>>: अंगदान से दूसरों को मिल सकता है और नेत्रदान से रोशनी

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कोटा.आयुष्मान भारत अभियान के तहत संयुक्त निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य कार्यालय राजकीय चिकित्सकों की 10 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन स्टेशन क्षेत्र के एक निजी होटल में चल रहा है । प्रशिक्षण कार्यशाला के कोऑर्डिनेटर डॉ.मथुरेश गुप्ता ने बताया कि बुधवार को शाइन इंडिया फाउंडेशन के डॉ. कुलवंत गौड़ ने अंगदान अभियान समय की बताते हुए कहा कि एक ब्रेनडेड व्यक्ति के परिजनों की सही तरह से की गई समझाइश मौत के करीब आए नौ लोगों को जीवन दे सकती है।

हाड़ौती में नेत्रदान,अंगदान और देहदान के मामले में अब काफी जागरूकता आई है। अब शोक के समय में भी यदि कोई नेत्रदान,अंगदान,या देहदान के लिए समझाइश करता है तो, परिजन थोड़े समय बाद अपनी सहमति दे देते हैं । कोरोना के बाद से काफी बदलाव आया है। ज्यादातर शहरवासी अब जीवन को सार्थक बनाने के लिए नैत्रदान,अंगदान,देहदान के प्रति जागरूक हुए हैं । गौड़ ने बताया कि चिकित्सकों का योगदान महत्वपूर्ण रहता है। परिजन,अस्पताल में चिकित्सक और नर्सिंग स्टाॅफ के अलावा किसी भी दूसरे पर भरोसा नहीं करते हैं। ऐसे में जब भी कभी कोई मरीज की मृत्यु होती है तो, उनकी देखरेख करने वाले चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ ही शोकाकुल परिवार के सदस्यों को समझाते हैं,तो नेत्रदान,अंगदान और देहदान होने की संभावना बढ़ जाती है। सत्र प्रशिक्षक डॉ कमल मालव, डॉ ललित राठौर, डॉ नेहा सुवालका मौजूद रहे।

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