>>: गंभीर अपराध में लोक सेवक के विरुद्ध सरकार से अभियोजन स्वीकृति आवश्यक नहीं: हाईकोर्ट

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Jodhpur News : महानगर मजिस्ट्रेट ने सात वर्ष पूर्व आरटीआइ कार्यकर्ता नंदलाल व्यास के साथ मारपीट करने व रास्ता रोकने के लिए मामले में मंडोर स्थित कृषि विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति बलराजसिंह चौधरी, कुल सचिव ईश्वर सिंह, कुलपति के ड्राइवर भंवराराम चौधरी, कुलपति के पीए सुनीलकुमार तथा खीमानाथ के खिलाफ पुलिस की ओर से पेश एफआर नामंजूर कर दी है। कोर्ट ने प्रोटेस्ट पिटीशन को स्वीकार करते हुए सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ आइपीसी की विभिन्न धाराओं में प्रसंज्ञान लेने का आदेश दिया है। मामले के सभी आरोपियों को कोर्ट ने आगामी पेशी पर बेलेबल वारंट से तलब किया है। अगली सुनवाई 26 मार्च को होगी। मजिस्ट्रेट ने अपने आदेश में लिखा कि गंभीर अपराध में लोक सेवक के विरुद्ध सरकार से अभियोजन स्वीकृति आवश्यक नहीं है। बलराजसिंह चौधरी वर्तमान में कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर के कुलपति हैं।

 

 

 

 

बेईमान अधिकारी या प्रतिनिधि सहानुभूति का पात्र नहीं: हाईकोर्ट

 

 



हाईकोर्ट ने घूस लेते पकड़े गए सरपंच संजय सुखवाल के निलंबन के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है। न्यायाधीश विनित कुमार माथुर की एकल पीठ ने कहा कि बेईमान अधिकारी या व्यक्ति किसी सहानुभूति व उदारता का पात्र नहीं है। हाईकोर्ट में संजय सुखवाल ने अपने निलंबन आदेश को चुनौती दी थी। न्यायाधीश माथुर ने कहा कि याचिकाकर्ता को निलंबित कर देना मात्र कोई सजा नहीं है।

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