>>: सीवरेज के उपचारित पानी का उद्योग व बागवानी में होगा उपयोग

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अजमेर.खानपुरा पर लगे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट पर अब शुद्ध किए गए पानी का उपयोग उद्योग, बागवानी व भवन निर्माण कार्यों में किया जा सकेगा। पानी के एडवांस ट्रीटमेंट के लिए फाईटोरिड मशीन लगाई गई है। इसमें बिजली की भी बचत होगी। निगम आयुक्त सुशील कुमार ने शनिवार को प्लांट का मुआयना किया।कैसे होता है पानी का शुदि्धकरण

पद्धति के तहत अपशिष्ट जल से ठोस पदार्थ को हटाने के लिए उसे तकनीकी प्रक्रिया के तहत उपचारित कर सर्पिल मार्ग से एक उप सतही कक्ष में प्रवाहित करते हैं। इसके लिए एसटीपी पर फाइटोरिड टेंक का निर्माण किया गया है। टेंक की सतह पर पौधे, बजरी एवं पत्थर के माध्यम से कई अवरोध निर्मित किए जाते हैं। इसमें से पानी गुजारे जाने पर उसके कार्बनिक अपशिष्ट समाप्त हो जाते हैं। जल को शुद्ध करने के लिए कार्बन फिल्टर से प्रवाहित किया जाता है। पानी को क्लोरिन कॉनटेक्ट टेंक में भेज कर क्लोरिन मिलाई जाती है। इसके बाद इस पानी को एक अलग टंकी में एकत्र किया जाता है।अपग्रेडेड पानी का होगा उपयोग

उपचारित पानी का उपयोग रीको इंडस्ट्रीज एरिया, बागवानी और भवन निर्माण में कर सकते हैं। पानी को टैंकर से 250 किलो लीटर की टंकी में एकत्र किया जाकर आवश्यतानुसार सप्लाई की जा सकेगी।

सोलर प्लांट भी लगेगा

यहां पर 150 किलो वाट का सोलर प्लांट भी स्थापित किया जाएगा। जिससे मशीनें संचालित होंगी। अतिरिक्त बिजली का मुख्य प्लांट में उपयोग किया जाएगा।

एनजीटी ने भी शुद्धता की मांगी है रिपोर्टमालूम हो कि एनजीटी में आनासागर झील में जाते नालों के पानी को लेेकर दायर याचिकाओं के क्रम में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भी पानी की गुणवत्ता की रिपोर्ट निगम प्रशासन से मांगी है।

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