वेदर रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार को पूर्वी राजस्थान के कुछ इलाकों में हल्की से मध्यम बरसात हो सकती है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल, पश्चिम मध्य प्रदेश, बिहार के कुछ हिस्सों और पूर्वी यूपी, उत्तर पूर्व भारत, तटीय आंध्र प्रदेश, लक्षद्वीप और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। शेष पश्चिमी हिमालय, पंजाब के कुछ हिस्सों, हरियाणा, दिल्ली, शेष उत्तर प्रदेश, कोंकण और गोवा, तटीय कर्नाटक, केरल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, छत्तीसगढ़ और बाकी मध्य प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश होने की उम्मीद है। वहीं, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, आंतरिक कर्नाटक और दक्षिण गुजरात में हल्की बारिश की सम्भावना है। शेखावाटी में उम्मीद कम शेखावाटी में मंगलवार को बरसात की उम्मीद कम है। मौसम विभाग के अनुसार यहां मुख्यत: मौसम शुष्क ही रहेगा। कुछ स्थानों पर हल्की बरसात जरूर हो सकती है। गौरतलब है कि इससे पहले सोमवार को सीकर शहर, खंडेला, पलसाना, श्रीमाधोपुर व नीमकाथाना सहित कई इलाकों में हल्की से तेज बरसात का दौर देखने को मिला था। |
Tuesday 10 August 2021 05:03 AM UTC+00 सीकर. कॉलेज की पढ़ाई के दौरान देखा कि श्वान भूखे-प्यासे घूम रहे हैं। जिसके भी घर के पास जाएं, वे ही भगा देते है। भूख से तंग होकर कई श्वान हिंसक भी हो गए। इस पर सात साल पर पहले श्वानों की सेवा का संकल्प लिया। यह कहानी है सीकर के मीणों का का मौहल्ला निवासी शशि बिल्खीवाल की। जिन्होंने अब बेसहारा श्वानों के लिए घर के एक कमरे को ही डॉग हाउस बना दिया है। जिसमें पंखें व कूलर तक का इंतजाम है ताकि उनको गर्मी में परेशानी नहीं हो। निजी स्कूल शिक्षक शशि अपनी बचत की राशि का पैसा श्वानों के भोजन व उपचार के लिए खर्च करती है। पिछले दिनों उन्होंने सीकर में श्वानों के संरक्षण के लिए सोशल मीडिया पर मुहिम भी शुरू की थी। इसको मेनका गांधी ने काफी सराहते हुए सीकर नगर परिषद को भी पत्र लिखा था। लेकिन परिषद श्वानों के संरक्षण और देखभाल के लिए अभी तक कोई एक्शन प्लान नहीं बना सकी है। स्पेशल डाइट लेते हैं श्वान शशि का कहना है कि उनके डॉग हाउस में फिलहाल दस श्वान है। इनके लिए अलग से रोजाना पांच लीटर दूध लिया जाता है। सुबह-शाम दलिया, दही व रोटी सहित स्पेशल डाइट भी दी जाती है। इसलिए बनाया डॉग हाउस कॉलोनी के कई लोगों ने बेसहारा श्वानों के हाथ-पैर तोड़ दिए। इस मामले में पुलिस में भी शिकायत दी। इसके बाद भी लोगों ने श्वानों को यातना देना बंद नहीं किया। इसके बाद उन्होंने श्वानों के लिए घर का एक बड़ा हॉल कर दिया। इसके बाद से इलाके के कई श्वान घर के अंदर ही रहते है। पशु भी प्यार के भूखे, अनुशासन इंसानों से ज्यादा बकौल शशि इंसानों की तरह पशु भी प्यार के भूखे है। समाज को मूक प्राणियों की पीड़ा भी परिवार के सदस्य की तरह समझनी चाहिए। मैेने सात साल के सफर में देखा कि इनका अनुशासन इंसानों से कही बेहतर है। शशि का कहना है कि सरकार की ओर से हर बजट में गौशाला खोलने की घोषणा की जाती है। इसी तरह मूक प्राणियों के लिए सरकार को स्वयंसेवी संस्थाओं को साथ लेकर उनके आवास व भोजन की व्यवस्था करनी चाहिए। सरकारी में नहीं मिला सहयोग तो खुद अपने स्तर पर इंतजाम उन्होंने बताया कि पहले श्वान सहित अन्य मूक प्राणियों को उपचार के लिए सरकारी अस्पताल में लेकर जाती थी। लेकिन वहां जानवरों में संक्रमण फैल गया। इससे कई जानवरों की मौत हो गई। इस मामले में भी उन्होंने जिम्मेदारों को खूब जगाया। तब जाकर व्यवस्था में बदलाव हुआ। अब वह खुद अपने स्तर पर निजी चिकित्सक को बुलाकर श्वानों का अपने खर्चे पर उपचार कराती है। परिवार के किसी भी सदस्य के बाहर जाते ही भावुक शशि के पिता राजेन्द्र बिल्खीवाल नेछवा इलाके के सरकारी स्कूल में अंग्रेजी के वरिष्ठ अध्यापक है। छोटी बहन पूनम भी अजमेर में अध्यापिका है। एक बहन नानी में सीएचओ के तौर पर पदस्थापित है। जैसे ही यह घर से बाहर निकलते है तो श्वान भावुक हो जाते है। |
Tuesday 10 August 2021 05:50 AM UTC+00 सीकर. शिक्षा विभाग ने शिक्षक दिवस पर पांच सितम्बर को प्रस्तावित राज्य, जिला व ब्लॉक स्तर पर होने वाले सम्मान समारोह के लिए आवेदन की तिथि अनलॉक कर दी है। शिक्षक 12 से 16 अगस्त तक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। इस बार भी शिक्षकों का पुरस्कार के लिए चयन अंकों के आधार पर किया जाएगा। कोरोना की वजह से शिक्षकों के चयन के लिए निर्धारित 100 अंकों के पेरामीटर में इस बार थोड़ा बदलाव किया है। इस संबंध में शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी ने आदेश जारी कर दिए हैं। तीन वर्ष के शिक्षण अनुभव वाले शिक्षक ही इन पुरस्कारों के लिए आवेदन कर सकेंगे। राज्यस्तरीय पुरस्कार के लिए चयनित शिक्षकों को 21 हजार, जिला स्तर पर 11 हजार व ब्लॉक स्तर पर चयनित शिक्षकों को 5100 रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा। 100 अंकों के आधार पर चयन सामान्य शिक्षक, शारीरिक शिक्षक व विशेष शिक्षकों का चयन 100 अंकों की रैंकिंग के आधार पर किया जाएगा। इसमें पांच अंक शैक्षिक रेकार्ड के तय है। इसके अलावा परीक्षा परिणाम, वार्षिक कार्य मूल्यांकन, राष्ट्रीय कार्यक्रमों में योगदान, नामांकन, ठहराव, नवाचार, जनसहभागिता, विद्यालय विकास, रिसर्च आदि के लिए अलग-अलग अंक तय किए गए हैं।
ब्लॉक से लेकर राज्यस्तर पर चयन समिति गठित शिक्षक सम्मान के लिए ब्लॉक, जिला व राज्यस्तर पर चयन समिति का गठन किया गया है। जिलास्तरीय समिति में मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी अध्यक्ष, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक, प्रारंभिक, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शिक्षक सदस्य एवं सहायक निदेशक सदस्य सचिव होंगे। जबकि राज्यस्तरीय चयन समिति के अध्यक्ष शिक्षा निदेशक होंगे। इसमें सदस्य सचिव उप निदेशक माध्यमिक शिक्षा होंगे। 24 अगस्त तक निदेशालय भिजवाने होंगे फार्म जिलास्तरीय चयन समिति की ओर से 24 अगस्त से पहले सभी आवेदनों की छंटनी कर ग्रेडिंग की जाएगी। राज्यस्तरीय पुरस्कार वाले आवेदन जिला शिक्षा अधिकारियों को 24 अगस्त तक निदेशालय भिजवाने होंगे।
फैक्ट फाइल ब्लॉक स्तर पर सम्मान: 903 जिला स्तर पर सम्मान: 99 राज्य स्तर पर सम्मान: 99 कुल सम्मानित होने वाले शिक्षक: 1101 बढ़ाई पुरस्कार की संख्या: शिक्षामंत्री पहले काफी कम शिक्षकों को राज्यस्तरीय पुरस्कार मिल पाता था। कांगे्रस ने सत्ता में आते ही सम्मानित होने वाले शिक्षकों की संख्या 1101 कर दी। अब ब्लॉक व जिलास्तर पर भी शिक्षकों को सम्मान मिलता है। शिक्षकों में इन पुरस्कारों को लेकर उत्साह लगातार बढ़ रहा है। गोविन्द सिंह डोटासरा, शिक्षा राज्य मंत्री कोरोना की वजह से बदला पैटर्न: निदेशक कोरोना की वजह से इस साल बोर्ड परीक्षाएं नहीं हो सकी। इसलिए सामान्य शिक्षक, शारीरिक शिक्षक व विशेष शिक्षकों के ग्रेडिंग में बदलाव किया गया है। इसके आधार पर पारदर्शी तरीके से शिक्षकों का चयन किया जाएगा। सौरभ स्वामी, निदेशक, शिक्षा विभाग |
Tuesday 10 August 2021 10:07 AM UTC+00 सीकर/श्रीमाधोपुर. राजस्थान के सीकर जिले की श्रीमाधोपुर नगर पालिका की साधारण सभा की बैठक मंगलवार को हंगामे की भेंट चढ़ गई। विधायक दीपेंद्र सिंह शेखावत की मौजूदगी व पालिकाध्यक्ष हरिनारायण महंत की अध्यक्षता में हुई बैठक में स्पीड ब्रेकर के पहले मुद्दे पर ही पक्ष व विपक्ष आमने सामने हो गए। दरअसल पालिकाध्यक्ष महंत ने नगर पालिका क्षेत्र के दुर्घटना संभावित क्षेत्रों के लिए स्पीड ब्रेकर खरीदने का प्रस्ताव रखा था। इस पर वार्ड 27 के पार्षद श्रवण आचार्य ने ऐसी जगहों व खरीद का ब्यौरा मांगते हुए विरोध शुरू कर दिया। इसी बीच मनोनीत पार्षद दिनेश सिंह शेखावत ने भी सदन के मुद्दों को पालिकाध्यक्ष व उनकी पार्टी के लोगों द्वारा तय किए जाने व उनमें आपसी सहमति की कमी के आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया। इसी बीच पार्षद नंदकिशोर सैनी, जगदीश मीणा, विनेश सैनी, मदन चौहान व सुनील पुरी ने भी इस मुद्दे पर पालिकाध्यक्ष को घेरा तो उनकी मत विभाजन की बात पर भी कांग्रेसी पार्षदों ने बवाल कर दिया। जिसके बीच में वार्ड 29 की पार्षद कमला देवी के स्यापा नहीं करने की बात पर तो कांग्रेसी पार्षद ज्यादा बिफर गए और भाजपा पार्षदों के साथ मिलकर उनका अपमान करने की बात करते हुए माफी मांगने की बात पर अड़ गए। करीब 2 घंटे तक जारी रहे हंगामे केा विधायक दीपेन्द्र सिंह ने भी बीच बीच में शांत करने की असफल कोशिश की। आखिरकार पालिकाध्यक्ष ने बैठक निरस्त कर दी। जिसके बाद विधायक व कांग्रेस पार्षद सदन के बाहर आ गए। कांग्रेसी पार्षदों ने इस दौरान पालिकाध्यक्ष के खिलाफ नारे भी लगाए। विधायक के कहने पर हुआ हंगामा: पालिकाध्यक्ष महंत बैठक में हंगामे को लेकर पालिकाध्यक्ष हरि नारायण महंत ने श्रीमाधोपुर विधायक दीपेंद्र सिंह शेखावत पर निशाना साधा है। महंत का आरोप है कि विधायक के कहने पर ही कांग्रेस पार्षद सदन नहीं चलने देने की योजना बनाकर आए थे। इसी वजह से पूरे समय वे हो- हुल्लड़ करते रहे। भाजपा में आपसी सहमति नहीं इधर मामले में विधायक दीपेंद्र सिंह ने पालिकाध्यक्ष व भाजपा पार्षदों पर सदन नहीं चलने देने का दोष मढ़ा। उन्होंने कहा कि बोर्ड भाजपा का है। पालिकाध्यक्ष व मुद्दे भी भाजपा के थे। पार्षदों की लिखित में स्पीड ब्रेकर लगाने की मांग पर ही अध्यक्ष ने बैठक में प्रस्ताव रखा था। फिर उन्हीं के लोगों ने प्रस्ताव का विरोध किया। इससे साफ है कि पालिकाध्यक्ष व उनके पार्षद ही नगरपालिका का विकास नहीं चाहते। मत विभाजन में हार का डर इधर, सदन में हंगामे की वजह भाजपा पार्षद मत विभाजन की मांग को भी बता रहे हैं। उनका कहना था कि चूंकि नगर पालिका में कुल 35 पार्षदों में से 18 भाजपा व 17 कांग्रेस के हैं। जिनमें से कांग्रेस के एक पार्षद राजेश कुमार की अनुपस्थिति में मत विभाजन में कांग्रेस को अपनी हार नजर आ रही थी। ऐसे में कांग्रेस पार्षदों ने जानबूझकर हंगामा कर बैठक स्थगित करवाई। |
Tuesday 10 August 2021 11:20 AM UTC+00 सीकर/नीमकाथाना. राजस्थान के सीकर जिले की नीमकाथाना कोतवाली में एसीबी की टीम ने 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते एएसआई को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोपी एएसआई भंवरलाल ने मावंडा खुर्द निवासी मनीष उर्फ जितेन्द्र से मारपीट के मुकदमे में नाम हटाने की एवज में रिश्वत मांगी थी। जिसकी शिकायत सत्यापन में सही पाए जाने पर एसीबी ने मंगलवार को जाल बिछाकर एएसआई को थाने में ही दबोच लिया। एसीबी डीएसपी जाकिर अख्तर की अगुआई में हुई कार्रवाई अब तक जारी है। 20 हजार रुपए मांग, 15 हजार में सौदा एसीबी डीएसपी जाकिर अख्तर ने बताया कि परिवादी मनीष ने एसीबी में शिकायत की थी। जिसमें बताया कि पिछले सप्ताह के आपसी मारपीट के एक मुकदमे में आरोपी नहीं बनाने की एवज में एएसआई भंवरलाल ने उससे 20 हजार की मांग की है। शिकायत पर सोमवार को सत्यापन करवाने पर शिकायत सही पाई गई। इस दौरान आरोपी से 20 हजार की बजाय 15 हजार रुपए में सौदा तय कर मंगलवार को रुपए देना तय किया गया। जो लेते समय ही आरोपी को रंगे हाथ पकड़ लिया गया। उन्होंने बताया कि कार्रवाई में पुलिस निरीक्षक सुरेश चंद, हेड कांस्टेबल रोहिताश्व सिंह, एलसी राजेन्द्र प्रसाद व सुशीला, कांस्टेबल रामनिवास, कैलाश चंद, मूलचंद, दलीप कुमार व चालक सुरेन्द्र कुमार शामिल रहे। छह दिन में दूसरी कार्रवाई, चौथा भ्रष्टाचारी गिरफ्तार सीकर एसीबी की भ्रष्टाचार के खिलाफ छह दिन में ये दूसरी कार्रवाई है। इससे पहले एसीबी ने लक्ष्मणगढ़ के रुल्याणी गांव के राजीव गांधी सेवा केन्द्र में 22 हजार 400 रुपए की रिश्वत राशि के साथ सरपंच, ग्राम सेवक व वरिष्ठ सहायक को रंगे हाथों पकड़ा था। जिन्होंने अपना खेत अपना काम योजना में मस्टरोल के रुपयों के भुगतान की एवज में रिश्वत मांगी थी। आरोपी सरपंच मोहित कुमार, ग्राम विकास अधिकारी विरेंद्र सिंह और वरिष्ठ सहायक देवी सिंह को राजीव गांधी सेवा केंद्र पर रिश्वत लेते हुए दबोचा गया था। इस तरह मंगलवार की कार्रवाई सहित एसीबी ने छह दिन में चौथा रिश्वतखोर पकड़ लिया है। |
Tuesday 10 August 2021 12:34 PM UTC+00 सीकर. प्रदेश में लगातार बेरोजगारों की फौज बढ़ती जा रही है। दूसरी तरफ सरकार भर्तियों की फीस, कलैण्डर, परीक्षा समय सहित अन्य मुद्दों के पेंच को पूरी तरह नहीं सुलझा पा रही है। इस कारण प्रदेश के 20 लाख से अधिक बेरोजगारों की हर सरकारी भर्ती परीक्षा में जेब ढ़ीली हो रही है। हालत यह है कि बेरोजगारों से परीक्षा में आवेदन के नाम पर 300 से 1200 रुपए तक फीस वसूले जा रहे है। सरकार की ओर से कई बार बेरोजगारों को राहत देने का दावा हो चुका है। लेकिन अभी तक कोई आदेश जारी नहीं हुए है। सरकार की ओर से पिछले दिनों कॉमन परीक्षा की भी घोषणा की गई। लेकिन यह आदेश भी अभी तक धरातल पर नहीं आ सका है। इसके लिए प्रदेश के बेरोजगारों ने अब सोशल मीडिया के जरिए सरकार को घेरने की तैयारी कर ली है। बेरोजगारों का कहना है कि सरकार ने पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान भी यह वादा किया था। प्रदेश में कई भर्ती परीक्षाओं में इतनी मोटी फीस ली गई जितनी सिविल सेवा परीक्षा की भी नहीं है। संशोधन के नाम पर ऐसे हो रही जेब ढ़ीली: केस एक: रीट में संशोधन की फीस 300 रुपए रीट को लेकर अब तक तीन बार आवेदन अनलॉक हो चुके है। यदि सरकार चाहती तो इस दौरान आसानी से आवेदन फार्म में संशोधन का विकल्प दे सकती थी। लेकिन बेरोजगारों के आपत्ति दर्ज कराने के बाद भी संशोधन का विकल्प नहीं दिया गया। अब राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने विज्ञप्ति जारी कर आवेदन फार्म में 300 रुपए की फीस चुकाकर संशोधन का विकल्प अनलॉक किया है। केस दो: चयन बोर्ड का स्थायी आदेश जारी राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने आवेदन फार्म में संशोधनों के लिए स्थायी आदेश ही जारी कर दिया। इसमें बोर्ड अध्यक्ष ने बताया कि आवेदन फार्म में गलती होने पर 300 रुपए देकर संशोधन कराया जा सकता है। पहले इसकी प्रक्रिया ऑफलाइन थी। लेकिन अब इसे ऑनलाइन कर दिया है। इसको लेकर भी बेरोजगार संगठनों की ओर से लगातार विरोध किया जा रहा है। मनमर्जी की परीक्षा शुल्क... प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाओं के आवेदन शुल्क को लेकर सरकार के कोई नियम-कायदे नहीं है। यही वजह है कि हर भर्ती में परीक्षा एजेन्सियों की ओर से अलग-अलग फीस ली जाती है। पिछले दिनों बिद्युत निगम में विभिन्न पदों के लिए हुई होने वाली भर्ती में 1200 रुपए तक वसूले गए। इससे पहले कई भर्ती परीक्षाओं में 600 से 850 रुपए भी वसूले जा चुके है। ज्यादातर परीक्षाओं में आवेदन शुल्क के तौर पर 300 से 450 रुपए वसूले जाते है। फीस हो कम, निशुल्क मिले संशोधन का मौका कोरोना की वजह से ज्यादातर भर्ती परीक्षाएं बेपटरी हो चुकी है। ऐसे में सरकार को पहल करते हुए सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की आवेदन एक समान न्यूनतम फीस तय करनी चाहिए। इसके अलावा आवेदन फार्म में गलती होने पर संशोधन का विकल्प पूरी तरह निशुल्क करना चाहिए। इस मामले में सभी भर्ती एजेन्सियों के साथ मुख्य सचिव को भी पिछले दिनों अवगत कराया गया था। भरत बेनीवाल, एक्सपर्ट जितना खर्चा उससे कई गुणा वसूली सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं को कमाई का जरिया बना लिया है। परीक्षाओं के आयोजन पर जितना खर्चा होता है उससे कई गुणा ज्यादा की वसूली कर रही है। कई परीक्षा एजेन्सी तो इस तरह है कि वह साल में एक प्रतियोगी परीक्षा कराती है उससे होने वाली बचत से उस कार्यालय का पूरे सालभर का खर्चा चल जाता है। महंगाई व कोरोनाकाल के इस दौर में सरकार को फीस वसूली पर लगाम लगानी चाहिए। बीएल रैवाड़, पूर्व सहायक कमाण्डेंट, सीआईएसएफ |
Tuesday 10 August 2021 12:48 PM UTC+00 सीकर. कॉलेज का नाम आते ही ज्यादातर विद्यार्थियों के दिमाग में मस्ती के नजारे घूमने लगते है। लेकिन एेसा बिल्कुल नहीं होना चाहिए। मौज-मस्ती दिनचर्या में जरूर होनी चाहिए लेकिन एक सीमा तक। यदि आपने कॉलेज लाइफ में अगले लक्ष्य पर नजरें नहीं गढ़ाई तो आपको बाद में जरूर पछताना पड़ेगा। हमारे आसपास एेसे बहुत उदाहरण भी मिल जाएंगे। यह कहना है डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी कर चुकी निधि का। उन्होंने हाल ही में एफएमजीई परीक्षा में पहले चांस में पास की है। जबकि इस परीक्षा का परिणाम हर साल २० से २५ फीसदी ही रहता है। इस साल परीक्षा का परिणाम महज २३ फीसदी रहा है। निधि का कहना है कि लक्ष्य के अनुसार यदि मेहनत करेंगे तो कोई भी लक्ष्य बड़ा नहीं है। उनका कहना है कि जब दसवीं कक्षा में थी तभी तय कर लिया था कि मुझे डॉक्टर बनना है। इसके बाद कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय पिता मानसिंह टेलर व शिक्षकों को दिया है। वह राजस्व विभाग में टीआरए के पद पर पदस्थापित है। सवाल: क्या वजह है कि फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जामिनेशन ( एफएमजीई) परीक्षा का परिणाम काफी कम रहता है। जवाब: कई विद्यार्थी कॉलेज लाइफ को सबसे अच्छी मानते है। इसलिए वह पढ़ाई से थोड़ी दूरी भी बना लेते है। कई विद्यार्थियों का पुराना एकेडमिक रेकार्ड काफी कमजोर होता है। कई विद्यार्थी मेडिकल की पढ़ाई के साथ इस परीक्षा की तैयारी नहीं करते है। इस वजह से इस परीक्षा का परिणाम २५ फीसदी तक ही रहता है। जबकि एेसा नहीं होना चाहिए। सवाल: आपने इस परीक्षा में सफलता के लिए क्या रणनीति अपनाई। जवाब: मैंने डॉक्टरी की पढ़ाई के दूसरे साल से ही इस परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। इस वजह से अच्छे अंकों के साथ परीक्षा में सफलता मिली है। बहुत कम विद्यार्थी एेसे होते है जो इस परीक्षा को पहले साल में ही पास करें। मैंने शुरूआत से ही यही प्लान कि एफएमजीई पहली ही चांस में ब्रेक करनी है। सवाल: आपने देश के बजाय विदेश से डॉक्टरी की पढ़ाई को क्यों महत्व दिया। जवाब: मैं पहले चांस में नीट में स्कोर काफी कम रहा था। एेसे में सोचा कि अब एक साल नीट की तैयारी करने के बजाय किसी दूसरे देश से पढ़ाई कर साल बचाई जाए। दूसरे देश के हमारे परिवार के अनुभव भी काफी अच्छे रहे। मेरा यह निर्णय सही भी साबित हुआ। अब जो एनएमसी के नए नियम आए है उसके अनुसार तो अब आप कही से भी पढ़ाई करो आपको कॉमन एग्जाम तो देनी ही होगी। सवाल: शेखावाटी के कितने विद्यार्थियों ने इस परीक्षा में सफलता हासिल की है। जवाब: शेखावाटी के लगभग 30 विद्यार्थियों ने इस परीक्षा में सफलता हासिल की है। पीड़ा: 140 अंक हो कट ऑफ तो और मजबूती से जंगएफएमजीइ की 300 अंकों की परीक्षा में फिलहाल कट ऑफ मॉक्र्स 150 अंक है। इस साल की परीक्षा का परिणाम महज 23.73 फीसदी रहा है। यदि इस कट ऑफ को एनबीई की ओर से 140 अंक किया जाता है तो देश को एक हजार और चिकित्सक मिल सकते है। एक्सपर्ट वेदप्रकाश बेनीवाल का कहना है कि केन्द्र सरकार को इस संबंध में युवाओं की ओर से मांग पत्र भिजवाए गए है। |
Tuesday 10 August 2021 01:07 PM UTC+00 आशीष जोशी/अजय शर्मा सीकर. सरकार की ओर से 15 विभागों के 108कार्यों को पूरी तरह ऑनलाइन करने का दावा किया गया है, लेकिन हकीकत यह है कि इनमें भी भ्रष्टाचार की बेल पनपने लगी है। कांग्रेस सरकार की ओर से पिछले कार्यकाल में आमजन को काम की गारंटी देने के लिए लोकसेवा गारंटी अधिनियम लागू किया गया था। इसके एक दशक बाद भी कुछ सेवाओं को छोड़कर अधिकांश में फरियादियों को काम की गारंटी नहीं मिल रही। अलबत्ता, रिश्वत का खुला खेल जरूर खेला जा रहा है। इस साल अब तक एसीबी की ओर से 270 से ज्यादा ट्रैप की कार्रवाई की जा चुकी है। पिछले चार साल में हुई एसीबी की कार्रवाई में आइएएस, आइपीएस, आरएएस, लिपिक, शिक्षक, अभियंता सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार के दाग लगे हैं। इनमें से कई भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए संबंधित सरकारी महकमों की ओर से एसीबी को अभियोजन स्वीकृति नहीं दी जा रही है। राजस्व, कार्मिक व पंचायतीराज विभाग के 150 से अधिक अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की फाइल जांच के नाम पर उलझी हुई है। राजस्थान : महामारी में भी पनपा भ्रष्टाचार वर्ष - मामले 2021: 270 2020: 128 2019: 169 2018: 158 2017: 158 (2021 में अब तक के मामले) जिन पर मॉनिटरिंग का जिम्मा, वे भी रिश्वतखोर चिंताजनक बात यह है कि आमजन को राहत देने के लिए जिन पर ऑनलाइन कामकाज की मॉनिटरिंग का जिम्मा है, वे भी रिश्वत लेेते पकड़े गए हैं। इस साल ही 40 राजपत्रित अधिकारी ट्रैप हुए हैं। अगस्त के पहले सप्ताह में ही एसीबी की 8 कार्रवाई हो चुकी है। जुलाई 2021 में ट्रैप के 38 मामले हुए। काम होने चाहिए थे घर बैठे, रिश्वत के लिए हर बार टरकाय ाकेस 01: बिल में तीन बार ऑब्जेक्शन, फिर ली घूसअलवर जिले में सीडीपीओ प्रदीप कुमार गिलोटिया ने बकाया बिलों के भुगतान की एवज में 50 हजार रुपए रिश्वत ली। जबकि महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से स्वयं सहायता समूह व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के बिलों का भुगतान ऑनलाइन किया जा चुका है। सीडीपीओ ने बिल में तीन बार ऑब्जेक्शन लगाए। केस 02: ऑनलाइन व टोल फ्री व्यवस्था, फिर भी घूस हिण्डौनसिटी में पांच मार्च 2021 को विद्युत मीटर की रीडिंग कम करने के एवज में फीडर इंचार्ज शिवकेश मीणा व तकनीकी सहायक रविन्द्र कुमार आठ हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार हुए। जबकि जयपुर डिस्कॉम की ओर से रीडिंग में सुधार की व्यवस्था ऑनलाइन कर रखी है। यह त्रुटि निगम के टोल फ्री नंबर के जरिए भी ठीक हो सकती है। केस 03: तय समय सीमा, फिर भी बिल पास करने को लिए 50 हजार चित्तौडगढ़ जिले में पिछले साल भैंसरोडगढ़ पंस की झालरबावड़ी पंचायत के ग्राम विकास अधिकारी जयप्रकाश शर्मा व कनिष्ठ तकनीकी सहायक श्यामलाल चौहान को परिवादी ठेकेदार मिथलेश सिंह से बिल पास करने के बदले पचास हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। जबकि गलती ठीक होने पर 30 से 45 दिन में भुगतान करना होता है। अभियोजन स्वीकृति के लंबित मामले पंचायतराज: 54 कार्मिक: 52 राजस्व: 52 पुलिस: 36 शिक्षा: 21 कृषि: 5 जल संसाधन: 11 चिकित्सा: 16 स्वायत्त शासन: 28 ऊर्जा: 14 आबकारी: 5 समाज कल्याण: 4 महिला एवं बाल विकास: 3 ( जुलाई 2021 तक) काम की गारंटी देने में सबसे आगे, जमीनी हकीकत कुछ और 1. जमाबंदी-नकल: तीन दिन का समय तयकाम की गारंटी अधिनियम में दावा किया गया कि पटवारी जमाबंदी व नकल के लिए अधिकतम तीन दिन फाइल रोक सकते है। तय समय में सुनवाई नहीं होने पर पीडि़त एसडीएम कार्यालय में अपील कर सकता है। खसरा संशोधन के लिए सात दिन और नामांतरण के लिए 47 दिन का अधिकतम समय निर्धारित है। हकीकत: पिछले 12 महीने में 22 कार्रवाई हो चुकी है। ऑनलाइन व्यवस्था के बाद भी फरियादियों को टरकाया जा रहा है। आखिरकार वे भ्रष्टाचारियों को ट्रैप कराने पर मजबूर होता है। 2. बिजली बिल में गलती: तीन घंटे से सात दिन में होगी ठीक सरकार का दावा है कि पानी व बिजली बिल में गलती होने पर उपभोक्ता की ओर से यदि फोन से सूचना दी जाती है तो उसी दिन तीन घंटे में बिल ठीक करना होगा। यदि बिल डाक के जरिए कार्यालय भेजा गया है तो अधिकतम सात दिन का समय लग सकता है। अपील अधीक्षण अभियंता स्तर के अधिकारी के यहां हो सकती है। हकीकत: बिजली कनेक्शन से लेकर बिलों में गलती सुधारने सहित अन्य मामलों में एक साल में 17 अधिकारी व कर्मचारी टै्रप हो चुके हैं। 3. पंचायतीराज: 10 से 45 दिन में भुगतान का दावापंचायतीराज विभाग की 11 योजनाओं में 10 से 45 दिन में भुगतान का दावा किया गया है। निविदा की राशि जमा कराने पर अधिकतम तीन दिन, अनुमति के मामलों में 30 दिन का प्रावधान है। विवाह पंजीयन के लिए सात दिन का समय तय है। हकीकत: प्रदेश में एक साल में 29 मामलों में रिश्वत इस तरह के कार्यों के लिए ली गई। सीकर जिले में चार दिन पहले पूरी पंचायत ट्रेप हुई। एक्सपर्ट व्यू: कानून बनाने के साथ मॉनिटरिंग भी हो आमजन को राहत देने के लिए सरकार की ओर से कानून बनाए जाते हैं। लोकसेवा गांरटी अधिनियम हो या सम्पर्क पोर्टल, निश्चित तौर पर सरकार की अच्छी पहल है। लेकिन इनकी कमजोर मॉनिटरिंग की वजह से कुछ कार्मिक इसका गलत फायदा उठा लेते हैं। कई मामलों में फरियादियों को अपना काम निकलवाने के लिए भ्रष्टाचारियों की डिमांड भी पूरी करनी पड़ती है। एसीबी की ओर से लगातार कार्रवाई की जा रही है। भविष्य में सुधार की उम्मीद करनी चाहिए। जीएल कटारिया, सेवानिवृत्त आरएएस अधिकारी |
Tuesday 10 August 2021 01:13 PM UTC+00 सीकर/पलसाना. राजस्थान के सीकर जिले के पलसाना कस्बे में मंगलवार दोपहर को एक रोडवेज बस व कैंपर की भिडंत में 14 जने घायल हो गए। जिनमें से 10 गंभीर घायलों को जयपुर रैफर किया गया है। बाकी का पलसाना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उपचार जारी है। जानकारी के अनुसार चूरू की सुजानगढ़ तहसील के भासीना गांव निवासी एक ही परिवार के 18 जने एक कैंपर में सवार होकर खाटूश्यामजी दर्शनों के लिए जा रहे थे। इसी दौरान बधाला की ढाणी के पास सामने से आती रोडवेज बस से कैंपर टकरा गई। जिसमें कैंपर सवार 43 वर्षीय हेमाराम, 13 वर्षीय मुकेश, 11 वर्षीय दिनेश, 8 वर्षीय नरेश, 24 वर्षीय दीपक, 13 वर्षीय सुमित्रा, 60 वर्षीय चूंकी, 25 वर्षीय चंद्रप्रकाश, 8 वर्षीय बनवारी, 15 वर्षीय जगदीश, 35 वर्षीय कृष्ण, 70 वर्षीय रुकमा, 8 वर्षीय मोनिका व 6 वर्षीय रविंद्र घायल हो गए। जिन्हें नजदीकी लोगों की मदद से पलसाना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया। यहां हालत गंभीर होने पर मुकेश, चूंकी देवी, हेमाराम, सुमित्रा, दिनेश, रविंद्र, चंद्र प्रकाश, बनवारी, नरेश व दीपक को जयपुर रेफर कर दिया गया। सालासर दर्शन के बाद जा रहे थे खाटू कैंपर सवार लोग एक ही परिवार व रिश्तेदारी में बताए जा रहे हैं। जो पहले सालासर बालाजी के दर्शन करने गए थे। सालासर में दर्शनों के बाद वे श्याम बाबा के दर्शन करने खाटूश्यामजी जा रहे थे। इसी बीच रास्ते में वे हादसे का शिकार हो गए। बाईपास से पलसाना में लेते समय हुआ हादसा हादसा बधाला की ढाणी तिराहे पर हुआ। जो एनएच 52 से पलसाना के अंदर जाने का रास्ता है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार रोडवेज बस जयपुर से सीकर जाते समय पलसाना के अंदर प्रवेश कर रही थी। इसी समय सामने से आती कैंपर से उसकी टक्कर हो गई। बताया ये भी जा रहा है कि इसमें रोडवेज चालक की गलती थी। जिसने लापरवाही से पलसाना की तरफ बस घुमाई थी। जिससे बचने के लिए कैंपर चालक ने ब्रेक लगाकर खूब कोशिश भी की। लेकिन, घसिटते हुए भी कैंपर रोडवेज से टकरा ही गई। |
Tuesday 10 August 2021 01:14 PM UTC+00 फतेहपुर. कोरोना संक्रमण के दौरान स्वास्थ्य सेवाएं में सुविधाओं की कमी को देखते हुए खुडी गांव के किसानों ने लाखों रुपए की भूमि सरकारी अस्पताल हेल्थ वेलनेस सेंटर को दान दे दिया। गांव के हरफूल थालोड़, राजपाल थालोड़, सत्यपाल महेंद्र थालोड़ और विजेंन्द्र खीचड़ ने अपने प्लॉट की करीब एक बीघा भूमि के पट्टे हेल्थ वेलनेस सेंटर के प्रभारी डाक्टर कैलाश वर्मा को सोमवार को सौंप दिया। दान दी गई भूमि गांव के मुख्य रास्ते पर ही स्थित है। गौरतलब है भूमि दान करने का निर्णय पहले ही ले लिया गया था। वहीं डॉक्टर वर्मा ने बताया कि जल्द ही जमीन हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। साथ ही यह भी कहा कि लोगों को सरकार से पीएचसी की मांग करनी चाहिए। उधर दान की गई भूमि पर सोमवार को ही जन सहयोग से चारदीवारी का निर्माण शुरू करवा दिया गया। पंडित नथमल शर्मा के भूमि पूजन के बाद निर्माण शुरू हो गया। अस्पताल का मुख्य गेट खीचड़ परिवार ने बनवाने की घोषण की है। वहीं रामप्रसाद सुंडा सरदारपुरा चार दीवारी के ऊपर लगने वाली लोहे की रेलिंग का खर्चा उठाएंगे। इसके अलावा भंवर सिंह थालोड़, श्रीराम थालोड़, हरलाल थालोड़, भगवाना राम थालोड़, मघाराम थोरी, बुधाराम थालोड़ ने 31-31 हजार रुपए और सहदेव वासदेव थालोड़, सत्यपाल महेंद्र थालोड़, उदाराम थालोड़ आदि ने 21-21 हजार रुपए का सहयोग दिया। ग्रामीणों ने जनसहयोग से कुल चार लाख रुपए एकत्रित किए। भूमि पूजन के दौरान सरपंच दुलाराम थोरी की पत्नी भंवरी देवी, हरफूल, राजपाल, रामनिवास, चुनीलाल, माहवीर, नथमल, मदनलाल, जगदीश दास, रामकुमार, सुरेन्द्र, रतनलाल, कुरड़ाराम, साधाराम नायक, नंदलाल नायक, भंवरलाल सेन, सुभाष शर्मा, बजरंग लाल, महावीर, जवाहरलाल, नेमीचंद, चुनीलाल, रामचन्द, इंद्र सिंह, मालाराम, अमराराम, मोहरसिह, कमला देवी, दुर्गा देवी, संतोष थालोड़ आदि मौजूद थे। वरिष्ठ शिक्षक सिंह सम्मानित सीकर. राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय नागवा के वरिष्ठ शारीरिक शिक्षक भंवर सिंह का राजकीय माध्यमिक विद्यालय सांवलोदा लाडखानी में शिक्षक व ग्रामीणों की ओर से सम्मान किया गया। शारीरिक शिक्षक सिंह ने यहां छह वर्ष कार्यरत रहते हुए विद्यार्थियों का खेलों से जुड़ाव बढ़ाने व भामाशाहों को प्रेरित करने की पहल के लिए सम्मान किया गया। कार्यक्रम को प्रधानाध्यापिका भंवरी बुरड़क वरिष्ठ अध्यापक प्रवीण तेतरवाल, रोहिताश थालोड़, राजेश पूनियां, बनवारी लाल शर्मा, सरिता फैनिन, जुगल किशोर, रामलाल गोदारा, संतोष, इंदिरा, रामकुमार भामू, हरिराम थालोड़ आदि मौजूद रहे। |
Tuesday 10 August 2021 01:22 PM UTC+00 श्रीमाधोपुर/रींगस. जिला कांग्रेस कमेटी ने सोमवार को अगस्त क्रांति दिवस पर जिले के एकमात्र बचे हुए स्वतंत्रता सेनानी कालीदास स्वामी का श्रीमाधोपुर में एक कार्यक्रम में सम्मान किया। इस मौके पर देश की वर्तमान स्थिति को देखते हुए उनका दर्द छलक उठा। उन्होंने कहा कि सम्मान तो होना ठीक है, लेकिन जिस आजादी के लिए लड़ाई लड़ी वह अभी तक सपना ही है। श्रीमाधोपुर में सुबह कांग्रेस जिलाध्यक्ष पीएस जाट ने स्वामी का सम्मान करते हुए बताया कि ऐसे लोगों के चलते ही महात्मा गांधी और कांग्रेस ने आजादी की लड़ाई मजबूत की थी। स्वामी को माला पहनाकर व शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया गया। बता दे कि 95 वर्षीय कालीदास स्वामी ने न सिर्फ आजादी की लड़ाई में हिस्सा लिया, बल्कि गरीब, मजदूर तबको को उनका हक दिलाने के लिए भी आंदोलन किया। उधर जैतूसर गांव में सोमवार को केन्द्र सरकार द्वारा घोषित अगस्त क्रांति सप्ताह के तहत स्वतंत्रता सेनानी कालिदास स्वामी का उनके निवास पर खंडेला उपखंड अधिकारी राकेश कुमार के नेतृत्व में सम्मान किया गया। उपखंड अधिकारी ने राज्य सरकार द्वारा भेजा गया अभिनन्दन पत्र भेंट किया एवं शॉल ओढ़ाकर व श्रीफल देकर सम्मान किया। इस अवसर पर स्वतंत्रता सेनानी स्वामी ने कहा कि पहले स्वतंत्रता सेनानियों को जयपुर बुलाकर उनका सम्मान किया जाता था लेकिन पिछले 2 साल से राज्य सरकार ने स्वतंत्रता सेनानियों की बढ़ती अवस्था को देखकर घर पर ही सम्मान करने का जो कदम उठाया वह बेहद सराहनीय है। कार्यक्रम के दौरान खंडेला उपखंड अधिकारी राकेश कुमार ने कहा कि सरकार द्वारा चलाए जा रहे इस कार्यक्रम के तहत उन्हें स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान करने का अवसर मिला है यह उनके लिए गर्व की बात है। इस दौरान सभी अधिकारियों ने आश्रम परिसर में एक पौधा भी लगाया। इस अवसर पर रींगस नगर पालिका अधिशाषी अधिकारी ममता चौधरी, सहायक अभियंता मामराज जाखड़, रींगस थानाधिकारी बद्री प्रसाद मीणा, पालिकाध्यक्ष अशोक कुमार, उपाध्यक्ष अमित शर्मा, अशोक धायल कोटडी धायलान, कांग्रेस नेता पीएस जाट, अशोक यादव, मुकेश निठारवाल, अमित जाटावत, पंचायत समिति सदस्य मुक्ति लाल वर्मा, पेमाराम चौधरी, पार्षद राकेश शर्मा, भैरूदास स्वामी, मोहनदास स्वामी, जैतूसर सरपंच श्रवण कुमार आदि थे। |
Tuesday 10 August 2021 01:38 PM UTC+00 सीकर. प्रदेश में शिक्षा विभाग की ओर से अब तबादला सूचियों पर तेजी से काम शुरू हो गया है। 14 अगस्त तक द्वितीय श्रेणी शिक्षकों के साथ मंत्रालयिक कर्मचारियों की तबादला सूची अनलॉक हो सकती है। इसके लिए शिक्षा विभाग ने मंगलवार से तबादला मिशन शुरू कर दिया है। प्रथम श्रेणी व्याख्याता के इस बार तबादले नहीं होंगे। इधर, तृतीय श्रेणी शिक्षकों को इस बार भी इंतजार करना होगा। शिक्षा विभाग में तबादला प्रक्रिया शुरू होते ही विधायकों ने शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा को परिवेदना भेजना शुरू कर दिया है। वहीं राज्य निर्वाचन आयोग के प्रदेश के छह जिलों में जिला परिषद व पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा हो चुकी है। ऐसे में सूची 14 अगसत से पहले सभी विभागों की अनलॉक हो सकती है। इधर, राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से पंचायत समिति व जिला परिषद सदस्यों के निर्वाचन वाले जिले जयपुर, भरतपुर, दौसा, जोधपुर, सवाईमाधोपुर व सिरोही जिलों में अधिकारी व कर्मचारियों के तबादलों को लेकर गाइडलाइन जारी की जा चुकी है। ऐसे में अब विभाग की ओर से भी सूची जारी करने को लेकर तैयारी तेज कर दी है। सूत्रों की मानें तो कई विभाग इन जिलों की सूची रोकने की तैयारी में है तो कई विभागों की ओर से तबादला आदेश जारी किए जाएंगे। लेकिन इन्होंने बाद में कार्यग्रहण करने की छूट मिल सकती है। आयोग के तबादलों को लेकर यह निर्देश राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से पांच अगस्त को चुनाव कार्यक्रम की घोषण की गई। इसमें मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि चुनाव के लिए काफी अधिकारी व कर्मचारियों की आवश्यकता रहेगी। इसलिए अधिकारी व कर्मचारियों के तबादले व पदस्थापन पर प्रतिबंध रहेगा। हालांकि आयोग ने यह भी कहा है कि चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से पहले जारी तबादला सूची में रिक्त पद अधिकारी व कर्मचारियों को कार्यग्रहण करने की छूट रहेगी। लेकिन चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद जारी तबादला सूची के आधार पर किसी भी अधिकारी व कर्मचारी को अपने पद से कार्यमुक्त होने की अनुमति नहीं होगी। किस विभाग में क्या तैयारी: चिकित्सा: नौ सूची जारी, तीन पर अब भी काम चिकित्सा विभाग में नौ तबादला सूची जारी हो चुकी है। तीन सूचियों पर अभी कवायद चल रही है। संविदाकर्मियों की ओर से रिलोकेशन की मांग की जा रही है। ऐसे में संविदाकर्मियों की एक सूची को हरी झंडी मिल सकती है। इसके लिए संविदा कर्मियों की ओर से मंगलवार को चिकित्सा मंत्री से मुलाकात भी की जाएगी। शिक्षा: अधिकारियों की सूची जारी, अब कर्मचारियों को इंतजार शिक्षा विभाग में संयुक्त निदेशक से लेकर जिला शिक्षा अधिकारी व सीबीईओ के पदस्थापन जारी हो चुके है। ऐसे में अब एक लाख से अधिक द्वितीय श्रेणी शिक्षकों को तबादलों का इंतजार है। चर्चा है कि शिक्षा विभाग की ओर से 13 अगस्त के बाद कभी भी सूची जारी की जा सकती है। महिला एवं बाल विकास: एक सूची अब तक जारी महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से महिला पर्यवेक्षकों की एक सूची जारी की चुकी है। एनटीटी शिक्षक, महिला पर्यवेक्षक, सीडीपीओ व उपनिदेशक स्तर के अधिकारियों को भी तबादला सूची का इंतजार है। पंचायतीराज: 4 सेवाओं के अधिकारी व कर्मचारियों को इंतजार पंचायतीराज विभाग में तबादलों की एक बड़ी सूची भी जारी हो चुकी है। अभी भी चार सेवाओं के अधिकारी व कर्मचारियों को तबादलों की अन्य सूचियों के अनलॉक का इंतजार किया जा रहा है। राजस्व: 13 को होगी आस पूरीराजस्व विभाग की ओर से तहसीलदार व नायब तहसीलदार की सूची पिछले दिनों जारी हो चुकी है। अब मंत्रालयिक कर्मचारी व पटवारियों की तबादला सूची 13 को जारी होने की आस है। सूत्रों की मानें तो विभाग की ओर से चुनाव वाले जिलों में भी तबादले किए जाएंगे, लेकिन इन जिलों के कर्मचारियों को कार्यग्रहण बाद में करना होगा। कार्मिक: आईएएस व आरएएस की सूची जारी, एक की और चर्चा आइएएस और आरएएस अधिकारियों की इस तबादला सीजन में तीन बड़ी सूची जारी हो चुकी है। गृह विभाग की ओर से भी दो सूची जारी की जा चुकी है। कार्मिक विभाग की ओर से दस से 13 अगस्त तक एक और सूची जारी करने की संभावना है। |
Tuesday 10 August 2021 05:14 PM UTC+00 सीकर. राजस्थान के सीकर जिले में मंगलवार को भी कोरोना का कोई नया मरीज नहीं मिला। वहीं, चार पूर्व संक्रमित मरीज स्वस्थ होने से कोरोना के कुल सक्रीय मरीजों की संख्या भी घटकर 7 हो गई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अजय चौधरी ने बताया कि जिले में मंगलवार को भी कोरोना जांच के लिए 1632 लोगों के सैंपल लिए गए हैं। जिनकी रिपोर्ट बुधवार को आएगी। उन्होंने बताया कि जिलेभर में 1 मार्च से लेकर अब तक 1 लाख 13 हजार 841 सैम्पल लिए जा चुके हैं। इनमें से 21 हजार 520 जने कोरोना संक्रमित मिले। जबकि 1 लाख 21 हजार 255 सैम्पल की रिपोर्ट निगेटिव आई है। जबकि गत वर्ष से लेकर अब तक 3 लाख 772 सैम्पल की जांच की गई है। जिनमें कुल 30 हजार 981 शख्स कोरोना पॉजिटिव मिले। इनमें से 335 लोगों की मौत हो गई। वहीं 30 हजार 639 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। कोरोना की तीसरी लहर को लेकर वीसी से समीक्षा कोविड-19 की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए चिकित्सा विभाग ने तैयारियां तेज कर दी है। मामले में मंगलवार को भी निदेशालय स्तर के अधिकारियों ने वीसी के जरिये जिलों के हालातों पर चर्चा कर दिशा निर्देश दिए। वीसी में चिकित्सा संस्थानों में की गई व्यवस्थाओं, बैड, दवाइयों की उपलब्धता, मैन पावर, अधिकारियों व कर्मचारियों के प्रशिक्षण और ऑक्सीजन की उपलब्धता, प्लांट के निर्माण व ऑक्सीजन कन्सनटेटर की उपलब्धता सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की। जिसमें जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अजय चौधरी ने जिले में तीसरी लहर की रोकथाम व नियंत्रण के लिए की गई व्यवस्थाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दूसरी लहर के डेटा एनालिसिस के बाद जिले में तीसरी लहर की रोकथाम व नियंत्रण के लिए व्यापक तैयारियां की जा रही हैं। वीसी में अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ हर्षल चौधरी, उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सीपी ओला, श्री कल्याण अस्पताल के डॉ दर्शन भार्गव सहित अन्य विभागीय अधिकारी व कर्मचारियों ने भाग लिया। वहीं निदेशालय स्तर से अतिरिक्त निदेशक डॉ रवि प्रकाश शर्मा, विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि डॉ राकेश विशकर्मा, यूनीसेफ के प्रतिनिधि डॉ अनिल अग्रवाल ने समीक्षा की। सीकर में कल यहां होगा वैक्सीनेशन चिकित्सा विभाग के अनुसार वैक्सीन की डोज मिलने पर जिले में बुधवार को टीकाकरण होगा। विभाग के अनुसार बुधवार को गुलाबी देवी स्कूल व श्री मदनलाल बियाणी बालिका उच्च माध्यमिक आदर्श विद्या मंदिर स्कूल में 18+ नागरिकों को कोविशील्ड की दूसरी डोज लगेगी। युपीएचसी स्वास्थ्य भवन में 18 व 45+ नागरिकों को कोवैक्सीन की दूसरी, राजेंद्र आयुर्वेद हॉस्पिटल में 18 + को कोवैक्सीन की पहली डोज लगाई जाएगी। इसी तरह जयपुर रोड स्थित राजकीय आईटीआई कॉलेज में 18 + नागरिकों को कोविशील्ड की पहली तथा राजकीय माध्यमिक स्कूल समर्थपुरा में भी 18 + को कोविशील्ड की पहली डोज ऑनलाइन बुकिंग के आधार पर लगाई जाएगी। |
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