प्रदूषण का दंश पाली से मिट नहीं रहा है। हेमावास बांध से निकलने वाली व जवाई नहर के पास सदर थाने के निकट केमिकल का पानी बहता मिला। इस पर किसानों ने नाराजगी जताई। प्रदूषण नियंत्रण मण्डल अधिकारियों ने नमूने लिए व जांच के लिए भेजे। वहीं जलदाय विभाग व सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने जायजा लिया, लेकिन यह पता नहीं लग सका कि उस जगह केमिकल का बदबूदार पानी कहा से आया।
हेमावास बांध से निकलने वाली नहरों से सिंचाई का पानी हाल ही में बंद किया है। उसमें अभी सीपेज का पानी बहता है। इसके पास जवाई नहर है, उसमें भी पानी बहाव नहीं है। सदर थाने के पास खाली भूमि पड़ी है। जिसमें किसी ने केमिकल के टैंकर खाली करवा दिए। उसके पास जवाई नहर की पाल तोड़ दी। जिससे वह पानी नहर में होते हुए हेमावास की सिंचाई वितरिकाओं से होता हुआ गिरधारीसिंह की ढाणी तक पहुंच गया। जब वह पानी सुबह ग्रामीणों ने देखा तो नाराजगी जताते हुए जांच की मांग की। इस पर सिंचाई विभाग के एक्सइएन ताराराम गहलोत, पीएचइडी के एइएन डूंगाराम नोगिया व प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के जेइएन रामकिशन, त्रिभुवनसिंह मंडली सहित ग्रामीण मौके पर पहुंचे। वहां पानी से बदबू आ रही थी। प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के अधिकारियों ने सेम्पल लिए। किसानों ने बताया कि सीपेज के पानी के साथ केमिकल का पानी मिलने से वह खेतों तक पहुंच गया।
हेमावास में पहले भी मिला था केमिकल
हेमावास बांध बिपरजॉय तूफान के बाद ओवरफ़्लो हुआ था। बांध में मानसून के समय भी पानी की आवक हुई। उस समय बांध की मुख्य मोरी के पास ही पानी पर तैरता हुआ केमिकल मिला था। इसके बाद भी ठोस कार्रवाई नहीं होने से अब फिर उससे थोड़ी दूरी पर नहर में केमिकल का बदबूदार पानी मिला है।
नमूने लिए है
हेमावास बांध से निकलने वाली नहर और जवाई नहर के पास एक भूमि पर केमिकल के टैंकर के खाली होने की आशंका है। हमने नहर में बहते पानी के नमूने लिए है।
रामकिशन, जेइएन, प्रदूषण नियंत्रण मण्डल, पाली
काफी आगे तक गया पानी
वितरिकाओं में अभी सिंचाई का पानी नहीं छोड़ा जा रहा है, लेकिन सीपेज का पानी नहर में थोड़ा बह रहा है। जवाई नहर की पाल तोड़कर खाली भूमि पर खाली केमिकल का पानी बहाने से वह नहर से होता हुआ बेवटा नहर में काफी आगे तक गया। जो खेतों तक भी पहुंचा।
त्रिभुवनसिंह मंडली, ग्रामीण