जोधपुर।
प्रतापनगर टैम्पो स्टैण्ड के सामने मोड़ पर ट्रैवल्स एजेंसी की बस की चपेट से मंगलवार सुबह पैदल गार्ड की मौत हो गई। गुस्साए परिजन व मेघवाल समाज के लोग आर्थिक सहायता व चालक के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर दुर्घटनास्थल पर शामियाना लगाकर धरने पर बैठ गए। बस संचालक के एक लाख रुपए मुआवजा देने पर धरना समाप्त कर शव मोर्चरी भेजा गया।
सहायक पुलिस आयुक्त (प्रतापनगर) अशोक आंजणा ने बताया कि मूलत: जालोर जिले में ओटवाला गांव के मेघवालों का बास हाल दाऊ की ढाणी क्षेत्र निवासी लूखाराम (55) पुत्र सखाराम मेघवाल (चौकीदार) गार्ड थे। सुबह साढ़े दस बजे वो प्रतापनगर टैम्पो स्टैण्ड के पास दुकान से चाय पीकर पैदल ही घर की तरफ रवाना हुए। इतने में आखलिया चौराहे की तरफ से निजी बस आई और टैम्पो स्टैण्ड के सामने कमला नेहरू नगर की तरफ मुड़ने लगी। इस दौरान लूखाराम बस के पिछले टायर की चपेट में आ गए। बस का टायर उनके ऊपर से निकल गया और मौके पर ही मौत हो गई।
इसका पता लगते ही आस-पास के लोग एकत्रित हो गए। परिजन भी मौके पर आए। मौके पर काफी भीड़ हो गई। पुलिस मौके पर पहुंची और बस व चालक थाने भिजवाया।
शव के साथ दुर्घटनास्थल पर धरना, पुलिस की सख्ती
परिजन के साथ-साथ मेघवाल समाज के लोग मोके पर जमा हो गए। बस चालक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के साथ ही 21 लाख रुपए आर्थिक सहायता दिलाने की मांग करने लगे। पुलिस ने शव मोर्चरी भिजवाने के लिए लोडिंग टैक्सी मंगवाई, लेकिन लोगों ने शव रखने से रोक दिया और विरोध प्रदर्शन करने लगे। पुलिस ने हल्का बस प्रयोग कर कुछ युवकों को हिरासत में लेकर थाने भेजा। जिन्हें बाद में छोड़ दिया गयापिरिजन व समाज के लोग शामियाना लगाकर धरने पर बैठ गए।
थाने में वार्ता, एक लाख रुपए मिलने पर मानें
विधायक सूर्यकांता व्यास भी धरना स्थल पहुंची। बाद में प्रतापनगर थाने में विधायक, परिजन और अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त पश्चिम के बीच वार्ता हुई। बस संचालक को भी बुलाया गया। आखिर में एक लाख रुपए मुआवजा मिलने पर परिजन शव उठाने को राजी हुए। अपराह्न साढ़े तीन बजे शव मोर्चरी भेजा गया।