>>: world bicycle day: यही है शान की सवारी, साईकल हमारी

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टोंक. हमारी बिगड़ती लाइफ स्टाइल मोटापे के साथ-साथ कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन रही है। ऐसे में इन समस्याओं से बचाव करने के लिए शरीर में कुछ तरह की एक्टीविटी जरूरी है, ताकि शरीर को स्वस्थ्य रखने में कुछ मदद मिल सके। ऐसे में साइकिलिंग एक बेहतरीन एक्टिविटी साबित हो सकती है। साइकिलिंग करके खुद के शरीर को एक्टिव और फिट बनाना आसान हो सकता है। वैसे तो जब भी उचित समय मिले साइकिल चलाई जा सकती है। परंतु सुबह के समय साइकिल चलाने के फायदे अधिक हो सकते हैं।


होता है एक्स्ट्रा कैलोरी बर्न

साइकिल चलाना हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इससे पूरे शरीर की एक्सरसाइज हो जाती है। इससे हमारा स्टेमिना बढ़ता है। अगर जिम नहीं जा पाते हैं और अन्य एक्सरसाइज भी नहीं कर पाते हैं तो केवल साइकिल चलाने से ही आप फिट रह सकते। साइकिल चलाने से एक्स्ट्रा कैलोरी बर्न होता है और इससे वजन कम होता है, अगर रोज साइकिलिंग की जाए तो ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है और इससे त्वचा की कोशिकाओं को बेहतर ढंग से पोषक तत्व मिल पाता है, इसका फायदा पूरे शरीर को तो मिलता ही है साथ ही चेहरे पर भी निखार आता है।


2018 में की गई थी शुरुआत

अप्रैल 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व साइकिल दिवस मनाने का फैसला किया और इसके लिए 3 जून का दिन तय किया गया इसके बाद से 3 जून 2018 से विश्व साइकिल दिवस मनाया जा रहा है।

डॉ अनुराग कुमावत फिजीयोथेरेपिस्ट बताते है कि साइकिलिंग करने से तेजी से वजन कम किया जा सकता है। इसमें खास बात ये है कि इसे हर उम्र के लोग आसानी से कर सकते हैं। घर में या जिम में भी साइकिलिंग कर सकते हैं। रोजाना 30 मिनट साइकिलिंग करने से पेट और जांघों की चर्बी गायब होने लगती है। साइकिलिंग एक कार्डियो एक्सरसाइज भी है हृदय स्वास्थ्य में सुधार करती है जिससे व्यक्ति का दिल और फेफड़े स्वस्थ बनते हैं। फेफड़ों की कार्य क्षमता में सुधार हो सकता है। साइकिलिंग करने से रक्त प्रवाह में सुधार होता है और मांसपेशियों में ताकत आती है। साथ ही इससे तनाव कम होता है। मधुमेह और हृदय रोग जैसी पुरानी बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। हड्डियों का घनत्व बढ़ा सकता है। नींद की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद कर सकता है। प्रतिरक्षा प्रणाली के कार्य को बेहतर बनाने का एक शानदार तरीका हो सकता है। ,पाचन और मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। वैसे तो साइकिल चलाने से दिल के दौरे और स्ट्रोक से जुड़े जोखिम कम किए जा सकते हैं, लेकिन जिन्हें मिर्गी के दौरे आते हैं, घुटनों से जुड़ी समस्या वाले बुजुर्गों , और अस्थमा के मरीजों को देर तक बिना डॉक्टर की सलाह के साइकिलिंग नहीं करनी चाहिए।

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