- गुरुग्राम, दिल्ली, मुंबई की तर्ज पर ये इलाका मेडिकल टूरिज्म के रूप में उभर रहा
- एक साल में 150 से 200 एनआरआई यहां इलाज को आए, परिजन इनके यहीं पर निवास कर रहे
- हड्डी रोग से जुड़ी सर्जरी यहां हो रही हैं सस्ती, विदेश में लाखों रुपए इनके खर्च करने पड़ रहे
हाईलाइटर :
शहर में अस्पतालों की संख्या : 100 से ज्यादा
डॉक्टरों की संख्या : 350
30 वर्ष से ज्यादा अनुभव वाले डॉक्टर : 30
विदेश से प्रशिक्षण पाए डॉक्टर : 70
अलवर. मेडिकल टूरिज्म (चिकित्सा पर्यटन) दिल्ली, मुंबई, बंगलुरु, गुरुग्राम में तेजी से आगे बढ़ रहा है। करीब एक दशक से लाखों लोगों को इसके जरिए रोजगार मिल रहा है। साथ ही विदेशी लोगों को सस्ता इलाज। इसी तरह का ट्रेंड अब अलवर में देखने को मिल रहा है। करीब दो साल से यहां एनआरआई इलाज कराने के लिए विदेशों से आ रहे हैं। उसका एक कारण ये है कि उनके परिजन यहीं पर निवास कर रहे हैं। ऐसे में सस्ता इलाज। परिजनों से मुलाकात और अच्छी सेहत का मंत्र लेकर वह लौट रहे हैं। चिकित्सकों को उम्मीद है कि इन एनआरआई के जरिए ही विदेशी यहां मेडिकल टूरिज्म का हिस्सा बनेंगे। बस जरूरत यहां एयरपोर्ट की है।
चिकित्सकों के मुताबिक वर्ष 2022-23 में करीब 150 से ज्यादा लोगों ने यहां आकर सर्जरी कराई। ये एनआरआई हैं। इनमें अधिकांश सर्जरी हड्डियों से जुड़ी हैं। कूल्हों का ऑपरेशन हो या फिर घुटने बदलवाने हों। यह भी यहां हुआ है। बताते हैं कि हड्डी का सामान्य ऑपरेशन 15 हजार से शुरू होकर लाखों में है। वहीं इस सर्जरी के लिए यूएसए व इंग्लैंड में लोगों को दो हजार डॉलर से ज्यादा रकम खर्च करनी पड़ रही है। डॉक्टर्स कहते हैं कि अलवर जिले से 30 हजार से ज्यादा लोग विदेशों में निवास कर रहे हैं। कुछ ने विदेशी नागरिकता ली है तो कुछ ने नहीं। आर्य नगर के राकेश शर्मा के बेटे विनय शर्मा यूएसए रहते हैं। घुटने की सर्जरी के लिए वह हाल ही में यहां पहुंचे थे। इसी तरह यहां तैनात एक आरएएस के बेटे के हाथ का ऑपरेशन भी यहीं पर हुआ है। वह कनाड़ा में रहते हैं। अभी वहां की नागरिकता इन्हें नहीं मिली।
मेडिकल टूरिज्म से जुड़ी कंपनियां अलवर में भी मरीज भेज रहीं
गुरुग्राम, दिल्ली के एनआरआई इलाज के लिए अपने इलाकों में पहुंच रहे हैं। टूरिज्म से जुड़ी कंपनियां गुरुग्राम व इससे लगते इलाकों के मरीजों को अलवर तक भेज रहे हैं। यही नहीं, हरियाणा, उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों से भी मरीज यहां आने लगे हैं।
मेडिकल टूरिज्म की यहां अपार संभावनाएं हैं। एनआरआई आदि यहां इलाज के लिए आते हैं। उनके परिजन यहां निवास करते हैं। यदि एयरपोर्ट यहां बन जाए तो यह ट्रेंड यहां दौड़ने लगेगा। लोग भीड़भाड़ वाले शहरों में इलाज की बजाय यहां आना पसंद करेंगे।
-- डॉ. विजय पाल यादव, पूर्व अध्यक्ष आईएमएजय पाल यादव, पूर्व अध्यक्ष आईएमए