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Guava Side Effects: अमरूद का सेवन करने से सेहत को कई तरह के लाभ मिलते है। अमरूद की तरह ही इसकी पत्तियां भी सेहत के लिए लाभदायक होती है। अमरूद में कैलोरी कम और फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है। साथ ही इसमें विटामिन्स, फाइबर, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते है, जो शरीर के लिए फायदेमंद होते है। लेकिन कुछ बीमारियों में अमरूद सेहत को फायदे की जगह नुकसान भी पहुंचा सकता है। इसलिए इन बीमारियों से पीड़ित व्यक्ति को अमरूद का सेवन करने से बचना चाहिए, नहीं तो ये सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। तो आइए जानते है किन लोगों को अमरूद का सेवन नहीं करना चाहिए

अमरूद खाने के नुकसान
1. पाचन तंत्र में गड़बड़ी हो सकती
अधिक मात्रा में अमरूद का सेवन करने से पाचन तंत्र गड़बड़ हो सकता है और कब्ज की समस्या भी बढ़ सकती है। ऐसे में अगर आप इरिटेटेड बाउल सिंड्रोम से पीड़ित हैं तो आपको अधिक मात्रा में अमरूद का सेवन करने से बचना चाहिए।

2. पेट फूलने की समस्या हो सकती
अधिक मात्रा में अमरूद का सेवन करने से पेट फूलने की समस्या बढ़ सकती है। अमरूद विटामिन सी और फ्रुक्टोज से भरपूर होता है। इसलिए अगर आपको पेट फूलने की समस्या है, तो आपको अमरूद का सेवन करने से बचना चाहिए। इससे पेट में सूजन भी आ सकती है।

3. सर्दी-जुकाम की समस्या बढ़ सकती
अधिक मात्रा में अमरूद का सेवन करने से सर्दी-जुकाम की समस्या बढ़ सकती है। अमरूद की तासीर ठंडी होती है। इसलिए सर्दी-जुकाम या खांसी पीड़ित व्यक्ति को अमरूद का सेवन करने से बचना चाहिए। इसके अलावा रात में भूलकर भी अमरूद का सेवन न करें, नहीं तो इससे आपको ठंड लग सकती है। जिसके चलते सेहत भी बिगड़ सकता है।

4. डायबिटीज की समस्या बढ़ सकती
अधिक मात्रा में अमरूद का सेवन करने से डायबिटीज की समस्या बढ़ सकती है। अमरूद में नैचुरल शुगर होता है जिसकी वजह से इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। इसलिए डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति को अधिक मात्रा में अमरूद का सेवन करने से बचना चाहिए।

डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। 'पत्रिका' इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।

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राजस्थान में विधानसभा चुनाव का दंगल पूरा हो गया और अब कांग्रेस - भाजपा के हारे नेताओं और पूर्व प्रत्याशियों की नजरें लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बनने पर टिक गई है। ऐसे नेताओं ने अभी से प्रत्याशी बनने के लिए बड़े नेताओं के यहां अपनी- अपनी लॉबिंग शुरू कर दी है।


जयपुर में दोनों सीटों पर दौड़:
जयपुर में दो लोकसभा सीटें है। इनमें एक जयपुर और दूसरी जयपुर ग्रामीण की सीट है। पिछले दो चुनावों से इन दोनों सीटों पर भाजपा के सांसद बने थे। जयपुर शहर में रामचरण बोहरा और ग्रामीण में राज्यवर्धन सिंह राठौड़ जीते थे। अब राठौड़ तो विधानसभा सीट झोटवाड़ा से विधायक चुने जा चुके है। ऐसे में भाजपा को तो इस सीट पर नया चेहरा तलाशना होगा।


जयपुर की सीट पर कांग्रेस से इनकी नजर:
कांग्रेस में जयपुर की सीट पर सिविल लाइंस सीट से हारे पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, हवामहल से बहुत कम वोट से हारे आर आर तिवाड़ी, पूर्व सांसद महेश जाेशी की नजरें बताई जा रही है। हालांकि कई अन्य नेता भी टिकट की दौड़ में लगेंगे। खाचरियावास को भाजपा के गोपाल शर्मा ने 28 हजार वोट से हराया वहीं हवामहल से तिवाड़ी करीब नौ सौ वोटों से हारे थे। महेश जोशी का इस बार कांग्रेस ने टिकट काट दिया था।

भाजपा में भी शुरू हो गई लॉबिंग
भाजपा में जयपुर शहर में वर्तमान सांसद रामचरण बाेहरा के साथ ही पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी, पूर्व विधायक अशोक लाहोटी और कई अन्य नेताओं के नाम की चर्चा शुरू हो गई है। चतुर्वेदी को सिविललाइंस और लाहोटी काे विधानसभा का टिकट नहीं दिया गया था। ऐसे में ये अब लोकसभा के लिए दावेदारी कर सकते है।

जयपुर ग्रामीण में भी इन नेताओं के चर्चा:
कांग्रेस में जयपुर ग्रामीण सीट से पूर्व विधायक और मंत्री रहे राजेन्द्र सिंह यादव, विराट नगर से पूर्व विधायक इन्द्राज गुर्जर सहित कुछ और नेताओं के नाम की चर्चा शुरू हो गई वहीं भाजपा में सतीश पूनिया, राजपाल सिंह शेखावत और युवा मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष अंकित चेची सहित अन्य नेताओं के नाम सामने आने लगे है।

Rajasthan Next CM Latest Update : जयपुर। छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में नए मुख्यमंत्री का एलान हो चुका है। भाजपा ने दोनों ही प्रदेशों में नए मुख्यमंत्री एलान कर सबको चौंका दिया। विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री होंगे। पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह स्पीकर होंगे। वहीं मध्यप्रदेश में नए मुख्यमंत्री मोहन यादव होंगे। अब राजस्थान के नए मुख्यमंत्री के नाम का ब्रेसबी से इंतजार हो रहा है। दोनों राज्यों की तरह राजस्थान में भी सीएम के लिए चौंकाने वाला नाम सामने आ सकता है। पर्यवेक्षक और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह मंगलवार 12 दिसंबर को जयपुर पहुंचेंगे। दो अन्य पर्यवेक्षक विनोद तावड़े व सरोज पांडेय भी सोमवार देर रात या फिर मंगलवार सुबह जयपुर पहुंचेंगे। दोपहर बाद विधायक दल की बैठक होगी। बैठक के बाद सीएम के नाम की घोषणा की जाएगी। विधायकों को प्रदेश भाजपा कार्यालय से बैठक की सूचना दी जा रही है।

राजस्थान में भी हो सकते है दो डिप्टी सीएम
छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में नए मुख्यमंत्री घोषणा हो चुकी है। अब राजस्थान में नए सीएम के नाम की घोषणा होना बाकी है। राजस्थान में मंगलवार को विधायक दल बैठक के बाद नए सीएम का नाम ऐलान होगा। बताया जा रहा है दो प्रदेशों के तरह राजस्थान में भी दो डिप्टी सीएम हो सकते है। राजस्थान में सीएम के नाम को लेकर कई नेताओं के नाम चल रहे हैं। अब देखना होगा कि किसके नाम पर मुहर लगती है।

आलाकमान के निर्देशों की अवहेलना
इधर, भाजपा विधायकों को स्पष्ट रूप से निर्देश हैं कि वे किसी भी नेता के घर जाकर नहीं मिलें। सिर्फ कार्यालय आकर ही मुलाकात करें। इसके बावजूद वसुंधरा राजे समर्थक माने जाने वाले विधायक कालीचरण सराफ सहित कुछ विधायकों ने सोमवार को भी पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के घर जाकर मुलाकात की। इससे पहले रविवार को भी कई विधायक राजे से मिलने पहुंचे थे।

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मुख्यमंत्री पद के चयन में देरी पर क्या बोले जोशी?
राजस्थान के लिए मुख्यमंत्री पद के चयन में हो रही देरी पर विपक्ष की आलोचनाओं पर भाजपा राजस्थान अध्यक्ष सीपी जोशी ने रविवार को कहा कि राजस्थान के लिए अहम फैसला बीजेपी विधायक दल की बैठक में आलाकमान द्वारा लिया जाएगा। कोई कैसे कह सकता है कि हम समय ले रहे हैं। हमारे सभी विजयी उम्मीदवार जनता को उन पर विश्वास जताने के लिए धन्यवाद दे रहे हैं। पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर दी गई है और विधायक दल की बैठक की तारीख तय कर दी गई है। जल्द ही सीएम की घोषणा की जाएगी।

Thyme Benefits: थाइम का सेवन करने से सेहत को कई तरह के लाभ मिलते है। अजवाइन के फूल को थाइम कहा जाता है। थाइम मिंट परिवार की एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है। इसका इस्तेमाल जड़ी बूटी के रूप में भी किया जाता है। थाइम कई बीमारियों के लिए रामबाण इलाज है। थाइम में विटामिन ए, विटामिन सी, प्रोटीन, आयरन, कार्बोहाइड्रेड, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम, सोडियम और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते है, जो शरीर को कई स्वास्थ्य की समस्याओं से बचाने में मदद करते है। हार्ट को स्वस्थ रखने के लिए थाइम का सेवन करना फायदेमंद होता है। साथ ही ये हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। तो आइए जानते है थाइम का सेवन करने से सेहत को मिलने वाले फायदे के बारे में

थाइम के फायदे
1. हार्ट को स्वस्थ रखने में फायदेमंद
हार्ट को स्वस्थ रखने के लिए थाइम का सेवन करना बहुत ही फायदेमंद होता है। थाइम में पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते है, जो हार्ट से जुड़ी समस्याओं को दूर करने मदद करते है और हार्ट को स्वस्थ रखते है। साथ ही ये हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते है।

2. इम्यूनिटी बढ़ाने में फायदेमंद
इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए थाइम का सेवन करना बहुत ही फायदेमंद होता है। थाइम में विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करता है। साथ ही ये शरीर को रोगो से लड़ने में ताकत देता है।

3. आंखों को स्वस्थ बनाए रखने में फायदेमंद
आंखों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए थाइम का सेवन करना बहुत ही फायदेमंद होता है। थाइम में विटामिन ए भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो आंखों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।

4. हड्डियों को मजबूत बनाने में फायदेमंद
हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए थाइम का सेवन करना बहुत ही फायदेमंद होता है। थाइम में कैल्शियम, आयरन और मैंगनीज मौजूद होते है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते है। साथ ही ये हड्डियों से संबंधित बीमारियों के खतरे को कम करने में मदद करते है।

डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। 'पत्रिका' इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।

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भाजपा अपने निर्णयों से चौंकाती आई है। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में जिस तरह से मुख्यमंत्री घोषित किए गए हैं, उससे सभी लोग आश्चर्यचकित हैं। अब मंगलवार को राजस्थान में मुख्यमंत्री की घोषणा होगी, ऐसे में कयासों का बाजार गर्म हो गया है कि आखिर राजस्थान की कमान किसके हाथ में आएगी।

पार्टी सूत्रों की मानें तो छत्तीसगढ़ में आदिवासी और एमपी में ओबीसी चेहरे को सीएम बनाया गया है। ऐसे में पार्टी राजस्थान में सामान्य जाति के चेहरे को सीएम बनाया जा सकता है। राजस्थान में भाजपा ने अब तक राजपूत को ही सीएम बनाया है। इस बार भी इस समुदाय के कई चेहरे विधायक हैं। मगर जिस तरह के निर्णय एमपी और छग में लिए गए हैं, उसी तरह राजस्थान में भी निर्विवाद चेहरे को ही सीएम बनाया जाएगा।

दोनों सीएम विधायक हैं

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में जिन नेताओं को सीएम बनाया गया है, दोनों ही वर्तमान में विधायक हैं। ऐसे में राजस्थान में भी उम्मीद जताई जा रही है कि नया सीएम 115 विधायकों में से ही एक हो सकता है। हालांकि कई सांसद, केंद्रीय मंत्री भी इस दौड़ में हैं। लोकसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी किसी नॉन विधायक को भी राजस्थान की बागडोर सौंप सकती है।

डिप्टी सीएम बनना तय

एमपी में सीएम के साथ दो डिप्टी सीएम भी बनाए गए हैं। छत्तीसगढ़ में भी डिप्टी सीएम बनाए जाने की संभावना है। ऐसे में राजस्थान में भी दो उप मुख्यमंत्री बनाए जाने की पूरी संभावना है। यहां भी कई जातियों को सीएम और डिप्टी सीएम के जरिए साधा जाएगा।

 

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श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड के दोनों शूटर्स व उनके सहयोगी को पकड़ने के बाद रविवार को जयपुर लाया गया। उसके बाद पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने पत्रकार वार्ता की। जिसमें बताया कि घटना के पहले दिन पुलिस टीम अंधेरे में काम कर रही थी। दूसरे दिन शूटरों के संबंध में अहम सुराग हाथ लगे। एडिशनल पुलिस कमिश्नर कैलाश बिश्नोई व एडिशनल डीसीपी रामसिंह शेखावत के दिशा निर्देश में तीन निरीक्षकों के नेतृत्व में शूटरों का पीछा करने वाली टीम व अधिकारी गत पांच दिन में मात्र कुछ घंटे भी नहीं सोए। इन सभी पुलिसकर्मियों पर गर्व है। प्रेस वार्ता में एडीजी (क्राइम) दिनेश एम.एन. भी मौजूद रहे।

 

मनाली से गोवा फिर पुणे जाने का था प्लान

एडीजी (क्राइम) दिनेश एम.एन. ने बताया कि गोगामेड़ी की हत्या करने वाले आरोपी रोहित राठौड़, नितिन फौजी और उधम सिंह मनाली से गोवा जाने वाले थे। इससे पहले कि वह गोवा पहुंच पाते पुलिस ने उनका पूरा प्लान फेल कर दिया। रोहित राठौड़, नितिन फौजी और उधम सिंह मनाली में खुद को ज्यादा समय तक सुरक्षित नहीं महसूस कर रहे थे। यही वजह थी कि वह पहले मनाली इसके बाद मंडी पहुंचे। यहां दो दिन रुकने के बाद वह चंडीगढ़ पहुंच गए।

 


चाचा के लड़के से फोन करके पूछा पुलिस तो नहीं आई

शूटर्स रोहित सिंह राठौड़ और नितिन फौजी के साथी उधम सिंह ने चाचा के लड़के को फोन कर पूछा कि पुलिस तो नहीं आई। इतना पूछने के बाद उसने फोन रख दिया। पुलिस ने उधम सिंह की लोकेशन ट्रेस की तो वह मनाली की आई। पुलिस टीम मनाली पहुंची तो आरोपी टैक्सी करके चंडीगढ़ पहुंच गए। पुलिस टीम फिर चंडीगढ़ के लिए रवाना हुई और वहां एक होटल में ठहरे तीनों आरोपियों को दबोच लिया। इसमें दिल्ली पुलिस ने भी सहयोग किया।


पुलिस के आगे किया सरेंडर

होटल में पकड़ने के दौरान रोहित, नितिन और उधम सिंह ने पुलिस कार्रवाई का विरोध नहीं किया। उनके पास हथियार भी नहीं थे। पुलिस सूत्रों के अनुसार आरोपियों ने हथियार जयपुर में ही कहीं छिपा दिए थे।

 

इनकी भी रही भूमिका

आरोपियों को पकड़ने में जेडीए के पुलिस निरीक्षक रविन्द्र प्रताप सिंह, सुनील जांगिड़ और सीएसटी आयुक्तालय जयपुर के मनीष शर्मा, पुलिस निरीक्षक स्पेशल सेल दिल्ली पुलिस राकेश कुमार और कांस्टेबल महेश की भूमिका रही।

बॉलीवुड फिल्म प्रोड्यूसर मयंक मधुर जल्द ही उत्तराखंड टनल हादसे पर 'मिशन सिलक्यारा' नाम से फिल्म लेकर आ रहे हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी फिल्म का मुहूर्त करेंगे। फिल्म का श्रीगणेश इसी महीने से होने जा रहा है। यह फिल्म सनराइज मीडिया ग्रुप एंड प्रोडक्शन हाउस के बैनर तले बनेगी।

फिल्म की सबसे खास बात यह है कि फिल्म में बॉलीवुड के पॉपुलर चेहरे काम करेंगे। फिल्म मेकर्स खासतौर से इस फिल्म में उत्तराखंड के ऐसे फेमस सेलेब्रिटीज को लेकर आ रहे हैं जिन्होंने बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में पहले से ही झंडे गाड़े हुए हैं।

प्रधानमंत्री कार्यालय और मुख्यमंत्री कार्यालय का दिखेगा जबरदस्त को-आर्डिनेशन
यह फिल्म उसी जगह पर शूट की जाएगी जिस जगह पर यह घटना घटी थी। प्रधानमंत्री कार्यालय यानी PMO और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के बीच के कॉर्डिनेशन और मजदूरों के बचाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग का भी इस फिल्म में उल्लेख किया जाएगा, साथ में मजदूरों को मजबूर न होने देने वाली सोच की तारीफ की जाएगी।

मजदूरों, कवरेज में मौजूद पत्रकारों से बात कर रही टीम
टनल में कुल 41 मजदूर फंसे थे। फिल्म मेकर्स की टीम उन सभी से बात कर रही है। उनसे बातचीत करके फिल्म मेकर्स उनसे जिंदगी और मौत के बीच लड़ाई में बचने के हिम्मत के तरीकों पर बात कर रहे हैं। जिसको हूबहू वैसे ही फिल्म में दर्शाया जा सके।

जितने पत्रकार इस घटना को कवर कर रहे थे, मेकर्स की टीम उनसे भी मिलकर उस दौरान के अनुभव और कहानी को जान-समझ रही है। सीएम धामी के द्वारा रेस्क्यू टीम को हर संभव सहायता देने और उनके तत्परता से यह मिशन सफल हो पाया था। उसी को ध्यान में रखकर 'मयंक' ने फिल्म 'मिशन सिलक्यारा' बनाने जा रहे हैं। फिल्म में जिद्द और जुनून के बीच जिंदगी बचाने की जद्दोजहद को बहुत ही बारीकी से दिखाया जाएगा। अनुमान लगाया जा रहा है कि फिल्म में उत्तराखंड की अपनी मौजूदगी दर्ज होगी। फिल्म में म्यूजिक के लिए मशहूर सिंगर जुबिन नौटियाल को लेने पर बात चल रही है।

रानीगंज वाली मिस्टेक इस फिल्म में नहीं देखेगी
हाल फिलहाल में वास्तविक घटना पर घटना पर आधारित अक्षय कुमार की फिल्म 'मिशन रानीगंज' बनी थी जो बॉक्स ऑफिस पर बेहतर नहीं कर सकी।

फिल्म मेकर्स के मुताबिक उसमें जो कमी रह गई उसको इस फिल्म में नहीं दोहराई जाएगी। यह फिल्म जिंदगी बचाने के लिए सरकार के अथक प्रयास को दर्शाती है कि अगर सिस्टम के अंदर दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो प्राकृतिक आपदाओं से बेहतरीन ढंग से निपटा जा सकता है। पहाड़ का सीना चीरकर भी 41 जिंदगी बचाई जा सकती है।

 
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प्रदेश में उप राष्ट्रीय पल्स पोलियो अभियान के तहत 10 दिसम्बर रविवार को चयनित 24 जिलों में 5 वर्ष तक के बच्चों को पोलियो की दवा पिलायी गईञ यह अभियान अजमेर, भीलवाडा, बीकानेर, चूरू, दौसा, डूंगरपुर, जैसलमेर, जालौर, झालावाड, नागौर, टोंक, हनुमानगढ, गंगानगर, जयपुर प्रथम एवं जयपुर द्वितीय, बूंदी, सीकर, बांसवाडा, अलवर, बाडमेर, भरतपुर, उदयपुर, सिरोही एवं जोधपुर में आयोजित किया गया। पहले दिन लक्ष्य के मुकाबले 53 फीसदी से अधिक बच्चों ने पोलियो की खुराक गटकी।

मिशन निदेशक एनएचएम डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने बताया कि इस उप राष्ट्रीय पल्स पोलियो अभियान के दौरान 66745 टीमों ने 42320 बूथों पर लगभग 86.91 लाख बच्चों को पोलियो खुराक पिलाई गई।10 दिसम्बर रविवार को जन्म से 5 वर्ष तक के सभी बच्चों को नजदीकी पोलियो बूथ पर लाकर दो बूंद पोलियो दवा पिलाई गई। उल्लेखनीय है कि पड़ोसी देश पाकिस्तान में 4 और अफगानिस्तान में 6 पोलियो संक्रमण के मामले सामने आए हैं और इसलिये भारत मे संक्रमण रोकथाम के लिये हर लक्षित बच्चे को पोलियो की दवा हर बार पिलाया जाना आवश्यक है।

छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री की घोषणा हो चुकी है। अब राजस्थान की बारी है। मंगलवार यानि 12 दिसंबर को राजस्थान का सीएम भी घोषित कर दिया जाएगा। शाम 4 बजे भाजपा कार्यालय पर यह बैठक रखी गई है। सीएम के संभावित चेहरों की लंबी फेहरिस्त है। मगर आलाकमान ने जो नाम तय किया है। इस पर सभी विधायक मुहर लगाएंगे।

इसी बीच भाजपा के नवनिर्वाचित विधायक किरोड़ी लाल मीणा ने बड़ा बयान दिया है। भाजपा मुख्यालय पर पत्रकारों ने मीणा से उनकी सीएम के रूप में पसंद पूछी तो उन्होंने ऐसा जवाब दिया कि सब चौंक गए। किरोड़ी ने मजाकिया अंदाज में उनकी पत्नी गोलमा देवी को सीएम के रूप में पहली पसंद बताया। हालांकि उन्होंने साफ किया कि सीएम वही बनेगा, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संसदीय बोर्ड बनाएगा। भाजपा में शीर्ष नेतृत्व ही हर फैसला लेता है। पार्टी में एक नियम प्रक्रिया बनी हुई है, उसके अनुरूरुप चयन होता है।

पहली बार विधायक दल की बैठक में शामिल होंगे मीणा

विधायल दल की बैठक में किस तरह सीएम का फैसला होगा। इसकी प्रक्रिया के संबंध में जब मीणा से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मेरे राजनीतिक जीवन में ये पहला मौका होगा, जब मैं विधायक दल की बैठक में शामिल हो रहा हूं। उन्होंने सीएम को लेकर पूछ गए सवालों के गोलमोल जवाब दिए।

जिस पर बालाजी व मोदी की कृपा होगी, वहीं बनेगा सीएम

इससे पहले शनिवार को मेहंदीपुर बालाजी और रविवार सुबह दौसा शहर में पहाड़ी पर विराजमान नीलकंठ महादेव मंदिर में मीणा ने ढोक लगाने के बाद किरोड़ी ने नए सीएम को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा कि जिस पर बालाजी महाराज और मोदीजी की कृपा होगी, वही मुख्यमंत्री बनेगा और कृपा का पता नहीं लगता, कब-किस पर हो जाए। उन्होंने कहा कि पार्टी में रेस जैसी कोई चीज नहीं है। केन्द्रीय नेतृत्व किसी दबाव या सिफारिश में सीएम नहीं बनाते हैं।

 

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ब्रिटिश संसद में अवैध शरणार्थी से जुड़े रवांडा बिल पर मंगलवार को पहला मतदान होने जा रहा है। यह मतदान सुनक के लिए निजी रूप से भी परीक्षा की घड़ी बन गया है। ब्रिटिश मीडिया में इसे सुनक के राजनीतिक जीवन का सबसे मुश्किल दौर बताया जा रहा है। दरअसल, इस मुद्दे पर खुद सुनक की पार्टी भी बंटी नजर आ रही है। कुछ सांसदों का कहना है कि यह कानून प्रवासियों के प्रति बेहद कठोर है तो कुछ अन्य ने इसको बेहद कमजोर बताया है। सुनक ने दावा किया है कि ये अवैध प्रवासियों को लेकर अब तक का सबसे कठोर कानून होगा। प्रस्तावित 'रवांडा ट्रीटी एंड द सेफ्टी ऑफ रवांडा (असाइलम एंड इमीग्रेशन) कानून' के तहत अवैध अप्रवासियों को लेकर कानूनी चुनौतियों को समाप्त कर न्यायधीशों की शक्तियों को कमजोर कर दिया गया है जबकि अधिकांश शक्तियां संसद को दे दी गई हैं। पूर्व गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन और इसी बिल के मुद्दे पर आव्रजन मंत्री के पद से इस्तीफा दे चुके रॉबर्ट जेनरिक दोनों ने कहा है कि सुनक की योजना काम नहीं करेगी।

जेनरिक ने एक अखबार में लिखे एक लेख में दावा किया है कि बिल अपने मौजूदा स्वरूप में अभी भी प्रवासियों को रवांडा में अपने निष्कासन को चुनौती देने की अनुमति देगा, और यूरोपीय मानवाधिकार न्यायालय के दायरे में अब भी अपील की जा सकेगी। जेनरिक का कहना है कि ब्रिटेन को जटिल अंतरराष्ट्रीय ढांचे और पुरानी संधियों से बाहर निकलना होगा।


अवैध प्रवासी रोकना है सुनक का मुख्य वादा
प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और उनकी कंजरवेटिव पार्टी के नेता छोटी नावों से इंग्लिश चैनल के जरिए आने वाले अवैध प्रवासियों को रोकने का वायदा करते रहे हैं। लेकिन इसमें उन्हें अपेक्षित सफलता नहीं मिली है। ब्रिटेन की कमजोर अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए संघर्ष कर रहे सुनक के लिए उनकी प्रवासी नीति साख का सवाल बन गई है। जनमत सर्वेक्षणों में लेबर पार्टी से काफी पीछे चल रहे सुनक को अपनी रवांडा नीति से काफी उम्मीदें हैं। इसके चलते सुनक सरकार के लिए ये निर्णायक मुद्दा बन गई है। कोई हैरानी नहीं कि पूर्व आव्रजन मंत्री जेनरिक ने चेतावनी दी है कि कि जब तक कंजर्वेटिव ब्रिटेन में अवैध प्रवासियों की समस्या से निपटने के लिए और अधिक प्रयास नहीं करेंगे, उन्हें 'मतदाताओं के तीव्र रोष' का सामना करना पड़ेगा।

क्या है सुनक की रवांडा नीति

अप्रैल 2022 में ब्रिटेन में रवांडा नीति घोषित की गई थी। इसके तहत अवैध मार्गों से ब्रिटेन पहुंचने शरणार्थियों को गिरफ्तार कर रवांडा भेज दिया जाएगा। जहां उनके शरणार्थी होने का दावा सफल या असफल होने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। 15 नवंबर 2023 को ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट ने सर्वसम्मति से पाया कि शरण चाहने वालों को रवांडा भेजने की सरकार की नीति गैरकानूनी है। गौर करने की बात ये है कि सुप्रीम कोर्ट ने शरण चाहने वालों को किसी तीसरे देश में भेजने की नीति को गैरकानूनी नहीं पाया। बल्कि यह कहा कि रवांडा वर्तमान में ऐसा करने के लिए एक सुरक्षित देश नहीं है। कानूनन शरणार्थियों को केवल 'सुरक्षित' देश में ही भेजा जाना चाहिए, जिससे उन्हें फिर शरण के लिए नहीं भटकना पड़े।

अदालती फैसले के बाद लाया गया कानून

फैसले के बाद, सुनक सरकार ने रवांडा के साथ एक संधि करने की घोषणा की। 5 दिसंबर 2023 को गृह सचिव जेम्स क्लेवरली ने रवांडा के साथ संधि पर हस्ताक्षर किए। 6 दिसंबर को, सरकार ने रवांडा सुरक्षा (शरण और आप्रवासन) विधेयक पेश किया।
इसके पहले दोनों देशों ने सिर्फ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे। इस संधि में कुछ गारंटी और सुरक्षा शामिल हैं जो रवांडा के साथ मूल समझौता ज्ञापन में नहीं थे। कानूनी रूप से बाध्यकारी संधि के विपरीत एमओयू एक राजनीतिक समझौता था। संधि में प्रावधान है कि रवांडा द्वारा स्थानांतरित व्यक्तियों को ब्रिटेन के अलावा किसी भी देश में नहीं भेजा जा सकता।

ब्रिटेन के कदम की वैधता को जांचेंगेः रवांडा
रवांडा के विदेश मंत्री विंसेंट बिरुता ने कहा है कि, रवांडा और ब्रिटेन दोनों के लिए यह हमेशा महत्वपूर्ण रहा है कि हमारी कानूनी साझेदारी अंतरराष्ट्रीय कानून के उच्चतम मानकों को पूरा करती है। उन्होंने कहा, ब्रिटेन के वैध व्यवहार के बिना रवांडा समझौते को जारी नहीं रख पाएगा।

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बेंगलुरु. मेट्रो रेल सिग्नलिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण में लगी प्रेसटॉनिक इंजीनियरिंग लिमिटेड पब्लिक इश्यू सब्सक्रिप्शन के लिए 11 दिसंबर को खुलेगा। कंपनी को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के एनएसई इमर्ज प्लेटफॉर्म पर अपना पब्लिक इश्यू लॉन्च करने की मंजूरी मिल गई है। इश्यू से प्राप्त राशि का उपयोग कुछ उधारों के पुनर्भुगतान, कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं को पूरा करने और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा। इश्यू 13 दिसंबर को बंद हो जाएगा। पब्लिक इश्यू में रु. 72 प्रति शेयर (62 रुपये प्रति इक्विटी शेयर के प्रीमियम सहित) की कीमत पर रु. 10 के अंकित मूल्य के 32,36,800 इक्विटी शेयरों का एक फ्रेश इश्यू शामिल है, जो कुल मिलाकर रु. 23.30 करोड़ तक का है। एप्लिकेशन के लिए न्यूनतम लॉट साइज 1600 शेयर है ,जो रुपये 1.15 लाख। के निवेश के बराबर है। आईपीओ के लिए रिटेल आवंटन प्रत्येक इश्यू का 50% रखा गया है। मार्केट मेकर आरक्षण हिस्सा भाग 1,63,200 इक्विटी शेयर है. 1996 में निगमित, प्रेसटॉनिक इंजीनियरिंग लिमिटेड मेट्रो रेल रोलिंग स्टॉक, मेट्रो रेल सिग्नलिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए उत्पाद बनाती है।

हथियार सप्लाई करने वाली युवती पूजा सैनी हिस्ट्रीशीटर महेंद्र कुमार मेघवाल उर्फ समीर के प्रेम में पड़ कर लेडी डॉन बन गई। पुलिस पूछताछ में पूजा ने बताया कि उसकी दो बहनें हैं। एक बहन जब कोटा में पढ़ रही थी, तब वर्ष 2018 में उससे मिलने गई। इस दौरान बहन की सहेली के बॉयफ्रेंड और उसके तीन दोस्तों से मुलाकात हुई। उन्हीं में महेन्द्र कुमार भी साथ था। तब पहली बार उससे जान-पहचान हुई। वर्ष 2019 में पढ़ाई के लिए जयपुर आई और एक कॉलेज में बीएससी प्रथम वर्ष में प्रवेश लिया। वर्ष 2020 में महेन्द्र की फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट मिली। उसने रिक्वेस्ट को स्वीकार कर लिया। तब से बातचीत होने लगी और दोनों में प्रेम हो गया। महेंद्र के चक्कर में पड़ने के बाद पूजा ने बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी। अगस्त 2022 में महेन्द्र के साथ जयपुर के एक मंदिर में जाकर शादी कर ली। इसके बाद दोनों जगतपुरा के फ्लैट में रहने लगे और पूजा एयरपोर्ट पर काम करने लगी। धीरे-धीरे महेन्द्र के साथ गैंग में शामिल हो गई। वह महेन्द्र के साथ हथियार सप्लाई करने के साथ रुपए भी लाने व ले जाने लगी।

नई दिल्ली. दिल्ली हाईकोर्ट ने लापता बच्चों की तलाश को लेकर मौजूदा आदेशों और मानक संचालन प्रक्रिया को मजबूत के लिए जरूरी दिशा निर्देश जारी किए हैं। जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की बेंच ने कहा कि गुमशुदा बच्चों को तलाशने में जांच अधिकारियों को भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अतिरिक्त दिशा निर्देश निर्धारित करने की आवश्यकता है। अदालत ने कहा, बच्चे राष्ट्र की मूल्यवान धरोहर हैं और वे अच्छे और सुरक्षित माहौल के हकदार हैं। हाईकोर्ट ने दिल्ली के हर थाने में पुलिस अधिकारियों को इन दिशा-निर्देशों की हैंडबुक रखने के निर्देश जारी करते हुए स्टैंडिंग आपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) का हिन्दी, पंजाबी और ऊर्दू में अनुवाद करने का आदेश दिया है। अदालत ने यह भी कहा कि पुलिस कर्मियों की सुविधा के लिए लर्निंग मॉड्यूल बनाए जाने चाहिए। ताकि दिल्ली पुलिस में शामिल नए रिक्रूट इससे सीख सकें।

ये भी निर्देश
-जांच अधिकारियों का मार्गदर्शन करने के लिए सभी पुलिस स्टेशनों में एक मानकीकृत चेकलिस्ट तैयार और बनाए रखी जानी चाहिए।
-लापता बच्चों की तलाश के लिए साइबर तकनीक से जांच की विशेष ट्रेनिंग दी जाए।
-अगर बच्चे को गुम हुए चार महीने से ज्यादा हो जाएं तो जिलों की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट्स (एएचटीयू) बतौर नोडल एजेंसी काम करेगी।
-हर जिले में डीसीपी रैंक या उससे ऊपर का अधिकारी हर पखवाड़ा गुमशुदा बच्चे के मामले की जांच की समीक्षा करेंगे। यदि मानव तस्करी या संगठित गिरोह का हाथ है तो 24 घंटे में कार्रवाई होनी चाहिए।
-हर जिले में इंस्पेक्टर रैंक या उससे ऊपर के पुलिस अधिकारी के नेतृत्व में एएचटीयू की एक टीम का गठन हो, जो ऑपरेशन मिलाप के तहत बच्चों को छुड़ाने का काम करे।
-जांच के लिए पुलिस को रेडियो टैक्सी या कैब की सेवा लेनी चाहिए।
-बच्चों की गुमशुदगी के 72 घंटे के अंदर विज्ञापन देना होगा।
-रेलवे जांच अधिकारियों को दिल्ली से बाहर की यात्रा के लिए आपात कोटा उपलब्ध कराए, ताकि जांच अधिकारियों को परेशानी न हो।
-यदि अभिभावकों को लापता बच्चों के ठिकाने का पता चलता है तो जांच अधिकारी को 48 घंटे के भीतर अनिवार्य रूप से सूचित करना चाहिए।

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शूटर रोहित राठौड़ ने पुलिस पूछताछ में बताया कि गोगामेड़ी की हत्या के बाद भागने के लिए एक बाइक खरीदी थी। रोहित ने बताया कि वांटेड विरेन्द्र चारण ने हिस्ट्रीशीटर महेन्द्र कुमार मेघवाल उर्फ समीर को बाइक खरीदने के लिए रुपए देने को कहा। महेंद्र ने 20 हजार रुपए दिए। इसके बाद उसने 29 नवम्बर को मानसरोवर स्थित एसपी मोटर्स से 20 हजार रुपए डाउन पेमेंट देकर बाइक खरीद ली।वारदात वाले दिन सुबह 11 बजे श्याम नगर क्षेत्र में सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के घर के नजदीक गली में बाइक खड़ी कर उस पर दो हेलमेट लगा दिए। बाइक की चाबी खुद के पास रख ली। गोगामेड़ी की हत्या के बाद भागने के लिए वहां पहुंचे तो बाइक नहीं मिली। तुरंत ही दूसरे शूटर नितिन ने विरेन्द्र को इसकी जानकारी दी। उसने नितिन को कहा कि पुलिस नाकाबंदी होने से पहले जयपुर छोड़ दो... और किसी को भी गोली मार वाहन लूट लो। तब दोनों शूटर्स ने एक स्कूटी सवार को गोली मार कर उसका वाहन छीन लिया। एडिशनल पुलिस कमिश्नर कैलाश बिश्नोई ने कहा कि खरीदी हुई बाइक श्याम नगर क्षेत्र में जहां खड़ी की थी, उसके नजदीक से ही बरामद कर ली है।

 

 

 

 

कड़ी सुरक्षा में किया न्यायाधीश के घर पेश

 

एडिशनल डीसीपी रामसिंह शेखावत ने बताया कि पुलिस बल के साथ महेन्द्रगढ़ निवासी शूटर नितिन फौजी, मूलत: मकराना हाल झोटवाड़ा निवासी शूटर रोहित राठौड़, हिसार निवासी उधम सिंह सैन और गुरुग्राम जेल से प्रॉडक्शन वारंट पर गिरफ्तार महेन्द्रगढ़ निवासी भवानी सिंह उर्फ रोनी, राहुल यादव व सुमित यादव को सोमवार सुबह न्यायाधीश के घर पेश किया, जहां से सभी आरोपियों को 18 दिसम्बर तक पुलिस रिमांड पर सौंपा है। इसके अलावा पहले से गिरफ्तार रामवीर 18 दिसम्बर तक पुलिस रिमांड पर चल रहा है। एडिशनल पुलिस कमिश्नर कैलाश बिश्नोई, एडिशनल डीसीपी रामसिंह शेखावत, अनुसंधान अधिकारी एसीपी सोडाला सहित अन्य पुलिस अफसर आरोपियों से पूछताछ कर रहे हैं।

 

 

 

अस्पताल में रास्ता रोका, एक मरीज की एम्बुलेंस में मौत

 

 

पुलिस भारी बल के साथ शूटर्स रोहित राठौड़ व नितिन फौजी को सोमवार दोपहर सवा बारह बजे सवाई मानसिंह अस्पताल लेकर पहुंची। गोगामेड़ी हत्याकांड के दिन लगातार फायरिंग करने से पिस्टल से निकले छर्रे नितिन के पेट व सीने पर कई जगह लग गए थे, इलाज करवाए बिना ही वह फरारी काट रहा था। दोनों शूटर्स का मेडिकल करवाने और प्राथमिक उपचार के दौरान अस्पताल में करीब 20 मिनट तक मरीज व उनके परिजन की आवाजाही रोक दी गई। चिकित्सकों के अनुसार इस दौरान एसएमएस अस्पताल छावनी बन गया। रास्ता रोकने से हार्ट अटैक आने वाले एक मरीज की एम्बुलेंस में मौत हो गई। इस संबंध में इमरजेंसी के इंचार्ज डॉ. बी.पी मीणा का कहना है कि मरीज ब्रेन डेड ही अस्पताल पहुंचा था। उन्होंने कहा सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे, लेकिन किसी भी मरीज को इमरजेंसी में लाने से नहीं रोका गया।

 

घायल अजीत की हालत नाजुक, हेमराज को मिल जाएगी छुट्टी

 

गोगामेड़ी हत्याकांड में तीनों घायलों को सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रोमा सेंटर से छुट्टी नहीं मिली है। ट्रोमा सेंटर के प्रभारी डॉ. अनुराग धाकड़ ने बताया कि घायल अजीत सिंह की हालत नाजुक बनी हुई है। उसके दोनों पैर लकवाग्रस्त हो चुके हैं। हाथों में भी कमजोरी है। रीढ़ में चोट की वजह से काफी दिक्कत हो रही है। सीने में भी फ्लूड जमा है। जिससे हालत में सुधार होने में वक्त लगेगा। इसके अलावा स्कूटी सवार घायल हेमराज की हालत में सुधार है। उसको दो दिन में डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। इसके अलावा गोगामेड़ी के गनमैन नरेंद्र सिंह की हालत भी ठीक है। उसे मंगलवार को डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।

Rajasthan CM: प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? इससे पर्दा मंगलवार को उठ जाएगा। भाजपा विधायक दल की बैठक शाम चार बजे होगी। इसी बैठक में पर्यवेक्षक बनाए गए केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा करेंगे। मुख्यमंत्री के चेहरे के साथ छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की तर्ज पर यहां भी दो उप मुख्यमंत्री बनाए जा सकते हैं। विधानसभा अध्यक्ष का नाम भी तय हो सकता है। संभावना है कि विधायक दल की बैठक के बाद तुरंत ही राज्यपाल के पास जाकर सरकार बनाने का दावा पेश किया जा सकता है।


प्रदेश में तीन दिसम्बर को चुनाव परिणाम आए थे। आठ दिसंबर को ही केन्द्रीय पर्यवेक्षक के रूप में राजनाथ सिंह, विनोद तावड़े और सरोज पांडेय की भी घोषणा हो चुकी। तीनों ही पर्यवेक्षक मंगलवार दोपहर जयपुर पहुंचेंगे। विधायकों को सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे के बीच भाजपा कार्यालय पहुंचने की सूचना दी जा चुकी है। एक बजे बाद विधायकों का रजिस्ट्रेशन शुरू होगा। इसके बाद करीब चार बजे विधायक दल की बैठक शुरू होगी। बैठक में शामिल होने के लिए प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह सोमवार को जयपुर पहुंच गए हैं। इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष सी. पी. जोशी भी मौजूद रहेंगे।

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विधायकों में से ही बनेगा मुख्यमंत्री, एक पद महिला को देने की संभावना
छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में पार्टी ने विधायकों में से ही मुख्यमंत्री घोषित किया है। माना जा रहा है कि राजस्थान में भी यही फॉर्मूला अपनाया जाएगा। विधायकों में से ही किसी एक को सीएम बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री, दो उपमुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष में से कोई एक पद महिला को दिए जाने की संभावना है। वजह है कि छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में किसी महिला को इन पदों पर शामिल नहीं किया गया है। एेसे में राजस्थान में महिला का नाम इन पदों में से किसी एक में शामिल कर सकते हैं।

विधायक दल की बैठक से पहले चलेगा मुलाकातों का दौर
केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का दोपहर करीब बारह बजे जयपुर पहुंचने का कार्यक्रम है। यहां से वे जवाहर सर्कल स्थित एक होटल पहुंचेंगे। यहां वे साढ़े तीन बजे तक रहेंगे। इसके बाद वे भाजपा कार्यालय आएंगे। माना जा रहा है कि विधायक दल की बैठक से पहले राजनाथ सिंह की कुछ बड़े नेताओं से व्यक्तिगत मुलाकात भी हो सकती है। शाम करीब सात बजे राजनाथ सिंह का जयपुर से जाने का कार्यक्रम है। विधायक दल की बैठक से कुछ देर पहले कोर कमेटी की बैठक भी हो सकती है।

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Rajasthan New CM: राजस्थान में मंगलवार को भाजपा अपने नए मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा कर देगी। यह चेहरा कौन होगा। इसे लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं और आठ से दस नामों की चर्चा भी राजनीतिक क्षेत्रों में चल रही है। लेकिन, सीएम चेहरे को लेकर राजस्थान में भी वही होगा, जो मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में हुआ है।

मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा ने विधायक दल की बैठक में किसी तरह की रायशुमारी नहीं की थी। सीधे मुख्यमंत्री के नामों की घोषणा की गई। यहां भी राजनाथ सिंह नाम की सीधे ही घोषणा करेंगे। छत्तीसगढ़ में पूर्व सीएम रमन सिंह और मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह ने नए सीएम के नाम का प्रस्ताव रखा था। यहां यह प्रस्ताव कौन रखेगा? यह अभी तय होना बाकी है। प्रदेश अध्यक्ष सी पी जोशी का स्वागत भाषण भी होगा।

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फोन या आएगी पर्ची, फिर होगी घोषणा
पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह की रणनीति के तहत जो प्रक्रिया छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में अपनाई गई। वही प्रक्रिया यहां भी अपनाई जाएगी। सीएम का नाम पूरी तरह से गोपनीय रखा जाएगा। शाम चार बजे बैठक शुरू होगी। इसी बैठक के बीच भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा का राजनाथ सिंह के पास फोन आएगा या फिर एक पर्ची आएगी, जिस पर सीएम का नाम लिखा होगा। राजनाथ सिंह इसके बाद सीएम के चेहरे की घोषणा करेंगे। इसी बैठक में उप मुख्यमंत्रियों और विधानसभा अध्यक्ष के नाम की घोषणा भी कर दी जाएगी।

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Weather Update: प्रदेश में उत्तरी हवाओं ने रातें सर्द कर दी है। न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। सोमवार को माउंट आबू में न्यूनतम तापमान फिर 0 डिग्री दर्ज किया गया। इसी प्रकार फतेहपुर में रात का पारा 4.5 डिग्री पर आ गया। प्रदेश में 14 जगहों पर न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से नीचे चला गया। मौसम केन्द्र के अनुसार मौसम शुष्क होने के चलते रात के तापमान में गिरावट हो रही है। यह गिरावट आगे भी जारी रहेगी।


पश्चिमी विक्षोभ का असर नहीं होगा
मौसम केन्द्र जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा के अनुसार 16 दिसंबर को प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ आएगा। लेकिन इसका असर राजस्थान में नहीं होगा। सिर्फ बादल छाए रहेंगे। एक से दो डिग्री तक तापमान बढ़ने की संभावना है। प्रदेश में आगामी एक सप्ताह में तापमान स्थिर रहेगा।

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इन शहरों में यह रहा रात का पारा

जगह : न्यूनतम तापमान
माउंट आबू : 0
भीलवाड़ा : 9.8
अलवर : 7
पिलानी : 7
सीकर : 5.5
जोधपुर सिटी : 8.6
चूरू : 6.4
गंगानगर : 7.9
अंता बारां 8.9
संगरिया : 5.4
जालोर : 6.6
सिरोही : 6.6
फतेहपुर : 4.5
करौली : 9

 

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भाजपा विधायक दल की बैठक से एक दिन पहले सोमवार को भाजपा कार्यालय से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के आवास तक हलचल रही। विधायकों का दोनों तरफ आना-जाना लगा रहा। भाजपा कार्यालय पर प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री राजेंद्र राठौड़ और संगठन महामंत्री चंद्रशेखर के बीच काफी देर तक मंत्रणा हुई।

इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री राजे के सिविल लाइंस स्थित आवास पर भी गहमागहमी रही। कई विधायक और पूर्व विधायकों ने राजे से मुलाकात की। इनमें विधायक प्रताप सिंह सिंघवी, जसवंत यादव, कालीचरण सराफ, बाबू सिंह राठौड़ सहित अन्य शामिल हैं। इनके अलावा पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल, राजपाल सिंह शेखावत, अशोक परनामी भी आवास पर पहुंचे। हालांकि, राजे ज्यादातर समय भीतर ही रही, उन्होंने मिलने का काफी कम समय दिया। इनमें से एक विधायक भाजपा कार्यालय भी आए। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री का नाम घोषित होते ही आवास पर कार्यकर्ताओं की आवाजाही बढ़ गई।

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किरोड़ी ने कहा- 'सीएम रेस में नहीं, उप मुख्यमंत्री का फैसला पार्टी करेगी'
कार्यालय आए किरोड़ीलाल मीना ने मीडिया से कहा कि मैं सीएम की रेस में दूर-दूर तक नहीं हूं। उपमुख्यमंत्री का फैसला भी पार्टी करेगी। इस दौरान विश्वराज सिंह ,हमीर सिंह भायल, जवाहर सिंह बेडम, भजनलाल शर्मा, मदन दिलावर, देवेंद्र जोशी, वासुदेव देवनानी, जोगेश्वर गर्ग, देवी सिंह शेखावत भी कार्यालय आए।

भारद्वाज की मीडियाकर्मियों से बहस
राजे के आवास के बाहर मीडियाकर्मियों का भी जमावड़ा रहा। इस बीच राजे के मुख्यमंत्री रहने के दौरान मीडिया सलाहकार रहे महेन्द्र भारद्वाज बाहर आए और मीडियाकर्मियों को गेट से दूर और सड़क के दूसरी ओर चल जाने के लिए कहा। इस बीच कुछ कार्यकर्ता भी आ गए। मीडियाकर्मी कवरेज करने का लगातार हवाला देते रहे, लेकिन भारद्वाज नहीं मानें और फिर समझाइश बहस में बदल गई।

Gogamedi Murder : कमिश्नरेट पुलिस ने गैंगस्टर रोहित गोदारा व विरेन्द्र चारण के गुर्गों को राजस्थान में वारदात के लिए एके-47 से लेकर अत्याधुनिक हथियार सप्लाई करने वाली पूजा सैनी को सोमवार शाम को गिरफ्तार किया। महिला का कोटा निवासी मित्र महेन्द्र कुमार मेघवाल उर्फ समीर दोनों शूटर्स के पकड़े जाने के बाद भाग गया। पूजा-महेंद्र ने शूटर्स को सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के बाद फरारी के लिए 50-50 हजार रुपए दिए। पुलिस महेंद्र की तलाश में जयपुर, कोटा और बूंदी में कई जगह दबिश दे रही है। महेंद्र कोटा में गुमानपुरा थाने का हिस्ट्रीशीटर है। उसके खिलाफ शराब बेचने, हथियारों की तस्करी और मारपीट आदि के एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं। वह पत्नी व परिवार को कोटा छोड़कर जयपुर आ गया था।

पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने बताया कि गोगामेड़ी की हत्या के दो दिन बाद नितिन फौजी के प्रताप नगर में ठहरने की जानकारी मिली। एडिशनल डीसीपी रामसिंह शेखावत व साइबर थानाधिकारी चन्द्रप्रकाश के नेतृत्व में कई पुलिस टीमों ने प्रताप नगर क्षेत्र में डोर-टू-डोर सर्वे किया। पुलिस टीम जगतपुरा में इनकम टैक्स कॉलोनी स्थित फ्लैट्स हाइड-आउट पर पहुंची। वहां कुछ लोगों ने शूटर नितिन की फोटो देखकर उसके महेन्द्र व पूजा के साथ रहने की जानकारी दी। पूजा के मोबाइल में फ्लैट में रखी एके-47 की फोटो भी मिली है। गैगस्टर राजू ठेहट की हत्या के लिए भी जयपुर में शूटर्स को देने के लिए एके-47 लाने की जानकारी मिली थी। एके-47 के संबंध में भी पूजा से पूछताछ की जा रही है। फ्लैट के लिए दोनों डेढ़ साल से 25 हजार रुपए महीना किराया दे रहे हैं।

उगले राज...अपनी कार में बैठाकर लाए शूटर को
पूजा ने कहा कि वह पूजा बत्रा के नाम से रह रही है। नितिन फौजी 28 नवम्बर को हिसार से टैक्सी कार से प्रताप नगर चौपाटी पहुंचा, यहां से वह महेंद्र के साथ अपनी कार में नितिन फौजी को बैठाकर फ्लैट पर लेकर आई। इस मकान में एक युवक-युवती भी किराए से रहते हैं, जिन्हें महेन्द्र ने दूसरे कमरे में शिफ्ट किया और नितिन को उनके कमरे में ठहरा दिया। दोनों युवक-युवती से पुलिस पूछताछ कर रही है। गुरुग्राम जेल में बंद भवानी सिंह उर्फ रोनी राजपूत ने नितिन फौजी के लिए टैक्सी किराए पर करवाई थी। शूटर नितिन के कमरे का गेट हमेशा बंद रखा जाता और भोजन के समय उसका गेट खोलते थे। नितिन किसी से बात नहीं कर सकता था, महेन्द्र कुमार ही गैंगस्टर रोहित गोदारा व वांटेड विरेन्द्र चारण से नितिन की बात करवाता था।

गोगामेड़ी को शूट करने के लिए आधा दर्जन पिस्टल दिखाई
आरोपी पूजा ने कहा कि 5 दिसम्बर को महेंद्र ने नितिन को आधा दर्जन पिस्टल और भारी मात्रा में कारतूस दिखाए। नितिन ने दो पिस्टल फायर करने के लिए अपने पास रख ली। दूसरे शूटर रोहित राठौड़ के लिए मैग्जीन सहित एक पिस्टल व एक अतिरिक्त पिस्टल रख ली। शूटर्स के पकड़े जाने के बाद महेंद्र घर से हथियार लेकर भाग गया।

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आज एनआईए को सौंपेगे मामला
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हत्याकांड की जांच एनआईए से करवाने की फाइल पर हस्ताक्षर कर दिए। अब मंगलवार को पुलिस हत्याकांड से संबंधित सभी आरोपियों व दस्तावेज एनआईए को सौंप सकती है। एनआईए की जांच का आदेश निकलने के बाद सोमवार देर शाम को एनआईए डीआईजी के.वी. वंदना और उनकी टीम पुलिस कमिश्नर जोसफ से मिलने पहुंची और प्रकरण पर चर्चा की।

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करणपुर विधानसभा सीट के लिए मंगलवार को अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। करणपुर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी के अलावा 11 उम्मीदवार हैं। कांग्रेस को नए प्रत्याशी का नामांकन करना होगा। इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी के निधन के चलते हाल ही चुनाव स्थगित कर दिया गया था।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि अधिसूचना के साथ ही नामांकन पत्र लेने की प्रक्रिया शुरू होगी। 19 दिसंबर तक नामांकन लिए जा सकेंगे। 20 दिसंबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 22 दिसंबर तक नामांकन पत्र वापस लिए जा सकेंगे। 5 जनवरी को मतदान और 8 जनवरी को मतगणना जिला मुख्यालय पर सुबह 8 बजे से शुरू होगी।

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करणपुर विधानसभा क्षेत्र में कुल 249 मतदान केंद्र हैं। 6 दिसंबर तक 2 लाख 40 हज़ार 826 मतदाता थे, इनमें 1 लाख 25 हजार 850 पुरुष व 1 लाख 14 हजार 966 महिलाएं, 180 सर्विस वोटर और 10 अन्य (ट्रांसजेंडर) मतदाता हैं।

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GST: चुनाव आचार संहिता प्रदेश के खजाने के लिए फायदेमंद साबित हुई। अप्रेल से अक्टूबर तक के सात माह में कर राजस्व पिछले साल के मुकाबले करीब 11 हजार करोड़ रुपए अधिक आया, वहीं इन सात महीनों में से अक्टूबर में जीएसटी ने सरकार की झोली को सबसे अधिक भरा।

खजाने की इस बरकत को आचार संहिता के दौरान विभिन्न एजेंसियों की सख्ती से जोड़कर देखा जा रहा है, वहीं इस दौरान राजनीतिक दखल कम रहने का भी असर दिखा। राजस्व के इस साल के लक्ष्यों के हिसाब से तो प्रदेश की आय 44.80 प्रतिशत रही, जो पिछले साल की तुलना में करीब दो प्रतिशत कम रही। इसे आंकड़ों के हिसाब से देखा जाए तो आय पिछले साल के मुकाबले करीब 4400 करोड़ रुपए अधिक हुई। करों से प्राप्त आय ने प्रदेश के खजाने को खूब मालामाल किया। मौजूदा वित्तीय साल में अक्टूबर तक करों से 85 हजार करोड़ रुपए से अधिक आए, वहीं पिछले वित्तीय वर्ष में अक्टूबर तक यह आंकड़ा करीब 74.5 हजार करोड़ को ही पार कर पाया था।

हर माह बढ़ती गई जीएसटी से आय
सरकार के अधिकृत आंकड़ों के अनुसार जीएसटी से पहले माह में करीब 3778 करोड़ रुपए ही आए, वहीं अक्टूबर में यह आंकड़ा 21905 करोड़ रुपए को पार कर गया।

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उधारी भी तेजी से बढ़ी
चुनावी साल होने के कारण अशोक गहलोत सरकार ने जनहित के नाम पर कई नई योजनाएं शुरू कर जमकर खर्चा किया, जिससे सरकार के खजाने पर बढ़े भार की भरपाई के लिए कर्ज भी अधिक लिया गया। मौजूदा वित्तीय वर्ष के पहले सात में पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले करीब 11 हजार करोड़ रुपए कर्जा अधिक लिया गया।

पिछले चार माह में अक्टूबर में आया सबसे अधिक राजस्व (राशि करोड़ रुपए में)

माह वित्तीय वर्ष 2023-24 वित्तीय वर्ष 2022-23
जुलाई 12019.02 10160.92
अगस्त 11856.77 13116.31
सितंबर 11931.25 9817.98
अक्टूबर 12614.62 11060.82

जीएसटी से यों भरता गया खजाना (राशि करोड़ रुपए में)

माह जीएसटी से प्राप्त राशि
अप्रेल 3778.89
मई 6715.16
जून 9535.48
जुलाई 12659.26
अगस्त 15567.01
सितंबर 18520.55
अक्टूबर 21905.90

निवेश आए तो और बढ़े राजस्व
अर्थशास्त्रियों का कहना है कि राजस्व का निवेश से सीधा संबंध है, क्योंकि निवेश आएगा तो आम आदमी की आय भी बढ़ेगी। ऐसे में यह आवश्यक है कि सरकार आने वाले वर्षों में निवेश अधिक से अधिक लाने के प्रयास करे और यह निवेश भी प्रदेश के सभी हिस्सों में आए तो आर्थिक तरक्की का असर अधिक दिखेगा।

सुविचार
कोई हमारे अच्छे काम पर संदेह करता है तो उसे संदेह करने दीजिये, क्योंकि संदेह केवल सोने की शुद्धता पर किया जाता है, कोयले की कालिख पर नहीं.

 

आज क्या खास

- राजस्थान में नए मुख्यमंत्री का नाम आज घोषित होगा, शाम 4 बजे जयपुर में भाजापा विधायक दल की बैठक, केंद्रीय पर्यवेक्षकों राजनाथ सिंह, विनोद तावड़े और सरोज पांडेय दोपहर 12 बजे आएंगे जयपुर
- राजस्थान की करणपुर विधानसभा सीट के चुनाव के लिए नामांकन पत्र आज से दाखिल होंगे, सीट का चुनाव कांग्रेस प्रत्याशी के निधन के कारण स्थगित हो गया था, 5 जनवरी को मतदान, 8 को मतगणना
- राजस्थान के नगरीय निकायों में आज 12 दिसंबर से शुरू होगा विशेष सफाई अभियान, जयपुर ग्रेटर नगर निगम में जनसहाभागिता स्वच्छात पखवाड़ा आज दोपहर 12 बजे से
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के उत्तर प्रदेश दौरे का दूसरा व अंतिम दिन आज, लखनऊ स्थित भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान के दूसरे दीक्षांत समारोह में होंगी शामिल
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खबरें आपके काम की

राजस्थान

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- माउंट आबू में पारा फिर जमाव बिंदू पर, फतेहपुर में 4.5 डिग्री दर्ज, राजस्थान के 14 स्थानों पर रात का तापमान 10 डिग्री से नीचे, जयपुर में 10.7 डिग्री दर्ज

 

देश-विदेश

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- कैश फॉर क्वेरी मामले में लोकसभा की सदस्यता समाप्त करने के फैसले को टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने दी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
- मद्रास हाईकोर्ट ने दोहराया है कि किसी मेडिकल बीमा दावे को सिर्फ इस आधार पर खारिज नहीं किया जा सकता कि इलाज किसी ऐसे अस्पताल में कराया गया है जो बीमा कंपनी के नेटवर्क में नहीं है
- केंद्र सरकार ने संसद में एक सवाल के जवाब में माना है कि उसके पास चीन कंपनियों की ओर से चलाए जा रहे लोन ऐप्स का कोई डेटा उपलब्ध नहीं है
- सेन्सेक्स हुआ 70 हजारी, छह माह में तय किया 65 हजार से 70 हजार का सफर, आम चुनाव 2024 तक निकल सकता है 73 हजार के पार

शिक्षा/रोज़गार/नौकरियां

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- आईडीबीआई में स्पेशलिस्ट ऑफिसर के 86 पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तारीख 25 दिसंबर
- दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड ने ग्रुप सी व डी के 863 पदों के लिए निकाली भर्ती, ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तारीख 20 दिसंबर
- प्लाज्मा अनुसंधान संस्थान में तकनीकी अधिकारी के 22 पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तारीख 18 दिसंबर
- बॉम्बे हाईकोर्ट में जूनियर क्लर्क, स्टेनोग्राफर, चपरासी आदि के 5793 पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तारीख 18 दिसंबर
- इंटेलिजेंस ब्यूरो आईबी में एसीआईओ के 955 पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तारीख 15 दिसंबर

जयपुर। राजस्थान में बीती रात फिर से पारे में हुई आंशिक बढ़ोतरी के बाद भी गलन वाली सर्दी का जोर बना रहा है। जयपुर समेत कई जिलों में रात के तापमान में एक से चार डिग्री तक बढ़ोतरी हुई लेकिन हवा में मौजूद नमी से लोगों को गलन वाली सर्दी महसूस हो रही है। हालांकि मौसम विभाग ने आगामी दिनों में प्रदेश में मौसम शुष्क रहने और आसमान साफ रहने पर पारे में गिरावट होने का पूर्वानुमान जताया है।

मैदानी इलाकों में फतेहपुर सबसे सर्द
शेखावाटी अंचल में बीती रात मौसम सर्द रहा। सीकर शहर में जहां बीती रात के तापमान में पारा करीब 4 डिग्री तक उछलकर 9.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ। जबकि जिले का फतेहपुर कस्बा 5.7 डिग्री न्यूनतम तापमान के साथ मैदानी इलाकों में सबसे सर्द रहा है।

12 जिलों में बीती रात पारा 10 डिग्री से कम
राजस्थान के 12 जिलों में अब भी रात का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम दर्ज किया गया है। संगरिया 7.0, जालोर 7.2, अलवर 8.4, सिरोही 8.0, पिलानी 9.0, भीलवाड़ा 9.4, अंता बारां 9.1, करौली 8.6, चूरू 8.4, श्रीगंगानगर 8.9 और जोधपुर में 9.0 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान रहा है।

फलोदी- कोटा में सर्दी के तेवर नरम
बीती रात फलोदी में न्यूनतम तापमान 16.2 डिग्री रहा जो मैदानी इलाकों में सर्वाधिक रहा है। कोटा 12.0, जैलसमेर 12.8, अजमेर 11.8 डूंगरपुर 12.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जयपुर में भी बीती रात पारा एक डिग्री बढ़कर 11.5 डिग्री सेल्सियस रेकॉर्ड हुआ। जयपुर में बीती रात हवा की रफ्तार धीमी रही लेकिन नमी के कारण पारे में बढ़ोतरी होने पर भी शहरवासियों को गलन वाली सर्दी का अहसास हुआ। शहर में सुबह शाम में सर्दी के तेवर तीखे रहे हैं हालांकि दिन में धूप की तपिश में गर्माहट भी महसूस हो रही है।

BJP Rajasthan New CM Announcement: राजस्थान के नए सीएम का इंतजार मंगलवार को खत्म हो जाएगा। पार्टी कार्यालय पर शाम 4 बजे विधायक दल की बैठक होगी और नए सीएम की घोषणा कर दी जाएगी। हर किसी की जुबान पर एक ही प्रश्न है कि वसुंधरा राजे की जगह किसी और को सीएम बनाकर पार्टी रिवाज बदलेगी। केंद्रीय पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह दोपहर 12 बजे जयपुर पहुंचेंगे। अन्य दो पर्यवेक्षक सरोज पांडे और विनोद तावड़े भी बैठक में मौजूद रहेंगे। सभी विधायकों को दोपहर एक बजे पार्टी कार्यालय पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं। यहां पहले रजिस्ट्रेशन और फिर भोजन होगा। इसके बाद विधायक दल की बैठक होगी। बैठक में सीएम के साथ—साथ दो डिप्टी सीएम की भी घोषणा हो सकती है। साथ ही स्पीकर भी बैठक में ही घोषित किया जा सकता है।

चौंकाने वाला होगा सीएम का नाम

जिस तरह से पार्टी ने छत्तीसगढ़ में नए चेहरों को सीएम बनाकर चौंकाया है। इसी तरह राजस्थान में भी किसी नए फेस को सीएम का पद देकर चौंकाया जा सकता है। अभी तक दोनों राज्यों में संघ की पसंद की तवज्जो दी गई है। ऐसे में राजस्थान में भी संघ की पसंद को सीएम की कुर्सी दी जा सकती है।

विधायक दल की बैठक केवल दिखावा

सीएम का नाम चयन करने के लिए विधायक दल की बैठक महज दिखावा होगी। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भी विधायक बैठक में नाम तय नहीं किया गया बल्कि आलाकमान की ओर से तय किए गए नाम को ही मुख्यमंत्री बनाया गया है। यहां भी फोन के माध्यम से या पर्यवेक्षकों के लिए जरिए सीएम के नाम की घोषणा की जाएगी।


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पार्टी कार्यालय को दुल्हन की तरह सजाया

नए सीएम की घोषणा से पहले भाजपा पार्टी कार्यालय को दुल्हन की तरह सजाया गया है। यहां मोदी सरकार की योजनाओं के होर्डिंग लगाए गए हैं। साथ ही चारों तरफ पार्टी के पुराने नेताओं की तस्वीरें भी लगाई गई हैं। पार्टी में आज आम कार्यकर्ताओं की एंट्री बंद रहेगी।

राजेश दीक्षित

जयपुर। राजस्थान, मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा ने बहुमत हासिल किया है। अब यहां पर मुख्यमंत्री बनाने की कवायद जारी है। मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में तो भाजपा आलाकमान ने सीएम के नामों की घोषणा कर दी है। अब मंगलवार शाम तक राजस्थान में भी सीएम का नाम फाइनल हो जाएगा। इन दोनों प्रदेशों में भाजपा ने जो फार्मूला अपनाया है, यदि सीएम चयन में यही फार्मूला राजस्थान में अपनाया जाता है तो ये पांच सियासी समीकरण बदल जाएंगे।

1-विधायक ही बनेगा सीएम!

तीन दिसम्बर को चुनाव परिणाम आया। राजस्थान में भाजपा ने 115 सीटें हासिल की। तभी से यहां सीएम के कई दावेदारों के नाम चल रहे थे। इनमें वर्तमान विधायक हैं। तो वे भी नाम चले जो विधायक नहीं है। मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ का फार्मूला यहां लागू होता है तो केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, ओम माथुर, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल का नाम सीएम के दावेदारों से हट गया है। इनके नाम प्रमुख दावेदारों में तो चल रहे थे,लेकिन ये विधायक नहीं हैं। अब यहां से विधायकों की बात करें तो पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे, दीया कुमारी, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, बाबा बालकनाथ, सिद्धि कुमारी का भी नाम आ सकता है। हालांकि भाजपा आलाकमान एकदम नए नाम लाकर भी चौंका सकता है। ऐसा नाम भी आ सकता है, जिनका नाम अब तक दावेदारी में नहीं चल रहा है।

2-दो उपमुख्यमंत्री बनेंगे!

एमपी व छत्तीसगढ़ में भाजपा ने दो उपमुख्यमंत्री बनाने का दांव खेला है। ऐसा राजस्थान में भी संभावना जताई जा रही है। वैसे राजस्थान में अब तक पांच उपमुख्यमंत्री बन चुके हैं। इनमें चार कांग्रेस राज में तो एक भाजपा के शासन में बना है। भाजपा के शासन में पूर्व मुख्यमंत्री भैरोसिंह शेखावत के कार्यकाल हरिशंकर भाभड़ा बने थे। वैसे राजस्थान में पहली सरकार से ही उपमुख्यमंत्री बनने का रिवाज रहा है। अब तक टीकाराम पालीवाल,बनवारी लाल बैरवा, कमला बेनीवाल,हरिशंकर भाभड़ा व सचिन पायलट उपमुख्यमंत्री बन चुके हैं। इसके अलावा एक ही सरकार में दो-दो उपमुख्यमंत्री भी राजस्थान में रह चुके हैं। अशोक गहलोत की वर्ष 1998 की सरकार में कमला बेनीवाल व बनवारी लाल बैरवा दोनों एक साथ ही उपमुख्यमंत्री पद पर रहे हैं।

3-विधानसभा अध्यक्ष भी होगा नियुक्त

सीएम व डिप्टी सीएम के साथ ही राजस्थान में आज ही विधानसभा अध्यक्ष नियुक्त होने की पूरी संभावना जताई जा रही है। छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह तो मध्यप्रदेश में नरेन्द्र सिंह तोमर को विधानसभा अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। ऐसे में राजस्थान में भी पूरी संभावना जताई जा रही है कि यहां भी मंगलवार को ही सीएम व डिप्टी सीएम के नामों की घोषणा के साथ ही विधानसभा अध्यक्ष के नाम की भी घोषणा हो सकती है। वैसे ज्यादातर सीएम बनने के बाद ही विधानसभा अध्यक्ष बनाए जाते रहे हैं। इससे पहले प्रोटेम स्पीकर ही नए सदस्यों को शपथ दिलाते हैं। यह भी चर्चा है कि सीएम के प्रमुख दावेदारों में से ही विधानसभाअध्यक्ष बनाया जाएगा।

4-नए चेहरे को ही बनाया सीएम

तीनों राज्यों में पुराने चेहरे सीएम के प्रमुख दावेदार माने जा रहे थे। भाजपा आलाकमान में मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में नए चेहरे को एकदम सीएम के रूप में सामने लाकर सबको चौंका दिया है। छत्तीसगढ़ में रमन सिंह व मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह पूर्व मुख्यमंंत्री रहे हैं। ऐसे में ये दोनों नाम प्रमुख माने जा रहे थे। भाजपा ने इन दोनों को दरकिनार कर नए चेहरे को मौका दिया है। छत्तीसगढ़ से विष्णुदेव साय तो मध्यप्रदेश से डॉ.मोहन यादव को सीएम बनाया है। ये दोनों सीनियर लीडर तो हैं। लेकिन सीएम के रेस में नहीं माने जा रहे थे। ऐसे में अब राजस्थान में प्रमुख चेहरा पूर्व मुख्यमंत्री वसुुन्धरा राजे की सीएम बनने की उम्मीदें भी कम होती नजर आ रही हैं। राजे दो बार की मुख्यमंत्री रह चुकीं हैं।

5- तो क्या राजे करेंगी नए सीएम की घोषणा

छत्तीसगढ़ व मध्यप्रदेश में भाजपा ने एक नया रिवाज शुरू किया है। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री व प्रमुख दावेदार से ही नए सीएम के नाम की घोषणा कराई है। इसके पीछे यह भी संभावना जताई जा रही है कि ताकि पार्टी में अंदरूनी विरोध नहीं हो। मध्यप्रदेश में सोमवार को जब मोहन यादव का नाम सामने आया तो इसकी घोषणा वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने की। इसी तरह छत्तीसगढ़ में भी नए सीएम विष्णुदेव साह के नाम की घोषणा पूर्व मुख्यमंत्री रमनसिंह ने की है। यही फार्मूला राजस्थान में भी अपनाया जाता है तो पूर्व मुख्यमंत्री व प्रमुख दावेदार वसुन्धरा राजे से ही नए सीएम की घोषणा कराई जा सकती है।

निवर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को तीन डिप्टी एसपी समेत कुल 5 व्यक्तिगत सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) की सुरक्षा मिल गई है। राजस्थान पुलिस की ओर से 8 दिसंबर को जारी हुए एक आदेश के अनुसार गहलोत की सुरक्षा में तीन डिप्टी एसपी, एक पुलिस निरीक्षक और एक सहायक उप निरीक्षक स्तर के पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे।

 

आदेश में बताया गया है कि निवर्तमान सीएम गहलोत की सुरक्षा में डिप्टी एसपी किशोरीलाल, डिप्टी एसपी रामनिवास और डिप्टी एसपी नीरज मेवानी को तैनात किया गया है। इसी तरह से पुलिस निरीक्षक जगजीवन राम और सहायक उप निरीक्षक भीम सिंह को भी पांच सदस्यीय पीएसओ टीम में शामिल किया गया है। ये आदेश राजस्थान पुलिस के एडीजी इंटेलिजेंस एस सेंगाथिर की ओर से जारी हुए हैं।

 

जननायक को किससे खतरा? : भाजपा
गहलोत को सुरक्षा मिलने पर भाजपा नेताओं ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि गहलोत तो जननायक हैं, उन्हें अचानक आखिर किस बात की सुरक्षा की आवश्यकता पड़ गई, ये स्पष्ट होना चाहिए।

 

राठौड़ ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री को सुरक्षा निश्चित तौर पर मिलनी चाहिए। लेकिन ये भी साफ़ होना चाहिए कि राजस्थान पुलिस की इंटेलिजेंस को ऐसा क्या इनपुट मिला है जिससे उन्हें तीन-तीन डीवाईएसपी स्तर के अफसरों को सुरक्षा में तैनात करना पड़ गया है। जबकि हम कुछ नेताओं ने तो थ्रेट मिलने के बाद भी सुरक्षा की कभी डिमांड नहीं की। ऐसे में चुनाव परिणाम के तुरंत बाद जननायक असुरक्षित महसूस क्यों कर रहे हैं?

प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? इससे पर्दा आज शाम उठ जाएगा। भाजपा विधायक दल की बैठक शाम चार बजे होगी। इसी बैठक में पर्यवेक्षक बनाए गए केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा करेंगे। मुख्यमंत्री के चेहरे के साथ छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की तर्ज पर यहां भी दो उप मुख्यमंत्री बनाए जा सकते हैं। विधानसभा अध्यक्ष का नाम भी तय हो सकता है। संभावना है कि विधायक दल की बैठक के बाद तुरंत ही राज्यपाल के पास जाकर सरकार बनाने का दावा पेश किया जा सकता है।

प्रदेश में तीन दिसम्बर को चुनाव परिणाम आए थे। आठ दिसंबर को ही केन्द्रीय पर्यवेक्षक के रूप में राजनाथ सिंह, विनोद तावड़े और सरोज पांडेय की भी घोषणा हो चुकी। तीनों ही पर्यवेक्षक मंगलवार दोपहर जयपुर पहुंचेंगे। विधायकों को सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे के बीच भाजपा कार्यालय पहुंचने की सूचना दी जा चुकी है। एक बजे बाद विधायकों का रजिस्ट्रेशन शुरू होगा। इसके बाद करीब चार बजे विधायक दल की बैठक शुरू होगी। बैठक में शामिल होने के लिए प्रदेश प्रभारी अरूण सिंह सोमवार को जयपुर पहुंच गए हैं। इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष सी. पी. जोशी भी मौजूद रहेंगे।

विधायकों में से ही बनेगा मुख्यमंत्री, एक पद महिला को देने की संभावना

छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में पार्टी ने विधायकों में से ही मुख्यमंत्री घो षित किया गया है। माना जा रहा है कि राजस्थान में भी यही फॉर्मूला अपनाया जाएगा। विधायकों में से ही किसी एक को सीएम बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री, दो उपमुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष में से कोई एक पद महिला को दिए जाने की संभावना है। वजह है कि छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में किसी महिला को इन पदों पर शामिल नहीं किया गया है। एेसे में राजस्थान में महिला का नाम इन पदों में से किसी एक पास शामिल कर सकते हैं।

विधायक दल की बैठक से पहले चलेगा मुलाकातों का दौर

केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का दोपहर करीब बारह बजे जयपुर पहुंचने का कार्यक्रम है। यहां से वे जवाहर सर्किल स्थित एक होटल पहुंचेंगे। यहां वे साढ़े तीन बजे तक रहेंगे। इसके बाद वे भाजपा कार्यालय आएंगे। माना जा रहा है कि विधायक दल की बैठक से पहले राजनाथ सिंह की कुछ बड़े नेताओं से व्य क्तिगत मुलाकात भी हो सकती है। शाम करीब सात बजे राजनाथ सिंह का जयपुर से जाने का कार्यक्रम है। विधायक दल की बैठक से कुछ देर पहले कोर कमेटी की बैठक भी हो सकती है।

छग-एमपी की तरह यहां भी 60 से कम की उम्र का हो सकता है सीएम

भाजपा ने छत्तीसगढ़ में 59 और मध्यप्रदेश में 58 वर्ष के विधायक को मुख्यमंत्री बनाया है। माना जा रहा है कि राजस्थान में भी भाजपा इसी उम्र के आसपास के किसी विधायक को मुख्यमंत्री बना सकती है। सबसे ज्यादा संभावना 55 से 60 साल के बीच के विधायक की ही बन रही है। पार्टी शुरू से ही इसी तर्ज पर चुनाव में ाकाम कर रही थी कि उन्हें पीढ़ी में बदलाव करना है और आगे के पन्द्रह साल की राजनीति को देखते हुए सीएम तय करना है।

राजस्थान में मंगलवार को भाजपा अपने नए मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा कर देगी। यह चेहरा कौन होगा। इसे लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं और आठ से दस नामों की चर्चाएं भी राजनीतिक हल्कों में चल रही है। लेकिन, सीएम चेहरे को लेकर राजस्थान में भी वही होगा, जो मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में हुआ है।
मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा ने विधायक दल की बैठक में किसी तरह की रायशुमारी नहीं की थी। सीधे मुख्यमंत्री के नामों की घोषणा की गई। यहां भी राजनाथ सिंह सीधे नाम की घोषणा करेंगे। छत्तीसगढ़ में पूर्व सीएम रमन सिंह और मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह ने नए सीएम के नाम का प्रस्ताव रखा था। यहां यह प्रस्ताव कौन रखेगा? यह अभी तय होना बाकी है। प्रदेश अध्यक्ष सी पी जोशी का स्वागत भाषण भी होगा।

राजनाथ के पास आएगा फोन या आएगी पर्ची, फिर होगी घोषणा

पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह की रणनीति के तहत जो प्रक्रिया छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में अपनाई गई। वही प्रक्रिया यहां भी अपनाई जाएगी। सीएम का नाम पूरी तरह से गोपनीय रखा जाएगा। शाम चार बजे बैठक शुरू होगी। इसी बैठक के बीच भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा का राजनाथ सिंह के पास फोन आएगा या फिर एक पर्ची आएगी, जिस पर सीएम का नाम लिखा होगा। राजनाथ सिंह इसके बाद सीएम के चेहरे की घोषणा करेंगे। इसी बैठक में उप मुख्यमंत्रियों और विधानसभा अध्यक्ष के नाम की घोषणा भी कर दी जाएगी।

भाजपा ने छत्तीसगढ़ में दलित आदिवासी और मध्यप्रदेश में ओबीसी को मुख्यमंत्री बनाकर जातिगत समीकरण साधे हैं। माना जा रहा है कि राजस्थान में भाजपा किसी सामान्य वर्ग के विधायक को मुख्यमंत्री बना सकती है। प्रदेश में राजपूत, ब्राह्मण, जाट या दलित वर्ग को साधने के लिए पार्टी बड़ा निर्णय लेने की रणनीति पर काम कर रही है।

यदि राजपूत को मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो जाट व ब्राह्मण को उप मुख्यमंत्री और किसी दलित चेहरे को विधानसभा अध्यक्ष बनाया जा सकता है। यदि सीएम का चेहरा ब्राह्मण होगा तो राजपूत और जाट उप मुख्यमंत्री बनाए जा सकते हैं। एक चर्चा यह भी है कि दलित विधायक को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है। भाजपा ने पिछले दो दशक से अभी तक डिप्टी सीएम के फार्मूले पर काम नहीं किया है। य दि डिप्टी सीएम बनते हैं तो इस दशक में ये पहली बार ही होगा कि भाजपा किसी को उप मुख्यमंत्री बनाएगी। इससे पहले 1993 में भाजपा ने हरीशंकर भाभड़ा को उप मुख्यमंत्री बनाया था।

विधानसभा में प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करने की तैयारी शुरू

विधायकाें को शपथ दिलवाने के लिए विधानसभा ने प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करने की तैयारी शुरू कर दी है। विधानसभा ने दस वरिष्ठ विधायकों की सूची बनाकर राज्यपाल को भेज दी है। अब राज्यपाल को इन दस विधायकों में से एक को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करना है। विधानसभा के प्रमुख सचिव महावीर शर्मा की ओर से राज्यपाल को जो दस नाम भेजे गए हैं, उनमें कालीचरण सराफ, दयाराम परमार,प्रताप सिंह सिघवी, कार्यवाहक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, राजेन्द्र पारीक, श्रवण कुमार,मदन दिलावर, पुष्पेन्द्र सिंह राणावत, किरोडी लाल मीना का नाम शामिल है। पिछली बार प्रोटेम स्पीकर गुलाब चंद कटारिया को बनाया गया था और 15 जनवरी, 2019 से विधायकों को शपथ दिलवाना शुरू किया गया था। माना जा रहा है कि इस बार भी विधायकों को पन्द्रह जनवरी के आसपास ही सत्र बुलाकर शपथ दिलवाई जा सकती है।

राजस्थान की सियासत में नए मुख्यमंत्री का एलान मंगलवार को हो जाएगा। माना जा रहा है कि यह काेई चौंकाने वाला नाम भी हो सकता है और इसके साथ ही जातीय समीकरण साधने के लिए दो उपमुख्यमंत्री भी बनाए जा सकते है। राजस्थान में अब तक चार सरकारों में पांच उपमुख्यमंत्री रहे है। इनमें तीन सरकारों में एक - एक उप मुख्यमंत्री और एक बार दो उप मुख्यमंत्री एक साथ बनाए गए थे। यहीं नहीं अब तक जयपुर जिले से एक विधायक और टोंक जिले से जीते 2 विधायकों को उपमुख्यमंत्री बनने का अवसर मिला है।

जयपुर जिले से कमला को मिला डिप्टी सीएम बनने का मौका- कांग्रेस की वरिष्ठ नेता कमला को गहलोत सरकार के पहले कार्यकाल में डिप्टी सीएम बनाया गया था। वे उस वक्त बैराठ अब विराटनगर सीट से विधायक थी और मंत्री भी थी। फिर जनवरी 2000 में उन्हें डिप्टी सीएम बनाया गया था। इसके बाद उनके पुत्र आलोक बेनीवाल शाहपुरा सीट से 2018 में निर्दलीय विधायक चुने गए थे। अब की बार भी उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा लेकिन कांग्रेस के मनीष यादव से चुनाव हार गए।

बैरवा और पायलट थे टोंक जिले से विधायक- कमला के साथ ही पहली गहलोत सरकार में निवाई से विधायक रहे बनवारी लाल बैरवा को भी उप मुख्यमंत्री बनाया गया था। इसके बाद 2018 में तब अशोक गहलोत तीसरी बार मुख्यमंत्री बने तो सचिन पायलट काे उप मुख्यमंत्री बनाया गया था। पायलट टोंक से विधायक थे और अब की बार भी वे टोंक से ही विधायक बने है।

शेखावत ने भाभड़ा को बनाया था उप मुख्यमंत्री- पूर्व म़ुख्यमंत्री भैराेंसिंह शेखावत के तीसरे मुख्यमंत्री के कार्यकाल में अक्टूबर 1994 से नवंबर 1998 तक हरिशंकर भाभड़ा को उप मुख्यमंत्री बनाया था। भाभड़ा रतनगढ़ सीट से विधायक थे। भाभड़ा इससे पहले वे विधानसभा स्पीकर थे।

अब तक पांच नेताओं को मिला मौका- पहले उपमुख्यमंत्री महवा सीट से विधायक टीकाराम पालीवाल थे जिन्हें जयनारायण व्यास के मुख्यमंत्री काल में यह पद दिया गया था। पालीवाल आठ माह तक मुख्यमंत्री भी बने थे। प्रदेश में अब तक चार सरकारों में उप मुख्यमंत्री बनाए गए है इनमें तीन में कांग्रेस और एक में भाजपा सरकार में इस पद पर नियुक्ति की जा चुकी है।


पूर्व उप मुख्यमंत्री- सीट- कार्यकाल- पार्टी
टीकाराम पालीवाल- महवा- एक नवंबर 1952 से 54- कांग्रेस
हरिशंकर भाभड़ा- रतनगढ़- 6 अक्टूबर 1994 से 29 नवंबर 1998- भाजपा
बनवारीलाल बैरवा- निवाई- 25 जनवरी 2000 से 8 दिसंबर 2003- कांग्रेस
कमला- बैराठ- 25 जनवरी 2000 से 8 दिसंबर 2003- कांग्रेस
सचिन पायलट- टोंक - 17 दिसंबर 2018 से 14 जुलाई 2020- कांग्रेस

फिरोज सैफी
प्रदेश में नई सरकार के गठन को लेकर चल रहे काउंटडाउन पर अब ब्यूरोक्रेसी में भी हलचल तेज है। प्रदेश में मुख्यमंत्री और मंत्री कौन होंगे, इस पर नौकरशाही में चर्चाएं जोरों पर हैं।

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प्रदेश में नई सरकार के गठन को लेकर चल रहे काउंटडाउन पर अब ब्यूरोक्रेसी में भी हलचल तेज है। प्रदेश में मुख्यमंत्री और मंत्री कौन होंगे, इस पर नौकरशाही में चर्चाएं जोरों पर हैं। इसी बीच सरकार बदलने के साथ ही केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर गए कई आईएएस-आईपीएस अधिकारी भी अब घर वापसी की राह तलाश रहे हैं। सूत्रों की मानें तो प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली गए आईएएस-आईपीएस अब अपने संपर्कों के जरिए जयपुर आने के प्रयास में जुटे हैं। केंद्र सरकार में राजस्थान कैडर के 40 से ज्यादा आईएएस-आईपीएस अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर हैं। इनमें कई अधिकारी ऐसे भी हैं जो भाजपा सरकार और निवर्तमान गहलोत सरकार में प्राइम पोस्ट पर रहे हैं, लेकिन बाद में दिल्ली चले गए थे।

ये प्रतिनियुक्ति पर
आईएएस : वी श्रीनिवास, रोहित कुमार सिंह, सुधांशु पंत, तन्मय कुमार, नरेश पाल गंगवार, मुग्धा सिन्हा, सिद्धार्थ महाजन, मुक्तानंद अग्रवाल और अभिमन्यु कुमार।

आईपीएस : नीना सिंह, राजेश निर्माण, आलोक कुमार वशिष्ठ, जोस मोहन, नितिनदीप, के. बी वंदना, डॉन के जॉन्स, लवली कटियार, प्रीति जैन, राहुल जैन।

हाशिए पर चल रहे अधिकारी भी चाहते हैं प्राइम पोस्टिंग
इधर गहलोत सरकार में हाशिए पर रहे कई अधिकारी भी अब अपने संपर्कों के जरिए प्राइम पोस्टिंग पाने की कोशिश में लगे हैं। वसुंधरा सरकार में पावरफुल रहे तन्मय कुमार जैसे अधिकारी गहलोत सरकार कार्यकाल में हाशिए पर रहे थे बाद में दिल्ली चले गए।

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मंत्री-अधिकारियों मेंहुआ था विवाद
दरअसल गहलोत सरकार में कई आईएएस अधिकारियों की मंत्रियों के साथ पटरी नहीं बैठ पाई थी। कई बार मंत्रियों ने अधिकारियों को जमकर निशाने पर लिया था। विवादों के बाद कई वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों ने राजस्थान में रहने की बजाय दिल्ली का रुख कर लिया था। ऐसे में अब सरकार बदलने के बाद दिल्ली गए अधिकारी फिर से राजस्थान आने पर विचार कर रहे हैं।

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सर्वे-सर्वा हनुमान बेनीवाल एक ही समय में विधायक और सांसद, दोनों बने बैठे हैं। वे राजस्थान विधानसभा चुनाव के हालिया घोषित परिणाम के बाद खींवसर विधानसभा सीट से विधायक चुने गए हैं, जबकि नागौर की लोकसभा सीट से सांसद पद से इस्तीफा नहीं देने के चलते सांसद भी बने हुए हैं। ऐसे में अब चर्चाएं इस बात तक की होने लगी हैं कि क्या बेनीवाल सांसदी छोड़कर विधायक का ज़िम्मा संभालेंगे या फिर कोई 'मास्टर स्ट्रोक' खेलकर विधायकी त्यागकर सांसदी बरकरार रखेंगे?

 

संसद की कार्यवाही में हो रहे शामिल
3 दिसंबर को विधानसभा चुनाव नतीजे घोषित होने को सप्ताह भर से ज़्यादा का समय बीत गया है। लेकिन हनुमान बेनीवाल ने अभी तक संसद की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है। वे लोकसभा में सोमवार की कार्यवाही ना सिर्फ शामिल ही हुए बल्कि वर्ष 2023-24 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों व वर्ष 2020-21 के लिए अतिरिक्त अनुदान की मांगो पर हुई चर्चा में राजस्थान सहित देश के प्रमुख मुद्दों को सदन में उठाया भी।

 

विधायक बने तीन सांसद दे चुके इस्तीफा
हनुमान बेनीवाल को छोड़ सांसद से विधायक चुने गए राजस्थान के तीन नेता अपनी सांसदी पद से इस्तीफा दे चुके हैं। इनमें राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और दिया कुमारी लोकसभा सांसद पद से तो डॉ किरोड़ी लाल मीणा राज्य सभा सांसद पद से इस्तीफा दे चुके हैं। ये तीनों विधायक अपने-अपने क्षेत्र से भाजपा पार्टी से सांसद रह चुके हैं। केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर इन सभी नेताओं ने विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीतकर अब विधायक बन गए हैं।

 

सांसदी के बचे हैं महज़ 5 माह
नागौर से सांसद बनने के बाद हनुमान बेनीवाल ने 23 मई 2019 को औपचारिक रूप से सांसद पद पर ज़िम्मा संभाल लिया था। 5 साल के अनुसार उनका कार्यकाल 23 मई 2024 को पूरा होना है। ऐसे में उनके पास लगभग पांच माह का कार्यकाल शेष रह गया है।

 

अगला कदम क्या... सस्पेंस बरकरार
विधायक चुने जाने के एक हफ्ते बाद तक सांसदी पद से इस्तीफा नहीं देना और संसद की कार्यवाही में लगातार शामिल होने के बीच हनुमान बेनीवाल को लेकर भी अब कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। क्या वे सांसद पद से इस्तीफा देते हैं या अचानक कोई मास्टर स्ट्रोक खेलकर सभी को हैरान कर देते हैं, इस पर आरएलपी पार्टी समेत राजनीतिक गलियारों से लेकर सोशल मीडिया तक में चर्चाएं हो रही हैं। यहां तक की पार्टी नेताओं और खुद हनुमान बेनीवाल तक ने चुप्पी साधी हुई है। ऐसे में बेनीवाल के अगले कदम को लेकर सस्पेंस बना हुआ है।


क्या हैं संवैधानिक प्रावधान?
- संविधान के अनुच्छेद 101(2) के मुताबिक, अगर कोई लोकसभा का सदस्य विधानसभा का चुनाव लड़ता है और जीत जाता है तो उसे नोटिफिकेशन जारी होने के 14 दिन के भीतर किसी एक सदन से इस्तीफा देना ज़रूरी होता है। इसी तरह अगर किसी विधानसभा का सदस्य लोकसभा का सदस्य बन जाता है तो उसे भी 14 दिन के भीतर इस्तीफा देना ज़रूरी रहता है। अगर वो ऐसा नहीं करता तो उसकी लोकसभा की सदस्यता स्वतः ही खत्म हो जाती है।

 

विधायकी से इस्तीफा तो क्या?

अगर कोई सांसद संसद की सदस्यता से इस्तीफा नहीं देते हैं और विधायकी पद छोड़ देते हैं, ऐसी स्थित में उनकी सीट पर दोबारा चुनाव कराए जाएंगे। जानकारी के अनुसार रिप्रेजेंटेटिव्स ऑफ पीपुल्स एक्ट 1996 की धारा 151A के तहत विधानसभा की खाली हुई सीट पर चुनाव आयोग को 6 महीने के भीतर चुनाव कराने होते हैं।

जयपुर। सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या में लॉरेंस ग्रुप का हाथ होने की वजह से अब मामले की जांच अब नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी करेगी। एनआईए की एक टीम जयपुर पहुंची है। इस मामले में आरोपियों के खिलाफ जांच एजेंसी ने मुकदमा भी दर्ज किया है। आज एनआईए कोर्ट में अधिकारी एप्लीकेशन लगाकर पकड़े गए आरोपियों की कस्टडी लेंगे। आईजी केबी वंदना की टीम पूरा मामला देख रही है। एनआईए की टीम लॉरेंस से जुड़े कई सवालों को लेकर बदमाशों से पूछताछ करेगी।

वहीं अब इस मामले में लेडी डॉन पूजा सैनी के गिरफ्तार होने के बाद सामने आ गया है कि उसके पति महेंद्र हथियारों की सप्लाई करता था। लॉरेंस का काम संभालता था। महेंद्र एके 47 लेकर फरार हो चुका है। जिसकी तलाश जारी है। पुलिस को ए के 47 से जुड़े तथ्य मिले है। जिसके आधार पर माना जा रहा है कि राजू ठेहठ हत्याकांड से भी इसके तार जुड़े हो सकते है।

बता दे कि सुखदेव सिंह की हत्या पांच दिसंबर को हुई, जब वह घर में थे। अचानक तीन अपराधी घर में घुस आए और सुखदेव पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। वहां मौजूद लोगों ने सुखदेव को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। इस मर्डर केस से जुड़ा एक बदमाश नवीन शेखावत भी मारा गया। उसी के साथियों ने उसे मौके पर ही गोली मार दी।

वारदात में शामिल बदमाश रोहित और नितिन फौजी जयपुर से हिसार भाग गए। यहां पर रुकने के बाद वह मनाली चले गए। लेकिन उन्हें लगा कि वह पकड़े जाएंगे तो दोनों चंडीगढ़ भाग गए। यहां पर दोनों की उधम नाम के एक युवक ने मदद की। उधम की मदद से दोनों ने फेक आईडी पर एक होटल लिया। लेकिन पुलिस को इसकी भनक लग गई। इसके बाद मोबाइल लोकेशन के आधार पर दोनों बदमाशों को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया।

बता दें कि सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या लॉरेंस गैंग से जुड़े अपराधियों के इशारे पर किया गया। लॉरेंस गैंग के गुर्गे वीरेंद्र ने रोहित और नितिन की मदद की। पुलिस के मुताबिक इसी ने सुखदेव की हत्या के लिए हथिय़ार उपलब्ध कराए। वीरेंद्र ने ही सुखदेव की फोटो दिखाई थी। साथ ही लालच दिया था कि उन्हें विदेश भेज देगा।

जयपुर। चोरी का एक अनोखा मामला सामने आया है। मामला करौली जिले का है। जहां तीन चोर चोरी करने पहुंचे। एक चोर नशे में गद्दे पर सो गया। उसके बाद पुलिस ने उसे जगाया और अपने साथ लेकर चली गई। अब पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रहीं है। पुलिस के अनुसार कायस्थ खिड़कियां स्थित एक मकान में किराना व्यवसाई रामअवतार गुप्ता का गोदाम बना है। जिसमें चोरों ने छत पर लगे लोहे के जाल को काटकर घर में अंदर प्रवेश किया। तीन चोरों ने मौके पर ही स्मैक का नशा किया। जिनमें से दो चोर कुछ सर्फ के कट्टे और सामान को लेकर भाग गए। एक चोर बगल के कमरे में पड़े रजाई गद्दों पर सो गया। नशे के कारण चोर को नींद आ गई।

सुबह पड़ोसियों ने दुकानदार को गेट खुले होने की सूचना दी। सूचना पर दुकानदार रामावतार गुप्ता मौके पर पहुंचा, तो कमरों के ताले टूटे मिले। चोरी का अंदेशा होने के कारण उसने तुरंत कोतवाली थाना पुलिस को सूचना दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मकान के गोदाम में बने कमरों की गहनता से जांच पड़ताल की। इस दौरान एक कमरे में उन्हें एक चोर बिस्तर पर सोता हुआ मिला। जिसे हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ की जा रही है।

जयपुर. प्रदेश में बीती रात फिर से पारे में हुई आंशिक बढ़ोतरी के बाद भी गलन वाली सर्दी का जोर बना रहा है। जयपुर समेत कई जिलों में रात के तापमान में एक से चार डिग्री तक बढ़ोतरी हुई। हवा में मौजूद नमी से लोगों को गलन वाली सर्दी महसूस हो रही है। हालांकि मौसम विभाग ने आगामी दिनों में प्रदेश में मौसम शुष्क रहने और आसमान साफ रहने पर पारे में गिरावट होने का पूर्वानुमान जताया है।

मैदानी इलाकों में फतेहपुर सबसे सर्द
शेखावाटी अंचल में बीती रात मौसम सर्द रहा। सीकर शहर में जहां बीती रात के तापमान में पारा करीब 4 डिग्री तक उछलकर 9.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ। जबकि जिले का फतेहपुर कस्बा 5.7 डिग्री न्यूनतम तापमान के साथ मैदानी इलाकों में सबसे सर्द रहा है।

12 जिलों में बीती रात पारा 10 डिग्री से कम
प्रदेश के 12 जिलों में अब भी रात का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम दर्ज किया गया है। संगरिया 7.0, जालोर 7.2, अलवर 8.4, सिरोही 8.0, पिलानी 9.0, भीलवाड़ा 9.4, अंता बारां 9.1, करौली 8.6, चूरू 8.4, श्रीगंगानगर 8.9 और जोधपुर में 9.0 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान रहा है।

फलोदी- कोटा में सर्दी के तेवर नरम
बीती रात फलोदी में न्यूनतम तापमान 16.2 डिग्री रहा जो मैदानी इलाकों में सर्वाधिक रहा है। कोटा 12.0, जैलसमेर 12.8, अजमेर 11.8 डूंगरपुर 12.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जयपुर में भी बीती रात पारा एक डिग्री बढक़र 11.5 डिग्री सेल्सियस रेकॉर्ड हुआ। जयपुर में बीती रात हवा की रफ्तार धीमी रही लेकिन नमी के कारण पारे में बढ़ोतरी होने पर भी शहरवासियों को गलन वाली सर्दी का अहसास हुआ। शहर में सुबह शाम में सर्दी के तेवर तीखे रहे हैं हालांकि दिन में धूप की तपिश में गर्माहट भी महसूस हो रही है।

जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनावों के बाद इनकम टैक्स विभाग फिर एक्टिव हो गया है। पाली जिले में सुबह 6 बजे जैसे ही 25 से 30 कारों में सवार होकर इनकम टैक्स के अधिकारियों ने एक औद्योगिक समूह के कई ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। इसके बाद व्यापारियों में हड़कंप मच गया।

जानकारी के अनुसार पाली में गोगड़ फेब्रिक्स पर इनकम टैक्स की टीम ने छापा मारा है। जहां अभी जांच कार्रवाई चल रही है। इसके साथ ही गोगड़ फेब्रिक्स के मालिक के घर वीडी नगर में भी टीम ने दबिश दी है। इसके साथ ही मुनीम हाउसिंग बोर्ड में रहता है। जिसके यहां भी इनकम टैक्स की टीम पड़ताल कर रहीं है।

इस दौरान पाली पुलिस भी मौके पर मौजूद है। जिन ठिकानों पर इनकम टैक्स की जांच कार्रवाई चल रही है। वहां पर पुलिस सुरक्षा तैनात है। बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश रोक दिया गया है। बताया जा रहा है कि आय से अधिक संपति के मामले में आयकर विभाग की ओर से छापेमारी की जा रही है।

गोगड़ फेब्रिक्स के मालिक दो भाई है। पीयूष गोगड़ और भरत गोगड़ की पाली के अलावा दूसरे जिलों में भी फैक्ट्रियां बताई जा रही है। सामने आ रहा है कि पाली के साथ ब्यावर में भी इनकम टैक्स की टीम ने फैक्ट्री व अन्य स्थानों पर दबिश दी है। सुबह से ब्यावर में भी आयकर विभाग के अधिकारी फैक्ट्री व अन्य ठिकानों पर दस्तावेज खंगाल रहे है। प्रदेश में कई स्थानों पर इनकम टैक्स की टीम की छापेमारी कार्रवाई चल रही है। बालोतरा, उदयपुरवाटी व कई अन्य स्थानों पर भी व्यापारियों की फेक्ट्रियां होने की वजह से यहां भी इनकम टैक्स की कार्रवाई होने की बात सामने आ रहीं है। गोगड़ फेब्रिक्स की ओर से कपड़ों की रंगाई छपाई का काम किया जाता है। राजस्थान में और बाहर दूसरे कई राज्यों में व्यापार किया जाता है।

शिवदासपुरा से चौंमू या वीकेआई तक जयपुर मेट्रो के विस्तार में केन्द्र सरकार का सहयोग भी लिया जाएगा। राज्य में भाजपा सरकार आने के बाद यह प्रस्ताव राजस्थान सरकार के जरिये केन्द्र को भेजा जाएगा। केन्द्र से स्वीकृति मिलती है तो अभी तक राज्य कोष से संचालित मेट्रो के विस्तार में केन्द्र से भी सहयोग मिलेगा।

जयपुर मेट्रो का शिवदासपुरा से वीकेआई या चौंमू तक विस्तार होता है तो जयपुर शहर में यातायात समस्या से काफी हद तक निजात मिल सकेगी। गौरतलब है कि भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में भी मेट्रो के विस्तार की घोषणा की थी। जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा का कहना है कि ये सभी काम स्मार्ट सिटी से जुड़े हैं। जयपुर टूरिस्ट सेंटर है, टेरिस्ट यहां आते हैं तो वे अच्छ भाव लेकर जाते हैं। करतारपुरा नाला भी इससे दृव्यवती का रूप ले सकेगा। जयपुर मेट्रो का भी केन्द्र के सहयोग से विस्तार करने की कोशिश करेंगे।

करतारपुरा नाले को पक्का करने सहित बिजली के तारों को भूमिगत करने के काम अब केन्द्र सरकार के सहयोग से कराए जाने की कोशिशें शुरू हो गई है। करतारपुरा नाले के लिए केन्द्र की अमृत योजना और बिजली के तार भूमिगत करेन का काम स्मार्ट सिटी योजना में शामिल कराने की कोशिशें शुरू हो गई हैं। लोकसभा के मौजूदा शीतकालीन सत्र में यह मुद्दे उठाए जाने की संभावना है।

इन विधानसभा पर रहेगा फोकस

जयपुर शहर के हवामहल, किशनपोल, आदर्श नगर और मालवीय नगर विधानसभा क्षेत्र में बिजली के खुले तारों की समस्या सबसे अधिक है। हाल ही संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में भी यह प्रमुख मुद्दे रहे। जयपुर शहर में सड़क दुर्घटनाएं रोकने और ब्लैक स्पॉट खत्म करने के लिए केन्द्र सरकार के जरिये सीएअसआर फंड और राष्ट्रीय राजामार्ग के माध्यम से काम किया जाएगा। केन्द्र सरकार देश में सात टैक्सटाइल पार्क शुरू करने की घोषणा कर चुका है। राज्य के सांसदों की कोशिश है कि इनमें से एक जयपुर या राजस्थान के किसी अन्य शहर को मिलना चाहिए।

राजस्थान प्रदेश का नया मुख्यमंत्री कौन होगा, इसे लेकर बहुप्रतीक्षित सस्पेंस बस अब कुछ ही देर में दूर होने वाला है। नए सीएम के ऐलान के लिए केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित तीन पर्यवेक्षक जयपुर पहुंच गए हैं। इन तीनों पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में शाम 4 बजे भाजपा विधायक दल की बैठक होगी और यहीं पर नए सीएम के नाम की घोषणा होगी।

 

राजनाथ सिंह चार्टर विमान से दिल्ली से जयपुर एयरपोर्ट पहुंचे। दो सह पर्यवेक्षक सरोज पांडेय और विनोद तावड़े भी उनके सतह रहे। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी भी दिल्ली से जयपुर पहुँचने वाले नेताओं में से एक रहे।

जयपुर एयरपोर्ट पहुँचने पर राजनाथ सिंह समेत अन्य नेताओं का राजस्थान के नेताओं की ओर से गर्मजोशी से स्वागत किया गया। स्वागत करने वालों में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी भी मौजूद रहे। तीनों पर्यवेक्षकों को राजस्थानी परम्परा अनुसार साफे पहनाकर स्वागत किया गया।

गौरतलब है कि प्रदेश में तीन दिसम्बर को चुनाव परिणाम आए थे। पांच दिन बाद 8 दिसंबर को केन्द्रीय पर्यवेक्षक के रूप में राजनाथ सिंह, विनोद तावड़े और सरोज पांडेय की भी घोषणा हुई थी।

 

पहले फोन, फिर पर्ची...
पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह की रणनीति के तहत जो प्रक्रिया छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में अपनाई गई। वही प्रक्रिया यहां भी अपनाई जाएगी। सीएम का नाम पूरी तरह से गोपनीय रखा जाएगा। शाम चार बजे बैठक शुरू होगी।

 

इसी बैठक के बीच भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा का राजनाथ सिंह के पास फोन आएगा या फिर एक पर्ची आएगी, जिस पर सीएम का नाम लिखा होगा। राजनाथ सिंह इसके बाद सीएम के चेहरे की घोषणा करेंगे। इसी बैठक में उप मुख्यमंत्रियों और विधानसभा अध्यक्ष के नाम की घोषणा भी कर दी जाएगी।

 

कोई रायशुमारी नहीं... सीधे ऐलान
राजस्थान में मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा? इसे लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं और 8 से 10 नामों की चर्चा भी चल रही है। लेकिन, सीएम चेहरे को लेकर राजस्थान में भी वही होगा, जो मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में हुआ है। वहां भाजपा ने विधायक दल की बैठक में किसी तरह की रायशुमारी नहीं की थी। सीधे मुख्यमंत्री के नामों की घोषणा की गई। यहां भी राजनाथ सिंह नाम की सीधे ही घोषणा करेंगे।

 

कौन रखेगा नए सीएम का प्रस्ताव?
छत्तीसगढ़ में पूर्व सीएम रमन सिंह और मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह ने नए सीएम के नाम का प्रस्ताव रखा था। यहां यह प्रस्ताव कौन रखेगा? यह अभी तय होना बाकी है। प्रदेश अध्यक्ष सी पी जोशी का स्वागत भाषण भी होगा।

 

बन सकते हैं दो डिप्टी सीएम
मुख्यमंत्री के चेहरे के साथ ही छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की तर्ज पर यहां भी दो उप मुख्यमंत्री बनाये जा सकते हैं। वहीं विधानसभा अध्यक्ष का नाम भी तय हो सकता है।

 

हाथों-हाथ सरकार बनाने का दावा !
संभावना है कि विधायक दल की बैठक के बाद तुरंत ही राज्यपाल के पास जाकर सरकार बनाने का दावा पेश किया जा सकता है। सरकार बनाने के दावे के समय राज्यपाल को भाजपा 123 से ज्यादा विधायकों का समर्थन पत्र सौंप सकती है।

 

शुरू हुआ विधायकों के आने का सिलसिला
विधायक दल की बैठक में शामिल होने के लिए नए विधायकों के आने का सिलसिला दोपहर बाद से शुरू हो गया। दोपहर ठीक एक बजे से विधायकों का रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया। इसके बाद करीब चार बजे विधायक दल की बैठक में शामिल होने के लिए प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह भी जयपुर पहुंच गए। इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष सी पी जोशी भी मौजूद रहेंगे।

 

60 से कम की उम्र का बनेगा सीएम!

भाजपा ने छत्तीसगढ़ में 59 और मध्यप्रदेश में 58 वर्ष के विधायक को मुख्यमंत्री बनाया है। माना जा रहा है कि राजस्थान में भी भाजपा इसी उम्र के आसपास के किसी विधायक को मुख्यमंत्री बना सकती है। सबसे ज्यादा संभावना 55 से 60 साल के बीच के विधायक की ही बन रही है। पार्टी शुरू से ही इसी तर्ज पर चुनाव में काम कर रही थी कि उन्हें पीढ़ी में बदलाव करना है और आगे की पन्द्रह साल की राजनीति को देखते हुए सीएम तय करना है।

Rajasthan New CM: राजस्थान की राजनीति के लिए आज काफी अहम दिन है। दरअसल आज शाम भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान करेगी। वहीं दूसरी तरफ भाजपा मुख्यालय पूरी तरह से भगवा रंग में नजर आ रहा है। बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है। भाजपा मुख्यालय पर विधायक दल की बैठक की सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष श्रवण सिंह बागड़ी ने कहा कि बीजेपी कार्यालय में सभी विधायकों का साफा पहनाकर और तिलक लगाकर स्वागत किया जा रहा है। भाजपा विधायक दल की बैठक शाम 4 बजे प्रदेश कार्यालय में होगी। बता दें कि राजस्थान के लिए राजनाथ सिंह, विनोद तावड़े और सरोज पांडेय को केंद्रीय पर्यवेक्षक बनाया गया है।

राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि आज विधायक दल की बैठक है। पर्यवेक्षक आज पहुंच जाएंगे। उसके बाद बैठक होगी और शाम 5 बजे तक सारी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। मैं इस रेस में नहीं हूं। वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री के बारे में पूछे जाने पर बीजेपी सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में आपका विश्लेषण गलत निकला। आपको सरप्राइज के लिए तैयार रहना चाहिए। राजस्थान बीजेपी विधायक जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि राजस्थान में मुख्यमंत्री तय करने के लिए मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसी ही प्रक्रिया अपनाई जाएगी। राजस्थान में कुछ भी हो सकता है।

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भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि राजनीति संभावनाओं का खेल है, विधायक दल आज शाम में निर्णय करेगा कि राजस्थान किसके हाथ में होगा। इसका निर्णय दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता करेंगे जिनके चेहरे, नाम और नीतियों के आधार पर राजस्थान की जनता ने डबल इंजन की सरकार को जनादेश दिया है। कोई विवाद नहीं है, भाजपा में सबसे बड़ा पद कार्यकर्ता का है। नामों पर चर्चा होती रहती है पर निर्णय वही होगा जो हमारा आलाकमान तय करेगा।

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जयपुर। राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इससे पर्दा कुछ समय बाद उठ जाएगा। भाजपा विधायक दल की बैठक शाम चार बजे होगी। इसी बैठक में पर्यवेक्षक बनाए गए केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा करेंगे। वहीं दोपहर 1.45 बजे तीनों पर्यवेक्षक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विनोद तावड़े और सरोज पांडेय जयपुर पहुंच गए।

भाजपा के सभी विधायकों का पार्टी कार्यालय पहुंचना शुरु हो गया है। एमपी और छत्तीसगढ़ की तरह राजस्थान में भी किसी भाजपा नए फेस को सीएम का पद देकर चौंका सकती है। अभी तक छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में संघ की पसंद को तवज्जो दी गई है। ऐसे में राजस्थान में भी संघ की पसंद को सीएम ही कुर्सी दी जा सकती है। मुख्यमंत्री के नाम को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे है और आठ से दस नामों की चर्चा भी चल रही है। इस बीच, केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी के दिल्ली में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। उनके दिल्ली आवास पर सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। सियासी गलियारों में इसको लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। कैलाश चौधरी का शाम को जयपुर पहुंचने का कार्यक्रम है।

शाम को पूरी स्थिति साफ हो जाएगी
बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि आज शाम को फैसला हो जाएगा कि राजस्थान किसके हाथ में होगा। यह फैसला दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता लेंगे, जिनकी नीतियों पर यह चुनाव लड़ा गया। प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि शाम को पूरी स्थिति साफ हो जाएगी। राजनाथ सिंह एयरपोर्ट से सीधे होटल ललित जाएंगे। वो विधायक दल की बैठक में शामिल होने के लिए शाम 4 बजे प्रदेश बीजेपी कार्यालय पहुंचेंगे और शाम 6:30 बजे तक करीब ढाई घंटे तक वहीं रहेंगे, जिसके बाद शाम 7 बजे वह दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे।

फोन या आएगी पर्ची, फिर होगी घोषणा
पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह की रणनीति के तहत जो प्रक्रिया छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में अपनाई गई। वही प्रक्रिया यहां भी अपनाई जाएगी। सीएम का नाम पूरी तरह से गोपनीय रखा जाएगा। शाम चार बजे बैठक शुरू होगी। इसी बैठक के बीच भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा का राजनाथ सिंह के पास फोन आएगा या फिर एक पर्ची आएगी, जिस पर सीएम का नाम लिखा होगा। राजनाथ सिंह इसके बाद सीएम के चेहरे की घोषणा करेंगे। इसी बैठक में उप मुख्यमंत्रियों और विधानसभा अध्यक्ष के नाम की घोषणा भी कर दी जाएगी।

जयपुर। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में सीएम फेस का ऐलान होने के बाद राजस्थान में कौन सरताज बनेगा, ये आज साफ होने वाला है। नए सीएम की घोषणा से पहले भाजपा पार्टी कार्यालय को दुल्हन की तरह सजाया गया है। यहां मोदी सरकार की योजनाओं के होर्डिंग लगाए गए हैं। साथ ही चारों तरफ पार्टी के पुराने नेताओं की तस्वीरें भी लगाई गई हैं। अयोध्या के राम मंदिर बनाने का भी होर्डिंग भी यहां लगाया गया है। मुख्य दरवाजे से कारपेट बिछाया गया है। पार्टी में आज आम कार्यकर्ताओं की एंट्री बंद रहेगी।


पार्टी कार्यालय पर आज शाम चार बजे विधायक दल की बैठक में नवनिर्वाचित विधायक अपने नेता को चुनेंगे। इससे पहले पर्यवेक्षक भी विधायकों और वरिष्ठ नेताओं का मन टटोलेंगे। हालांकि राजस्थान में क्या होगा इसके कयास अभी से लगाए जाने लगे हैं। इसको लेकर चर्चा है कि क्या वसुंधरा राजे की जगह किसी और को सीएम बनाकर पार्टी रिवाज बदलेगी। केंद्रीय पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह जयपुर पहुंच गए हैं। अन्य दो पर्यवेक्षक सरोज पांडे और विनोद तावड़े भी बैठक में मौजूद रहेंगे। सभी विधायकों को पार्टी कार्यालय पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं। यहां पहले रजिस्ट्रेशन और फिर लंच होगा। इसके बाद विधायक दल की बैठक होगी। बैठक में सीएम के साथ—साथ दो डिप्टी सीएम की भी घोषणा हो सकती है। साथ ही स्पीकर भी बैठक में ही घोषित किया जा सकता है।

चौंकाने वाला हो सकता है ऐलान

पार्टी ने छत्तीसगढ़ व मध्यप्रदेश में नए चेहरों को सीएम बनाकर चौंकाया है। इसी तरह राजस्थान में भी किसी नए फेस को सीएम का पद देकर चौंकाया जा सकता है। अभी तक दोनों राज्यों में संघ की पसंद की तवज्जो दी गई है। ऐसे में राजस्थान में भी संघ की पसंद को सीएम की कुर्सी दी जा सकती है।

बीजेपी ने हासिल की बड़ी जीत

राजस्थान में 200 में से 199 सीटों पर हुई वोटिंग में बीजेपी ने बड़ी जीत हासिल की। पार्टी ने 115 सीटों पर जीत हासिल दर्ज कर बहुमत पा लिया है। वहीं, 69 सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली। ऐसे में नतीजे आने के बाद से सीएम चेहरे पर सस्पेंस बना हुआ है। वसुंधरा राजे के अलावा दीया कुमारी, किरोड़ी लाल मीणा, राजवर्धन राठौड़, बाबा बालकनाथ, ओम बिरला, अश्विनी वैष्णव, गजेंद्र सिंह शेखावत के नाम भी सीएम रेस में हैं।

MLA Ravindra Singh Bhati: राजस्थान विधानसभा चुनाव में बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर विधायक बने रविंद्र सिंह भाटी ने सभी ने चौंका दिया। वहीं भाटी की जीत के चर्चे अब अमरीका तक पहुंच गए हैं। दरअसल अमरीकी संसद (कांग्रेस) के सांसद थानेदार ने ईमेल कर भाटी को जीत की बधाई का पत्र भेजा है। इसमें लिखा गया है कि भाटी कम उम्र में शिव विधानसभा निर्वाचित विधायक बने है, जो युवाओं के लिए प्ररेणा हैं।

अमरीकी सांसद ने लिखा है कि भाटी का अटूट जुनून राष्ट्रीय दलों की संबद्धता को पार कर चमकता हुआ नजर आ रहा है। इस तरह युवाओं की लोकतंत्र के उत्सव में सक्रियता आधुनिकीकरण में योगदान के लिए प्रोत्साहित कर रही है। लिखा कि अमेरिकी संसद भाटी की सेवा के प्रति अटूट समर्पण के लिए सम्मानित करेगी। वहीं शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने एक्स पर ट्वीट कर अमेरिकी सांसद थानेदार का आभार व्यक्त किया है।

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आपको बता दें कि रव‍िन्‍द्र स‍िंह भाटी छात्र नेता हैं और वह चुनावों से पहले बीजेपी में शामिल हो गए थे। जब पार्टी ने स्वरूप सिंह को टिकट दिया तो पार्टी में शाम‍िल होने के 9 द‍िन बाद ही उन्होंने बगावत कर दी और निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा। रविंद्र सिंह भाटी जोधपुर स्थित जय नारायण विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष हैं। साल 2019 में भाटी चाहते थे कि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की छात्र यूनिट अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की तरफ से टिकट दिया जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। ऐसे में बाटी ने साल 2019 में निर्दलीय चुनाव लड़ा और 1294 वोटों से जीत गए। जोधपुर यूनिवर्सिटी में 57 साल बाद ऐसा देखने को मिला जब किसी निर्दलीय प्रत्याशी ने छात्रसंघ का चुनाव जीता। बता दें कि बिना किसी राजनीतिक सहारे भाटी ने अपना नाम छात्र संघ में बनाया।

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जयपुर। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में सीएम फेस का ऐलान होने के बाद राजस्थान में नए सीएम को लेकर आज सस्पेंस खत्म होने वाला है। छत्तीसगढ़ व मध्यप्रदेश में भाजपा ने एक नया रिवाज शुरू किया है। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री व प्रमुख दावेदार से ही नए सीएम के नाम की घोषणा कराई है। इसके पीछे यह भी संभावना जताई जा रही है कि ताकि पार्टी में अंदरूनी विरोध नहीं हो। मध्यप्रदेश में सोमवार को जब मोहन यादव का नाम सामने आया तो इसकी घोषणा वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने की। इसी तरह छत्तीसगढ़ में भी नए सीएम विष्णुदेव साह के नाम की घोषणा पूर्व मुख्यमंत्री रमनसिंह ने की है। यही फार्मूला राजस्थान में भी अपनाया जाता है तो पूर्व मुख्यमंत्री व प्रमुख दावेदार वसुन्धरा राजे से ही नए सीएम की घोषणा कराई जा सकती है।

आज दोपहर में केंद्रीय रक्षा मंत्री और राजस्थान के लिए भाजपा पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े और राजस्थान के लिए भाजपा पर्यवेक्षक और भाजपा नेता सरोज पांडे भाजपा विधायक दल की बैठक में भाग लेने के लिए जयपुर पहुंचे। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सी.पी. जोशी ने उनका जयपुर एयरपोर्ट पर स्वागत किया।

पार्टी कार्यालय पर आज शाम चार बजे विधायक दल की बैठक में नवनिर्वाचित विधायक अपने नेता को चुनेंगे। इससे पहले पर्यवेक्षक भी विधायकों और वरिष्ठ नेताओं का मन टटोलेंगे। सभी विधायकों को पार्टी कार्यालय पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं। यहां पहले रजिस्ट्रेशन और फिर लंच होगा। इसके बाद विधायक दल की बैठक होगी। बैठक में सीएम के साथ—साथ दो डिप्टी सीएम की भी घोषणा हो सकती है। साथ ही स्पीकर भी बैठक में ही घोषित किया जा सकता है।

चौंकाने वाला हो सकता है ऐलान

पार्टी ने छत्तीसगढ़ व मध्यप्रदेश में नए चेहरों को सीएम बनाकर चौंकाया है। इसी तरह राजस्थान में भी किसी नए फेस को सीएम का पद देकर चौंकाया जा सकता है। अभी तक दोनों राज्यों में संघ की पसंद की तवज्जो दी गई है। ऐसे में राजस्थान में भी संघ की पसंद को सीएम की कुर्सी दी जा सकती है।

Rajasthan New CM : जेपी नड्डा ने जयपुर पहुंचे राजनाथ सिंह, सरोज पाण्डेय और विनोद तावड़े से की फोन पर बात राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के चयन के लिए होने वाली भाजपा विधायक दल की बैठक से पहले पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जयपुर पहुंचे तीनों केंद्रीय पर्यवेक्षकों राजनाथ सिंह (Rajnath Singh), सरोज पाण्डेय और विनोद तावड़े से फोन पर बात कर उन्हें मुख्यमंत्री पद के चयन के लिए अहम निर्देश दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक, जेपी नड्डा (JP Nadda) ने तीनों केंद्रीय पर्यवेक्षकों को मुख्यमंत्री पद के संभावित दावेदारों के संबंध में सभी विधायकों से विचार-विमर्श करने का निर्देश दिया है।

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सूत्रों के मुताबिक, जयपुर पहुंचने के बाद केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने राज्य में मुख्यमंत्री पद के लिए पुरजोर तरीके से दावेदारी कर रही वसुंधरा राजे सिंधिया (Former CM Vasundhra Raje) से भी अलग से मुलाकात की है। यह माना जा रहा है कि इस वन टू वन मुलाकात में राजनाथ सिंह ने वसुंधरा राजे सिंधिया का पक्ष भी सुना होगा और उन्हें आलाकमान के संदेश के बारे में भी जानकारी जरूर दी होगी।

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आपको बता दें कि, राजस्थान में अगले मुख्यमंत्री के चयन के लिए आज शाम को 4 बजे जयपुर में भाजपा विधायक दल की बैठक होगी। दिल्ली से गए तीनों केंद्रीय पर्यवेक्षकों - केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राज्य सभा सांसद सरोज पाण्डेय और राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े की मौजूदगी में आज ही नया मुख्यमंत्री चुना जाएगा और उसके बाद नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री आज ही राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। -आईएएनएस

सर्दी के मौसम में कान की तकलीफ से कई बार बच्चा अचानक रात को नींद से जागकर रोने लगता है। कान पर हाथ लगाता है। ज्यादातर ऐसे मामलों में बच्चे को कुछ दिनों से सर्दी-जुकाम भी हुआ होता है। जुकाम से कान के पर्दे में संक्रमण व सूजन हो सकता है। इससे दर्द होता है। रात में यह दर्द ज्यादा महसूस होता है। इसे ओटाइटिस मीडिया कहते है।

क्यों होती है यह समस्या

नाक बन्द रहने या जुकाम रहने पर नाक व कान के मध्य स्थित यूस्टेकियन ट्यूब के ठीक से कार्य न करने से कान के अंदरुनी हिस्से पर दुष्प्रभाव पड़ने लगता है। यह ट्यूब बच्चों में सीधी होती है जिससे बड़ों की तुलना में कान को प्रभावित करने की आशंका इनमें ज्यादा रहती है। फिर किसी भी आयु के व्यक्ति में नाक व गले का संक्रमण कान में पहुंच सकता है। कान में अचानक दर्द होता है। इसके कारण कान में न केवल भारीपन रहने लगता है बल्कि संक्रमण बढ़ने पर कान बहना शुरू हो जाता है। इसलिए जुकाम की अनदेखी न करें।

इनका रखें ख्याल

कान को ठीक रखने के लिए जरूरी है कि जुकाम से बचें। बच्चों में जुकाम की समस्या है उसकी अनदेखी न करें। समय पर इलाज लें। एलर्जी नियंत्रण के लिए धूल, धुआं और अन्य एलर्जन से बचें। बच्चों को फ्रिज में रखी चीजें खाने को न दें। अभी ठंडे फर्श पर नंगे पैर ना रहने दें। कान में कोई द्रव्य जैसे गर्म तेल आदि न डालें। कान को सूखा रखें, इसमे पानी न जाने दें। कोई समस्या है तो डॉक्टर को दिखाकर ही इलाज लें।

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एचआईवी (ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस) की दवा सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम वेरिएंट-कोविड 2 सहित कई कोरोनोवायरस से होने वाली बीमारियों को रोकने में कारगर है। एक शोध में यह पता चला है।

सैन फ्रांसिस्को, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। एचआईवी (ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस) की दवा सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम वेरिएंट-कोविड 2 सहित कई कोरोनोवायरस से होने वाली बीमारियों को रोकने में कारगर है। एक शोध में यह पता चला है।

शोधकर्ताओं ने पहले दिखाया है कि "कोबिसिस्टैट" नामक एक बूस्टर दवा, जिसका उपयोग आम तौर पर एचआईवी-रोधी दवाओं के प्रभाव को बढ़ाने के लिए किया जाता है। 2020 की शुरुआत में यूरोप में फैलने वाले सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम वेरिएंट-कोविड 2 के खिलाफ एंटीवायरल गुण हो सकते हैं।

जर्नल एंटीवायरल रिसर्च में प्रकाशित शोध में शोधकर्ताओं ने जांच की कि क्या सार्स-कोविड-2 के चिंता के प्रमुख वेरिएंट (वीओसी) और मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम कोरोनवायरस (एमईआरएससीओवी) सहित अन्य कोरोनोवायरस के खिलाफ कोबिसिस्टैट के एंटी-सार्स-कोविड-2 गुणों को बनाए रखा गया था।

30 प्रतिशत से अधिक की मृत्युदर के साथ मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम कोविड बिना किसी वैक्सीन या विशिष्ट उपचार के पूरे मध्य पूर्व, अफ्रीका और दक्षिण एशिया में फैलता है।

शोधकर्ताओं ने कोबिसिस्टैट के प्रभावों की तुलना रिटोनावीर के प्रभावों से भी की, जो संरचनात्मक रूप से समान है जो सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम वेरिएंट-कोविड 2 के एंटीवायरल उपचार के लिए वर्तमान स्वर्ण मानक, पैक्सलोविड के घटकों में से एक है।

कैबिसिस्टैट और रिटोनाविर के एंटी-कोरोनावायरस प्रभावों की स्क्रीनिंग और समानांतर तुलना के लिए स्वचालित छवि विश्लेषण का उपयोग करते हुए शोधकर्ताओं ने पाया कि कैबोबिस्टैट और रिटोनावीर दोनों परीक्षण किए गए सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम वेरिएंट-कोविड 2 के सभी आठ वीओसी के साथ-साथ एमईआरएस सहित अन्य मानव कोरोनवीरस के खिलाफ कार्य करते हैं।

शोधकर्ताओं ने कहा, "हमारे अध्ययन से पता चलता है कि सीवाईपी 3 ए,अवरोधक रिटोनावीर और अधिक हद तक कैबोबिस्टैट को स्वीकृत खुराक के नियमों को समायोजित करके विवो में संभावित रूप से प्राप्त सांद्रता पर व्यापक रूप से प्रभावी एंटी-कोरोनावायरस एजेंटों के रूप में पुन: उपयोग किया जा सकता है।"

निष्कर्षों से पता चला कि कैबोबिस्टैट, रिटोनावीर से अधिक प्रभावी है। दोनों दवाओं ने अच्छी तरह से खुराक पर इन विट्रो में एंटी-कोरोनावायरस गतिविधि का प्रदर्शन किया जो इस समय एचआईवी-रोधी दवा बूस्टर गतिविधि और पैक्सलोविड में उपयोग की जाने वाली दवाओं की तुलना में अधिक थी।

अकेले और अन्य दवाओं के साथ संयोजन में इन उच्च खुराक में उपयोग किए जाने पर कोबिसिस्टैट और रिटोनावीर दोनों ने कोरोनोवायरस को रोक दिया।

--आईएएनएस

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जयपुर। आखिरकार राजस्थान के नए मुख्यमंत्री के नाम से पर्दा उठ गया है। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की तर्ज पर राजस्थान में भी मुख्यमंत्री के नाम ने सबको चौंका दिया। भजन लाल शर्मा राजस्थान के नए मुख्यमंत्री होंगे। विधायक दल की बैठक में 60 साल के भजन लाल शर्मा के नाम पर फाइनल मुहर लगने के बाद उनके नाम का एलान कर दिया गया है। जयपुर के सांगानेर विधानसभा सीट से विधायक हैं। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की तरह राजस्थान में भी दिया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा को उप मुख्यमंत्री बनाया गया है। वासुदेव देवनानी विधानसभा अध्यक्ष होंगे। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की तरह राजस्थान में भी दिया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा को उप मुख्यमंत्री बनाया गया है। वासुदेव देवनानी विधानसभा अध्यक्ष होंगे। दिया कुमारी जयपुर के विद्याधरनगर से विधायक है, जबकि प्रेमचंद बैरवा दूदू से विधायक है।

इससे पहले दोपहर 1.45 बजे नए सीएम के ऐलान के लिए केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित तीन पर्यवेक्षक जयपुर पहुंचे। जयपुर एयरपोर्ट पहुंचने पर राजनाथ सिंह समेत अन्य नेताओं का राजस्थान के नेताओं की ओर से गर्मजोशी से स्वागत किया गया। स्वागत करने वालों में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी भी मौजूद रहे। इसके बाद भाजपा के प्रदेश कार्यालय में विधायकों और पर्यवेक्षकों का एक फोटो सेशन हुआ। फिर विधायक दल की बैठक हुई।

गौरतलब है कि राजस्थान में मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा। इसे लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन आलाकमान ने सारे कयायों पर विराम लगाते हुए भजन लाल शर्मा को राजस्थान की कुर्सी सौंपी है।

सांगानेर से चुने गए विधायक
भजन लाल शर्मा जयपुर की सांगानेर विधानसभा से पहली बार विधायक चुने गए है। बीजेपी ने 2023 के विधानसभा चुनाव में वर्तमान विधायक अशोक लौहाटी का टिकट काट कर भजन लाल शर्मा को दिया। भजन लाल शर्मा ने कांग्रेस के पुष्पेंद्र भारद्वाज को 48081 वोटों से शिकस्त दी।

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राजे ने रखा नए सीएम का प्रस्ताव
राजस्थान ने भी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे नए सीएम के नाम का प्रस्ताव रखा है। बता दें कि छत्तीसगढ़ में पूर्व सीएम रमन सिंह और मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह ने नए सीएम के नाम का प्रस्ताव रखा था। प्रदेश अध्यक्ष सी पी जोशी ने स्वागत भाषण दिया।

List of Rajasthan Chief Minister (1949-2023)
अशोक गहलोत (कांग्रेस)- कार्यकाल - 17 दिसंबर 2018 से अब तक
वसुंधरा राजे (भाजपा) कार्यकाल - 13 दिसंबर 2013 से 12 दिसंबर 2018
अशोक गहलोत कार्यकाल -12 दिसंबर 2008 से 13 दिसंबर 2013
वसुंधरा राजे कार्यकाल- 8 दिसंबर 2003 से 11 दिसंबर 2008
अशोक गहलोत कार्यकाल -1 दिसंबर 1998 से 8 दिसंबर 2003
भैरोंसिंह शेखावत (भाजपा) कार्यकाल - 4 दिसंबर 1993 से 29 नवंबर 1998
राष्ट्रपति शासन - 15 दिसंबर 1992 से 4 दिसंबर 1993
भैरोंसिंह शेखावत (भाजपा) कार्यकाल - 4 मार्च 1990 से 15 दिसंबर 1992
हरी देव जोशी (कांग्रेस) कार्यकाल - 4 दिसंबर 1989 से 4 मार्च 1990
शिवचरण माथुर (कांग्रेस) कार्यकाल - 20 जनवरी 1988 से 4 दिसंबर 1989
हरी देव जोशी कार्यकाल (कांग्रेस) - 10 मार्च 1985 - 20 जनवरी 1988
हीरा लाल देवपुरा (कांग्रेस) कार्यकाल -23 फरवरी 1985 से 10 मार्च 1985
शिव चरण माथुर (कांग्रेस) कार्यकाल -14 जुलाई 1981 से 23 फरवरी 1985
जगन्नाथ पहाडिय़ा (कांग्रेस) कार्यकाल- 6 जून 1980 से 13 जुलाई 1981
भैरोंसिंह शेखावत (जनता पार्टी) कार्यकाल -22 जून 1977 से 16 फरवरी 1980
राष्ट्रपति शासन कार्यकाल -29 अप्रेल 1977 से 22 जून 1977
हरी देव जोशी कार्यकाल -11 अगस्त 1973 से 29 अप्रेल 1977
बरकतुल्लाह खान (कांग्रेस) कार्यकाल -9 जुलाई 1971 से 11 अगस्त 1973
मोहल लाल सुखाडिय़ा कार्यकाल -26 अप्रेल 1967- 9 जुलाई 1971
राष्ट्रपति शासन कार्यकाल -13 मार्च 1967 -26 अप्रेल 1967
मोहन लाल सुखाडिय़ा (कांग्रेस) कार्यकाल -12 मार्च 1962 - 13 मार्च 1967
मोहन लाल सुखाडिय़ा (कांग्रेस) कार्यकाल -11 अप्रेल 1957 से 11 मार्च 1962
मोहन लाल सुखाडिय़ा (कांग्रेस) कार्यकाल -13 नवंबर 1954 से 11 अप्रेल 1957
जय नारायण व्यास (कांग्रेस) कार्यकाल- 1 नवंबर 1952 से 12 नवंबर 1954
टीकाराम पालीवाल (कांग्रेस) कार्यकाल- 3 मार्च 1952 से 31 अक्टूबर 1952
जय नारायण व्यास (कांग्रेस) कार्यकाल-26 अप्रेल 1951 से 3 मार्च 1952
सी एस वेंकटाचारी (कांग्रेस) कार्यकाल -6 जनवरी 1951 से 25 अप्रेल 1951
हीरा लाल शास्त्री कार्यकाल (कांग्रेस) कार्यकाल- 7 अप्रेल 1949 से 5 जनवरी 1951

Rajasthan New CM : मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राजस्थान में भजन लाल शर्मा (56) को प्रदेश का नया मुख्यमंत्री बनाकर सब को चांैका दिया है। भजन लाल हाल ही में सांगानेर सीट से विधायक चुने गए हैं। वह पहली विधायक बने हैं। उनके नाम की घोषणा पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने की, जो खुद मुख्यमंत्री पद की रेस में थीं। ब्राह्मण समुदाय से आने वाले शर्मा वर्तमान में राजस्थान भाजपा के महामंत्री हैं। वह आरएसएस की पृष्ठभूमि से आते हैं।

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जानें कौन हैं भजन लाल शर्मा
राजस्थान के नवनिर्वाचित भजन लाल शर्मा राजस्थान भाजपा के महामंत्री हैं। वह भरतपुर के रहने वाले हैं, लेकिन पार्टी ने उन्हें जयपुर की सांगानेर सीट से विधानसभा सीट का टिकट दिया था। उन्होंने कांग्रेस के पुष्पेंद्र भारद्वाज को 48 हजार से अधिक मतों से हराकर जीत दर्ज की थी।

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वह पहली विधायक बनकर विधानसभा पहुंचे हैं। वह आरएसएस और भाजपा के छात्रसंघ संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के साथ लंबे समय से जुड़े रहें हैं। वह भरतपुर में जिला मोर्चा के अध्यक्ष भी रहे हैं।

अशोक लाहोटी का टिकट काटकर बनाया था प्रत्याशी
सांगानेर भाजपा की सुरक्षित सीट मानी जाती है। पार्टी ने पिछले चुनाव में जीते अशोक लाहोटी का टिकट काटकर भजन लाल शर्मा को प्रत्याशी बनाया था। हालांकि, लाहोटी और पार्टी के कई नेता और कार्यकर्ता इस फैसले से नाराज हो गए थे। इसके बावजूद शर्मा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के पुष्पेंद्र भारद्वाज को भारी मतों से हराकर जीत दर्ज की।

आरएसएस और एबीवीपी से रहा है लंबा नाता
प्रदेश के नवनियुक्त मुख्यमंत्री भरतपुर के नदबई के रहने वाले हैं। वह लंबे समय से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े रहें हैं। इसके अलावा वह छात्र संगठन एबीवीपी से भी जुड़े रहे हैं। वह 3 प्रदेश अध्यक्षों के साथ महामंत्री के रूप में काम कर चुके हैं।

Rajasthan Next CM: राजस्थान के अगले मुख्यमंत्री सांगानेर विधानसभा सीट से विधायक भजनलाल शर्मा होंगे। राजस्थान में दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा को उप मुख्यमंत्री बनाया गया है। वासुदेव देवनानी विधानसभा अध्यक्ष होंगे। राजस्थान के पहले उपमुख्यमंत्री महवा सीट से विधायक टीकाराम पालीवाल थे, जिन्हें जयनारायण व्यास के मुख्यमंत्री काल में यह पद दिया गया था। राजस्थान में पहली महिला मुख्यमंत्री होने का रिकॉर्ड जहां वसुंधरा राजे के नाम है वहीं पहली महिला उप मुख्यमंत्री कमला बेनीवाल रहीं।


राजस्थान में इससे पहले अब तक कुल 5 उपमुख्यमंत्री बने हैं। इनमें से अकेले कांग्रेस सरकार में 4 डिप्टी सीएम रहे हैं। भाजपा सरकार में केवल एक ही डिप्टी सीएम बने। भैरोसिंह शेखावत के कार्यकाल में हरिशंकर भाभड़ा को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था। राजस्थान में पहले डिप्टी सीएम टीकाराम पालीवाल 1952 में बने थे। वे 1954 तक इस पद पर रहे। इसके बाद दूसरे डिप्टी सीएम वर्ष 1993 में बने थे।

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इसे भी संयोग कहा जा सकता है कि कांग्रेस सरकार में जहां कुल चार डिप्टी सीएम बने थे। इनमें अकेले अशोक गहलोत के कार्यकालों में तीन डिप्टी सीएम बने थे। गहलोत की वर्ष 1998 के कार्यकाल में बनवारी लाल बैरवा और कमला बेनीवाल को डिप्टी सीएम बनाया गया था। वहीं वर्ष 2018 के कार्यकाल में सचिन पायलट को डिप्टी सीएम पद से नवाजा गया। पूर्व मुख्यमंत्री भैराेंसिंह शेखावत के तीसरे मुख्यमंत्री के कार्यकाल में अक्टूबर 1994 से नवंबर 1998 तक हरिशंकर भाभड़ा को उप मुख्यमंत्री बनाया गया था।

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एक स्टडी में खुलासा हुआ है जो नाबालिग रोजाना 4 घंटे से अधिक समय तक स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें प्रतिकूल मानसिक स्वास्थ्य और मादक पदार्थों का रिस्क हो सकता है।

शोध (स्टडी) से पता चला है कि हाल के वर्षों में नाबालिगों के बीच स्मार्टफोन का उपयोग बढ़ गया है। यह उपयोग मानसिक विकारों, नींद की समस्याओं, आंखों से संबंधित समस्याओं और मस्कुलोस्केलेटल विकारों जैसे प्रतिकूल स्वास्थ्य के उच्च जोखिम से जुड़ा हो सकता है।

नाबालिगों द्वारा स्मार्टफोन के उपयोग और स्वास्थ्य के बीच संबंधों को जानने के लिए, कोरिया के हन्यांग यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर की टीम ने 50,000 से अधिक नाबालिग प्रतिभागियों के डेटा का विश्लेषण किया।

डेटा में प्रत्येक प्रतिभागी द्वारा स्मार्टफोन पर बिताए गए दैनिक घंटों की अनुमानित संख्या के साथ-साथ विभिन्न स्वास्थ्य उपाय भी शामिल थे। सांख्यिकीय विश्लेषण में उम्र, ***** और सामाजिक आर्थिक स्थिति जैसे स्वास्थ्य परिणामों से जुड़े अन्य कारकों को ध्यान में रखने में मदद करने के लिए उचित स्कोर मिलान का उपयोग किया गया।

जो नाबालिग प्रति दिन 4 घंटे से अधिक समय तक स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं, उनमें तनाव, आत्महत्या के विचार और ड्रग यूज की दर प्रति दिन 4 घंटे से कम उपयोग करने वालों की तुलना में अधिक थी।

हालांकि, ओपन-एक्सेस जर्नल पीएलओएस वन में प्रकाशित निष्कर्षों से पता चला है कि जो नाबालिग प्रतिदिन एक से दो घंटे स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं, उन्हें उन नाबालिगों की तुलना में कम समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जो बिल्कुल भी स्मार्टफोन का उपयोग नहीं करते हैं।

लेखकों का कहना है कि यह अध्ययन स्मार्टफोन के उपयोग और प्रतिकूल स्वास्थ्य परिणामों के बीच किसी कारणात्मक संबंध की पुष्टि नहीं करता है।

बहरहाल, निष्कर्ष नाबलिगों के लिए उपयोग दिशानिर्देशों को सूचित करने में मदद कर सकते हैं खासकर यदि दैनिक उपयोग में वृद्धि जारी है।

हन्यांग के जिन-ह्वा मून और जोंग हो चा ने कहा, "यह शोध किशोरों के स्वास्थ्य पर दिन में चार घंटे से अधिक समय तक स्मार्ट उपकरणों का उपयोग करने के प्रभाव को दर्शाता है।"
(आईएएनएस)

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जयपुर। राजस्थान सीएम को लेकर भी बीजेपी ने चौंकाया है। बीजेपी ने सांगानेर से चुनाव जीते भजनलाल शर्मा को राजस्थान का सीएम बनाया है। राजस्थान की राजनीति में पहली बार जयपुर शहर से जीते किसी विधायक को सीएम बनाया है। इसके साथ ही पहली बार ही जयपुर शहर से चुनाव जीते विधायक को डिप्टी सीएम की कमान सौंपी गई है। बीजेपी ने विद्याधर नगर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीती दीया कुमारी को डिप्टी सीएम बनाया है। वहीं नए जिले दूदू से ही चुनाव जीते प्रेमचंद बैरवा को डिप्टी सीएम बनाया गया है।

सीएम बनाए गए भजनलाल शर्मा पहली बार चुनाव लड़े और सांगानेर से विधायक बने हैं। शर्मा संगठन में लंबे समय से सक्रिय हैं। वे अशोक परनामी के प्रदेशाध्यक्ष रहने के दौरान प्रदेश महामंत्री बने। इसके बाद मदन लाल सैनी, सतीश पूनियां के कार्यकाल में भी प्रदेश महामंत्री रहे। भजन लाल शर्मा अभी भी प्रदेश महामंत्री के पद पर कार्यरत है। वे साल 2013 से इसी पद पर काम कर रहे हैं। सीएम बनाने के बाद भजनलाल शर्मा ने कहा कि ये राजस्थान की जीत है, राजस्थान का सर्वांगीन विकास करेंगे। पीएम से लेकर सभी का धन्यवाद दिया।

भाजपा विधायक दल की बैठक
केंद्रीय पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह के भाजपा मुख्यालय में पहुंचने के बाद भाजपा विधायक दल की बैठक शुरू हुई। भाजपा मुख्यालय में दीप प्रज्जवलन के साथ बैठक शुरू हुई। मंच पर केंद्रीय पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह, विनोद तावडे, सरोज पांडे मौजूद रहे। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, वसुंधरा राजे, अरूण सिंह, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी भी मौजूद रहे। सीपी जोशी ने वसुंधरा राजे को साफा पहनाया।

Bhajan Lal Sharma Rajasthan New CM: राजस्थान को आखिरकार नया मुख्यमंत्री मिल ही गया। भजनलाल शर्मा राजस्थान के नए सीएम होंगे। इसके साथ ही उन तमाम चर्चाओं और अटकलों पर विराम लग गया जो दो बार की सीएम रह चुकीं वसुंधरा राजे को तीसरी बार प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाए जाने का दावा कर रहे थे।


तीसरी बार सीएम नहीं बन पाने के 5 बड़े कारण


1. तीनों राज्यों में नया चेहरा
केंद्रीय नेतृत्व ने इस बार तीनों ही राज्यों में नए चहरे को मुख्यमंत्री बनाने के फॉर्मूले को अंजाम दिया है। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के नाम के ऐलान के साथ ही संकेत मिल गए थे कि राजस्थान में भी नए चहरे पर दांव खेला जाएगा। हुआ भी वही। नए चेहरे के इस नए फॉर्मूले के कारण वसुंधरा राजे का तीसरी बार मुख्यमंत्री का सपना टूट गया।


2. उम्र का फैक्टर

केंद्रीय नेतृत्व ने इस बात के पहले ही संकेत दे दिए थे कि इस बार तीनों चुनावी राज्यों में 70 वर्ष से कम उम्र का ही मुख्यमंत्री बनाएंगे। मध्य प्रदेश में 58 वर्षीय मोहन यादव को और छत्तीसगढ़ में 59 वर्षीय विष्णुदेव साय को नया मुख्यमंत्री चुना गया है। इसके बाद भी ये लगभग तय हो गया था कि राजस्थान को भी 70 वर्ष से कम मिलेगा। हालांकि पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की वर्त्तमान उम्र ठीक 70 वर्ष है लेकिन लगभग तीन माह बाद मार्च में ही वे इस पड़ाव को पार करा जाएंगी।


3. खुद के लिए 'बाड़ाबंदी'!

वसुंधरा का सीएम नहीं बन पाने का सबसे बड़े कारणों में से एक। दरअसल, हालिया चुनाव परिणाम आने और नए मुख्यमंत्री के चयन की कवायद के बीच वसुंधरा राजे और उनके सांसद पुत्र पर भाजपा के कुछ चुने हुए विधायकों कई बाड़ाबंदी के आरोप लगे थे। एक नवनिर्वाचित विधायक के पिता ने तो कोटा संभाग के विधायकों को जयपुर के एक रिज़ॉर्ट में रखे जाने की मीडिया के समक्ष खुलकर अपनी बात रखी थी। जयपुर में हुईं ये तमाम हलचलों की अपडेट्स ज़ाहिर है दिल्ली तक पहुंचीं, जो शीर्ष नेतृत्व की नाराज़गी का कारण भी बनी और उन्हें इस रेस से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।

 

4. इस बार नहीं थीं सीएम फेस
लगता है केंद्रीय नेतृत्व ने इस बार वसुंधरा राजे को तीसरी बार सीएम नहीं बनाने का इरादा ठान ही लिया था। शायद यही वजह रही कि राजे को इस बार के चुनाव में पार्टी का मुख्यमंत्री चेहरा घोषित नहीं किया गया। भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कमल के निशान पर चुनाव लड़ा और कमीशन जीत लिया। बिना वसुंधरा के चेहरे से मिली जीत ने राजे को इस दौड़ में काफी पीछे छोड़ दिया।

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5. आलाकमान को दिखा चुकीं 'आंखें'
राजे पूर्व में कई बार केंद्रीय नेतृत्व को आंख दिखा चुकीं हैं। माना जा रहा है कि ऐसी स्थिति 5 वर्ष में ना आये इसलिए राजे केंद्रीय नेतृत्व के पसंदीदा नामों में शामिल नहीं रहीं। वैसे राजे राष्ट्रीय संगठन में उपाध्यक्ष भी हैं, ऐसे में उनकी भूमिका को संगठन में ज़्यादा उपयोगी मानी जा रही है।

अनार खाने के फायदे
1. सूजन को कम करने में फायदेमंद
सूजन को कम करने अनार का सेवन करना बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। अनार में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, क्योंकि इसमें अधिक एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। यह पूरे शरीर में होने वाली सूजन को कम करने में मदद करता है। साथ ही यह शरीर के तनाव को कम करता है और उसे डैमेज होने से बचाता है।

2. हार्ट की बीमारियों को दूर करने में फायदेमंद
हार्ट की बीमारियों को दूर करने के लिए अनार का सेवन करना बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। क्योंकि अनार में फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा यह रक्त धमनियों को साफ कर खून के बहाव को बेहतर बनाते हैं, जिसके जरिए खून हमारे हार्ट से सभी अंगों तक बराबर पहुंच जाता है और हार्ट संबंधी बीमारियां दूर रहती हैं। इससे स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा भी कम होता है। साथ ही इससे हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रोल के लक्षणों को भी कम करने में भी मदद मिलती है।


3. खून की कमी को पूरा करने में फायदेमंद
खून की कमी को पूरा करने के लिए अनार का सेवन करना बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। अनार में आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो शरीर में होने वाली खून की कमी को पूरा करने में मदद करता है।

4. डायबिटीज को कंट्रोल करने में फायदेमंद
डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए अनार का सेवन करना बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। अनार में पाए जाते वाले तत्त्व की वजह से डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए अनार का उपयोग लंबे समय से किया जा रहा है। अनार इंसुलिन बनने की गति को बढ़ाने में मदद करता है।

डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। 'पत्रिका' इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।

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जयपुर। प्रदेश के नगरीय निकाय क्षेत्रों में मंगलवार को विशेष सफाई अभियान की शुरुआत हुई। राजधानी जयपुर में भी ग्रेटर नगर निगम महापौर सौम्या गुर्जर ने अफसरों के साथ एसएमएस अस्पताल के बाहर झाडू लगाकर अभियान की शुुरुआत की, वहीं नवनियुक्त विधायक बाल मुकुंदाचार्य व हैरिटेज निगम महापौर मुनेश गुर्जर ने गोविंददेवजी मंदिर के बाहर झाडू लगाकर अभियान का आगाज किया। जगह—जगह कचरा गंदगी देख अफसरों को फटकार भी लगाई। अब एक पखवाड़े तक शहर में विशेष सफाई अभियान चलेगा।

जनसहभागिता से स्वच्छता अभियान (स्वच्छता पखवाड़ा) के तहत ग्रेटर मेयर सौम्या गुर्जर ने एसएमएस अस्पताल के गेट नंबर दो के बाहर झाडू लगाकर विशेष सफाई अभियान शुरू किया। इस दौरान स्वास्थ्य उपायुक्त नवीन भारद्वाज सहित अन्य जोन उपायुक्तों ने भी झाडू लगाई। महापौर ने सफाई कर्मचारियों से संवाद कर आज पूरी टोंक रोड पर सफाई करने के निर्देश दिए, वहीं अभियान में शहर को साफ—स्वच्छ बनाए रखने का संकल्प भी करवाया। इस दौरान दुकानदारों के साथ थड़ी—ठेले वालों को सड़क पर कचरा नहीं फैलाने और दुकानों पर डस्टबिन रखने के निर्देश दिए। मेयर ने कहा कि तीन दिन से इस अभियान को लेकर तैयारी की गई, आज से अभियान शुरू हो रहा है। स्वच्छता हम सब की जिम्मेदारी है, इसमें सभी को भागीदारी निभानी चाहिए।

स्वच्छता योद्धा होंगे सम्मानित
मेयर सौम्या गुर्जर ने कहा कि इस स्वच्छता अभियान में आमजन को जोड़कर स्वच्छता की मुहिम को आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने स्वच्छता योद्धाओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि शहर स्वच्छ एवं सुन्दर दिखे इसके लिये बेहतर प्रयास किया जाना चाहिए। बेहतरीन योगदान देने वाले स्वच्छता योद्धा को सम्मानित किया जाएगा।

वार्डों में भी हुई सफाई
उन्होंने सीएसआई, एसआई को घर-घर कचरा संग्रहण, रोड स्वीपिंग, रोड साईड में घास-झाडियों की कटिंग, ओपन कचरा डिपो को हटवाने का कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि ग्रेटर निगम के वार्डो में जनसहभागिता से स्वच्छता पखवाड़े के तहत सफाई अभियान शुरू किया गया।

मिली कचरा—गंदगी, अफसरों को फटकार
हैरिटेज नगर निगम में गोविंददेवजी मंदिर से अभियान की शुरुआत हुई। यहां नव नियुक्त विधायक बालमुकुंदाचार्य के साथ मेयर मुनेश गुर्जर व निगम आयुक्त राजेन्द्र सिंह शेखावत ने झाडू लगाकर अभियान की शुरुआत की। इस दौरान गोविंददेवजी मंदिर के बाहर और सब्जी मंडी के आसपास झाडू लगाई गई। इस दौरान जनता मार्केट सब्जी मंडी में जगह—जगह कचरा गंदगी मिलने पर विधायक व मेयर ने अफसरों व कार्मिकों को फटकार लगाई। कारण पूछने पर अफसरों से जबाव देते नहीं बना। इस पर विधायक बालमुकुंदाचार्य ने यहां तक कहा, 'यह है नरक निगम'। मेयर ने अफसरों को सफाई व्यवस्था में कोताई नहीं बरतने के निर्देश दिए। इस दौरान दुकानदारों से भी समझाइश की गई।

 

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अब 15 दिन तक होगा काम
अभियान के दौरान साफ—सफाई करने के साथ घर-घर कचरा संग्रहण, रोड स्वीपिंग, रोड साइड में घास-झाड़ियों की कटिंग, विभिन्न स्थानों पर कचरों की ढेरियां आदि को हटवाने का काम होगा। अवैध रूप से लगाए गए होर्डिंग्स, बैनर, पोस्टर, वाॅल पेन्टिंग व प्रचार-प्रसार सामाग्री को भी हटवाया जाएगा। इसकी भी वीडियोग्राफी और फोटोग्रामी की जाएगी। इसे वेबसाइट पर अपलोड करने के साथ वीडियोग्राफी और फोटोग्राफ स्वायत्त शासन निदेशालय को भेजनी होगी।

Rajasthan New Deputy CM: भजन लाल शर्मा को राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री घोषित कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) चौंका दिया है। विद्याधर नगर से विधायक दीया कुमारी और दूदू से विधायक डॉ. प्रेम चंद बैरवा दो उपमुख्यमंत्री होंगे। प्रेम चंद बैरवा मौजमाबाद तहसील के श्रीनिवासीपुरा के रहने वाले हैं।

एक सामान्य दलित परिवार में जन्मे डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने साल 2000 में दूदू के वार्ड 15 से जिला परिषद सदस्य के तौर पर चुनाव जीत दर्ज कर राजनीतिक कॅरियर की शुरुआत की। प्रेम चंद बैरवा ने पहला विधानसभा चुनाव 2013 में लड़ा और कांग्रेस के हजारीलाल नागर को हराया। 2018 में प्रेम चंद बैरवा कांग्रेस के बाबूलाल नागर से चुनााव हार गए। 2023 के विधानसभा चुनाव में सीएम के सलाहकार रहे बाबूलाल नागर को भाजपा के डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने करारी शिकस्त दी। नागर को बैरवा ने 35743 मतों से हराया है।

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पार्टी संगठन और आरएसएस के करीबी हैं भजन लाल शर्मा
भाजपा ने पहली बार के विधायक भजन लाल शर्मा को राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री नामित किया। भरतपुर के निवासी होने के कारण चुनाव से पहले सांगानेर में कुछ लोगों ने शर्मा को 'बाहरी' करार दिया था। हालांकि, उन्होंने कांग्रेस के पुष्पेंद्र भारद्वाज को 48,081 वोटों से हराकर भारी अंतर से जीत हासिल की। भजन लाल शर्मा पार्टी संगठन और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) दोनों के करीबी माने जाते हैं।


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Rajasthan New CM : बीजेपी ने आज पहली बार विधायक चुने गए भजन लाल शर्मा को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाकर सभी को चौंका दिया। यह फैसला आज शाम जयपुर में बीजेपी पर्यवेक्षकों राजनाथ सिंह, विनोद तावड़े और सरोज पांडे की मौजूदगी में हुई बीजेपी विधायक दल की बैठक में लिया गया। दूदू विधायक डॉ. प्रेम चंद बैरवा और विद्याधर नगर विधायक दीया कुमारी को उपमुख्यमंत्री नियुक्त किया गया है।

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विधायक दल की बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए राजस्थान के लिए पार्टी के पर्यवेक्षक और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, भजनलाल शर्मा को राजस्थान भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया है। उनके साथ दो डिप्टी सीएम होंगे- दीया सिंह और डॉ. प्रेम चंद बैरवा, जबकि वासुदेव देवनानी विधानसभा स्पीकर होंगे।

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5 प्रमुख कारण जिसकी वजह से भजनलाल बने मुख्यमंत्री
1. शर्मा भरतपुर से हैं, लेकिन पार्टी ने उन्हें वहां से टिकट नहीं दिया गया क्योंकि पार्टी को लगा वह वहां से जीत नहीं पाएंगे। उन्हेें सांगानेर से अशोक लाहोटी की जगह प्रत्याशी बनाया गया और वह चुनाव जीत गए।

2. वह संगठन के आदमी हैं। वह राज्य में भाजपा के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले महासचिवों में से एक हैं। भाजपा ने हाल के चुनाव में कांग्रेस को हराकर फिर से सत्ता हासिल की है।

3. राजनीति में अपने शुरुआती दिनों में, शर्मा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और पार्टी के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के साथ लंबे समय तक जुड़ रहे हैं।

4. उन्हें राजस्थान में किसी भी पार्टी गतिविधि के लिए सबसे आगे रहने वाले व्यक्ति के रूप में जाना जाता है। वह ब्राह्मण समाज से आते हैं। वह लो प्रोफाइल रहते हैं।

5. चुनाव आयोग को दिए हलफनामे के अनुसार 56 वर्षीय शर्मा स्नातकोत्तर हैं। उन्होंने अपने हलफनामे में 1.5 करोड़ रुपए की संपत्ति घोषित की है, जिसमें 43.6 लाख रुपए की चल संपत्ति और 1 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति शामिल है।

Rajasthan New CM : एक और चौंकाने वाले फैसले में, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को पहली बार विधायक बने भजनलाल शर्मा को राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री नियुक्त किया। सांगानेर विधायक का चयन जयपुर में बीजेपी विधायक दल की बैठक के बाद हुआ। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने सीएम पद के लिए भजनलाल शर्मा का नाम प्रस्तावित किया। उन्होंने कहा, दो उपमुख्यमंत्री भी नियुक्त किए हैं। विद्याधर नगर विधायक दीया कुमारी और दूदू विधायक प्रेम चंद बैरवा राज्य के उप मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालेंगे।

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इसके अलावा, अजमेर उत्तर से विधायक वासुदेव देवनानी को राजस्थान विधानसभा के अगले अध्यक्ष होंगे। राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री पद के लिए भजन लाल शर्मा का नाम राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने सुझाया था। केंद्रीय मंत्री ने कहा, वसुंधरा राजे ने विधायक दल के नेता के रूप में भजनलाल शर्मा का नाम प्रस्तावित किया है, जिस पर सर्वसम्मति से सहमति जताई गई।

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उल्लेखनीय है कि भजनलाल शर्मा ने राजस्थान में भाजपा संगठन को मजबूत करने के लिए बहुत मेहनत की और यही वजह रही कि पार्टी आलाकमान ने उन्हें प्रदेश का 'ताज' सौंप दिया। मुख्यमंत्री के रूप में उनकी नियुक्ति तब हुई जब पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, तिजारा से विधायक महंत बालकनाथ, केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और विवद्याधर से विधायक दीया कुमारी जैसे कई वरिष्ठ नेता शीर्ष पद पर नजऱ गड़ाए हुए थे।

Rajasthan New CM Bhajan Lal Sharma Biography: राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश महामंत्री एवं सांगानेर से विधायक भजन लाल शर्मा नए मुख्यमंत्री होंगे। भरतपुर के रहने वाले भजन लाल शर्मा भाजपा संगठन का अहम चेहरा माने जाते हैं। वे पार्टी के संगठन मंत्री रहे हैं और केंद्रीय मंत्री अमित शाह के करीबी माने जाते हैं। 55 साल के भजन लाल शर्मा लो प्रोफाइल रहते हैं। वे पार्टी संगठन और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) दोनों के करीबी माने जाते हैं। इसी वजह से राजस्थान भाजपा में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही कयासबाजियों के सारे पैमाने फेल हो गए।


भजन लाल शर्मा को राजस्थान में सामान्य वर्ग के रूप में एक मजबूत चेहरे के तौर पर जाना जाता है। वे पिछले 35 साल से राजनीति में सक्रिय हैं। भजन लाल शर्मा की प्रारंभिक शिक्षा अटारी गांव से हुई । इसके बाद माध्यमिक शिक्षा के लिए वे नदबई आ गए। इसी समय शर्मा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़ गए। एबीवीपी के 1990 के कश्मीर मार्च में भजन लाल शर्मा का सक्रिय सहभाग रहा। उन्होंने 100 कार्यकर्ताओं के साथ उधमपुर तक मार्च कर गिरफ्तारी दी। 1992 में श्रीराम जन्मभूमी आंदोलन में जेल भी गए। इसके बाद 1991-92 में उन्हें भारतीय जनता युवा मोर्चा की जिम्मेदारी मिली।


2000 से 2005 तक रहे अटारी गांव के सरपंच
भजन लाल शर्मा ने 27 साल की उम्र में अटारी गांव से सरपंच का चुनाव लड़ा। वे 2000 से 2005 तक अटारी गांव के सरपंच रहे। इसके बाद 2010 से 2015 पंचायत समिति सदस्य रहे। नए मुख्यमंत्री भारतीय जनता युवा मोर्चा नदबई मंडल अध्यक्ष, जिला मंत्री भाजयुमो, तीन बार जिला अध्यक्ष भाजयुमो, जिला मंत्री भाजपा भरतपुर, 2009 से 2014 तक भरतपुर के जिला अध्यक्ष, 2014 से 2016 तक प्रदेश उपाध्यक्ष राजस्थान और 2016 से अब तक प्रदेश महामंत्री रहे।

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वसुंधरा राजे ने भजन लाल शर्मा के नाम का प्रस्ताव रखा
भाजपा की मंगलवार सायं करीब चार बजे हुई विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से पहली बार विधायक बने शर्मा को विधायक दल का नेता चुना गया जबकि विधायक दीया कुमारी एवं प्रेम चंद बैरवा को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने पर फैसला हुआ। बैठक के बाद पर्यवेक्षक एवं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसकी घोषणा करते हुए बताया कि विधायक दल के नेता के चयन के लिए आयोजित बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने शर्मा के नाम का प्रस्ताव रखा जिसे सर्वसम्मति से पास किया गया। राजनाथ सिंह ने बताया कि इसी तरह विधायक दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा दो उपमुख्यमंत्री के नाम पर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया गया जबकि पूर्व मंत्री एवं विधायक वासुदेव देवनानी विधानसभा अध्यक्ष होंगे।


भजन लाल शर्मा के नेतृत्व में आगे बढ़ेगा राजस्थान

राजनाथ सिंह ने कहा कि राजस्थान भाजपा विधायक दल के सर्वसम्मत नेता निर्वाचित हुए हैं और उनके नेतृत्व में प्रदेश आगे बढ़ेगा। राजनाथ ने शर्मा को नेता चुने जाने पर बधाई दी। इसी तरह पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सी पी जोशी एवं पार्टी के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह सहित विधायकों ने भजनलाल शर्मा को बधाई दी। इसके बाद शर्मा राज्यपाल कलराज मिश्र से मिलने राजभवन पहुंचे। उनके साथ श्री राजनाथ सिंह, वसुंधरा राजे, दीया कुमारी एवं प्रेम चंद बैरवा आदि मौजूद थे।


जिम्मेदारी सौंपे जाने के बाद क्या बोले भजनलाल शर्मा

भजनलाल शर्मा पार्टी में प्रदेश महामंत्री के रुप में भूमिका निभा रहे थे और हाल में संपन्न विधानसभा चुनाव में उन्हें जयपुर की सांगानेर विधानसभा क्षेत्र से पार्टी प्रत्याशी बनाया और वह पहली बार विधायक बने। वह चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पेन्द्र भारद्वाज को 48 हजार से अधिक मतों से हराकर विधायक निर्वाचित हुए। विधायक दल के नेता चुने जाने के बाद भजनलाल शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं का आभार जताते हुए कहा कि उन्हें जो जिम्मेदारी मिली है उसे और अपेक्षाओं पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करेंगे।

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दीया कुमारी विद्याधरनगर से विधायक चुनी गई और वह दूसरी बार विधायक बनी हैं। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी सीताराम अग्रवाल को प्रदेश में सर्वाधिक 71 हजार से अधिक मतों से हराकर दूसरी बार विधायक निर्वाचित हुई। इससे पहले वह वर्ष 2013 से सवाईमाधोपुर से विधानसभा चुनाव लड़कर पहली बार विधायक चुनी गई थी। वह विद्याधरनगर से विधायक चुने जाने से पहले राजसमंद से सासंद थी और उन्होंने विधायक बनने के बाद संसद सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।

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प्रेम चंद बैरवा दूदू विधानसभा से दूसरी बार विधायक चुने गए हैं। बैरवा ने कांग्रेस प्रत्याशी को 35 हजार से अधिक मतों से हराकर विधायक निर्वाचित हुए। इससे पहले उन्होंने वर्ष 2013 के चुनाव में भी दूदू से विधायक चुने गए। वासुदेव देवनानी अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से लगातार पाचंवीं बार विधायक बने और इससे पहले भाजपा की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। देवनानी पार्टी के वरिष्ठ एवं अनुभवी नेता है।

Rajasthan New CM : जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक दल के नेता भजन लाल शर्मा ने कहा है कि वह नई जिम्मेदारी पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करेंगे और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रदेश में सर्वांगीण विकास करेंगे। भाजपा की विधायक दल की बैठक में दल का नेता चुना जाने के बाद मीडिया से कहा कि उन्हें जो यह नई जिम्मेदारी मिली है एवं अपेक्षाओं पर खरा उतरने का पूरा प्रयास किया जाएगा। उन्होंने विश्वास दिलाते हुए कहा कि मोदी के नेतृत्व में सर्वांगीण विकास किसी भी क्षेत्र में हो पूरा करेंगे।

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उन्होंने मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा, रक्षा मंत्री एवं भाजपा के पर्यवेक्षक बनकर आए राजनाथ सिंह, विनोद तावड़े एवं सरोज पांडेय, उनका विधायक दल के नेता के रूप में नाम का प्रस्ताव करने पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सी पी जोशी , पार्टी के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी, पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं विधानसभा अध्यक्ष के लिए चुने गए वासुदेव देवनानी, एवं उपमुख्यमंत्री के लिए चुनी गई दीया कुमारी एवं प्रेम चंद बैरवा तथा सभी विधायकों का धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया।

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सी पी जोशी ने भजन लाल शर्मा, दीया कुमारी, बैरवा एवं देवनानी को पार्टी की प्रदेश इकाई की तरफ से बधाई देते हुए कहा कि शर्मा ने लम्बे समय से संगठन में काम करते आ रहे हैं और उन्होंने पिछले काफी समय से प्रदेश महामंत्री के रूप में काम किया हैं। उन्होंने कहा कि आज यह जीत मोदी की गांरटी की जीत हुई हैं।

Rajasthan New CM : भाजपा आलाकमान ने छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के बाद राजस्थान में नए सीएम चेहरे को लेकर चौंकाया है। पार्टी ने पहली बार जयपुर के सांगानेर से चुनाव लड़े भजन लाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाया है। शर्मा को सीएम बनाकर भरतपुर के साथ जयपुर जिले को साधा गया है। ब्राह्मण और निर्विवाद चेहरे के रूप में पार्टी की पसंद ने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया है। मगर भजन लाल का एक सच भी है जिसे शायद ही लोग जानते हों।

दरअसल, विधानसभा चुनाव में मतदान के दिन कई प्रत्याशी अपना वोट नहीं डाल पाए। इन प्रत्याशियों में भजन लाल शर्मा का नाम भी शामिल है। शर्मा ने जयपुर की सांगानेर सीट से चुनाव लड़ा और उनका वोट नदबई में डलता है। जयपुर से ज्यादा दूरी होने की वजह से शर्मा अपना वोट नहीं डाल पाए। इस मसले पर उनके सामने चुनाव मैदान में उतरे कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पेंद्र भारद्वाज ने आग्रह भी किया था कि शर्मा को नदबई जाकर वोट डालना चाहिए, क्योंकि वोट की ताकत से ही ईमानदार सरकार चुनी जा सकेगी।

ये नेता भी नहीं डाल पाए थे वोट

शर्मा के अलावा कई अन्य प्रत्याशी भी वोट नहीं डाल पाए। इनमें कोलायत से कांग्रेस प्रत्याशी भंवर सिंह भाटी भी शामिल हैं। उन्होंने लगातार तीसरे चुनाव में मतदान नहीं किया। भाटी का नाम उनके गांव हदां की सूची में है। उनके मतदान स्थल की दूूरी करीब 150 किलमीटर है। सवाईमाधोपुर विधायक किरोड़ी लाल मीणा मतदान के दिन सवाईमाधोपुर के पोलिंग बूथों पर मतदाताओं का फीडबैक लेते रहे। वे वोट डालने के लिए महवा नहीं गए।

 

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इन्होंने भी नहीं डाले वोट

-निवाई से भाजपा प्रत्याशी रामसहाय वर्मा (इनका वोट बगरू में है)
-शाहपुरा (भीलवाड़ा) से निर्दलीय प्रत्याशी कैलाश मेघवाल (इनका वोट उदयपुर में है)
-अलवर के रामगढ़ से भाजपा प्रत्याशी जय आहूजा (इनका वोट जयपुर में है)
-अंता से भाजपा प्रत्याशी कंवरलाल मीणा (इनका वोट मनोहरथाना क्षेत्र में है)
-उनियारा से भाजपा प्रत्याशी विजय बैंसला ने मतदान नहीं किया

राजस्थान को नया सीएम मिल गया है। जयपुर की सांगानेर सीट से विधायक भजन लाल शर्मा को राजस्थान का नया सीएम बनाया गया है। पहली बार विधानसभा चुनाव लड़े शर्मा को सीएम बनाने से सभी आश्चर्यचकित हैं। खुद पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने उनके नाम की पर्ची खोली तो वो भी चौंक गई। कई वरिष्ठ विधायकों को दरकिनार करते हुए पार्टी ने शर्मा को सीएम बनाकर सभी चौंकाया है। हालांकि भाजपा इस तरह के फैसले से पहले भी चौंकाती रही है।

सीएम की घोषणा के बाद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के साथ एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया। अब 15 दिसंबर को सीएम और डिप्टी सीएम सहित 12—13 मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह होगा। लेकिन राजस्थान के नए सीएम भजन लाल शर्मा का 15 दिसंबर से एक कनेक्शन है। शर्मा का जन्मदिन भी 15 दिसंबर को ही आता है। ऐसे में शर्मा के लिए 15 तारीख दोगुनी खुशियां लेकर आ रही है।

मोदी, नड्डा और शाह आ सकते हैं

राजस्थान में शपथ ग्रहण समारोह को यादगार बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए जगह की तलाश की जा रही है। सवाई मानसिंह स्टेडियम में यह शपथ ग्रहण समारोह होने की पूरी संभावना है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा शामिल होंगे। सीएम के साथ कई मंत्री भी शपथ ग्रहण करेंगे।

 

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पक्ष-विपक्ष के विधायकों को भी न्योता

शपथ ग्रहण समारोह के लिए पक्ष और विपक्ष के विधायकों को भी न्यौता दिया जाएगा। निवर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित उनकी कैबिनेट में मंत्री रहे कई नेता इसमें शामिल हो सकते हैं। राजभवन से ही सब कुछ तय होगा।

वाइब्रेंट गुजरात 2024 प्रतिनिधिमंडल ने गुजरात के ग्रामीण आवास एवं ग्रामीण विकास मंत्री राघवजी पटेल के नेतृत्व में जयपुर रोड शो का सफलतापूर्वक आयोजन किया। मंत्री पटेल ने राजस्थान के निवेशकों को गुजरात में अपने व्यापार का विस्तार करने के लिए आमंत्रित किया। कार्यक्रम में गुजरात सरकार के अधिकारियों सहित उद्योग जगत के कई जाने-माने लोग भी शामिल हुए।

जयपुर रोड शो कार्यक्रम में मंत्री राघवजी पटेल ने मंगलवार को वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट की सफलता को साझा किया। उन्होंने कहा कि गुजरात पिछले दो दशकों से डोमेस्टिक और इंटरनेशनल, दोनों निवेशकों के लिए सबसे पसंदीदा जगह बन गया है। गुजरात को वर्ष 2002-2022 के बीच कुल 55 बिलियन अमेरिकी डॉलर का क्यूमलेटिव FDI प्राप्त हुआ है। जयपुर रोड शो का आयोजन, व्यवसायों एवं कंपनियों के लिए IT&ITes, सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रॉनिक्ल, एयरोस्पेस एंड डिफेंस, केमिकल एंड पेट्रो केमिकल्स जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के क्षेत्रों का पता लगाने और GIFT सिटी, धोलेरा SIR, बायोटेक पार्क जैसी फ्यूचरिस्टिक परियोजनाओं में निवेश आकर्षित करने के लिए किया गया था।

पीएम के विजन को बताया

राघवजी पटेल ने प्रधानमंत्री के 'विकसित भारत@2047' के विजन पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कैसे इस विजन को हासिल करने के लिए देश के सभी राज्यों को एक साथ मिलकर काम करने और आगे बढ़ने की आवश्यकता है। पटेल ने जानकारी दी कि वर्ष 2022-23 में 33% से अधिक की हिस्सेदारी के साथ गुजरात, पूरे देश के निर्यात में अग्रणी है। इन आंकड़ों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि मिडल-ईस्ट, अफ्रीका और यूरोप जैसे इंटरनेशनल मार्केट्स तक पहुंचने की इच्छा रखने वाली राजस्थान की कंपनियां, देश की सबसे लम्बी तटरेखा, मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर और इन्वेस्टर-फ्रेंडली नीतियों का लाभ उठाकर गुजरात में विस्तार करने के अवसर तलाश सकती हैं।

 

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पर्यटन पर भी डाला प्रकाश

उन्होंने UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज सिटी अहमदाबाद, UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज साइट धोलावीरा और स्टैच्यू ऑफ यूनिटी जैसी आकर्षक पर्यटन स्थलों की मौजूदगी के साथ गुजरात के पर्यटन विकास पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि मंत्री पटेल ने पड़ोसी राज्यों के साथ सहयोग करने, सीखने और एक साथ आगे बढ़ने के अवसरों की संभावना पर जोर दिया। गुजरात सिनेमैटिक टूरिज्म और गुजरात हेरिटेज पॉलिसी, टूरिज़्म सेक्टर में एक मजबूत ईकोसिस्टम विकसित करने और इन्वेस्टर्स को गुजरात में अति आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ प्रो-गवर्नेन्स का उत्तम उदाहरण है।

गणमान्य लोगों से वन टू वन

रोड शो के बाद पटेल ने उद्योग जगत के गणमान्य व्यक्तियों से वन-टू-वन बातचीत की। इनमें इंसोलेशन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड से मनीष गुप्ता, जयपुर रग्स कंपनी प्राइवेट लिमिटेड से एनके चौधरी, द्वारका जेम्स लिमिटेड से कृष्ण बिहारी गोयल, अक्षय इंफ्रासिस इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड से अक्षय हाडा, धूत संगेमरमर प्राइवेट लिमिटेड से राघव धूत के नाम शामिल हैं। साथ ही, इंडियन हैरिटेड हॉल एसोसिएशन, होटल्स एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ राजस्थान और राजस्थान एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स के साथ एक राउंडटेबल डिस्कशन भी किया गया।

जयपुर। प्रदेश में नई सरकार के गठन को लेकर चल रहे काउंटडाउन पर अब ब्यूरोक्रेसी में भी हलचल तेज है। प्रदेश में मुख्यमंत्री और मंत्री कौन होंगे, इस पर नौकरशाही में चर्चाएं जोरों पर हैं। इसी बीच सरकार बदलने के साथ ही केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर गए कई आईएएस-आईपीएस अधिकारी भी अब घर वापसी की राह तलाश रहे हैं। सूत्रों की मानें तो प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली गए आईएएस-आईपीएस अब अपने संपर्कों के जरिए जयपुर आने के प्रय़ास में जुटे हैं।

केंद्र में 40 से ज्यादा आईएएस-आईपीएस प्रतिनियुक्ति पर
दरअसल केंद्र सरकार में राजस्थान कैडर के 40 से ज्यादा आईएएस-आईपीएस अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर हैं, जिनमें कई अधिकारी ऐसे भी हैं जो भाजपा सरकार और निवर्तमान गहलोत सरकार में प्राइम पोस्ट पर रहे हैं लेकिन बाद में दिल्ली चले गए थे।

मुख्यमंत्री और मंत्रियों पर इसलिए भी नजर
सूत्रों की मानें तो केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर गए अधिकारी इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि राजस्थान में मुख्यमंत्री और मंत्री कौन होंगे। अगर उनके मन माफिक मुख्यमंत्री और मंत्रियों की नियुक्ति होती है तो ही वे राजस्थान का रुख करेंगे।

गहलोत सरकार में मंत्रियों से नहीं बैठ पाई थी पटरी
दरअसल गहलोत सरकार में कई आईएएस अधिकारियों की मंत्रियों के साथ पटरी नहीं बैठ पाई थी। कई बार मंत्रियों ने अधिकारियों को जमकर निशाने पर लिया था, जिसके बाद कई वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों ने राजस्थान में रहने की बजाए दिल्ली का रुख कर लिया था। ऐसे में अब सरकार बदलने के बाद दिल्ली गए अधिकारी फिर से राजस्थान आने पर विचार कर रहे हैं।

हाशिए पर चल रहे अधिकारी भी चाहते हैं प्राइम पोस्टिंग
इधर गहलोत सरकार में हाशिए पर रहे कई अधिकारी भी अब अपने संपर्कों के जरिए प्राइम पोस्टिंग पाने की कोशिश में लगे हैं। वसुंधरा सरकार में पावरफुल रहे तन्मय कुमार जैसे अधिकारी गहलोत सरकार कार्यकाल में हाशिए पर रहे थे बाद में दिल्ली चले गए।

ये प्रमुख आईएएस प्रतिनियुक्ति पर

वी श्रीनिवास, रोहित कुमार सिंह, सुधांशु पंत, तन्मय कुमार, नरेश पाल गंगवार, मुग्धा सिन्हा, सिद्धार्थ महाजन, मुक्तानंद अग्रवाल और अभिमन्यु कुमार।


यह प्रमुख आईपीएस अधिकारी हैं प्रतिनियुक्ति पर

नीना सिंह, राजेश निर्माण, आलोक कुमार वशिष्ठ, जोस मोहन, नितिनदीप, के. बी वंदना, डॉन के जॉन्स, लवली कटियार, प्रीति जैन, राहुल जैन हैं।

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जयपुर। विधानसभा चुनाव के दौरान इस बार जयपुर जिले की 19 सीटों पर मतदाताओं ने क्षेत्रीय दलों को नकारते हुए भाजपा और कांग्रेस पर भरोसा जताया। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी(रालोपा), बसपा, आजाद समाज पार्टी, आम आदमी पार्टी और एआईएमएआईएम सहित कई क्षेत्रीय दलों ने जयपुर जिले की 19 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे।

हालांकि रालोपा को जयपुर जिले की 19 सीटों में से सर्वाधिक 42000 से ज्यादा वोट चौमूं विधानसभा क्षेत्र में मिले हैं। वहीं आजाद समाज पार्टी को सर्वाधिक 18000 से ज्यादा वोट विराट नगर विधानसभा क्षेत्र में मिले हैं, जहां पर कांग्रेस के बागी पूर्व विधायक रामचंद्र सराधना ने आजाद समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था।

बसपा को इस सीट पर मिले सर्वाधिक वोट
इधर जयपुर जिले में बसपा प्रत्याशी को भी सर्वाधिक 1399 वोट चौमूं विधानसभा क्षेत्र में मिले हैं। इसके अलावा किशनपोल, आदर्श नगर, मालवीय नगर, विराट नगर, शाहपुरा जैसी सीटों पर बसपा हजार का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाई। इधर आम आदमी पार्टी ने भी किशनपोल, आदर्श नगर, हवामहल, सिविल लाइंस, विद्याधर नगर सहित कई सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन इन सीटों पर आप पार्टी भी असर नहीं दिखा पाई।

अल्पसंख्यक वोटों को साधने में नाकाम रहे औवेसी
इधर हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन औवेसी की पार्टी एआईएमआईएम भी अल्पसंख्यक वोटों को साधने में नाकाम रही।

औवेसी ने जयपुर जिले की मुस्लिम बहुल किशनपोल और और हवामहल विधानसभा क्षेत्र में अपने प्रत्याशी उतारे थे और जमकर प्रचार किया था, बावजूद इसके यहां एआईएमआईएम प्रत्याशी दोनों सीटों पर 600 वोटों का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाए। मुस्लिम मतदाताओं ने एआईएमआईएम को नकारते हुए कांग्रेस के पक्ष में मतदान किया।

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Rajasthan New CM : जयपुर। भाजपा मुख्यालय में मंगलवार को हुई विधायक दल की बैठक में विद्याधर नगर विधानसभा क्षेत्र से रेकॉर्ड मतों से चुनाव जीतीं दिया कुमारी को डिप्टी सीएम चुना गया। जयपुर के पू्र्व राजपरिवार की सदस्य दिया कुमारी ने वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव से पूर्व अपना राजनीतिक सफर शुरू किया और अब डिप्टी सीएम के पद तक पहुंची हैं। दिया कुमारी दूसरी बार विधायक और एक बार सांसद रह चुकी हैं।

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52 वर्षीय दिया ने 2013 में राजनीति में कदम रखते सवाईमाधोपुर से पहला विधानसभा चुनाव लड़कर जीत दर्ज की थी। हालांकि 2018 में उन्हें टिकट नहीं मिल पाया था। उसके बाद 2019 में उन्हें राजसमंद से लोकसभा का टिकट दिया गया था, जहां उन्होंने जीत दर्ज की थी।

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दिया कुमारी ने विधानसभा चुनाव में विद्याधर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी सीताराम अग्रवाल को 70 से हजार से अधिक वोटों से हराकर जीत दर्ज की। दिया कुमारी की स्कूली शिक्षा दिल्ली और मुंबई से हुई थी। उसके बाद उन्होंने लंदन से फाइन आर्ट में ग्रेजुएशन किया था। उनकी दादी गायत्री देवी भी जयपुर से कई बार सांसद रह चुकी हैं।

Sukhdev Singh Gogamedi Murder Case : जयपुर। सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड में गोली लगने से घायल हुए अजित सिंह राजावत की मंगलवार रात को एसएमएस अस्पताल में मौत हो गई। पुलिस ने शव को एसएमएस अस्पताल के मुर्दाघर में रखवाया है जहां बुधवार को उनका पोस्टमार्टम किया जाएगा। अजीत सिंह सेज थाना क्षेत्र के बम्बौरिया के रहने वाले थे। उनके दो बेटियां है। गौरतलब है कि सुखदेव सिंह, नवीन सिंह शेखावत की मौके पर ही मौत हो गई थी। जबकि निजी गनमैन नरेन्द्र सिंह और राहगीर हेमराज गोली लगने से गंभीर घायल हो गए थे।

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उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के प्रमुख सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की उनके आवास पर अज्ञात हमलावरों ने बेरहमी से गोली मारकर हत्या कर दी थी। हत्या की पूरी वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। हत्या के बाद राजपूत समाज के लोग सड़क पर उतर आए और हत्या के विरोध में राजस्थान बंद का आह्वान किया था। बढ़ते विरोध के बीच पुलिस ने भी हत्यारों की तलाश तेज कर दी थी। राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना प्रमुख सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या में शामिल दो शूटरों और एक सहयोगी को दिल्ली क्राइम ब्रांच और राजस्थान पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में देर रात चंडीगढ़ से गिरफ्तार किया गया।

पुलिस श्याम नगर में सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या करने वाले दोनों आरोपी शूटर्स को मंगलवार दाेपहर को घटना स्थल पर लेकर पहुंची। इससे पहले पुलिस ने क्षेत्र की कड़ी सुरक्षा कर दी। एफएसएल टीम को मौके पर बुलाया। इसके बाद शूटर्स को नकली बंदूक देकर घटनाक्रम दोहराया। शूटर्स ने बताया कि कमरे में जाते ही उन्होंने गोगामेड़ी के पैर छुए और फिर सामने वाले सोफा पर बैठ गए। नवीन सिंह शेखावत ने एक पार्षद से गोगामेड़ी की बात करवाई। बात होने के बाद दोनों ने पिस्टल निकालकर फायरिंग शुरू कर दी। गेट तक उन्होंने कैसे फायरिंग की... इसको तीन-चार बार दोहराया गया।

एफएसएल रिपोर्ट होगी अहम सबूत
शूटर्स की ओर से गोगामेड़ी, नवीन, अजीत पर गोलियां दागने की घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी। वारदात में काम में लिए गए हथियार अभी बरामद नहीं हुए हैं। पुलिस दोनों शूटर्स को घटना स्थल पर ले गई, जहां पर फायरिंग करने की घटना का सीन रिक्रिएट किया। रिक्रिएट किए गए सीन में दिखने वाले शूटर्स और घटना वाले दिन गोलियां दागने वाले शूटर्स के सीसीटीवी फुटेज का मिलान एसएसएल से करवाया जाएगा, ताकि दोनों फुटेज के मिलान होने पर शूटर्स के खिलाफ सबसे बड़ा वैज्ञानिक सबूत रहे। पुलिस ने सीन रिक्रिएट की वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी भी करवाई।

 

 

इनको गोली मारो...जिंदा क्यों ले जा रहे हो

सीन रिक्रिएट करवाने के बाद पुलिस दोनों शूटर्स को बस में बैठाने के लिए घर से बाहर लेकर निकली, तभी महिलाएं चिल्लाईं कि इन ... (अभद्र शब्द) को गोली मारो... जिंदा क्यों ले जा रहे हो।


रोहित बोला... नवीन को क्यों मारा... नितिन फौजी ने कहा चुप रह...नहीं तो
पूछताछ में शूटर रोहित राठौड़ ने बताया कि घटना के बाद भागते समय नागौर की बस में बैठने के बाद नितिन फौजी से पूछा कि उसने नवीन सिंह शेखावत को क्यों मारा... तब उसने बोला कि चुप रह... नहीं तो तुझे भी मार दूंगा। शूटर रोहित ने कहा कि इसके बाद उसने वापस नवीन को गोली मारने के संबंध में उससे पूछा नहीं। यह भी बताया कि घटना के समय शूटर नितिन फौजी ने कहा था कि कमरे में जितने भी लोग होंगे, उन सबको वह देख लेगा...।


दो दिन पहले पत्नी को जयपुर बुलाकर घुमाया
शूटर नितिन फौजी ने प्रेम विवाह किया है। पांच दिसम्बर को शादी की वर्षगांठ थी और 3 दिसम्बर को पत्नी को बहरोड़ से जयपुर बुलाया। चार-पांच घंटे घुमाने के बाद वापस बहरोड़ भेज दिया।

सोशल मीडिया पर पोस्ट अपडेट करने वाला गिरफ्तार
साइबर थानाधिकारी चन्द्रप्रकाश ने बताया कि हत्याकांड मामले में सोशल मीडिया पर दहशत फैलाने वाले हरियाणा के सेदपुर निवासी कुलदीप को गिरफ्तार किया है। आरोपी को न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे तीन दिन की पुलिस रिमांड पर सौंपा है।

टाइमलाइन : मंगलवार दोपहर

1.35 बजे : एक दर्जन ईआरटी के कमांडो श्याम नगर स्थित सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के आवास पर पहुंचे और करीब 100 मीटर दूरी तक आस-पास के मकानों की छत-बालकनी व सड़क को अपनी निगरानी में ले लिया

1.50 बजे : एडिशनल पुलिस कमिश्नर कैलाश बिश्नोई, एडिशनल डीसीपी रामसिंह शेखावत पहुंचे

1.50 बजे : एफएसएल के निदेशक डॉ. अजय शर्मा, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. संजय शर्मा, डॉ. सुशील शर्मा, डॉ. अनिल कुमार सहित टीम के अन्य सदस्य पहुंचे

1.51 बजे : अनुसंधान अधिकारी एसीपी सोडाला श्याम सुंदर, कमिश्नरेट के साइबर निरीक्षक चन्द्रप्रकाश की निगरानी में ईआरटी कमांडो पुलिस बस में दोनों शूटर्स रोहित राठौड़ व नितिन फौजी को लेकर पहुंचे।

1.52 बजे : शूटर्स को गोगामेड़ी के घर के अंदर वारदात करने वाले कमरे में ले गए, दोनों को प्लास्टिक की नकली बंदूक देकर घटनाक्रम दोहराया गया

2.18 बजे : दोनों शूटर्स को लेकर लौट गए

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