>>: half yearly exam: जाने किस कारण से परीक्षा में विद्या​र्थियों के नम्बर हो सकते है कम

>>

Patrika - A Hindi news portal brings latest news, headlines in hindi from India, world, business, politics, sports and entertainment!

प्रदेश में अर्द्धवार्षिक परीक्षा सोमवार से शुरू हो गई। विद्याथीZ सवालों के जवाब तो लिखेंगे, लेकिन बिना पूर्ण तैयारी व पाठ्यक्रम के पूरा हुए। इस बार पहले ग्रामीण ओलम्पिक में अध्यापकों की ड्यूटी लगी। विद्यार्थियों को भी खेलने ले गए। इसके बाद दिवाली, दशहरा आदि अवकाश आ गए। अवकाश पूरे हुए तो मास्टरजी की ड्यूटी चुनाव में लग गई। पाली जिले में ही चुनाव ड्यूटी पर लगे 8000 से अधिक कर्मचारियों में से 80 प्रतिशत तक शिक्षा विभाग के थे। स्कूलों में पाठयक्रम पूरा नहीं हुआ और अर्द्धवार्षिक परीक्षा का टाइम टेबल घोषित कर दिया। परीक्षा सोमवार से शुरू होगी। पाठ्यक्रम पूरा नहीं होने से परिणाम कैसे बेहतर आएगा, यह समझा जा सकता है।

आचार संहिता लगते ही लग गई थी ड्यूटी
प्रदेश के साथ जिले के कई शिक्षकों की सेवाएं आचार संहिता लगने के साथ स्कूलों के बजाय कार्यालयों में हो गई थी। उनको निर्वाचन के विभिन्न कार्य के लिए अलग-अलग प्रकोष्ठों में नियुक्त किया था। ऐसे में विद्यालयों मेें विद्यार्थियों का निर्धारित पाठयक्रम पूरा नहीं हो सका।
बोर्ड में जाते हैं अंक
अर्द्धवार्षिक परीक्षा के प्राप्तांकों में से 20 प्रतिशत अंक दसवीं व बारहवीं बोर्ड परीक्षा में जाते है। जो विद्यार्थियों के अंक प्रतिशत सुधारने में बड़ी भूमिका निभाते है। अब अधूरे पाठ्यक्रम के चलते 10वीं और 12वीं की बोर्ड कक्षाओं के छात्रों का परीक्षा परिणाम प्रभावित होने की आशंका हैं। कारण यह है कि वे अधूरी तैयारी से परीक्षा में शामिल है।

दो पारियों में होगी अर्द्धवार्षिक परीक्षा
जिले के राजकीय विद्यालयों में 11 दिसंबर से होने वाली अर्द्धवार्षिक परीक्षा दो पारी में होगी। शिक्षकों व विद्यार्थियों के अनुसार ज्यादातर राजकीय शिक्षण संस्थाओं औसतन पचास प्रतिशत पाठ्यक्रम भी पूरा नहीं हो सका है। जो चिंतनीय है। उधर, कई स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पदों से अध्ययन प्रभावित हुआ है।

टॉपिक एक्सपर्ट

प्रदेश के लगभग सभी सरकारी स्कूलों में पाठ्यक्रम अधूरा है। शिक्षकों की गलती है, उनको पढ़ाने के लिए कार्य दिवस ही कम मिले हैं। वे अलग-अलग कार्य में व्यस्त रहे। शिक्षा विभाग को अर्द्धवार्षिक जनवरी में रखनी चाहिए थी। अब परीक्षा होने से 10वीं व 12वीं का बोर्ड परीक्षा परिणाम भी प्रभावित होगा। उसमे अर्द्धवार्षिक के 20 अंक जाते हैं।
महेन्द्र पांडे, महामंत्री, राजस्थान प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षक संघ

You received this email because you set up a subscription at Feedrabbit. This email was sent to you at abhijeet990099@gmail.com. Unsubscribe or change your subscription.