>>: Digest for August 13, 2021

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Table of Contents

सीकर. राजस्थान के सीकर जिले में बुधवार को फिर कोरोना का एक नया मरीज सामने आया। वहीं, दो पूर्व संक्रमित मरीज स्वस्थ हुए। जिसके सहित जिले में कोविड के कुल सक्रीय मरीजों की संख्या छह हो गई। वहीं, कुल संक्रमितों की संख्या भी बढ़कर 30 हजार 982 हो गई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अजय चौधरी ने बताया कि बुधवार को दांतारामगढ़ ब्लॉक में एक शख्स कोरोना पॉजिटिव मिला। जिसके उपचार के साथ संपर्क में आए लोगों की सैंपलिंग की कवायद शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि जिले में बुधवार को भी कोरोना जांच के लिए 1302 नए सैंपल लिए गए हैं।

अब तक 30 हजार 982 संक्रमित
मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी चौधरी ने बताया कि जिले में इस साल 1 मार्च से लेकर अब तक 1 लाख 44 हजार 631 सैम्पल लिए गए। इनमें से 21 हजार 521 कोरोना संक्रमित रोगी आए हैं। जबकि 1 लाख 22 हजार 299 सैम्पल की रिपोर्ट निगेटिव आई है। जबकि अब तक की रिपोर्ट पर नजर डालें तो स्वास्थ्य विभाग की ओर से गत वर्ष से लेकर अब तक 3 लाख 1 हजार 562 सैम्पल की जांच की जा चुकी है। इनमें से 30 हजार 982 जने कोरोना संक्रमित मिले। जिनमें से अब तक 30 हजार 641 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।

35 हजार 532 को लगा कोरोना का टीका
जिले में चल रहे कोविड-19 टीकाकरण अभियान के तहत बुधवार को जिलेभर में 35 हजार 532 लोगों को कोरोना से बचाव का टीका लगाया गया। जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ निर्मल सिंह ने बताया कि 18 से 44 वर्ग के 20952 को पहली और 7271 युवाओं को द्वितीय डोज लगाई गई। वहीं 45 से 59 आयु वर्ग के 2088 को पहली और 3979 को द्वितीय डोज लगाई गई। वहीं 60 से अधिक आयु के 446 को पहली और 850 नागरिकों को द्वितीय डोज लगाई गई। आरसीएचओ डॉ सिंह ने बताया कि रविवार को 23486 को पहली और 12046 को द्वितीय डोज लगाई गई।

मातृ व शिशु स्वास्थ्य की दी जानकारी
जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ निर्मल सिंह ने बताया कि जिलेभर में स्वास्थ्यकर्मी गुरुवार को कोरोना वायरस के नियंत्रण व रोकथाम के साथ मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य की जानकारी देंगी। चिकित्सा संस्थान व आंगनबाडी केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच के साथ हिमोग्लोबिन, वजन, मूत्र, मधूमेह, हाईट, ब्लड प्रेशर तथा पेट की जांच की जाएगी। चिन्हित हाई रिस्क प्रेगनेंसी वाली महिलाओं को समूचित पौष्टिक आहार का सेवन करने की सलाह दी जाएगी। वहीं नवजात से पांच वर्ष तक की आयु के बच्चों को जीवनरक्षक टीके लगाए जाएंगे।

सीकर. शेखावाटी में कम बरसात का असर खेती पर दिखने लगा है। बरसात की कमी को देखते हुए किसानों ने खरीफ की फसलों की बुवाई कम की है। लक्ष्य की तुलना में इस बार अंचल में मूंग, मोठ, चंवळा की लक्ष्य की तुलना में करीब 13 हजार हेक्टेयर में कम बुवाई की गई है। वहीं करीब सात हजार हेक्टेयर में मूंगफली कम बोई गई है। हालांकि आंकडों के अनुसार बाजरे की फसल करीब एक हजार हेक्टेयर और ग्वार की करीब छह हजार हेक्टेयर में ज्यादा बुवाई हुई है। लेकिन, इसकी वजह पिछले दिनों की बरसात व मौसम विभाग की अच्छी बरसात की भविष्यवाणी रही। जो अंचल के लिए सटीक साबित नहीं हुई। इधर, मौसम विभाग के अनुसार आगामी कुछ दिनों में भी अंचल में बरसात की संभावना कम है। कम से कम 17 अगस्त तक प्रदेश में छिटपुट बरसात को छोड़ मौसम सूखा ही रहेगा।

आज केवल उदयपुर संभाग में बरसात की संभावना
मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर के अनुसार शेखावाटी अंचल में गुरुवार को भी बरसात की संभावना बेहद कम है। केंद्र के अनुसार प्रदेश में केवल उदयपुर संभाग में ही कुछ जगह हल्की से मध्यम बरसात हो सकती है। बाकी इलाके शुष्क रहने के ही आसार हैं। हालांकि प्रदेश में कई जगह आंशिक बादल जरूर छाए रह सकते हैं।

दो से तीन डिग्री बढ़ जाएगा पारा
मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर के अनुसार बरसात की कमी से प्रदेश के तापमान में एक बार फिर बढ़ोत्तरी शुरू हो गई है। जो आगे भी जारी रहेगी। केंद्र निदेशक आरएस शर्मा के अनुसार मानसून ट्रफलाइन अपनी सामान्य अवस्था से उत्तर दिशा ( हिमालय की तरफ ) शिफ्ट हो गई है। जिसके कारण प्रदेश के अधिकांश हिस्सो में पश्चिमी हवाएं प्रभावी हो चुकी है। मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए आगामी दिनो में प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर मौसम शुष्क रहेगा हालांकि पूर्वी राजस्थान में छुटपुट स्थानों पर हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश हो सकती है। इस दौरान तापमान में भी दो से तीन डिग्री सेल्सियस की बढोतरी होगी।

आज देश में यहां होगी बरसात
स्काईमेट वेदर रिपोर्ट के अनुसार गुरुवार को देश में बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, झारखंड, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय, पूर्वोत्तर मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और केरल के कुछ भागों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। तमिलनाडु, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर कुछ देर के लिए तेज बारिश हो सकती है। जम्मू-कश्मीर, मध्य प्रदेश के शेष हिस्सों, तेलंगाना के कुछ हिस्सों, कोंकण और गोवा, लक्षद्वीप और शेष पूर्वोत्तर भारत में हल्की से मध्यम तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश की तलहटी, आंतरिक कर्नाटक और दक्षिण गुजरात के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश संभव है। वहीं, उत्तर पश्चिम और मध्य भारत के कुछ हिस्सों में शुष्क और गर्म हवाएं तेज गति से चलेंगी जिससे तापमान में वृद्धि होगी।

सीकर. कोचिंग में पढऩे गई नाबालिग का अपहरण कर बलात्कार करने के मामले में विशिष्ठ न्यायाधीश पोक्सो डॉ. सीमा अग्रवाल ने मुख्य आरोपी को सात वर्ष और अपहरण में सहयोग करने वाले युवक को तीन वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। दोनों ने 2015 में वारदात को अंजाम दिया था। इनमें मुख्य आरोपी रानोली इलाके के विनायकपुरी रायपुरा का निवासी परमेश्वरलाल है। जिसके सहयोगी रींगस इलाके के लाखनी के पास स्थित पींथावाली ढाणी निवासी सागरमल को भी काली करतूत की सजा मिली है।

अपहरण कर महाराष्ट्र ले गए आरोपी
आरोपियों ने वर्ष 2015 में 1 अगस्त को घर से कोचिंग के लिए आई बालिका का अपहरण कर लिया था। इसके बाद आरोपी परमेश्वरलाल बालिका को महाराष्ट्र के सांगली जिले के गांव राजनी कंवेटा ले गया। वहां पर एक कमरे में रखकर उसके साथ बलात्कार किया। पुलिस ने दस दिन बाद बालिका को महाराष्ट्र से बरामद कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। मामले की जांच में सागरमल की भूमिका अपरहण में पाई गई। जिसे भी बाद में गिरफ्तार कर लिया गया।

15 गवाहों के बयान के बाद फैसला
पूर्व एपीपी शिव रतन शर्मा ने बताया कि मामले में 15 गवाहों के बयान करवाए गए। वहीं 15 दस्तावेजी साक्ष्य पेश किए गए। इस पर न्यायाधीश ने परमेश्वरलाल को बलात्कार के मामले में सात वर्ष के कठोर करावास और 20 हजार रुपए का अर्थदंड और सागरमल को अपहरण में सहयोग करने पर तीन वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। मामले में राज्य सरकार की ओर से विशिष्ठ लोक अभियोजक यशपाल सिंह ने पैरवी की।

22 लाख 54 हजार की ठगी का मामला दर्ज

सीकर. लाखों की ठगी के मामले में चर्चा में आई चौमूं की चिट फंड कंपनी के खिलाफ उद्योग नगर थाने में 22 लाख 54 हजार रुपए की ठगी का एक ओर मामला दर्ज करवाया गया है। थानाधिकारी पवन चौबे ने बताया कि पिपराली रोड निवासी अरविंद कुमार ने मामला दर्ज करवाया है कि बजरंगलाल शेषमा और महिपाल सिंह नाम के व्यक्ति ने मोटी कमाई का लालच देकर कंपनी में निवेश करवाया था। उन्होंने कहा कि कंपनी गोल्ड-ज्वैलरी बनाने का काम करती है। इस कार्य में निवेश करने पर अच्छा मुनाफा मिलता है। बजरंगलाल ने छह महीने में दो गुना मुनाफा होने का लालच दिया। अरविंद ने शुरुआात में नवंबर 2017 में कंपनी के खाते में दो लाख जमा करवाए। इसके बाद अरविंद ने 12 महीने में 22.54 लाख रुपए इंवेस्ट कर दिए। पैसे वापस मांगे गए तो उसे जान से मारने की धमकी दी गई। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

सीकर. हर्ष के पहाड़ से गिरने पर इकलौते बेटे सुनील की मौत के गम के साथ परिवार के भविष्य की चिंता में डूबी मां को बड़ा आर्थिक सहयोग मिला है। पत्रिका की खबर व गांव के युवाओं की पहल पर हर्ष निवासी मां कमला के लिए 5 लाख 72 हजार रुपए की राशि जुटा ली गई है। जिनमें से 5 लाख 52 हजार रुपए 760 लोगों ने बैंक खाते में ऑनलाइन जमा करवाए हंै। जबकि 20 हजार रुपये की राशि 10 भामाशाहों व सामाजिक संगठनों ने घर पहुंचकर परिवार को भेंट की है। ग्रामीणों ने बताया कि मदद की राशि का उपयोग परिवार के भविष्य को सुरक्षित करने व उन्हें स्वरोजगार से जोडऩे के लिहाज से किया जाएगा। इसके अलावा मृतक सुनील की दोनों बहनों की पढ़ाई व शादी तथा बुजुर्ग सास- ससुर के उपचार के लिए भी ग्रामीणों ने हर संभव मदद करने का फैसला लिया है। परिवार की मदद के लिए गांव के शंकर सैनी, ओमप्रकाश गुर्जर, अजय कुमावत, रवि प्रकाश पारीक, शिव दानोदिया, किशोर गुर्जर, मुकेश सैनी, सुनील सैनी, राकेश बोकन ,बलवीर आदि ने सहयोग किया है।


पत्रिका ने उठाया था मुद्दा

31 जुलाई को हर्ष के पहाड़ पर मंदिर में दर्शन कर लौटते समय सुनील हादसे का शिकार हो गया था। पांच साल पहले बीमारी से पति को खोने के बाद इकलौते बेटे की मौत के बाद मां कमला देवी पूरी तरह टूट चुकी थी। दो छोटी बेटियों के साथ लकवा पीडि़त ससुर व सास के उपचार का जिम्मा भी उस पर आ गया था। आय का केाई जरिया नहीं होने पर बेटे के गम के साथ भविष्य की चिंता में सुध खो बैठी उस मां व परिवार के लिए पत्रिका आवाज बना। 'कलेजे में दबी मां की कसक, न तो सुध, ना ही शब्द' शीर्षक से खबर प्रकाशित कर पत्रिका ने परिवार की पीड़ा को प्रमुखता से उठाया। जिसके साथ गांव के युवाओं की कोशिश व भामाशाहों के बढ़े कदमों ने परिवार को बड़ी आर्थिक मदद पहुंचाई। पत्रिका के खबर प्रकाशन को ग्रामीण खूब सराह रहे हैं।

सीकर. राजस्थान के सीकर जिले के नीमकाथाना कस्बे में बुधवार को एक युवक की करंट की चपेट में आने से मौत हो गई। मृतक मालनगर निवासी 28 वर्षीय महेन्द्र कुमार जांगिड़ पुत्र सागरमल जांगिड़ था। जो गणेश्वर में एक घर में बेल्डिंग का काम करते समय करंट की जद में आ गया। घटना के बाद परिजनों व ग्रामीणों ने अचानक आए तेज वोल्टेज को हादसे का कारण बताते हुए बिजली निगम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। ग्रामीणों ने गुरुवार को राजकीय कपिल अस्पताल में मृतक के पोस्टमार्टम व शव लेने से इन्कार कर दिया और बिजली निगम के खिलाफ आक्रोश जताना शुरू कर दिया। ग्रामीणों का कहना था कि बिजली निगम की लापरवाही की वजह से हादसा हुआ है। ऐसे में बिजली निगम को मृतक के परिजनों को 15 लाख रुपए का मुआवजा व एक सदस्य को सरकारी नौकरी देनी चाहिए। अपनी इस मांग को लेकर ग्रामीण धरने पर बैठ गए। जिसकी सूचना पर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। काफी देर तक ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया गया। पर ग्रामीण नहीं माने। बाद में मौके पर पहुंचे तहसीलदार सतवीर यादव सिंह ने मृतक के परिजनों को नियमानुसार मुआवजा व अन्य सुविधाएं दिए जाने का आश्वासन देते हुए ग्रामीणों को शांत करवाया। इसके बाद शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंपा गया। जिसका गांव में अंतिम संस्कार किया गया।

सुबह से पहुंचे ग्रामीण, दो घंटे चला प्रदर्शन
गणेश्वर में महेन्द्र बुधवार शाम को करंट की चपेट में आया। जिसे तुरंत नीमकाथाना के राजकीय अस्पताल ले जाया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलस ने शव को मोर्चरी में रखवा दिया। जहां गुरुवार सुबह पोस्टमार्टम से पहले ही ग्रामीण इक_ा हो गए और पोस्टमार्टम व शव लेने से इन्कार कर दिया। करीब दो घंटे तक वे अपनी मांग पर अड़े रहे। जो तहसीलदार के आश्वासन पर ही शव लेकर वापस लौटे। इस दौरान भूदोली सरपंच के अलावा, मातादीन सिंह, विजय सिंह, रोहताश, राकेश, छितर सिंह, बाबूलाल यादव, सोनू, जगदीश, जितेन्द्र, रविन्द्र, पिन्टू जांगिड़ सहित कई ग्रामीण मौजूद रहे।

Web One, Web Two.... This board of the country kept earning crores!
-मालामाल बोर्ड, खस्ताहाल स्कूल!
-माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर के कोरोनाकाल में बचे 76 करोड़ रुपए
सीकर. राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर (ajmer) कोरोनाकाल में परीक्षा स्थगित होने की वजह से मालामाल हो गया है। पिछले साल सभी विषयों की परीक्षाएं नहीं होने और इस बार परीक्षा स्थगित होने से बोर्ड को सीधे तौर पर लगभग एक अरब रुपए की बचत हुई है।


खुद बोर्ड ने माना पेपर व कॉपियों का हुआ खर्चा
बोर्ड अध्यक्ष कई बार बयान दे चुके है कि परीक्षा होने से कई महीने पहले प्रश्न पत्र व कॉपियों का टेंडर हो जाता है। इस बार भी बोर्ड का प्रश्न पत्र व कॉपियों का खर्चा तो हुआ ही है। वह खुद मान चुके है कि परीक्षाएं नही होने से अन्य खर्च नहीं हुए है। एक्सपर्ट का मानना है कि प्रश्न पत्र व कॉपियों की प्रिटिंग पर लगभग 40 करोड़ का खर्चा हुआ है।


परीक्षा नहीं होने से यह पैसा बचा
परीक्षाएं नहीं होने से बोर्ड के प्रमुख सात मदों के खर्चे पूरी तरह बच गए है। परीक्षाएं नहीं होने की वजह से वीक्षकों को किसी तरह का पैसा नहीं देना पड़ा। इसके अलावा परीक्षा केन्द्रों पर कैमरे, कॉपी जांचने का पैसा, उडऩदस्तों, परीक्षा संग्रहण केन्द्रों की स्टेशनरी व परीक्षा पूर्व तैयारियों के दौरे से टीए-डीए का पैसा बोर्ड का बच गया है।


सवाल: क्यों नहीं मिल रहा बच्चों को अपना हक
प्रदेश के निजी स्कूलों की ओर से भी इस मामले में मांग उठाई जा रही है। निजी स्कूलों के प्रतिनिधियों का तर्क है कि बोर्ड को बचत की राशि का कुछ हिस्सा जरूरतमंद होनहार विद्यार्थियों के उपर खर्च करना चाहिए। इससे उनका उच्च शिक्षा का सपना पूरा हो सकेगा। इसके लिए हर जिले से कम से कम पांच होनहारों का शिक्षा विभाग व जिला प्रशासन के जरिए चयन किया जाना चाहिए। इसके अलावा शेष राशि को सरकारी स्कूलों को दिया जाता है निजी स्कूलों को भी कोई आपत्ति नहीं है। बोर्ड प्रशासन के बच्चों के हक पर कुण्डली मारने से कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं।

फैक्ट फाइल
सत्र 2020-21
दसवीं बोर्ड में आवेदन- 12 लाख 55000
12 वीं बोर्ड- 8 लाख 53000
प्रति विद्यार्थी फीस- 600 रुपए
पिछले साल परीक्षार्थी- 21 लाख
दोनों साल की बचत- एक अरब
इस सत्र में बोर्ड को सीधे तौर पर बचत- 76 करोड़

सरकार करे पहल...
यह बच्चों का पैसा है इस राशि पर बोर्ड का अधिकार नहीं है। यह राशि बोर्ड को जिला मुख्यालयों पर बच्चों की सुविधा के लिए सदुपयोग में खर्च की जानी चाहिए। सरकार को इस मामले में पहल करनी चाहिए।
उपेन्द्र शर्मा प्रदेश महामंत्री, राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत)


आप जानते होंगे...पढ़ाई में आगे, संसाधनों में पीछे हमारे स्कूल
प्रदेश के सरकारी स्कूल शैक्षिक गुणवत्ता के मामले में लगातार आगे आ रहे हैं। इस साल रैकिंग में भी राजस्थान आगे आया है। लेकिन संसाधनों के मामलों में स्कूल काफी पीछे है। वर्तमान दौर के अभिभावक व विद्यार्थी स्कूल में पढ़ाई के साथ-साथ संसाधन भी देखते हैं। यदि सरकारी स्कूलों में पानी, बिजली, फर्नीचर, हाईटेक आईटी लैब व परिवहन सुविधा हो तो निजी स्कूलों को कड़ी टक्कर दे सकते हैं। इस साल परीक्षा नहीं होने से बोर्ड के पास पैसा बचा है। इस राशि से बोर्ड आसानी से 550 से अधिक स्कूलों को संवार सकता है।
धर्मेन्द्र शर्मा, सामाजिक कार्यकर्ता, सीकर

फतेहपुर. इंशोरेंस कंपनियां प्रीमियम जमा करने में तो आगे रहती है लेकिन क्लेम देने में पीछे हट जाती है। क्लेम के लिए कंपनियां लोगों को चक्कर लगवा रही है। ऐसा ही मामला फतेहपुर क्षेत्र से जुड़ें किसानों का सामने आया है। एचडीएफसी लाइफ इंशोरेंस कंपनी 23 से ज्यादा किसान परिवारों को क्लेम देने के लिए चक्कर लगवा रही है। इन किसानों का लाखों रुपए का क्लेम कंपनी के पास जमा है। जानकारी के अनुसार सीकर केन्द्रीय सहकारी बैंक से लोन लेने वाले किसानों का एचडीएफसी लाइफ इंशोरेंस में बीमा होता है। लोन देने के साथ ही किसान के खाते से ही जीवन सुरक्षा बीमा के लिए प्रीमियम जमा करवा दिया जाता है। जितनी राशि का लोन होता है उसके अनुपात में प्रीमियम जमा हो जाता है। लोन धारक की मौत होने पर कंपनी की ओर से क्लेम दिया जाता है। लेकिन सीकर केन्द्रीय सहकारी बैंक की फतेहपुर शाखा से जुड़े 23 किसानों की मौत हो गई उसके बाद उनके परिजन बीमा क्लेम के लिए रोजाना चक्कर लगा रहे है। लेकिन इनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
सरकार समझे किसानों की पीड़ा - थेथलिया
किसान यूनियन के अध्यक्ष मास्टर हरलाल सिंह थेथलिया ने बताया कि रोजाना चक्कर लगाकर किसान परेशान हो रहा है। 23 किसानों के 13 लाख से ज्यादा की राशि बाकी है। किसानों की विधवाएं जो बेसहारा है उन्हें राशि मिले तो संबल प्रदान होगा। कंपनी की हठधर्मिता के चलते सीकर जिले की सैकड़ों विधवा महिलाएं क्लेम का इंतजार कर रही है। जबकि बैंक द्वारा दो वर्ष पहले दावा किया हुआ है। फिर भी क्लेम की राशि नहीं मिल रही है। जल्दी ही बीमा क्लेम मंजूर नहीं होता तो आंदोलन किया जाएगा।
इन किसानों का बकाया है क्लेम
ओनाड़ सिंह, केसर देव, श्योपाल राम, रामचन्द्र, गुमानाराम, रामसिंह, आंनदीलाल, चन्द्रराराम, विद्याधर, हरदेवाराम, हरिराम, नेमीचन्द, रूकमा देवी, पोखरमल, इ्रदाज सिंह, शिव कुमार, मगन सिंह, गिरधारी सिंह, हरदेवाराम, रामकरण, महेन्द्र सिंह, गुलाब, परमेश्वर लाल की मौत हो गई। इनके नोमिनी को क्लेम राशि मिलनी है। उक्त राशि नहीं मिलने के चलते रोजाना बैंकों के चक्कर लगा रही है। किसी की मौत को तो दो वर्ष से ज्यादा का समय हो गया। ऐसे में इतने दिन तक राशि नहीं मिलने से परेशानी हो रही है।

सीकर. राजस्थान के सीकर शहर के राधाकिशनपुरा में गुरुवार शाम को गटर की कुई धंसने से फिर एक मजदूर की मौत हो गई। मृतक नायकों का मोहल्ला निवासी रणवीर नायक था। जो राधाकिशनपुरा निवासी बहादुर सिंह के घर दो अन्य मजदूरों के साथ गटर की कुई खोद रहा था। इसी दौरान करीब दस फीट की खुदाई करने के बाद पास की मिट्टी ढह गई। जिससे वह कुई के अंदर ही दब गया। घटना की सूचना पर प्रशासन व सिविल डिफेंस की टीम ने मौके पर पहुंचकर बचाव अभियान शुरू कर दिया। लेकिन, बाहर निकालने तक उसने दम तोड़ दिया। जिसे एसके अस्पताल ले जाते ही चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। हादसे की सूचना पर एसडीएम गरीमा लाटा सहित पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंचे।

10 फीट नीचे फंसा मिला मजदूर, 40 मिनट चला ऑपरेशन
जानकारी के मुताबिक मजदूर रणवीर ने दस फीट की ही कुई खोदी थी। इसी दौरान पास की मिट्टी ढहने से वह उसमें फंस गया। नागरिक सुरक्षा उपनियंत्रक मदन सिंह कुड़ी ने बताया कि बचाव अभियान के दौरान वह 10 फीट की गहराई में ही फंसा मिला। जिसे 40 मिनट के ऑपरेशन में ही बाहर निकाल लिया गया। जिसके बाद उसे तुरंत एंबुलेंस की मदद से अस्पताल भेज दिया गया।

मौके पर जमी भीड़, लगा जाम
घटना की सूचना शहर में आग की तरह फैल गई। जिसके बाद मौके पर लोगों का हुजूम उमडऩा शुरू हो गया। पुलिस लाइन के पास वाले रास्ते पर एकबारगी जाम भी लग गया। जिसे बाद में पुलिस ने लोगों केा तितर बितर करते हुए खुलवाया।

दो महीने में दूसरा हादसा
कुई में धंसने से मौत का जिले में दो महीने में यह दूसरा मामला है। इससे पहले कोलिड़ा गांव में 22 जून को गंगाधर बुडानिया के खेत में गटर की नई कुई खोदते समय पास की पुरानी कुई धंस गई थी। जिसकी चपेट में आने से गांव का मनरूप मील उसमें दब गया था। जिसका शव 9 दिन के सघन अभियान में बड़ी मुश्किल से निकाला जा सका था।

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