>>: उदयपुर सहित 5 जिलों में सर्वे: 36752 की जांच में 2132 सीकल सेल मरीज

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इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी आइसीएमआर की ओर से डेजर्ट मेडिसीन रिसर्च सेंटर (डीएमआरसी) जोधपुर की टीम ने उदयपुर सहित पांच जिलों में सर्वे किया गया। सिरोही, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ में 36 हजार 752 बच्चों की जांच की गई, इसमें 2132 बच्चे हिमोग्लोबिन में खराबी वाले यानी सिकलसेल के मरीज मिले।जांच में जो बच्चे बीमार मिले हैं, उन्हें टीम की ओर से सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस पर रेफर नहीं किया गया, ये बड़ी खामी रही है। अब इन बच्चों व परिजनों से उदयपुर की टीम संपर्क करके उन्हें उपचार के लिए लाएगी। उदयपुर में फरवरी में शुरू हुए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में एक दस बैड वाला वार्ड और अलग से ओपीडी शुरू की गई थी।

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जनजाति छात्रावास व मां-बाड़ी केन्द्रों पर जांच

डीएमआरसी की ओर से जनजाति छात्रावासों व मां बाड़ी केन्द्रों पर जांच की गई थी। रिपोर्ट आरसीएमआर को भेजी गई है। सभी पांच जिलों के 243 जनजाति छात्रावासों व 1006 मां-बाड़ी केन्द्रों पर जांच की गई थी। कुल जांचे गए बच्चों में से 5.8 फीसदी बच्चों में बीमारी सामने आई। इनमें 5.6 फीसदी बच्चे ऐसे थे, जिनमें बीमारी के लक्षण नहीं थे। टीम ने कुछ नवजात की नाल में भी खून की जांच से पता लगाया तो चौकाने वाले परिणाम सामने आए, इसमें 46 बच्चे सिकलसेल पॉजिटिव पाए गए।

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जिलेवार स्थितिजिला - जांचे गए बच्चे - मरीज प्रतिशत

उदयपुर - 1008 - 6.5 प्रतिशत

सिरोही - 1800 - 10.5 प्रतिशत

डूंगरपुर - 7528 - 1.9 प्रतिशत

बांसवाड़ा - 9829 - 7.4 प्रतिशत

प्रतापगढ़ - 9587 - 5.5 प्रतिशत

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सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की जांच में आंकड़ा- फरवरी 2023 से अब तक 141 बालक सीकल सेल बीमारी के सामने आए, जिसमें उदयपुर के 69 हैं, इनमें से सर्वाधिक झाड़ोल के 27, कोटड़ा के 16 बच्चे हैं।

- बांसवाड़ा से 35, प्रतापगढ़ के 13 रोगी मिले हैं। 23 मरीज ऐसे हैं, जिनका 20 वर्ष की उम्र में पता चला कि वह बीमार हैं।- 45 मरीज 10 से 20 वर्ष के बीच, 34 मरीज 5 से 10 वर्ष के बीच और 15 मरीजों की उम्र 5 वर्ष से कम सामने आई है।

- एक्सीलेंस सेंटर के तहत बाल चिकित्सालय में एक वर्ष में हर नवजात शिशु की जांच की गई, इसमें 13260 की जांच में 244 में सिकल सेल की बीमारी मिली है।

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प्रदेश में तीन केन्द्र- उदयपुर सेन्टर : जांच व उपचार

- जोधपुर डीएमआरएसी : केवल जांच- जोधपुर एम्स : जांच

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इनका कहना...

सर्वे में बड़ी संख्या में मरीज सामने आए हैं। अब उपचार शुरू कर रहे हैं। सर्वे अब भी जारी है, जल्द रिपोर्ट दी जाएगी। विश्व सीकल सेल डीजीज डे 19 जून को मनाएंगे। इसको लेकर 15 से 19 जून तक आयोजन होंगे। सर्वे के पांच जिलों के चिकित्साधिकारी शामिल होंगे। देशभर में सिकल सेल की दवाएं महंगी है। राजस्थान में नि:शुल्क उपलब्ध है।

डॉ. लाखन पोसवाल, नोडल प्रभारी, सिकल सेल सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस

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