भरतपुर. कोरोनाकाल में रोटी की प्राथमिकता महसूस की तो मन में जरुरतमंदों को भोजन कराने का विचार आया। साथियों के साथ चर्चा की और शुरू कर दिया हर घर से दो-दो रोटी मांगना। शुरुआत में इस मुहिम में साथियों का ही सहयोग था। लेकिन देखते ही देखते लोग इस मुहिम से जुड़ते गए और आज शहर के करीब 600 परिवार जुड़ गए हैं। जो रोजाना दो-दो रोटी देते हैं। सभी परिवारों की ओर से मिलने वाली दो-दो रोटियों की मदद से आज करीब 200 लोग रोजाना भोजन करते हैं।
यह कहना है जयश्री बांके बिहारी सेवा समिति के अध्यक्ष जयप्रकाश गोयनका का। उनका कहना है कि समिति की ओर से करीब तीन वर्ष पूर्व कुम्हेर गेट के निकट श्रीजी रोटी बैंक शुरू की गई है।
जिसमें शहर के हर घर से दो-दो रोटी मांगकर जरुरतमंदों को भरपेट खाना खिलाया जाता है। इस मुहिम में आज शहर के 600 परिवार जुड़े हुए हैं, जिससे रोजाना 200 लोगों को भोजन मिलता है। इस कार्य में भामाशाह भी शामिल हैं, जो सब्जी एवं तेल आदि की व्यवस्था करते हैं।
10 सेंटर बनाए
शुरुआती समय में समिति के सदस्य घर-घर जाकर दो-दो रोटी लाते थे और सब्जी यहां बनाकर जरुरतमंदों को भोजन कराते थे। लेकिन अब शहर के 10 क्षेत्रों में सेंटर शुरू कर दिए गए हैं, जहां लोग खुद ही दो-दो रोटी रख जाते हैं। शहर के गांधीनगर स्थित रामेश्वर मंदिर पर दो, सुभाषनगर में दो, अनाह गेट बजरिया एवं अनाह गेट पर, मुखर्जीनगर, गोपालगढ़, जवाहरनगर, चांदपोल गेट, बासण गेट, अटलबंद राधारमण मंदिर आदि स्थलों पर रखे बर्तन में स्थानीय लोग दो-दो रोटी रख जाते हैं, जिन्हें 11 बजे रोहित अग्रवाल व अन्य कार्यकर्ता ले आते हैं और जब तक रोटी रहती हैं तब तक सभी जरुरतमंदों को खाना खिलाया जाता है। जो लोग रोटी देते हैं उनका कहना है कि इस छोटी सी मदद से कुछ दान भी हो जाता है और दो रोटी से परिवार पर भी कोई असर नहीं पड़ता है।
ऐसे आया विचार...
कोरोना काल में जब होटल-रेस्टोरेंट बंद थे। तो जरुरतमंद लोग रोटी के लिए परेशान होते रहते थे। सूरत के करीब 25-30 जने भरतपुर पहुंचे तो भूख के कारण परेशान थे। रोटी की तलाश में इधर-उधर भटकते हुए कुम्हेर गेट पर पहुंचे तो उन्होंने खाना खाने की इच्छा व्यक्त की। तब साथियों से चर्चा की प्रत्येक घर से दो-दो रोटी मंगाकर उन्हें खाना खिलाया। साथ ही रास्ते के लिए भी उन्हें खाना रख दिया था। इस घटना के बाद मन में जरुरतमंदों की मदद का ख्याल आया और साथियों की मदद से शुरू कर दी श्रीजी रोटी बैंक। जो आज भी जारी है। इसका उद्देश्य जरुरतमंदों को खाना खिलाना है।
जन्मदिन व शादी की सालगिरह भी मनाते हैं..
अब तो लोग अपना जन्मदिन, शादी की सालगिरह एवं पुण्यतिथि भी यहां आकर मनाते हैं। जो जरुरतमंदों को मिठाई आदि दे जाते हैं। इस मुहिम में समिति के महामंत्री हरिगोविंद मिश्रा, कोषाध्यक्ष गोपाल गर्ग, कार्यकारिणी सदस्य घनश्याम सिंह, महेश शर्मा, मुरारी आदि जुड़े हुए हैं, जो रोजाना खाना बांटने में सहयोग करते हैं। उनका कहना है कि रोटी घरों से आती हैं, जबकि सब्जी यहीं बनाई जाती है। जो भामाशाहों की मदद आती है। प्रत्येक रविवार को यहां पर फल भी बांटे जाते हैं।