>>: आबू पर्वत से नर भालू भी पहुंचा सरिस्का, मादा एक दिन पहले ही आई

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अलवर. सरिस्का टाइगर रिजर्व में वयस्क मादा भालू के पुनर्वास के एक दिन बाद शुक्रवार काे एक वयस्क नर भालू भी पहुंच गया। अब सरिस्का में भालुओं की संख्या बढ़कर दो हो गई है। हालांकि रात तक दोनों भालू एनक्लोजर में पिंजरे में थे, भारतीय वन्यजीव संस्थान के अधिकारियों की निगरानी में इन्हें एनक्लोजर में छोड़ा जाएगा।सरिस्का के वनकर्मियों व अधिकारियों की टीम शुक्रवार सुबह जल्दी आबू पर्वत से एक वयस्क नर भालू को पिंजरे में लेकर सरिस्का के लिए रवाना हुई। नर भालू को लेकर टीम दोपहर करीब एक बजे सरिस्का पहुंच गई। गर्मी तेज होने के कारण भालू के पिंजरे को पेड़ की छांव में खड़ा कर दिया। रात तक दोनों भालू पिंजरे में ही रहे।

सरिस्का के डीएफओ डीपी जागावत ने बताया कि सरिस्का में भालुओं की वंश वृदि्ध के एक वयस्क मादा व एक वयस्क नर भालू जरूरी था। मादा भालू गुरुवार की रात को अलवर पहुंच गया, वहीं शुक्रवार को नर भालू भी सरिस्का पहुंच गया।

दोनों भालू अभी तालवृक्ष के एनक्लोजर में रहेंगे

आबू पर्वत से लाए गए मादा व नर भालू को सरिस्का की तालवृक्ष की रेंज के एनक्लोजर में पशु चिकित्सक अधिकारियों एवं वन्यजीव अनुसंधान संस्थान देहरादून के विशेषज्ञ की मौजूदगी में तकनीकी राय अनुसार एनक्लोजर में छोड़ा जाएगा। एनक्लोजर में सामान्य व्यवहार होने पर इन्हें खुले जंगल में छोड़ा जाएगा।

उच्च तकनीक के लगे हैं रेडियो कॉलर

आबू पर्वत से रेस्क्यू कर लाए जाने वाले भालुओं को आधुनिक तकनीकी के सैटेलाइट सिग्नल वाले रेडियो कॉलर्स लगाए गए हैं। इन रेडियो कॉलर से भालुओं की मॉनिटरिंग आसान हो सकेगी। दोनों भालुओं के लिए सरिस्का का जंगल अभी नया है, इस कारण शुरुआती दिनों में भालुओं की मॉनिटरिंग पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

एनटीसीए के प्रोटोकॉल से कराया पुनर्वास

सरिस्का के मुख्य वन संरक्षक आरएन मीणा के अनुसार राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण, केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण तथा मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक राजस्थान की अनुमति के बाद निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार सरिस्का टाइगर रिजर्व में आबू पर्वत से एक वयस्क मादा व एक नर भालू को टीम ने पकड़ सरिस्का टाइगर रिजर्व के वन क्षेत्र में ट्रांसलोकेट किया है।

बढ सकेगी भालुओं की संख्या

सरिस्का में एक मादा एवं एक नर भालू के साथ रहने से भालुओं की वंश बढने में आसानी रहेगी. हालांकि अभी दूसरे चरण में एक नर एवं एक मादा भालू को और लाया जाएगा। इससे सरिस्का में भालू की संख्या बढ सकेगी। इससे भालू की साइटिंग भी पर्यटकों को आसानी से हो सकेगी।

पर्यटन को मिलेगा बढावा

भालुओं के पुनर्वास से सरिस्का में पर्यटन को बढावा मिलेगा। अभी तक बाध, पैंथर, चीतल, सांभर आदि वन्यजीव सरिस्का में पर्यटकों के लिए आकर्षण थे, लेकिन अब भालुओं के आने के बाद पर्यटकों में भालुओं को देखने की लालसा भी रहेगी। रणथभौर सहित अन्य टाइगर रिजर्व में बाघों के साथ भालू भी पर्यटन को खूब बढा रहे हैं।

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