>>: मानसून की बेरूखी: सिलीसेढ रह गया दो फीट खाली, चादर चलने की संभावनाएं खत्म

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अलवर. मानसून इस बार कुछ दिन ही मेहरबान रहा। इससे पानी का आंकड़ा नहीं बढ़ पाया। यही कारण रहा कि इस बार सिलीसेढ़ में चादर नहीं चल पाई। यहां से ओवरफ्लो जो पानी होता है वह जयसमंद बांध में पहुंचता है जो नहीं आया। इससे जयसमंद का पेट भी लगभग खाली है। कुछ बांधों में जो पानी है वह गर्मी व धूप से सूख रहा है।

सिंचाई विभाग के पास जिले में 22 बांधे आते हैं। मानसून में 10 बांधों में पानी पहुंचा। लेकिन अब चार बांधों में ही पानी शेष रहा है। यदि बारिश ठीक से नहीं हुई तो जो पानी यहां आया है वह भी सूख जाएगा। मानसून की औसत बारिश 555 मिमी है। इसमें से अब तक 374 मिमी बारिश दर्ज की गई है। इस साल मानसून अगस्त माह में कम मेहरबान रहा। सिंचाई विभाग के अनुसार मानूसन 15 जून से लेकर 30 सितम्बर तक रहता है। अभी बारिश के आसार बने हुए हैं।

2016 में चली थी यहां चादर

जिले में पिछले कई सालों से अच्छी बारिश नहीं होने से किसी भी बांध में पानी सिलीसेढ़ से ओवरफ्लो होकर नहीं पहुंचा। वर्ष 2016 में आखिरी बाद पानी यहां ओवरफ्लो हुआ था जो जयसमंद तक पहुंचा। इस बार ये आंकड़ा नहीं देखने को मिला। पहले यही चादर देखने के लिए लोग बड़ी संख्या में जाते थे। यहां लोगों का मनोरंजन होता था लेकिन अब चादर नहीं चलने से लोग भी कम पहुंचते हैं। वर्ष 2008 में 27 फीट व 2013 में 27 फीट पानी देखने को मिला था। जयसमंद बांध में भी पानी गेज तक नहीं पहुंच पाया है। जिले में दो अच्छी बारिश होने पर जयसमंद बांध में पानी की हल्की आवक जरूर देखने को मिली। जयसमंद बांध में केवल एक बार 2003 में चादर देखने को मिली थी। इसके बाद 2016 में बांध में पानी 16 फीट 2 इंच तथा 2021 में 7 फीट 2 इंच पानी रहा। बांधों वाले स्थानों पर अब तक 8229 मिमी बारिश दर्ज की गई है।

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