>>: फर्जी पट्टे बनाकर सरकारी जमीन बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश, गिरोह के 7 जने गिरफ्तार

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अजमेर. अलवर गेट थाना पुलिस ने नारेली ग्राम पंचायत क्षेत्र में फर्जी पट्टे से जमीन बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। गिरोह पूर्व सरपंच से मिलीभगत कर लोगों को सरकारी जमीन बेच दी। मामले में पीडि़त की शिकायत पर पुलिस ने पड़ताल की तो गिरोह का खुलासा हो गया। पुलिस ने शनिवार को पूर्व सरपंच के साथ गिरोह के 7 आरोपितों को दबोचने में कामयाबी हासिल की।

थानाप्रभारी श्यामसिंह ने बताया कि नारेली निवासी दिनेशनाथ ने ग्राम पंचायत नारेली की जमीन के फर्जी पट्टे जारी कर बेचान करने की शिकायत दी। प्रकरण में सीओ दक्षिण सुनील सिहाग के निर्देशन में पड़ताल करते हुए फर्जी तरीके से नारेली ग्राम पंचायत की भूमि के पट्टे बनाकर बेचने का मामला सामने आया था। पुलिस ने जुर्म प्रमाणित पाए जाने पर बड़लिया निवासी सावरसिंह रावत(39), गोडि़यावास के गुढ़ा निवासी लतीफ अली(52), शमशेर, अकबर खां, शाहनूर खॉ(38) व नारेली निवासी जगदीश गुर्जर 46 को गिरफ्तार किया। गिरोह लम्बे समय से फर्जी तरीके से पट्टे बनाकर जमीन बेचने का काम कर रहा है। गिरोह के शेष सदस्यों की तलाशकर उनसे अनुसंधान किया जाएगा। कार्रवाई में थानाप्रभारी श्यामसिंह के साथ एएसआई नन्दभंवरसिंह, विनोदकुमार, सिपाही सुधीर, विजेश, कुलदीप, बनवारी शामिल है।

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यूं चलता था खेल

पुलिस अनुसंधान में विभिन्न कार्यालयों से प्रकरण संबंधित रिकोर्ड की जांच की तो बडलिया निवासी सावरा रावत ने पूर्व सरपंच झुमीदेवी के भतीजे जगदीश गुर्जर से मिलीभगत करके नारेली ग्राम की भूमि के फर्जी तरीके से पटटे अपने और गुढा निवासी लतीफ, अकबर, शाहनूर व शमशेर के नाम से बनवाए। झुमीदेवी के कार्यकाल के बाद तत्कालीन सरपंच देवराज गुर्जर से मिलीभगत कर बनवाए फर्जी पट्टों का नवीनीकरण करवाकर रजिस्टर्ड करवाया। इसके बाद लतीफ, अकबर, शाहनूर और शमशेर से पॉवर ऑफ अटार्नी लेकर उनके नाम आवंटित जमीन दुष्यन्त यादव व प्रशान्त यादव को बेच दी।

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15 साल से पद पर काबिज

पड़ताल में आया कि जगदीश गुर्जर व देवराज गुर्जर का परिवार लगातार 15 साल से नारेली सरपंच के पद पर जीतता आया है। जगदीश व देवराज ग्राम पंचायत की जमीन संबंधी पट्टों, नामान्तरण, नवीनीकरण और रजिस्ट्री कराने का कार्य किया जाता रहा है। दोनों गांव व गांव के बाहर के व्यक्ति को पट्टा व रजिस्ट्री कराने में बिचौलिए की भूमिका में रहते है।

पड़ोसी गांव के लोगों को पट्टे

पुलिस पड़ताल में आया कि जगदीश व देवराज गुर्जर ने सांवरा रावत, लतीफ, अकबर, शाहनूर व शमशेर से मिलीभगत कर नियम विरूद्व पट्टे जारी किए। जबकी सब नारेली पंचायत के ना होकर बड़लिया और गुढा (गोडियावास) के है। इनसे मिलीभगत से नारेली के वाशिंदों के अलावा भी अन्य पंचायतों के लोगों को पट्टे जारी कर दिए।

दूसरी पंचायत की पट्टा बुक

पुलिस पड़ताल में आया कि जगदीश गुर्जर पट्टा बुक अन्य पंचायत से लाकर उसके अपने गांव नारेली के नाम से पटटे जारी करना सामने आया है। पुलिस के अनुसंधान में जगदीश, सावंरा रावत, लतीफ, अकबर, शाहनूर व शमशेर को गिरफतार कर शनिवार को कोर्ट में पेश किया। जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया।

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