झुंझुनूं . राज्य सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए बनाए गए जन आधार कार्ड में फर्जीवाडे का मामला सामने आया है । फर्जीवाडे में आलम ऐसा कि इंसानों की फोटों की जगह जानवरों और फूलों के फोटों और नाम तक लिख दिए गए हैं। समाज कल्याण विभाग की ओर से फर्जी तरीके से पेंशन पाने के लिए पीपीआ नम्बर तक जन आधार कार्ड में जोड़ दिए गए। मामले का खुलासा तब हुआ जब कार्डधारक फसल मुआवजे को लेकर दस्तावेज को लेकर ग्राम विकास अधिकारी के पास पहुंचा । पीड़ित व्यक्ति की शिकायत के बाद प्रशासन मे हडकंप मचा हुआ है। अब प्रशासनिक अधिकारी मामले की जांच में जुट गए है।
जन आधार कार्ड में फर्जीवाड़े का मामला झुंझुनूं की अलसीसर पंचायत समिति के गांव आनंदपुरा से जुडा हुआ है। आंनदपुरा निवासी सुरेन्द्र की पत्नी कल्पना के नाम से जन आधार कार्ड बना हुआ है। 2017 में बनाए गए जन आधार कार्ड में दोनों पति पत्नी के अलावा बेटे बेटी का नाम भी जुडा हुआ है। कल्पना के कार्ड में फर्जीवाडे का खुलासा तब हुआ जब कल्पना अपने जन आधार कार्ड से फसल मुआवजे के लिए ग्राम सेवक को दिया। ग्राम सेवक ने जब जन आधार कार्ड की डिटेल खंगाली तो उनके होश उड गए। जन आधार कार्ड में 16 नाम और जोडे हुए थे इतना ही नहीं जिन लोगों के नाम फर्जी तरीके से जोडे हुए थे। उनमें जानवरों के नाम भालू था तो कई नाम गांव के नाम से जैसे खतेहपुरा भी व्यक्ति का नाम लिखा हुआ था। जिन 16 जनों के नाम फर्जी जोडे गए उनके फोटो भी जानवरों और फूलों की लगी हुई थी कईयो की उम्र भी एक ही लिखी हुई है। कार्ड में 13 जनों की जन्म तिथि भी एक जनवरी 2003 अंकित की गई है जबकि दो जनों की जन्म तिथि एक जनवरी 2005 अंकित की है जबकि एक व्यक्ति की नाम एक जनवरी 2013 है। फर्जीवाडे का आलम देखिए कि जितने 16 जनो के नाम फर्जी तरीके से नाम जोडे गए है सभी का जन्म दिन एक जनवरी बताया गया है जबकि कईयों के साल अलग अलग लिखे हुए है। इस फर्जीवाडे की शिकायत जन आधार कार्ड धारक आनंदपुरा निवासी कल्पना ने 181 राजस्थान संपर्क पोर्टल सहित सूचना एवं प्रोधोगिकी विभाग के संयुक्त निदेशक घनश्याम गोयल से भी की है। इस तरह का मामला सामने आने के बाद प्रशासन में हडकंप मचा हुआ है।
झुंझुनूं के आनंदपुरा गांव के रहने वाले एक परिवार के जनआधार कार्ड में 4 सदस्य थे। फर्जीवाडे़ से इस कार्ड में फर्जी 16 नाम और जोड़ दिए गए। इंसान की जगह जानवर के नाम जोड दिए, यही नही फोटो भी जानवरों और फूलों की अपलोड़ की गई। कार्ड में परिवार के चार सदस्यों के नाम थे। इसके बाद एक महिला के नाम से गुलाब की फोटो लगाकर एक फर्जी नाम जोड़ा गया। और सबसे बड़ी लापरवाही अधिकारियों की रही जिन्होंने बिना जांचे ही फूल की फोटों के साथ जनआधार कार्ड जारी कर दिया। जनआधार कार्ड में नाम जोड़ने या उसमें करेक्शन के बाद तीन स्तर पर जांच होती है। इसके बाद ही कार्ड जारी किया जाता है। लेकिन तीनों ही स्तर पर बिना देखे कार्ड को जारी कर दिया गया। इसके बाद 15 फर्जी नाम 8 अगस्त 2023 को जोड़े गए थे। ग्राम सेवक के सामने मामला आने पर कई नाम वैरीफिकेशन नहीं करते हुए रद्द कर दिए गए। कल्पना के नाम से जारी जन आधार कार्ड में फर्जी तरीके से 16 नाम जोड दिए गए पेंशन उठाने के लिए इस जन आधार कार्ड से समाज कल्याण विभाग से पेंशन लेने के लिए इस जन आधार कार्ड में 15 पीपीओ नंबर भी जोड़े गए है। जिसमें 14 पीपीओ नंबर उदयपुर जिले के कोटरा गांव से उठाए गए है। वही 1 प्रतापगढ़ के धरियावद गांव का है। जिसमें दो से तीन मेंबर का सत्यापन 8 अगस्त के बाद हुआ है। सूचना प्राधोगिकी विभाग झुंझुनूं के संयुक्त निदेशक घनश्याम गोयल ने बताया की मामला संज्ञान में आया है जांच के लिए जयपुर प्रकरण को भिजवाया गया है जयपुर में एसएसओआईडी सहित अन्य सभी फर्जीवाडे की जांच के बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
जन आधार में जोड़ने के लिए पीपीओं नंबर कहा से लिए गए है, इनके आधार नंबर कहा से आए, जोडे गए सदस्य जिंदा या मर गए और किस तरह से जनआधार में अपडेट किए गए है, ये जांच के बाद सामने आएगा । इस मामले की उच्च स्तरीय जांच होगी तो फर्जी तरीके से पेंशन हासिल करने के लिए बडे फर्जीवाडे का खुलासा होने की संभावना है।