>>: Digest for May 09, 2023

>>

Patrika - A Hindi news portal brings latest news, headlines in hindi from India, world, business, politics, sports and entertainment!

You are receiving a digest because your subscriptions have exceeded your account's daily email quota. Your quota has automatically reset itself.

Table of Contents

प्रदेश में लम्पी वायरस के कारण मरने वाले पशुपालकों के लिए राहत की खबर है। प्रदेश सरकार की ओर से इन पशुपालकों को 40 हजार रुपए प्रति पशु का मुआवजा दिया जाएगा। यह मुआवजा राशि प्रदेश स्तर पर होने वाले समारोह में दी जाएगी। इसके लिए प्रदेश के हर जिले के पशुपालन विभाग को चिन्हित पशुपालकों को जयपुर में होने वाले समारोह में आने की लिस्ट भेज दी गई है। जिसके आधार पर फील्ड स्टॉफ ने तैयारियां भी शुरू कर दी है। पशुपालन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार सीकर जिले में लम्पी से 55384 गोवंश बीमार हुआ था। जिनमें से 4169 गोवंश की मौत हो गई थी। निदेशालय की ओर से मांगी सूचना के लिए जिले भर से लम्पी के कारण मृत पशुओं के डेटा जुटाए गए। जिसके आधार पर 3184 पशुपालकों के 3243 दुधारू गोवंश की सूची तैयार की गई। इन पशुपालकों को मुआवजा राशि दी जाएगी।

सीकर से जाएंगे एक हजार पशुपालक

राज्य स्तरीय समारोह में भाग लेने के लिए सीकर जिले के पशुपालन विभाग को एक हजार पशुपालकों को लाने का लक्ष्य दिया गया है। जिसके लिए पंचायत समिति और नोडल संस्थाओं को लक्ष्य दिए गए है। मुआवजे के पात्र शेष बचे पशुपालकों को जिला स्तर पर बुलाया जाएगा।

सचिन माथुर.
सीकर. मौसम के नए रंग के बीच राज्य वृक्ष खेजड़ी ने अकाल की चिंता बढ़ा दी है। दरअसल खेजड़ी के पेड़ पर इन दिनों बेर जैसी गांठे पड़ गई है। जिसे वनस्पति शास्त्र में फू्रट गाल कहा जाता है। इन गांठों से जहंा पेड़ से सांगरी का उत्पादन रुक जाता है, वहीं पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार ये खराब जमाने यानी अकाल का संकेत है। जिसका असर कृषि, वन व वन्य जीवों सहित इंसानों पर भी पड़ता है। लिहाजा वनस्पति शास्त्रियों सहित किसान भी इससे खासतौर पर डरे हुए हैं।

सुकाल का संकेत है सांगरी
पारंपरिक मान्यता व कहावतों के अनुसार गर्मी के मौसम में यदि खेजड़ी पर सांगरी भरपूर लगे तो ये सुकाल का संकेत है। क्योंकि सांगरी लगने का अर्थ पेड़- पौधों व फसलों के लिए अनुकूल मौसम के रूप में लिया जाता रहा है। इसके विपरित सांगरी की बजाय खेजड़ी पर बेर के आकार की गांठे पड़े तो वह प्रतिकूल मौसम के साथ अकाल का संकेत माना गया है।

ग्लोबल वार्मिंग का असर

खेजड़ी पर इस तरह की गांठे बेमौसम हो रही आंधी व बरसात की वजह से हो रही है। जिसकी मूल वजह ग्लोबल वार्मिंग है। यदि पृथ्वी का तापमान इसी तरह बढ़ता रहा तो ऋतु परिवर्तन का प्रतिकूल असर हर पेड़- पौधे व प्राणी पर पड़ेगा।


एक्सपर्ट व्यू: पुष्पन के समय बिजली कडकऩे से होती है गांठे
गर्मियों के मौसम में खेजड़ी पर होने वाली गांठे फू्रट गाल कहलाती है। ये पौधों का एक रोग है जो सीसीडोजोआ प्रकार की दीमक से होता है। खेजड़ी पर मिजर (पुष्पन) के समय बिजली कडकऩे या मेघ गर्जन से पुष्प इन गालनुमा गरेड़ो में परिवर्तित हो जाते हैं। ऐसे में इन पर सांगरी का उत्पादन बंद हो जाता है। शेखावाटी सहित कई इलाकों में इन दिनों खेजड़ी पर फू्रट गाल दिखाई दे रहे हैं, जो शुभ संकेत नहीं है। कृषि प्रधान प्रदेश में ये चिंता का विषय है।

डा. पुरुषोत्तम लाल, सहायक आचार्य, वनस्पति विज्ञान, राजकीय कॉलेज, झुंझुनूं

अजय शर्मा.
यदि मन में कुछ करने का जुनुन हो तो तमाम मुसीबतों को हराकर सफलता का इतिहास रचा जा सकता है। यह साबित कर दिखाया है कूदन निवासी पेरा खिलाड़ी सुमन ढाका ने। वर्ष 2000 में हुए एक हादसे में पैर चोटिल हो गई। इसके बाद लगा कि मानों जिन्दगी खत्म हो गई। लेकिन हार मानने के बजाय आगे बढ़ने के खेलों में नई राहें तलाशना शुरू किया। पैर के पंजे की गहरी चोट के कारण सामान्य चलने में भी असमर्थ हो गई। इसके बाद भी घर पर ही आधे-आधे घंटे अभ्यास शुरू किया। ससुराल में घर का सारा काम निबटा कर खेताें में गाेला व तश्तरी फेंक की तैयारी की। सुमन का कहना है कि शादी के बाद खेलने की शुरुआत करने पर उसे काफी मशक्कत करनी पड़ी। कई लोगों की ओर से पहले खेलों में आगे बढ़ने पर ताने मारकर मजाक बनाया जाता। लेकिन जब लगातार पदक जीते तो उनको भी हौसला बढ़ाने के लिए आगे आना पड़ा। शनिवार को ढाका ने बैंगलोर में आयोजित पांचवी अन्तराष्ट्रीय पेरा प्रतियोगिता के शॉटपुट में रजत व डिस्क्रस थ्रो में कांस्य पदक पदक जीतकर राजस्थान का मान बढ़ाया है। उन्हाेंने अपने कॅरियर की शुरूआत भी वर्ष 2003 में बैंगलोर स्टेडियम से ही की थी। सुमन का लक्ष्य पैरा ओलंपिक खेलों में देश के लिए गोल्ड मेडल लाना है।

जीते पदक तो सरकार ने भी बढ़ाया मान
राज्य सरकार की ओर से श्रेष्ठ खेल प्रदर्शन के आधार पर सुमन को प्रदेश के सर्वोच्च खेल अवॉर्ड महाराणा प्रताप पुरस्कार सम्मान भी मिल चुका है। ढाका वर्ष 2017 में चीन, 2018 में दुबई व वर्ष 2019 में शारजहां में आयोजित ओपन चैम्पियनशिप में भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर चुकी है। वर्ष 2018 में ही इंडोनेशिया में हुए पैरा एशियन गेम्स में श्रेष्ठ प्रदर्शन कर सुखिर्या बटोरी थी।

खेलों के दम पर मिली नौकरी
दस साल में 30 से अधिक पदक जीतने के बाद भी उनकी संघर्ष यात्रा लगातार जारी है। पत्रिका से खास बातचीत में सुमन ने बताया कि पेरा ओलम्पिक खेलों में पदक जीतना उनका लक्ष्य है, इसके लिए वह पांच से छह घंटे नियमित अभ्यास भी करती है। वर्ष 2021 में सार्वजनिक निर्माण विभाग सीकर में कनिष्ठ सहायक के पद पर खेल कोटे में नौकरी मिली।

दर्द: सत्यापन के बाद भी नहीं मिल रहा पैसा
उनका कहना है कि खिलाड़ी राजस्थान का मान बढ़ाने के लिए लगातार पदक जीते रहे है। दूसरी तरफ क्रीड़ा परिषद की ओर से पदक विजेता खिलाडि़यों का सत्यापन करने के बाद भी प्रोत्साहन राशि नहीं दी जा रही है। उनका कहना है कि यदि सरकार की ओर से गांव-ढाणियों में मैदान तैयार कर कोच मुहैया कराए जाए तो राजस्थान के खिलाड़ी दुनियाभर में इतिहास रच सकते है।

कांवट. कस्बे के मुख्य बस स्टैंड सहित तीनों मार्गों पर हो रहे स्थाई अतिक्रमण को हाईकोर्ट के आदेशों की पालना में हटाने के लिए प्रशासन ने एक बार फिर से कवायद तेज कर दी है। रविवार को खंडेला नायब तहसीलदार विजय बाजिया, भू अभिलेख निरीक्षक जयप्रकाश मिठारवाल, पटवारी रोहिताश सामोता व कांवट चौकी प्रभारी श्रीराम यादव ने तीनों मार्गों पर अतिक्रमण का जायजा लिया। प्रशासन ने दुकानदारों को 10 मई से पहले स्वयं ही अतिक्रमण हटाने के निर्देश भी दिए। अचानक से बस स्टैंड पर प्रशासनिक अमले को देख अतिक्रमियों में हड़कंप मच गया। अधिकारियों ने तीनों मार्गों पर अतिक्रमण हटाने को लेकर रणनीति बनाई। वहीं पुलिस ने भी अतिक्रमण हटाने के दौरान वाहनों को डाइवर्ट करने का रूटचार्ट बना लिया है। प्रशासन ने पिछले माह ही तीनों मार्गों पर 256 अतिक्रमियों को चौथी बार नोटिस जारी करते हुए लाल निशान लगा दिए हैं।

नोटिस से प्रशासन ने चेतावनी दी कि अगर चिन्हित अतिक्रमण को अगर 30 अप्रेल तक नहीं हटाया गया तो 11, 12, 13 मई को प्रशासन अतिक्रमण हटाएगा अतिक्रमियों से हर्जा-खर्चा वसूल किया जाएगा। प्रशासन के द्वारा जारी किए गए नोटिस के अनुसार सानिवि ने कांवट में सड़क के दोनों ओर किए गए अतिक्रमण को चिन्हित करके सूची पेश कर अतिक्रमण हटाने के लिए तहसीलदार को फरवरी 2018 को अनुरोध किया था। साथ ही न्यायालय नायब तहसीलदार खंडेला द्वारा भू राजस्व अधिनियम 1956 की धारा 91 के तहत अतिक्रमियों के विरुद्ध बेदखली का आदेश भी पारित किया जा चुका है। इसकी पालना में अब प्रशासन ने एक बार फिर से 11 मई से अतिक्रमण हटाने के लिए प्रकिया शुरू करेगा।

चौथी बार नोटिस

हाईकोर्ट में अतिक्रमण हटाने के निर्णय के बाद खंडेला तहसीलदार ने चार साल में चौथी बार अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस जारी किए है। इससे पहले तीन बार जारी किए गए नोटिस में भी प्रशासन ने 45 दिन में स्वयं हटा लेने के निर्देश दिए थे, लेकिन हर बार नोटिस की मियाद बीत जाने के बाद प्रशासन ने कोई कार्रवाई नही की।

अवमानना याचिका के बाद प्रशासन हरकत में

कांवट में बस स्टैंड सहित तीनों मार्गों पर हो रहे अतिक्रमण को लेकर सरपंच मीना सैनी की याचिका पर उच्च न्यायालय जयपुर के द्वारा 23 अप्रैल 2019 को अतिक्रमण हटाने का निर्णय पारित किया जा चुका है, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी अतिक्रमण नहीं हटाने पर सरपंच ने तत्कालीन एसडीएम पर हाईकोर्ट के आदेशों की अवहेलना पर अवमानना याचिका दायर की थी। इसके बाद प्रशासन एक बार फिर से हरकत में आया है।

कांवट में 11 मई से हटाया जाएगा अतिक्रमण

सीकर. रींगस कस्बे के वार्ड नंबर 32 के पार्षद पद के लिए रविवार को उपचुनाव शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हुआ। मतदान को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखने को मिला। 5 बजे तक संपन्न हुए मतदान में 92.12 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। चुनाव को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न करवाने के लिए पुलिस प्रशासन चाक चौबन्द नजर आया। गौरतलब है कि वार्ड 32 में पार्षद मंगलचंद निठारवाल के निधन के बाद सीट रिक्त होने पर निर्वाचन विभाग की ओर से उप चुनाव करवाया गया है। उपचुनाव में चार प्रत्याशीयों तेजपाल कुमावत, भंवरी देवी, सुमेर निठारवाल व हरीश गुर्जर के पक्ष में मतदान हुआ। सोमवार को राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय के कमरा नंबर 113 में बनाए गए मतगणना कक्ष में सुबह 9 बजे से मतों की गणना होगी। मतदान के दौरान उपखण्ड अधिकारी ब्रजेश कुमार, तहसीलदार सुमन चौधरी सहित रींगस व श्रीमाधोपुर पुलिस थानों का जाप्ता मौके पर तैनात रहा।

एनसीसी कैडेट्स ने सीखीं फायरिंग

रामगढ शेखावाटी. निकटवर्ती ढाढण गांव के ढांढण वेलफेयर सोसायटी में चल रहे एनसीसी के द्वितीय राज बटालियन के जूनियर डिवीजन प्रशिक्षण शिविर में रविवार को कैडेट्स ने फायरिंग की बारीकियां सीखीं। कैंप कमांडेंट ले. कर्नल पंकज कुमार ने कहा कि फायरिंग का प्रशिक्षण सबसे जरूरी और याद रखा जाने वाला प्रशिक्षण है। उन्होंने कहा कि सफल व्यक्ति कोई अलग काम नहीं करते, वे प्रत्येक काम को अलग ढंग से करते हैं। इसी प्रकार आप लोग भी प्रत्येक कार्य को इतनी विशिष्टता और पूर्णता से अंजाम दें कि स्वयं आपको सफलता और सार्थकता का संतोष महसूस हो। इस दौरान एनसीसी से जुड़े अधिकारी, कर्मचारी और एनसीसी कैडेट्स मौजूद रहे। इस अवसर पर सूबेदार मेजर संत बहादुर लिंबू आदि ने शिविर में भाग लिया।

सीकर. मावण्डा डाबला क्षेत्र के गांवों के सरपंच व अन्य लोगों ने डाबला रेलवे स्टेशन के नीचे से पगडंडी बनाने की मांग को लेकर रविवार को पाटन पंचायत समिति के प्रधान सुवालाल सैनी की अगुवाई में रेल मंत्री के नाम डाबला स्टेशन अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों ने बताया कि इस कार्य के लिए वे पहले भी सीकर सांसद व रेलवे मंत्री को ज्ञापन दे चुके हैं पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। नरेन्द्र सैनी ने कहा कि क्षेत्र के गांव बिहार, श्यामपुरा, डुंगाकानांगल आदि के लोग पगडंडी के अभाव में मजबूरी मेेेें अपनी जान जोखिम में डालकर डाबला रेलवे स्टेशन पर खड़ी माल गाड़ियों के नीचे से निकलकर यात्री प्लेट फार्म पर पहुंचते हैं। ऐसे में उनकी मांग को गंभीरता से लेते हुए डाबला रेलवे स्टेशन के नीचे से आर पार लोगों की आवागमन के लिए एक पगडंडी का निर्माण करवाया जाए। ज्ञापन देते समय ग्राम स्यालौदड़ा सरपंच अनिल कुमार, ग्राम डुंगाकानांगल सरपंच माली राम, ग्राम डाबला सरपंच सागर मल यादव, वीर चक्र जयराम सिंह, अजित चौधरी, सत्यवीर यादव, बनवारी लाल यादव आदि उपस्थित रहे ।

You received this email because you set up a subscription at Feedrabbit. This email was sent to you at abhijeet990099@gmail.com. Unsubscribe or change your subscription.