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भूगोल विषय के प्राध्यापकों की भर्ती काउंसलिंग में जैसलमेर जिला नहीं है शामिल ! Tuesday 12 December 2023 06:16 AM UTC+00 ![]() सीमांत जैसलमेर जिले की सरकारी स्कूलों विशेषकर उच्च माध्यमिक स्तर के विद्यालयों में प्राध्यापकों के रिक्त पदों का संकट सर्वाधिक है। इस परिदृश्य के बावजूद वर्तमान में बीकानेर शिक्षा निदेशालय में भूगोल विषय के प्राध्यापकों की भर्ती के लिए नवचयनित अभ्यर्थियों की काउंसलिंग में नियुक्ति के लिए जैसलमेर जिला को विकल्प के तौर पर कम्प्यूटर मॉनिटर पर दिखाया ही नहीं जा रहा है। इसके अभाव में जिले में भूगोल विषय के रिक्त प्राध्यापकों के पद पर नए शिक्षकों की नियुक्ति की राह अवरुद्ध हो गई है। जबकि बीते कुछ वर्षों में जिले में दर्जनों नए उच्च माध्यमिक विद्यालय खोले गए हैं और अनेक विद्यालयों में नए विषय शुरू किए गए हैं। इन विद्यालयों में विषयाध्यापकों के पद रिक्त होने से विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित हो रही है और आए दिन स्कूलों की विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों की तरफ से तालाबंदी किए जाने की अप्रिय खबरें व तस्वीरें सामने आती हैं। जानकारी के अनुसार राजस्थान लोक सेवा आयोग अजमेर की ओर से प्राध्यापक स्कूल शिक्षा भर्ती 2022 निकाली गई। इसमें कई विषयों के लिए भर्ती की गई थी। भूगोल विषय में भर्ती प्रक्रिया पूर्ण कर 789 अभ्यर्थियों का चयन किया गया। जिनके लिए परामर्श शिविर सोमवार व मंगलवार को आयोजित किया जा रहा है। इस परामर्श शिविर में काउंसलिंग कर चयनित अभ्यर्थियों से स्कूल आवंटन के लिए आवेदन भरवाए जा रहे है। जैसलमेर जिला रहा वंचित आयोग की ओर से प्राध्यापक भर्ती के दौरान भूगोल विषय के प्राध्यापकों की भी भर्ती की गई। जिसके अंतर्गत 789 अभ्यर्थियों का चयन किया गया है। जिन्हें अलग-अलग विद्यालयों में उनकी पसंद के अनुसार नियुक्तियां दिए जाने के लिए ही काउंसलिंग की जा रही है। प्रदेश में कुल 1184 विद्यालयों में भूगोल विषय के प्राध्यापक के पद रिक्त बताकर काउंसलिंग के लिए विकल्प दिए गए हैं। इस सूची में जिले के किसी विद्यालय को शामिल नहीं किया गया है। जबकि इससे पहले की भर्तियों में जैसलमेर को हमेशा ही सम्मिलित किया जाता है ताकि इस सीमांत क्षेत्र में शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्तियां की जा सके। इनकी आस रह गई अधूरी जिले के अनेक विद्यालयों में भूगोल विषय है और अधिकांश विद्यालयों में भूगोल विषय के प्राध्यापक के पद भी रिक्त है। गत वर्ष जब राजस्थान लोक सेवा आयोग ने भर्ती निकाली थी तो जिले के विद्यार्थियों को आस थी कि नई भर्ती में जिले को प्राध्यापक मिलेंगे और नियमित रूप से शिक्षण कार्य शुरू हो सकेगा, लेकिन जिले को एक भी प्राध्यापक नहीं दिया गया है। यही नहीं जिले से कुछ विद्यार्थी चयनित भी हुए है, जिले में भूगोल विषय के प्राध्यापक के पद रिक्त होने के बावजूद उन्हें भी अन्य जिलों में नियुक्तियां दी जाएगी। सरकार की ओर से राजकीय विद्यालयों में प्रवेश बढ़ाने, विद्यार्थियों को आकर्षित करने के लिए कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित विद्यालयों में भी नए विषय शुरू कर विद्यार्थियों को आकर्षित किया जा रहा है। जबकि रिक्त पदों पर नियुक्तियां करने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जिसके कारण विद्यार्थियों का शिक्षण कार्य सुचारु होता और न ही परिणाम में सुधार आ पाता है। महत्वपूर्ण विषय है भूगोल गौरतलब है कि कला संकाय के तहत पढ़ाया जाने वाला भूगोल विषय देश-दुनिया के प्राकृतिक स्वरूप को जानने-समझने के लिहाज से तो अहम है, साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं में भूगोल विषय से बहुत सारे सवाल पूछे जाते हैं। यही वजह है कि 11वीं-12वीं कक्षाओं में पढऩे वाले बच्चों में भूगोल विषय के प्रति खास आकर्षण देखा जाता रहा है। जिले में इस विषय के अधिकांश शिक्षकों के पद रिक्त होने से विद्यार्थी मन मसोस कर अन्य विषय लेने पर विवश होते हैं या उनकी तादाद में कमी आ जाती है।
निदेशालय स्तर का फैसला भूगोल विषय के प्राध्यापक भर्ती प्रक्रिया की काउंसलिंग ेमें जिलों का विकल्प दिया जाना निदेशालय स्तर का फैसला है। वैसे आम तौर पर जैसलमेर का विकल्प प्रत्येक भर्ती काउंसलिंग में दिया जाता है। - रामनिवास शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक, जैसलमेरफोटो : |
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