>>: Medical and Health Department...आइसीयू में चिरंजीवी 108 बाइक एम्बुलेंस

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प्रदेश के शहरों की तंग गलियों में 108 एम्बुलेंस या अन्य बड़ी एम्बुलेंस नहीं जा पाती है। ऐसे में मरीजों की कई बार जान पर बन आती है। इसे देखते हुए प्रदेश में चिरंजीवी 108 बाइक एम्बुलेंस की शुरुआत की गई। प्रदेश के सभी जिलों में 160 से अधिक बाइक एम्बुलेंस भी पहुंचा दी गई, लेकिन अधिकांश अनुपयोगी ही साबित हो रही है। उनका उपयोग माह में पांच-छह बार भी मुश्किल से हो पाता है। शेष दिनों में वे पुलिस थाने, अस्पताल परिसर आदि में ही पड़ी रहती है।

पाली के सोजत व जैतारण में है बाइक एम्बुलेंस
पाली जिले के सोजत व जैतारण शहर में चिरंजीवी 108 बाइक एम्बुलेंस दी गई थी। सोजत में दी गई एम्बुलेंस करीब पांच माह में महज 30 बार उपयोग में ली गई है। वह भी हाइवे पर हादसे होने पर। वहीं जैतारण की एम्बुलेंस मार्च में दो बार व अप्रेल में पांच बार उपयोग आई।

लोगों को जानकारी तक नहीं
चिरंजीवी 108 बाइक एम्बुलेंस के बारे में लोगों को जानकारी भी बहुत कम है। ऐसे में एम्बुलेंस की जरूरत होने पर जब वे 108 नम्बर पर फोन लगाते हैं तो इसकी मांग भी नहीं करते है। वहीं 108 का कॉल उठाने वाले भी इस बाइक की कम ही सूचना देते हैं।

यह होती है सुविधा
चिरंजीवी 108 बाइक एम्बुलेंस पर प्राथमिक उपचार की सुविधा होती है। इसमें मरीज को तत्काल इंजेक्शन, ड्रिप लगाने व दवा आदि की सुविधा होती है। इस पर लगे बॉक्स में दवाइयां रखी जाती है। मरीज को तंग गलियों से बाहर भी लाने की सुविधा होती है। इसका चालक ही तंग गली के बाहर बड़ी एम्बुलेंस बुलाकर तैयार रखता है। जिससे मरीज को तत्काल अस्पताल पहुंचाया जा सके।

नौ मिनट का दिया गया है समय
108 बाइक एम्बुलेंस पाली में सोजत व जैतारण में है। इन बाइक एम्बुलेंस को 9 मिनट में मरीज के पास पहुंचना होता है। ये तंग गलियों में आसानी से पहुंच सकती है। इससे मरीज का तत्काल उपचार होने की सुविधा मिलती है।

डॉ. इन्द्रसिंह राठौड़, सीएमएचओ, पाली

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