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ब्रिटेन में एआइ की मदद से रखी जा रही 'जल प्रदूषण' पर नजर Saturday 17 June 2023 05:53 AM UTC+00 | Tags: special ![]() लंदन। ब्रिटेन में बढ़ते जल प्रदूषण को रोकने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) का इस्तेमाल गेमचेंजर साबित हो सकता है। जल प्रदूषण के होने से पहले उसका अनुमान लगाने और रोकने के लिए ब्रिटिश काउंटी डेवोन में एआइ मॉडल का प्रयोग किया जा रहा है। उम्मीद है कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत एआइ का प्रयोग उत्तरी डेवोन के तटीय इलाके कॉम्बे मार्टिन के पानी की गुणवत्ता में सुधार करेगा, जिससे यह तैराकी के लिए एक बेहतर स्थान बन पाएगा। इसके लिए खेतों और नदियों में सेंसर लगाए गए हैं, जो स्थानीय नदियों, वर्षा और मिट्टी की तस्वीरें लेंगे। एआइ मॉडल फिर उस डेटा को स्थानीय भूमि के उपयोग की सेटेलाइट इमेजेस के साथ जोड़कर प्रदूषण का अनुमान लगाएगा। कम्प्यूटर सिस्टम कंपनी सीजीआइ इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। कंपनी का कहना है कि परीक्षण के दौरान यह तकनीक 91.5 प्रतिशत तक सटीक पाई गई। तकनीक प्रदूषण का उस समय अनुमान लगाएगी जब स्थानीय नदी प्रणाली, कृषि अपवाह जैसे खतरों से सबसे ज्यादा असुरक्षित होती है। खेतों में उर्वरकों का प्रयोग किया जाता है। लेकिन सिंचाई या बारिश के कारण ये रसायन जल निकायों में पहुंचकर प्रदूषण बढ़ाते हैं। अब एआइ की मदद से ऐसी स्थिति का पहले ही पता लगाकर किसानों को खेतों में उर्वरक के इस्तेमाल से रोकने जैसे कदम उठाए जा सकेंगे। इस तकनीक का परीक्षण 142 वर्ग किमी में फैले संरक्षित क्षेत्र नॉर्थ डेवोन बायोस्फीयर रिजर्व में किया गया। यह ब्रिटेन में सबसे बड़ा सैंड ड्यून सिस्टम है। इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्राकृतिक आवास के साथ-साथ खेत और छोटे कस्बे भी शामिल हैं। विशेषज्ञों को उम्मीद है कि इस प्रोजेक्ट की मदद से कॉम्बे मार्टिन के तटीय इलाके को साफ किया जा सकता है, जहां पर नहाने के पानी की गुणवत्ता लंबे समय से चिंता का विषय बनी हुई है। हालांकि पिछले साल यहां पानी की गुणवत्ता 'अच्छी' पाई गई थी लेकिन ऐसा विशेषतौर से सूखे के कारण हुआ था। 2018 और 2019 के दौरान पानी की गुणवत्ता बेहद 'खराब' थी और यहां तैराकी पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। अब स्थानीय समुदाय को डर है कि अगर प्रदूषण की वजह से फिर से रोक लगी तो इससे कैफे, रेस्तरां और होटलों को काफी नुकसान होगा क्योंकि लोग पर्यटन के लिए साफ स्थान पर आना चाहते हैं। अम्लता से ऑक्सीजन तक छह संकेतकों की जानकारी: यहां जल प्रदूषण का बड़ा कारण अम्बर नदी है, जो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और कृषि अपवाह से दूषित होकर समुद्र तक पहुंचती है। कॉम्बेे मार्टिन बीच से कुछ किमी की दूरी पर नदी में एक फ्लोटिंग वॉटर सेंसर लगाया गया है। यह चौकोर ब्लैक बॉक्स है, जिस पर सौर पैनल भी लगे हैं। यह सेंसर ऑटोमेटिक तरीके से अम्लता (पीएच), अमोनिया, पानी में ऑक्सीजन की मात्रा और यह कितना साफ है, सहित छह प्रमुख संकेतकों का डेटा उपलब्ध कराता है। भविष्य में तकनीक का प्रयोग ब्रिटेन के विभिन्न हिस्सों में भी किया जाएगा। Tags:
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