>>Patrika - A Hindi news portal brings latest news, headlines in hindi from India, world, business, politics, sports and entertainment! |
नेकी की रसोई, घर जैसा सात्विक भोजन और रेस्टोरेंट सा अहसास Tuesday 08 August 2023 05:37 PM UTC+00 ![]() हनुमानगढ़. कहते हैं भूखे को अन्न खिलाना और प्यासे को पानी पिलाना ही मानव सेवा है। इसी भाव को रख कर हनुमानगढ़ जंक्शन के बस स्टैण्ड के पीछे दुर्गा मंदिर व धर्मशाला के सामने 'नेकी की रसोई संचालित है। पूर्णतया जन सहयोग और समाजसेवियों की पहल पर संचालित नेकी की रसोई में अनवरत सात सालों से सुबह ग्यारह बजे से दोपहर दो बजे के मध्य घर जैसा सात्विक भोजन करवाया जा रहा है। भोजन में दाल, सब्जी, अचार, चपाती खिलाई जाती है। सप्ताह में एक अथवा दो दिन विशेष भोजन भी करवाया जाता है। खास बात यह है कि भोजन करने वालों का आत्म सम्मान बना रहे, इसके लिए कूपन प्रणाली रखी गई है। महज दस रुपए शुल्क लेकर भोजन करवाया जाता है। नेकी की रसोई में प्रतिदिन करीब चार सौ व्यक्ति भोजन करने आते हैं। दस रुपए की कूपन व्यवस्था भी स्वैच्छिक है, प्रतिदिन करीब सौ व्यक्ति बिना कूपन भी भोजन करते हैं। 11 नवम्बर 2016 को आधा दर्जन सामाजिक कार्यकर्ताओं ने नेकी की रसोई का संचालन आरंभ किया था और यह सिलसिला अनवरत जारी है। कोरोना काल में जब सब कुछ बंद हो गया था तो भी रसोई से प्रतिदिन हजारों लोगों का भोजन बना कर बस्तियों और जरूरतमंदों तक वितरित किया जाता था। नेकी की रसोई संचालन के लिए कोई समिति अथवा ट्रस्ट नहीं है। रसोई संचालन से जुड़े सभी सामाजिक कार्यकर्ता सामूहिक रूप से करते हैं। रसोई संचालन समिति के सदस्य अशोक गर्ग के अनुसार समिति होने और अध्यक्ष तथा पदाधिकारियों के होने से छोटे बड़े का भाव आता है। जिससे अहम उत्पन्न होता है। ऐसे में सभी सदस्य सामूहिक रूप से एकजुट हो कर रसोई का संचालन करते हैं। नेकी की रसोई की शुरूआत पुराने भवन में हुई थी। इस वर्ष के आरंभ में नगर परिषद ने करीब पचास लाख रुपए की लागत से भव्य और विशाल हॉल का निर्माण करवा कर दिया है। इसमें पंखे लगे हुए हैं और शानदार रोशनी की व्यवस्था है। रसोई में राजस्थानी शैली के अनुसार दरी पर बिठा कर तथा पाटे पर थाली में भोजन परोसा जाता है। रसोई में लाइट जाने पर जनरेटर की भी व्यवस्था है। खास बात यह है कि पूरी तरह नेकी की रसोई पूर्णतया जन सहयोग से संचालित है। इसके लिए राज्य सरकार की इंदिरा रसोई का सहयोग नहीं लिया जाता है। नेकी की रसोई संचालन के लिए दूसरी विशेष बात यह है कि रसोई संचालन के लिए चंदा एकत्रित नहीं किया जाता है। सभी आपस में सहयोग करते हैं अथवा दानदाता स्वयं रसोई में आ कर दान दे जाते हैं। वर्तमान में नेकी की रसोई के साथ सक्रिय रूप से नगर परिषद सभापति गणेशराज बंसल, अधिशासी अभियंता सुभाष बंसल, उद्यमी अशोक गर्ग, व्यवसायी सुरेन्द्र गाड़ी, कृष्ण लाल गोस्वामी, रमेश रहेजा, गिरधारी लाल कालड़ा, अमरनाथ जिंदल, बक्शीश सिंह, हेमन्त गोयल, स्वर्गीय बालकृष्ण गर्ग के परिवार सहित दो दर्जन व्यक्ति प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष जुड़े हुए हैं। - नेकी की रसोई संचालन के पीछे हमारा उद्देश्य है कि कोई भूखा नहीं सोए। सबको सात्विक भोजन मिले। इसी भाव के साथ जन सहयोग से नेकी की रसोई का संचालन किया जा रहा है। नेकी की रसोई संचालन में करीब एक दर्जन दानदाताओं का प्रमुख सहयोग है। - अशोक गर्ग, सदस्य, नेकी की रसोई। |
You received this email because you set up a subscription at Feedrabbit. This email was sent to you at rajisthanews12@gmail.com. Unsubscribe or change your subscription. |