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सीकर में करोड़ों की फसल पर मौसम की मार Tuesday 22 August 2023 05:53 AM UTC+00 ![]()
कृषि विशेषज्ञों की माने तो इस बार वानस्पितक अवस्था में अनुकूल मौसम मिलने के कारण बढ़वार अच्छी हुई है और इस समय फसलों में दाने बनने की प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में अब बारिश नहीं होने के कारण पौधे को पूरा पोषण नहीं मिल रहा है। जिससे फसलों का उत्पादन प्रभावित होगा। जबकि जिले में बुवाई से लेकर अब तक अच्छी बारिश होने के कारण किसानों को खरीफ का बम्पर उत्पादन होने की आस थी।
जिले की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाने वाली खरीफ फसलें प्यासी होने के कारण हजारो किसानों को करोड़ों रुपए की फसल का नुकसान झेलना पड़ेगा वहीं बारानी खेती भी प्रभावित होगी। पकाव के समय तापमान बढ़ने व जरूरत के अनुसार सिंचाई नहीं होने की स्थिति में मूंगफली की फसल में दीमक कीट या सफेद लट का प्रकोप होता है जो पौधों की जड़ों को काटकर नष्ट कर देता है। यूं समझें नुकसान बाजरा: जिले में खरीफ की प्रमुख फसल बाजरा की अगेती बुवाई मई के अंतिम सप्ताह या जून के प्रथम सप्ताह में हुई है। इस समय फसलों में दाने पक रहे हैं। मूंग, मोठ की अगेती फसलें सूखने लगी है। अब नमी सूखने से फसलें प्यासी हो गई है। मूंगफली के पौधे में दाने बनने की प्रक्रिया प्रभावित हो गई। फैक्ट फाइल बुवाई हेक्टैयर में बाजरा 266272
यह सही है कि नमी कम होने की स्थिति में फसलों में नुकसान होता है। जिले के कृषि पर्यवेक्षकों से जानकारी जुटाई जा रही है। दिनों में बारिश नहीं होने पर नुकसान का आंकड़ा बढ़ जाएगा। रामनिवास पालीवाल, संयुक्त निदेशक कृषि |
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