भरतपुर. शहर की समस्याओं को लेकर पार्षदों ने गुरुवार ने नगर निगम में धरना-प्रदर्शन किया और महापौर के चेम्बर में ताला जडक़र विरोध व्यक्त किया। इस दौरान पुलिस व पार्षदों के बीच हुई धक्कामुक्की में एक पार्षद के पैर के अंगुठे में चोट लग गई। प्रदर्शन के दौरान पार्षदों ने मेयर प्रशासन मुर्दाबाद और पार्षद एकता ङ्क्षजदाबाद के नारे लगाए।
गत सप्ताह पार्षदों की बैठक के दौरान महापौर ने सभागार का ताला लगवा दिया था। जिसके विरोध में पार्षद गुरुवार सुबह नगर निगम कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। करीब दो घंटे चले धरने के बाद पार्षद एकत्रित हुए नगर निगम में तालाबंदी करने के लिए घुसे तो पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। इस दौरान पुलिसकर्मी व पार्षदों के बीच धक्कामुक्की हुई। बाद में पार्षद महापौर के चेम्बर तक पहुंचे और मेयर की अनुपस्थिति में उनके चेम्बर पर ताला जड़ दिया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि फर्जी पट्टा प्रकरण में मंत्री के इशारे पर भ्रष्टाचार हो रहा है। माध्यम मेयर बने हुए हैं।
मंत्री के इशारे पर हो रहा भ्रष्टाचार, मेयर बने माध्यम
नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष रूपेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि जन समस्याओं को लेकर महापौर चिन्तित नहीं हैं। पिछले छह महीनों से साधारण सभा नहीं की गई है। गत सप्ताह पार्षदों ने बैठक थी। जिसमें महापौर को भी शामिल होने का निमंत्रण दिया गया था। लेकिन बैठक में आने की बजाय महापौर ने सभागार का ताला लगवा दिया। फर्जी पट्टा प्रकरण में मंत्री के इशारे पर भ्रष्टाचार हो रहा है। माध्यम मेयर बने हुए हैं।
इससे पूर्व, तालाबंदी को लेकर पुलिस प्रशासन की ओर से नगर निगम में कड़ा बंदोबस्त तैनात किया गया। नगर निगम के गेट से लेकर अंदर और महापौर की केबिन तक सुबह से ही पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। जबकि नगर निगम के बाहर पार्षदों का धरना-प्रदर्शन चल रहा था। जिसमें पार्षदों का आना सुबह से ही चालू हो गया था। करीब दो घंटे चले धरने के बाद पार्षदों ने नेता प्रतिपक्ष की अगुवाई में नगर निगम में तालाबंदी करने का प्रयास किया।
...नहीं तो होगा आंदोलन
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सात दिवस में साधारण सभा की बैठक नहीं बुलाई तो पार्षदों की ओर से आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि महापौर सरकारी जमीनों, मंदिर व मस्जिदों की जमीनों व कब्रिस्तानों की जमीनों के फर्जी पट्टे बनाए जाने में संलिप्त हैं और घटिया निर्माण करने वाली कम्पनियों के साथ सांठ-गांठ है। इसलिए पार्षदों की बैठक बुलाना नहीं चाहते हैं।
मेयर से इस्तीफा मांगा
मुख्य सचेतक कपिल फौजदार, वरिष्ठ पार्षद श्याम सुंदर गौड, पार्षद वीरमती आदि ने महापौर पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा कि पुलिस को ओट में छिपकर कब तक बचेंगे। महापौर को पार्षदों का सामना करना ही पड़ेगा। पार्षदों का अधिकार है कि वह नगर निगम में किसी भी पत्रावली का अवलोकन कर सकता है। पुलिस की ओर से पार्षदों के अधिकारों का हनन किया गया। यह असंवैधानिक है।