जोधपुर।
अगर आप वाहन लेकर घर से निकले हैं तो जरा सतर्क रहें, क्योंकि सड़कों पर वाहनों के बीच पशुओं का राज है। खासकर रात के अंधेरे में वाहन चलाना जानलेवा साबित हो रहा है। नगर निगम कर्मचारियों की लापरवाही के चलते शहर व आस-पास की मुख्य सड़कों पर गाय व बैल नजर आने लगी हैं। गत सात दिन में अलग-अलग दो सड़क हादसों में आवारा पशु व श्वान की चपेट से दो जनों की जान जा चुकी है।
नजर चूकते ही दुर्घटना का अंदेशा
गली मोहल्लों के अलावा शहर व आस-पास की मुख्य सड़कों पर पशुओं का जमावड़ा नजर आने लगा है। ऐसे में वाहन चालकों के लिए खतरा बढ़ गया है। वाहनों से दुर्घटना से बचने के साथ-साथ पशुओं से बचने की भी चुनौती हो गई है। पशुओं की समस्या ऐसी हो गई है कि चालक की जरा सी नजर चुकते ही दुर्घटना होने का अंदेशा हो जाता है।
वीवीआइपी विजिट के दौरान हटाए जाते हैं पशु
आम दिनों में शहरवासियों को सड़कों पर पशुओं की वजह से परेशानी का सामना करना होता है। यदि शहर में किसी मंत्री या अन्य वीवीआइपी का दौरा होता है तब नगर निगम इन पशुओं को हटाने में तत्परता दिखाता है।
बाड़ा संचालकों को नोटिस दिए, रिफ्लेक्टर लगाए
यातायात पुलिस ने गाय-बैल से होने वाले हादसों को रोकने के लिए अभियान चलाया था। पाली रोड पर 20-25 बाड़ा संचालकों को नोटिस देकर पशुओं को सड़कों पर न छोड़ने के लिए पाबंद कराया था। साथ ही पशुओं के सींग पर रिफ्लेक्टर भी लगाए गए थे।
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केस : 1
बनाड़ रोड
27 अप्रेल : बनाड़ थानान्तर्गत नांदड़ी गौशाला के पास निवासी मनीष तंवर 23 बाइक पर देर रात घर लौट रहा था। रमजान हत्था के पास आवारा पशु से बाइक टकरा गई थी। सिर में गंभीर चोट के उसकी मौत हो गई थी।
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केस : 2
विवि क्वार्टर रोड
26 अप्रेल : एयरपोर्ट थानान्तर्गत यूनिवर्सिटी क्वार्टर रोड पर छात्रावास के सामने अचानक श्वान आने से बाइक फिसलने से मधुबन हाउसिंग बोर्ड निवासी गुफरान गंभीर घायल हो गया था। इलाज के दौरान महात्मा गांधी अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी।
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निगम को सूचित करते हैं, नोटिस भी दिए हैं...
'सड़कों पर घूमने वाले पशुओं के संबंध में नगर निगम को समय-समय पर सूचित किया जाता है। वे गाड़ी भेजते भी हैं। पाली रोड पर पशुओं के बाड़ा संचालकों को नोटिस देकर पाबंद कराया गया था। सींग पर लगाने के लिए रिफ्लेक्टर भी दिए गए थे।'
चैनसिंह महेचा, अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (यातायात) जोधपुर।