>>: नाथड़ी से गहलोद के बीच बिछने लगी डामर, आवागमन में मिलेगी राहत

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नाथड़ी से गहलोद, कठमाणा से समेलिया तक 22 करोड़ रुपए की लागत से चल रहे सडक़ निर्माण कार्य ने गति पकड़ी है। आरएसआरडीसी के प्रोजेक्ड डायरेक्टर राजकुमार राजोरिया ने बताया कि नाथड़ी से गहलोद तक 9 किमी तथा समेलिया से कठमाणा तक 6 किमी. सडक़ का कार्य होना है। इसमें जहां भी सीमेंटेड सडक़ का कार्य होना है वो शत प्रतिशत पूरा हो चुका है।

दोनों तरफ साइड पट्टी रहेगी

शेष बचे हुई सडक़ डामरीकरण का कार्य शुरू हो चुका है। सर्दी के मौसम के चलते डामरीकरण का कार्य रुका हुआ था जो शुरू हो चुका है। यह सडक़ 7 मीटर चौड़ाई में बन रही है। साथ ही ढ़ाई-ढ़ाई मीटर दोनों तरफ साइड पट्टी रहेगी। कठमाणा से समेलिया की तरफ भी गिट्टी बिछा दी गई है।

करीब 80 प्रतिशत काम पूरा

जुलाई 2024 तक सडक़ कार्य पूर्ण करना है। लेकिन तय समय से पूर्व कार्य पूर्ण करने को लेकर युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है। सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीन नाथड़ी से अरनियाकाकड़ सडक़ का भी करीब 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है लेकिन बजट अभाव में थोड़ा कार्य अपूर्ण है। साथ ही गहलोद में 134.74 करोड़ रूपए से उच्चस्तरीय पुल का निर्माण कार्य भी तेज गति से चल रहा है। तीनों कार्य लगभग जुलाई 2024 तक पूर्ण हो जाएंगे।

नेशनल हाइवे का ट्रेफिक भार भी होगा कम

गहलोद में 134.74 करोड़ रूपए से उच्चस्तरीय पुल का कार्य मई 2024 तक पूर्ण होना है। इसके बनने के बाद जयपुर-कोटा नेशनल हाइवे का ट्रेफिक भार भी कम होगा। वहीं टोंक, गहलोद, पीपलू, सीतारामपुरा, कठमाणा, समेलिया सहित कई गांव राज्य मार्ग संख्या 2, 12 व 8 से जुड़ जाएंगे।

परेशानी से निजात मिलेगी

इसी तरह रेनवाल, सांगानेर, जयपुर में निर्मित होने वाली पक्की ईंटों, मुहाना फल सब्जी मंडी से सब्जी फल समेत अन्य जरूरत के सामान सीधे रास्ते से परिवहन होने से सस्ते दामों में सुलभ होंगे। वहीं वर्तमान में जर्जर सडक़ व गांवों में अतिक्रमणों के कारण सकड़े हुए रास्तों के कारण आए दिन सफर में होने वाली परेशानी से निजात भी मिल जाएगी।

टोंक से फागी तक राज्य मार्ग किया था घोषित

पूर्ववर्ती सरकार ने बजट में टोंक से फागी वाया गहलोद, देवरी, बिलायतीपुरा, ढूढिया, पीपलू, भूरावली, बनवाड़ा, हमीरिया, रानोली, कठमाणा, समेलिया, परवण, रतनपुरा, मांदी, फागी तक सडक़ मार्ग को राज्य मार्ग घोषित किया था। विशेष तौर पीपलू उपखंड क्षेत्र जो कि ग्रामीण इलाका माना जाता है। जहां विकास की अपार संभावनाए है। लेकिन सडक़ मार्ग के विकसित नहीं होने से परेशानी थी। इसे स्टेट हाईवे घोषित किया गया था।

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