>>: खेलना बच्चों का अधिकार है उसे छीने नहीं

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कार्यशाला में सरकारी व निजी चिकित्सालय के बाल व शिशु रोग विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया। विविध सत्रों में व्याख्यान, स्लाइड व मॉडल के माध्यम से चिकित्सकों को बच्चों के सर्वांगीण विकास पर प्रशिक्षण दिया गया ।

गाजियाबाद के डा. कवलजीत सिंह, ने कहा कि शिशु व बच्चों के विकास व बेहतर पोषण में माता-पिता के साथ परिवार के अन्य सदस्य व सोसाइटी भी अपने नैतिक दायित्व का निर्वहन करते हुए सहभागी बने ।
दिल्ली के डा. अजय गुप्ता ने कहा कि छोटी-छोटी सावधानी रखकर बच्चों के अभिभावक व परिजन उन्हें अनेक दुर्घटनाओं व बीमारियों से मुक्त रख सकते हैं।
दिल्ली के डा. मनीष गुप्ता ने कहा कि बच्चों के खान-पान पर अभिभावक विशेष ध्यान दें। खेलना बच्चों का अधिकार है, उस छीने नहीं। लेकिन आजकल पढाई में प्रतियोगिता के चलते बच्चों को ज्यादातर समय पढ़ाई करवाते हैं। इससे बच्चों को खेलकूद का समय नहीं मिल पाता है। खेलकूद करने से शारीरिक व मानसिक विकास होता है।
भारतीय शिशु अकादमी के केंद्रीय समिति के सदस्य जयपुर के डा. अनुराग तोमर ने कहा कि बच्चो के शुरुआती क्षण महत्वपूर्ण होते हैं, उनका असर जिंदगी भर रहता है।
कार्यक्रम संयोजक एवं स्थानीय शाखा के अध्यक्ष डा. नीरज जैन, सचिव डा. दीपेश गुप्ता, सीआईएपी के उपाध्यक्ष डा. राजीव सेठ ने आयोजन की महत्ता पर प्रकाश डाला।
डा. सुरेश शर्मा, डा. दिलीप सेठी, डा. एमसी गुप्ता, डा. एसपी यादव, डा. सुनील रस्तोगी, डा. मनीष जैन, डा. दीप्ती कामरा, डा. लव कुन्दानी, डा. कृपाल सिंह आदि ने वक्ताओं के प्रश्नोत्तरी के माध्यम से बच्चों के सर्वांगीण विकास पर चर्चा की।

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