>>: गजबः राजस्थान में इस जगह इन पक्षियों के नाम है 2 एकड़ जमीन, इस समय जारी हुआ था पट्टा

>>

Patrika - A Hindi news portal brings latest news, headlines in hindi from India, world, business, politics, sports and entertainment!

जयकुमार भाटी
प्रवासी पक्षी कुरजां (साइबेरियन क्रेन) लम्बा सफर तय कर सर्दियों में मारवाड़ की धरा पर आती हैं। कुरजां सितंबर माह में फलोदी जिले के खीचन में आने लगती हैं और सर्दियों में इनकी संख्या हजारों की तादाद में हो जाती है। पक्षी विशेषज्ञ भी इनकी गजब की टाइमिंग के कायल हैं, लेकिन आपको जानकर अचरज होगा कि साइबेरिया से लेकर मारवाड़ तक का करीब छह हजार किलोमीटर का लम्बा सफर तय करके आने वाली कुरजां के नाम से मारवाड़ में जमीन भी है।

पक्षी विशेषज्ञ दाऊलाल बोहरा ने बताया कि उस समय पंचायत समिति व हाल जिला फलोदी के खीचन गांव में 15 दिसंबर 1989 को भूमि विक्रय विलेख श्री ग्राम पंचायत कोर्ट की ओर से 46 नंबर पट्टा नि:शुल्क जारी किया गया। जिसे व्यवस्थापक कबूतर एवं कुरजां पक्षी चुग्गा स्थल के नाम से जारी किया गया था। इस पट्टे को उस समय प्रकाश टाटिया ने हस्ताक्षर करके प्राप्त किया। कुरजां जमीन के पट्टे के साथ लगे नक्शे में 39200 वर्गफीट क्षेत्रफल दर्ज है। यानी करीब दो एकड़ जमीन 34 वर्ष पूर्व कुरजां के नाम की गई थी।

यह भी पढ़ें- Sukhdev Singh Gogamedi murder: शूटर ने किया सनसनीखेज खुलासा, बोलाः आकाओं से मिले थे ऐसे निर्देश

कुरजां कंजर्वेशन रिजर्व भी घोषित
राज्य सरकार ने खीचन में कुरजां कंजर्वेशन रिजर्व भी घोषित किया है। इसका उद्देश्य इन पक्षियों के प्रवास के दौरान उनके लिए सुरक्षित घर व वातावरण विकसित करना है। खींचन में कुरजां की देखभाल करने वाले सेवाराम ने बताया कि यहां के परिवेश में घुलमिल जाने के कारण कुरजां पर कई सारे लोकगीत भी बन चुके हैं। कुरजां कंजर्वेशन रिजर्व बनने से राज्य के वन्यजीव पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद भी है।

यह भी पढ़ें- Weather Report: अब सर्दी करेगी और भी बुरा हाल, मौसम विभाग ने जारी किया ऐसा अलर्ट

You received this email because you set up a subscription at Feedrabbit. This email was sent to you at rajasthanss63@gmail.com. Unsubscribe or change your subscription.