>>: नाहरगढ़ जू में तीन साल में 4 से बढ़कर 10 हुआ लकड़बग्घा परिवार

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जयपुर। नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में एक बार फिर खुशियों की आमद हुई है। जू में इस साल भारतीय नस्ल के लकड़बग्घों (स्ट्रिप्ड हायना) के परिवार में तीन मादा सदस्यों का जन्म हुआ है। कुनबे में बीते तीन साल में 6 बच्चों का जन्म हो चुका है। अब जू में 3 नर लकड़बग्घे और 7 मादा लकड़बग्घे हैं। यह राजस्थान के किसी भी जू की तुलना में सबसे ज्यादा है।

नाहरगढ़ जू में तीन साल में 4 से बढ़कर 10 हुआ लकड़बग्घा परिवार

अनाथ राधा ने दो साल में जन्मे 5 बच्चे
2016 में सरिस्का टाइगर रिजर्व से 10 से 15 दिन का एक अनाथ मादा हायना का बच्चा रेस्क्यू कर के रामनिवास बाग स्थित जू लाया गया था। साथ ही मार्च 2016 में ही गलता से एक दुधमुंहा पैंथर का बच्चा भी रेस्क्यू कर जू लाया गया था। दोनों को जू में हाथ से दूध पिलाया जाता था, वैक्सिनेशन की गई और बहुत कठिन परिस्थितियों में इन दोनों बच्चों की जान चिकित्सकों ने बचाई। दोनों का 4-5 महीने तक साथ रखकर पाला गया था, जो एक नया प्रयोग था। आज जहां वह नर पैंथर कृष्णा जू के एन्क्लोजर में दर्शकों के लिए रोमांच है, वहीं मादा हायना राधा ने लकड़बग्घों के कुनबे को दो बार बढ़ाने का काम किया है। डॉ. माथुर ने बताया कि इस हायना के साथ बच्चों में जंगल ब्रीड के जीनपूल भी कैप्टिविटी में रखे हायना के बच्चों में पहुंचे, जो हमारी एक बड़ी सफलता है। राधा ने 2022 में 1 नर और दो मादा और इस साल 3 मादा बच्चों को जन्म दिया है जो अभी तीन महीने के हैं।अच्छी डाइट, वैक्सिनेशन, मेडिसिन सप्लीमेंट, डीवॉर्मिंग और एनक्लोजर एनरिचमेंट के चलते हायना का कुनबा बढ़ाने में सफलता मिली है।

नाहरगढ़ जू में तीन साल में 4 से बढ़कर 10 हुआ लकड़बग्घा परिवार

एक्सचेंज में बढ़ी हायना की डिमांड
जू के वरिष्ठ वन्य जीव चिकित्सा अधिकारीडॉ. अरविन्द माथुर ने बताया कि हायना का कुनबा बढऩे से एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत अन्य जन्तुआलयों से जानवर लाने के लिए घडिय़ालों के बाद सबसे ज्यादा इन्हीं की डिमांड है। दिल्ली जू से हायना के एक जोड़े की डिमांड आई है, जिसके तहत नाहरगढ़ जू को पांच फीमेल ब्लैक बक और दो व्हाइट चीतल का जोड़ा मिलेगा। जोधपुर जू से हायना के बदले चिंकारा मिले थे। दिल्ली जू से हायना के बदले बारहसिंगा मिले थे।

नाहरगढ़ जू में तीन साल में 4 से बढ़कर 10 हुआ लकड़बग्घा परिवार

सफेद चीतल और थामिन डीयर राजस्थान के किसी भी जू में नहीं
रामनिवास बाग जू में वर्ष 2014-15 में हायना ब्रीडिंग हुई थी। उसके बाद 2021 में 1 बच्चा, 2022 में दो बच्चे और इस साल तीन बच्चों ने जन्म लिया है। डॉ. अरविंद माथुर का कहना है कि नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में इस समय वन्य जीवों की 26 प्रजातियां हैं। जू का प्रयास यहां ऐसी प्रजातियों को लाना है, जो प्रदेश के अन्य जू में न हों। यहां सभी प्रजातियों के वन्य जीवों में ब्रीडिंग करवाने में सफलता मिली है और इनके बदले देश के अन्य जंतुआलयों से दुर्लभ वन्य जीवों को लाने का प्रयास है। जैसे दिल्ली जू से आने वाले सफेद चीतल और थामिन डीयर राजस्थान के किसी भी जू में नहीं हैं। सेंट्रल जू अथॉरिटी को इस संबंध में प्रपोजल भेज दिया गया है। भेडिय़ों की ब्रीडिंग में भी नाहरगढ़ जू आगे है। जू के अधिकतर बड़े वन्य जीव जैसे शेर, बाघ और हिप्पो आदि भेडिय़ों के बदले ही रामनिवास बाग स्थित जू और नाहरगढ़ जू में लाए गए हैं। 2008 में रामनिवास जू में दो नर भेडि़ए थे। तब गुजरात के शकरबाग जू से एक मादा भेडिय़ा लेकर आए और उसके बाद यहां भेडिय़ों का कुनबा बढ़ा।

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